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अपने-अपने कारागृह - उपन्यास
Sudha Adesh
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
अपने-अपने कारागृह' मेम साहब फोन ...।' फोन अटेंडेन्ट ने उसे फोन देते हुए कहा।'दीदी कैसी है आप? आपका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था इसलिए लैंडलाइन पर फोन किया । बताइए आप कब तक लखनऊ पहुंच रही हैं ?''हम ठीक हैं शायद बैटरी डिस्चार्ज हो गई होगी । हम परसों दोपहर तक इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट से पहुँचेंगे ।'' ओ. के दीदी । मैं और शैलेश आपको और जीजाजी को लेने समय से पहुंच जाएंगे ।'' व्यर्थ तकलीफ होगी । हम स्वयं पहुंच जाएंगे ।'' दीदी, इसमें तकलीफ कैसी ? फाइनली आप आ रही हैं , सोचकर हमें बेहद खुशी
अपने-अपने कारागृह' मेम साहब फोन ...।' फोन अटेंडेन्ट ने उसे फोन देते हुए कहा।'दीदी कैसी है आप? आपका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा था इसलिए लैंडलाइन पर फोन किया । बताइए आप कब तक लखनऊ पहुंच रही हैं ?''हम ...और पढ़ेहैं शायद बैटरी डिस्चार्ज हो गई होगी । हम परसों दोपहर तक इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट से पहुँचेंगे ।'' ओ. के दीदी । मैं और शैलेश आपको और जीजाजी को लेने समय से पहुंच जाएंगे ।'' व्यर्थ तकलीफ होगी । हम स्वयं पहुंच जाएंगे ।'' दीदी, इसमें तकलीफ कैसी ? फाइनली आप आ रही हैं , सोचकर हमें बेहद खुशी
अपने-अपने कारागृह- 1अजय को बिहार कैडर मिला था । उसकी पहली पोस्टिंग समस्तीपुर में हुई थी । समस्तीपुर पोस्टिंग के कारण वह ससुराल में कुछ ही दिन रह पाई थी । उसकी सास क्षमा ने उसे ढेरों हिदायतें ...और पढ़ेहुए उसे अजय के साथ भेज दिया था । हर मां की तरह मम्मी जी भी उसकी गृहस्थी बसाने उसके साथ जाना चाहती थी पर अजय के पापा अनूप ने उन्हें यह कहकर जाने से रोक दिया कि उषा समझदार है वह सब संभाल लेगी । दरअसल वह नहीं चाहते थे कि नव युगल के बीच में कोई और आये ।
अपने-अपने कारागृह-2अजय का देवघर स्थानांतरण हुआ तो अजय ने अपने मां -पापा को बाबा बैजनाथ के दर्शन के लिए बुला लिया । बुलाया तो अजय ने उसके मम्मी- डैडी को भी था पर वह अपनी व्यावसायिक व्यस्तता के कारण ...और पढ़ेआ पाए थे । बाबा बैजनाथ धाम की बड़ी मान्यता है । बैजनाथ धाम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है । सावन के महीने में देश और प्रदेश के हर कोने से लगभग पाँच मिलियन लोग केसरिया कपड़े धारण कर, आस्था का जल अर्पित कर, बाबा बैजनाथ के दर्शन कर स्वयं को भाग्यशाली समझते हैं । कहते हैं अगर कोई व्यक्ति यहां
अपने अपने कारागृह - 3 अजय का हजारीबाग स्थानांतरण हो गया था । नक्सली एरिया था पर जब काम करना है तो कहीं भी स्थानांतरण हो जाना ही पड़ता है । वैसे भी वह सदा सुरक्षाकर्मियों के साथ ही ...और पढ़ेहैं । पदम और रिया की दीपावली की छुट्टियां होने वाली थीं वे आने वाले थे । अजय ने मम्मी -पापा से आग्रह किया था अगर वह भी आ जाए तो इस बार पूरा परिवार मिलकर दीपावली साथ मनाएं । वे मान गए ।इस बार अजय उन्हें रजरप्पा के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां छिन्नमस्तिके के मंदिर के साथ प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गया
अपने-अपने कारागृह-4 अपने बच्चों को सफलता की ऊंचाइयां छूते देखकर न केवल उसे वरन अब अजय को भी उसके निर्णय पर गर्व का अहसास होने लगा था । वह भी महसूस करने लगे थे कि कभी-कभी बच्चों की भलाई ...और पढ़ेलिए कड़े फैसले लेने पड़ते हैं । यह फैसला भी उनमें से ही एक था । आज रिया और पदम अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पाए तो उसके निर्णय के कारण ही वरना बार-बार स्थानांतरण जहां उनकी शिक्षा को बाधित करता वहीं उनके व्यक्तित्व के विकास में भी बाधा उत्पन्न करता ।शांति ने भी बी.एड. कर लिया था । जैसे ही शांति