Suna Aangan book and story is written by Ratna Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Suna Aangan is also popular in सामाजिक कहानियां in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
सूना आँगन - उपन्यास
Ratna Pandey
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
आज वैजयंती की शादी की आठवीं सालगिरह थी। उन्नीस वर्ष की छोटी सी उम्र में ग्रेजुएशन पूरा होते ही उसका विवाह हो गया था। वह आगे पढ़ना चाहती थी, कुछ बनना चाहती थी लेकिन उसके पिता का तो केवल एक ही सपना था कि बिटिया के हाथ पीले कर दूँ। अच्छा सा लड़का और अच्छा परिवार उसे मिल जाए। उसका जीवन सुखी हो जाए बस उसके बाद फिर वह बेफिक्र हो जायें। अपने पापा के इस सपने को पूरा करने के लिए उसने अपने सपनों की आहुति दे दी। लग्न मंडप में बैठकर जहाँ माता-पिता ने रिश्ता जोड़ा, उसने स्वीकार कर लिया था।
अभिमन्यु के माता-पिता ऊषा और अशोक भी इस विवाह से बहुत ख़ुश थे। अभिमन्यु का छोटा भाई नवीन ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में था। उसकी बहन नैना बारहवीं में पढ़ रही थी। विवाह के पश्चात वैजयंती का जीवन पूरे परिवार के साथ सुख और शांति के साथ बीत रहा था।
आज वैजयंती की शादी की आठवीं सालगिरह थी। उन्नीस वर्ष की छोटी सी उम्र में ग्रेजुएशन पूरा होते ही उसका विवाह हो गया था। वह आगे पढ़ना चाहती थी, कुछ बनना चाहती थी लेकिन उसके पिता का तो केवल ...और पढ़ेही सपना था कि बिटिया के हाथ पीले कर दूँ। अच्छा सा लड़का और अच्छा परिवार उसे मिल जाए। उसका जीवन सुखी हो जाए बस उसके बाद फिर वह बेफिक्र हो जायें। अपने पापा के इस सपने को पूरा करने के लिए उसने अपने सपनों की आहुति दे दी। लग्न मंडप में बैठकर जहाँ माता-पिता ने रिश्ता जोड़ा, उसने स्वीकार
अभी तक आपने पढ़ा वैजयंती और अभिमन्यु अपने परिवार के साथ बहुत ख़ुश थे। वैजयंती अपनी शादी की आठवीं सालगिरह की तैयारी कर रही थी; पता नहीं क्यों अभिमन्यु उससे कह रहा था कि वैजयंती यदि मुझे कुछ हो ...और पढ़ेतो तुम दूसरा विवाह कर लेना। अब पढ़िए आगे – बात करते-करते दोनों घर पहुँच गए। घर पहुँच कर दोनों ने अपने माता-पिता के पाँव छूकर उनका भी आशीर्वाद ले लिया फिर सुबह का नाश्ता सबने साथ मिलकर किया। उसके बाद अभिमन्यु बैंक जाने के लिए तैयार होने लगा। वैजयंती ने कहा, "अभि आज छुट्टी ले लो ना।" "नहीं वैजयंती
अभी तक आपने पढ़ा वैजयंती अभिमन्यु के आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी। उसने अभिमन्यु की पसंद की लाल साड़ी पहन रखी थी; तभी अभिमन्यु का वीडियो कॉल आया। अब पढ़िए आगे - "अरे-अरे वैजयंती गुस्सा नहीं, ...और पढ़ेहो जाओ। देखो तुम्हारे लिए यह मंगलसूत्र लिया है। बस पेमैंट करना बाकी था, सोचा एक बार तुम्हें दिखा देता हूँ । बहुत कीमती है इसलिए तुम्हारी पसंद ज़रूरी है, देखो।" "ओ माय गॉड अभि यह कितना सुंदर है। मुझे बहुत पसंद है पर बहुत कीमती है तो मत लो।" "क्यों नहीं लूँ? मैं जानता हूँ तुम्हें सजने का, सोलह
अभी तक आपने पढ़ा अपनी पत्नी के लिए उपहार में मंगलसूत्र लेकर अभिमन्यु आ रहा था कि एक ट्रक ने उसकी कार को ऐसी टक्कर मारी कि अभिमन्यु ने वहीं दम तोड़ दिया; तभी वैजयंती के पास एक फ़ोन ...और पढ़ेअब पढ़िए आगे - नैना, नवीन सभी लोग वैजयंती के आस पास ही खड़े थे। वैजयंती रोने लगी रोते-रोते उसने नवीन से कहा, "नवीन देखो ना यह इंस्पेक्टर साहब क्या कह रहे हैं?" नवीन ने वैजयंती के हाथ से फ़ोन लिया और नैना ने वैजयंती को संभालते हुए पूछा, "भाभी आख़िर हुआ क्या है? आप रो क्यों रही हो?" "एक-एक
अभी तक आपने पढ़ा फ़ोन पर पुलिस इंस्पेक्टर ने नवीन को अभिमन्यु की मृत्यु की ख़बर सुनाई। वैजयंती यह सुनकर बेहोश हो गई। माता-पिता, भाई-बहन बेसुध होकर रो रहे थे। नवीन को अस्पताल से अभिमन्यु का पार्थिव शरीर पोस्टमार्टम ...और पढ़ेउपरांत सौंप दिया गया था। अब पढ़िए आगे – अपने दिल पर पत्थर रखकर नवीन अभिमन्यु के पार्थिव शरीर को घर ले लाया। सौरभ, उदय और उसके मित्रों ने अभि के पार्थिव शरीर को गाड़ी से नीचे निकाला। अब तक नवीन का धैर्य का बाँध टूट चुका था। वह फफक-फफक कर रो पड़ा। घर में से सभी बाहर निकल कर