प्यार भरा ज़हर - 20 Deeksha Vohra द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार भरा ज़हर - 20

एपिसोड  20 ( आइस रूम में लड़की ! )

राघव अपने गार्ड्स के साथ गया था | रास्ते में राघव अपनी दिव्य शक्तियों से काश्वी की लोकेशन के पता करने की कोशिश कर रहा था | पर काश्वी का कुछ भी पता नहीं लग पा रहा था | राघव के गार्ड्स में पूरे शेहर में इमरजेंसी लगा दी थी | कोई भी शेहर में ना ही आ सकता था , ओर ना ही यहाँ से कोई जा सकता था | ओर इस बात से शेहे के सारे लोग बहुत हैरान थे , की आखिर है कौन ये शक्स जिसके पास इतनी पॉवर है , की इमरजेंसी लगा सकता है | 

वो सिर्फ एक इंसान को ढूंढने के लिए ? पर कोई भी कुछ कह नहीं सकता था | क्यूंकि राघव कपूर इस वक्त कोई आम इंसान नहीं था | राघव इस वक्त अपने असली अवतार में आ चूका था | जिससे देश तो क्या , पूरी दुनिए ही थर थर कांपती है | राघव जतना स्वीट अभी तक सभी के सामने था , हकीकत में राघव इसके बिलकुल ओपोज़ित था | 

राघव किसी डेविल से कम नहीं | कहते हैं , की जंगल के सिर्फ एक ही राजा होता है , शेर | राघव व्ही शेर है , जो इस दुनिया का एक अकेला राजा है | जिसके सामने पूरी दुनिया अपना सर झुकाती है | राघव एक ऐसा इंसान है , जिसे लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता | वो किसी मकसद से आया है , ओर अपने मकसद के पूरा होते ही , वो दुनिया से चला भी जायेगा | 

देश की रक्षा , सुरक्षा ही एकलौता ऐसा रीज़न है जिसके लिए राघव ने इंसानों के बीच रहने का फैसला किया | वरना कुदरत  के आदेश ओर उनकी लीलाओं के आगे तो स्वयं महा देव भी कुछ नहीं कर पाते | जब बहुत देर तक बार बार कोशिश करने पर भी राघव को काश्वी का पता नहीं चला | तब उसने अपनी दिव्य मणि का उपयोग करने का सोचा | राघव ने पास ही के शिव मंदिर में जाना ही सही समझा | 

मंदिर जाते समय ना जाने क्यूँ पर राघव को ऐसा लग रहा था , की हो ना हो , काश्वी किसी खतरे में है | मंदिर में जाकर सबसे पहले राघव ने शिवलिंग के सामने अपने हाथ जोड़े ओर फिर दिया जलाया | ओर उसके बाद , कलश के सामने बैठकर , अपनी दिव्य मणि का ध्यान लगाया |

राघव :: "ॐ नमः शिवाए , ॐ नमः शिवाए ..." 

दिव्य मणि को बुलाना कोई खतरे से खाली नहीं होता | एक नाग मणि , में इंतनी शक्तियां होती हैं , की दुनिया की कोई भी ताकत उसके सामने कुछ भी नहीं होती | 

 राघव :: "ॐ नमः शिवाए , ॐ नमः शिवाए ..." 

अचानक से महादेव के डमरू के बजने की आवाज़ सुनाई देने लगी | तेज़ हवाएं चलने लगीं | कुदरत भी इस बात की गवाह थी , की नाग मणि का धरती पर आना , मतलब किसी तूफ़ान के आने का आगाज़ | धरती , आसमान , सातों लोकों के देव देवियाँ , इस बात से परेशान थे , की आखिर कौन है , जो दिव्य मणि का आगाज़ कर रहा है |

कुदरत ने अपना कहर बरसाना शुरू कर दिया था | तेज़ तूफ़ान के कारण , जंगल तहस नहस हो चुके थे | नदियों के पानी का स्तर इतना बढ़ चूका था , की बाढ़ आने की सम्भावना बन चुकी थी | 

राघव :: "ॐ नमः शिवाए , ॐ नमः शिवाए ..." 

