शायरी - 12 pradeep Kumar Tripathi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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शायरी - 12


आप तो फरिस्तों को भी जानते हो उनसे कहो मुझे मौत दे दें,
अब तुम्हारे बाद जिंदगी मेरी वफादार नहीं रही।।

कितना प्यार हो गया है तुमसे, कि अब नाराज भी नहीं हुआ जाता।।

जिंदगी को भारी कर लिया मैंने, मौत की तैयारी कर लिया मैंने।

कर रहा था चाकरी तरक्की की होड़ में।
कब बच्चे बड़े हो गए कमाने की दौड़ में।।
ख्वाहिश थी कि मैं भी खेलूंगा घुटने के बल।
अब मेरा चलना मुश्किल पोता खुश हैं दौड़ में।।

बीमारियों का सबब है कि ज्यादा भीड़ ना करें।
वो दिन गुजर गए जब चोपाल लगा करते थे।।

सम्हल कर रहिए जनाब इस दौर में खुद से।
अब अपना मन भी दिन में दस बार बदलता है।।

अब हर बात गुगल से पूंछते हैं सब लोग।
बस कुछ दिन की बात है मेरी दादी से सारा गांव पूंछता था।।

मैं यकीं कर लेता हूं वो हर बार कहता है तुझसे ज्यादा किसीसे नहीं।
सच कहते हैं मीर और गालिब मोहब्बत का इलाज नही।।

तुम मेरी जान हो ये बात जानती हो, इस बात से अनजान हो तो क्या जानती हो।
कॉलेज में दोस्त उनके भी दोस्त सब के नाम जानती हो, मेरे नाम से हो अनजान ये बात जानती हो।।
तुम्हे सब देखते हैं कब सरके कंधे से दुपट्टा, मैं तब देखता हूं जब सर पर ओढ़नी हो ये बात जानती हो।।
तुम सब कुछ जानती हो मगर, हो मेरे प्यार से अनजान तुम कुछ नहीं जानती हो।।

मैं ने जो किया वो तो सरे आम है, मगर आपने जो किया वो मेरा दिल जानता है।।
मुझे महफिलों में तो आप जिंदा रखे हैं, मगर जो आप बदनाम हो वो सब जानते हैं।।
हमारे भी चर्चे रहें उठ ते महफिल में, कल कहां होंगे ये रब जानता है।।
आप भी रहे इस महफिल के शागिर्द, आप हैं यहां तो फिर सब जानते हैं।।

एक तुम ही तो हो मेरे इस पूरे सफर मे आखिरी सफर तक का हिस्सा।।
अगर तुम ही निकल गए तो फिर आखिर तक जाना क्यों।।

मेरे हर हिस्से हर करते के हिस्से दार हो तुम।
मेरी इस दो टके की जिंदगी का व्यापार हो तुम।।

खाक गहरा होता है समंदर प्यार से, हजार कस्तियां हों फिर भी किनारा नही मिलता।।

प्यार इतना है कि रहा भी नहीं जा रहा, जरूरत ऐसी है कि जाने भी नहीं दे रही।
ये जंग किसकी है पता नहीं चल रहा, प्यार मरने नही दे रहा जरूरत जीने नहीं दे रही।।

जिंदगी अजीब दौड़ है मौत की।
कोई खो जाता है कोई हार कर सो जाता है।।
मिल गई मंजिल खुशी में खो जाता है।
ऊलझ गया जो रास्ते में हार कर सो जाता है।।

बड़े सेठ बन कर घूम रहे दुनिया के जंजाल में,
मौत ने घसीट लिया आ गए रुमाल में।।

आप दिल में इस कदर आ बैठ गए हो।
जैसे कोई कर्जदार उधारी लेने आया हो।।

क्या आप जान की कीमत जानते हो।
मेरे दोस्त आप कुछ भी नहीं जानते हो।।

ये कैसा इश्क है मेरा उनसे देखूं ना तो रहा नहीं जाता।
और वो बोलते ऐसे हैं की अब जिया भी नहीं जाता।।

हम एक दिन वो कर जायेंगे।
आप देखते रहोगे हम मर जायेंगे।।

अब एक किस्सा सरेआम हो जायेगा।
इश्क में मरने वालों में मेरा नाम हो जायेगा।।