Revenge: A Romance Singham Series book and story is written by Poonam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Revenge: A Romance Singham Series is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
Revenge: A Romance Singham Series - उपन्यास
Poonam Sharma
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
"पीछे पलटो और मेरी तरफ देखो," एक कड़कड़ाती हुई शांत आवाज़ सुनाई पड़ी।
खौफ और डर से अनिका धीरे से पीछे पलट गई और धीरे से अपनी नज़रों को उठा कर सामने खड़े आदमी की तरफ देखा। उसे कुछ धुंधला सा दिख रहा था क्योंकि आंखों में सिर्फ आंसू भरे हुए थे। उसने अपने आंसू पोछे और सामने ध्यान से देखा। एक लंबा चौड़ा आदमी अपनी पीठ अनिका की तरफ किए खड़ा था। वोह आदमी इसलिए पलटा था क्योंकि वोह दरवाजा बंद कर रहा था। दरवाज़ा बंद होते ही अनिका डर से कांप गई और पैर लड़खड़ाते हुए पीछे की तरफ कदम बड़ गए। उसने अपने आप को अपने दोनो हाथों से क्रॉस की तरह ढक लिया। वोह अपनी डरी हुई आंखों से उस आदमी की पीठ की तरफ देख रही थी, और ना जाने किस चीज़ का इंतजार कर रही हो।
पीछे पलटो और मेरी तरफ देखो, एक कड़कड़ाती हुई शांत आवाज़ सुनाई पड़ी। खौफ और डर से अनिका धीरे से पीछे पलट गई और धीरे से अपनी नज़रों को उठा कर सामने खड़े आदमी की तरफ देखा। उसे ...और पढ़ेधुंधला सा दिख रहा था क्योंकि आंखों में सिर्फ आंसू भरे हुए थे। उसने अपने आंसू पोछे और सामने ध्यान से देखा। एक लंबा चौड़ा आदमी अपनी पीठ अनिका की तरफ किए खड़ा था। वोह आदमी इसलिए पलटा था क्योंकि वोह दरवाजा बंद कर रहा था। दरवाज़ा बंद होते ही अनिका डर से कांप गई और पैर लड़खड़ाते हुए पीछे की
Series 1Chapter 2तीन दिन पहले लेट्स गो, अन। मुझे बहुत भूख लगी है। एक आदमी की आवाज़ ने अनिका का ध्यान भंग कर दिया। क्या लंच टाइम हो गया? अनिका ने पूछा। उसकी आवाज़ कुछ मदहोश सी ...और पढ़ेरही थी जैसे कई घंटो से उसने कुछ बोला नहीं हो। वोह आज सुबह से अपने पेशेंट की फाइलों को अपडेट करने में लगी हुई थी। ताकि दूसरा डॉक्टर उसकी जगह उसके पेशेंट अटेंड कर सके जब वोह छुट्टियों पर जायेगी तब। नाथन मुस्कुरा गया जब उसने अनिका को अपनी उंगलियां स्ट्रेच करते देखा। हां। दो बजने वाले हैं। और कैफेटेरिया भी बंद होने
Series 1Chapter 3 अनिका का लगभग पूरा दिन बीत गया प्लेन में, और वो ज्यादा सोई भी नही। और हैरत की बात तोह यह थी की वोह थकी हुई भी महसूस नही कर रही थी। वोह तोह बहुत उत्सुक, ...और पढ़ेउत्साहित थी इंडिया जाने के लिए। वोह तोह बस उस जगह को और जानना चाहती थी जिस जगह उसके पिता पले और बड़े हुए थे और वोह उस घर को भी देखना चाहती थी जिसके बारे में उसके पिता हमेशा बातें करते थे। जब वोह छोटी थी, तोह उसके पूर्वजों के घर पर उसे अपने पिता से उनके बचपन के
दरवाज़े पर लगातार दस्तक से अनिका की नींद टूट गई। आ रहीं हूं, अलासाई हुई सी आवाज़ में अनिका ने कहा। एक छोटी सी लड़की अंदर घुस आई। वोह धीरे धीरे चल कर कमरे में अंदर तक ...और पढ़ेगई। हेलो! अनिका ने उस लड़की से कहा। उन्होंने मुझे आपको तैयार करने में मदद करने को कहा है। नीलम्मा अब एक घंटे में लोगों से मिलना शुरू करेंगी। अनिका को यह सुन कर कुछ अजीब लगा। मुझे तैयार होने के लिए किसी की मदद की जरूरत नहीं है। मैं आधे घंटे में बाहर आ जाऊंगी। जबकि अनिका के मॉम और सौतेले डैड
"यह सिंघम क्या है? आप किस बारे में बात कर रहीं हैं?" अनिका का दिल जोरों से धड़क रहा था और उसे बेचैनी महसूस होने लगी। उसके अंदर सवालों का तहलका मच गया था। उसकी बुआ ने फिर से ...और पढ़ेसवाल को नजरंदाज कर दिया और भीड़ की तरफ ही अपना रुख रखा। "मेरा प्रायश्चित आज पूरी हुआ, अब तीस साल मैं पहली बार मैं यहां से बाहर कदम रखूंगी। और मेरी पहली जगह होगी बाहर जाने की....सिंघम टैंपल।"चारों तरफ भीड़ का शोर गूंज उठा। अनिका ने अपनी कजिन सबिता को भी भीड़ में खड़े देखा। भिड़ में खड़ी सबिता