pradeep Kumar Tripathi लिखित उपन्यास शायरी | हिंदी बेस्ट उपन्यास पढ़ें और पीडीएफ डाऊनलोड करें होम उपन्यास हिंदी उपन्यास शायरी - उपन्यास उपन्यास शायरी - उपन्यास pradeep Kumar Tripathi द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ (40) 3.8k 13.9k 1 1.परिंदों के जो पऱ आये तो निकल पड़े जिंदगी का एहतराम करने को। उन्हें क्या मालूम था शिकारी घात लगा के बैठे हैं कत्ले आम करने को।।2माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि का हर ...और पढ़ेहै।माँ के बिना तो शृष्टि का निर्माण अधूरा है, माँ से ही ईश्वर का हर ग्यान भी पूरा है।।माँ से ईश्वर भी गाली खाने आता है, माँ को वो बनाने नहीं, खुद माँ से कुछ बनने आता है।माँ जीवन की हर सच्चाई है, जिसको भी जन्नत मिलि यहां वो माँ की हीं रहनुमाई है।माँ के चरणों में दुनिया भर का पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें नए एपिसोड्स : Every Tuesday शायरी 828 2.5k 1.परिंदों के जो पऱ आये तो निकल पड़े जिंदगी का एहतराम करने को। उन्हें क्या मालूम था शिकारी घात लगा के बैठे हैं कत्ले आम करने को।।2माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि का हर ...और पढ़ेहै।माँ के बिना तो शृष्टि का निर्माण अधूरा है, माँ से ही ईश्वर का हर ग्यान भी पूरा है।।माँ से ईश्वर भी गाली खाने आता है, माँ को वो बनाने नहीं, खुद माँ से कुछ बनने आता है।माँ जीवन की हर सच्चाई है, जिसको भी जन्नत मिलि यहां वो माँ की हीं रहनुमाई है।माँ के चरणों में दुनिया भर का सुनो अभी पढ़ो शायरी - 2 523 1.9k 1.मेंरे वास्ताए तन्हाई से वास्ता हि कुछ यू हुआ।मैंने मुफलिस ही कुछ ऐसा चुना जिससे रास्ता हि न तय हुआ।।2.ज़िंदगी के हर तजुर्बेकार से पूँछा है मैंने।मौत में सुकून ना हो तो हर कोई जीना छोड़ दे।।3.मोहब्बत करना खता ...और पढ़ेये जमाने को कहा पता है।मोहब्बत में दिल जिगर जान ही नहीं रूहों का भी बिछड़ना मना है।।4.एक प्यार करने वाला हद से ज्यादा प्यार कर गया।मेरे दर्द को ना मिटा सका तो मुझे ज़हर दे गया।।5.गुलाब के फूलों पर पड़े शबनम की मोतियों की तरह है मुस्कान उसकी।आंखों से दिल में उतार लिया मगर हाँथ लगाने से डर लगता सुनो अभी पढ़ो शायरी - 3 495 1.6k 1. गज़लतुम को अपनी जाने वफ़ा मानता है दिल।तुम हिं हो बेवफा ये जनता है दिल।।तुम को अपनी....तुमने दिया जो धोखा तो क्या गलत किया।दिखावे के प्यार को तो पहचानता है दिल।।तुम को अपनी.....तुम हो हसीन दिलरुबा जानेंजा जाने ...और पढ़ेहो।तुम्हारी हसीन मुलाकात को अब पहचानता है दिल।।तुम को अपनी...तुम हो अमीर जाने जिगर इस कायनात में।हम भी बजीर कायनात के ये मानता है दिल।।तुम को अपनी....तुम हो नसीली जाम सी आंखों में झील है।हम भी तो इन आंखों में डूबा हुआ है दिल।।तुम को अपनी जाने वफ़ा मानता है दिल।2.गीत- मैं तेरे दर पेमैं तेरे दर पे आकर बैठा सुनो अभी पढ़ो शायरी - 4 557 2.9k कोई इश्क की खातिर मेरे दिल को झिझोड़ रखा हैदिल से पूंछा तो पता चला वो रिश्ता हीं हमसे तोड़ रखा हैतुम कहो तो ज़िन्दगी को गला देता हूंउससे तुम्हारे लिए एक रुमाल बना देता हूंमैं जीते जी तुम्हें ...और पढ़ेतक नहीं पायातुम्हारे आंसू रुमाल को ना छुए ये दुआ देता हूंमौत अब सुनहरी हो गई हैज़िन्दगी अब गहरी हो गई हैतू छोड़ कर गई है जब सेमुझे लगता है दुनिया बहरी हो गई हैअगर इश्क में दिल टूटने की दवा जाम है, तो मैं पूरा मैयखना पी जाऊंमुझे तो फिकर इस बात की है, नशा तब भी नहीं हुआ सुनो अभी पढ़ो शायरी - 5 453 1.5k मैं जुर्म घोर रात के सन्नाटे में कर रहा थामुझे भ्रम था कि अब मुझे देखेगा यहां कौनजुर्म करते हुए देखा नहीं मेरे सिवा कोई औरजब पेसे दर हुआ तो गवाह मेरा दिल निकलावो सवर कर गई मेले में ...और पढ़ेकयामत आ गईकोई मेला खाक देखेगा जब मेला खुद उन्हें देखेवो जुर्म करने वाला तो अंधा निकलावो जुर्म करके सोचा वो देखता नहींवो देखता मुझे तो आवाज देताजब पेस दरबार में हुआ तो हिसाब सब निकलावो कितना मासूम है जो परिंदो के लिए आशियाना बना रहा हैकुछ लोग प्रदीप उसे चाल बाज कहते है जोमौत से ज़िन्दगी का बहाना बना सुनो अभी पढ़ो शायरी - 6 379 1.3k अब तक मेरा इश्क बहुत छोटा था अब बड़ा होने जा रहा है।पहले वो आशिक था अब बेवफ़ा होने जा रहा है।।वो आइने के पीछे से हर चेहरा पहचानता हैलोग उसे अंधा समझते हैं वो दिल के आंखों से ...और पढ़ेहै और सब कुछ जानता हैउसकी नजरों का ज़ख्म जो मेरे दिल में है लाइलाज होतातो मेरा उसकी हांथो से ही इलाज होतादुनिया के सारे हकीम मेरी बीमारी से हार जातेउसकी नज़रों से मेरा इलाज होताउनकी जुल्फें भी मेरी शोहरत की आशिक़ निकलीमैं जरा सा बदनाम क्या हुआ वो घटा बन कर छाना छोड़ दियावो दर्द को बेदर्द कह कर सुनो अभी पढ़ो शायरी - 7 492 1.8k कुछ इस तरह हो गई है ज़िन्दगी किमीठी तो सुगर थी और तारीफ चाय की होती रहीये कैसा दस्तूर है दुनिया का ये देख कर प्याला भी हैरान हैलोग जिसके बिना चाय को पी भी नहीं सकता अक्सर उसे ...और पढ़ेके तोड़ देता हैइस ज़िन्दगी से ज़िंदगी भर का इकरार करना हैअब बहुत हुई आशिक़ी कुछ यार करते हैं।।वो बरबाद कर के खुश हो रहा था।खुद की बरी आई तो सर पीटने लगा।।ये आशिक़ी नहीं है प्रकृति है।जितना भी दिया है हिसाब कर के लेगी।।उनकी आंखों में काली घटाए उतार आई है।काजल की तो इतनी गहराई हो नहीं सकती।।ये नज़र अभी पढ़ो शायरी - 8 96 558 ब्राह्मण कौन है?ब्राह्मण वह है जो वशिष्ठ के रूप में केवल अपना एक दंड जमीन में गाड़ देता है,जिससे विश्वामित्र के समस्त अस्त्र शस्त्र चूर हो जाते हैं और विश्वामित्र लज्जित होकर कह पड़ते हैं-धिक बलं क्षत्रिय बलं,ब्रह्म तेजो ...और पढ़ेबलं।एकेन ब्रह्म दण्डेन,सर्वस्त्राणि हतानि में।(क्षत्रिय के बल को धिक्कार है।ब्राह्मण का तेज ही असली बल है।ब्राह्मण वशिष्ठ का एक ब्रह्म दंड मेरे समस्त अस्त्र शस्त्र को निर्वीर्य कर दिया)ब्राह्मण वह है जो परशुराम के रूप में एक बार नहीं,21 बार आततायी राजाओं का संहार करता है।जिसके लिए भगवान राम भी कहते हैं-विप्र वंश करि यह प्रभुताई।अभय होहुँ जो तुम्हहिं डेराई।जिनके अभी पढ़ो अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ pradeep Kumar Tripathi फॉलो