अचानक से शिव मंदिर में तेज़ रौशनी प्रकट होती है , जिससे आसपास वाले लोगों की आँखों में बहुत परिशानी होती है | क्यूंकि नाग मणि के तेज़ को सह पाना हर किसी के बस का नहीं होता | राघव की नाभि से से नाग मणि प्रकट होती है | राघव धीरे से अपनी आँखें खोलता है | ओर नागमणि को अपने हाटों में देख , खुश होते हुए , भोलेनाथ की शिवलिंग के सामने हाथ जोड़ते हुए कहता है | 

राघव :: "हर हर महादेव !" उसके बाद , राघव उस नागमणि को उस जल से भरे कलश में रख देता है | ओर अपना जाप शुरू कर देता है | 

राघव :: "ॐ नमः शिवाए , ॐ नमः शिवाए ..." 

अपनी आखें खोलने पर राघव को कलश के पानी में काश्वी का चेहरा दिखाई दे रहा था | लेकिन , काश्वी कहा पर है इस बात का पता नहीं चल पा रहा था | राघव अपनी आँखें फिर से बंद करता है | ओर जाप जारी रखता है | 

राघव :: "ॐ नमः शिवाए , ॐ नमः शिवाए ..." 

उसके बाद जब राघव अपनी आँखें खोलता है , तो उसे काश्वी के आसपास की चीजें धुंदली सी दिखाई देने लगती है | काश्वी के पिच्छे सब कुछ सफ़ेद था | बहुत देर बाद , सब साफ़ साफ़ दिखाई देने लगता है | तो राघव को दिखाई देता है , की काश्वी एक ऐसी ज्ज्घ पर है , जहाँ पर सिर्फ बर्फ है | 

इस बात से कुदरत अच्छे से वाकिफ थी , की नाग नागिन ओर बर्फ कभी एक जगह नहीं हो सकते हैं | नागलोक के हर नाग नागिन को श्राप मिला था , की बर्फ जहाँ नाग की मौत वहां | तभी शायद राघव को काश्वी का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था | क्यूंकि बर्फ में नाग की शक्तियां इतनी कमज़ोर पद जाती है , की  धीरे धीरे वो अपनी साँसें भी छोड़ देता है | 

ये ख्याल मन में आते ही , राघव ने जल्दी से  अपनी आँखें बंद कि , ओर नाग मणि की मद्दत से काश्वी कहा है पता करने लगा | राघव को काले अँधेरे में एक कमरा दिखाई दिया | जिस पर "आइस  रूम" लिखा हुआ था | ओर उस कमरे के अंदर ही काश्वी बेहोश हालत में पड़ी थी | 

राघव जल्दी से अपनी आँखें खोलता है  , अपनी नागमणि को वापिस धारण करता है | महादेव का आशीर्वाद लेकर , मंदिर से निकल जाता है | जाते जाते राघव रोनित को फ़ोन करता है | राघव रोनित से कहता है | 

राघव :: "काश्वी किस क्लब में गई थी ?" 

रोनित :: "पर वहां जाने से कोई फायदा नहीं भाई | हम सब ने हर जगह देख लिया है | भाभी कहीं भी नहीं हैं |"

राघव :: (गुस्से में ) "क्लब का नाम रोनित .." 

राघव की सर्द आवाज़ सुन , रोनित जल्दी से क्लब का नाम बता देता है | ओर फिर राघव फोन काटकर, खुद ड्राइव करके , क्लब की ओर निकल जाता है |  

थोड़ी ही देर में , राघव को रोनित दिखाई देता है | तो राघव जल्दी से कहता है | 

राघव :: "आइस रूम कहाँ है ?" राघव की बात सुन , वहां खड़े सारे लोग परेशान हो जाते हैं | की भला राघव आइस रूम के बारे में क्यूँ पूछ रहा था | पर मैनेजर ने टाइम वेस्ट ना करते हुए , राघव को इसे रूम का रास्ता बताया ओर सब राघव के साथ वहां पर गये | 

रूम के बाहर लॉक लगा था | राघव ने एक घटके से रूम के दरवाज़े को लाल मार कर तोड़ दिया | जिससे वहां खड़ा हर कोई हैरान रह गया | सिवाए रोनित के | क्यूंकि रोनित अपने भाई को अच्छे से जनता था | तभी वहां रूम के अंदर सभी को एक छोटा सा फिगर दिखाई दिया | एक लड़की , जो बेहोश हालत में पड़ी थी | पर उस लड़की ओर देख ,सारे परेशान हो गये | ओर सबसे ज्यादा राघव | राघव खुद से बोला | 

राघव :: "नहीं , ऐसा नहीं हो सकता |"

क्या वो लड़की काश्वी थी , या कोई ओर ? ओर अगर वो काश्वी थी , तो भला काश्वी यहाँ पर आई कैसे ? कौन काश्वी की  जान के पिच्छे पड़ा था ? 

जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ |