Prem Ratan Dhan Payo book and story is written by Anjali Jha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Prem Ratan Dhan Payo is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
Prem Ratan Dhan Payo - उपन्यास
Anjali Jha
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
जय श्री राम ...! अयोध्या .....! " क्या लिखू और क्या न लिखूं ? शब्द कम पड़ जाएंगे , लिखते लिखते उंगलियां थक जाएगी लेकिन इस स्थान का संपूर्ण विवरण नही कर पाऊगी । उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक अयोध्या नगरी जो की सरयू नदी के किनारे बसा है । इसे राम जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता हैं । वही स्थान जहां भगवान विष्णु को राम अवतार लेकर धरती पर अवतरित होना पडा था । हमारी इस कथा की शुरुआत भी यही से होती तो आईए इस कहानी का श्री गणेश करते हैं ...... मै नहीं जानती , कृष्ण कहानियों की रास लीलाओं को ,
जय श्री राम ...!अयोध्या .....!" क्या लिखू और क्या न लिखूं ? शब्द कम पड़ जाएंगे , लिखते लिखते उंगलियां थक जाएगी लेकिन इस स्थान का संपूर्ण विवरण नही कर पाऊगी । उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में से ...और पढ़ेअयोध्या नगरी जो की सरयू नदी के किनारे बसा है । इसे राम जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता हैं । वही स्थान जहां भगवान विष्णु को राम अवतार लेकर धरती पर अवतरित होना पडा था । हमारी इस कथा की शुरुआत भी यही से होती तो आईए इस कहानी का श्री गणेश करते हैं ......मै नहीं जानती
" रघुवंशी कभी अपने वचन से पीछे नही हटते । आप सबकी समस्याएं हमने सुनी अब उन्हें खत्म करना हमारा काम हैं आप सब निश्चिंत हो जाए । " इतना कहकर राघव ने आंखों पर चश्मा चढाया और अपनी ...और पढ़ेकी ओर बढ गया । पीछे से लोग खुशी से उसके नाम का जय जयकार कर रहे थे । ड्राइवर गाडी के पीछे का डोर खोले खडा था । राघव अंदर आकर बैठा । कैलाश जी ड्राइवर के बगल वाली सीट पर आकर बैठ गया । " सरकार कहा चलना हैं अब ? " कैलाश जी ने पूछा तो राघव
राघव ने अपने आदमियों को बीच में आने से मना कर दिया था । वो तब तक कुन्दन को मारता रहा जब तक उसकी हालत बेहोशी की अवस्था में नही पहुंच गयी । राघव ने उसके चेहरे पर कयी ...और पढ़ेज़ख्म दे दिए थे । राघव उसका कॉलर पकड अपने नजदीक लाकर बोला " दोबारा तुम या तुम्हारे आदमी मुझे स्कूल कॉलेज के आस पास नजर आए , तो मैं तुम लोगो को जिंदा नही छोडूगा । " इतना कहकर राघव ने उसे झटके से छोड़ दिया । कुंदन पीठ के बल जमीन पर जा गिरा । उसके आदमी भी
जनकपुरजनकपुर नेपाल का धार्मिक स्थल हैं । यूं तो नेपाल का इतिहास भारत से अछूता नही रहा । पूर्व काल में यह मिथिला की राजधानी हुआ करता था । जनकपुर नेपाल की राजधानी काठमांडू से 400Km दक्षिण पूर्व में ...और पढ़ेहै । मां सिया की नगरी कहिए या फिर राम जी का ससुराल बात में वजन कम नही होगा । इस नगर की अपनी ही खासियत हैं । इसके लिए ह्रदय से एक कविता निकलती है । उम्मीद है आपको पसंद आएगी ......राधा बनने को सब चाहे, माता सीता सी कोई नहीं!सब कृष्ण के प्रेम में भटक रही ,संग राम
जानकी ने अपना फ़ोन और पर्स उठाया और जाने के लिए मुडी तभी उसकी नजर पीछे किसी पर पडी और उसके कदम रूक गए । सामने दीवार पर एक बडी सी तस्वीर लगी हुई थी । ये तस्वीर जानकी ...और पढ़ेमाता पिता की थी । मां सुमित्रा देवी का बारह वर्ष पहले ही स्वर्ग वास हो चुका है । उस समय जानकी केवल दस वर्ष की थी । मां के गुजरने के बाद सारी जिम्मेदारियां पिता ने उठाई । पांच वर्ष पूर्व पिता शंकर झा कि भी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी । उसके बाद से जानकी