Redimed Swarg book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Redimed Swarg is also popular in जासूसी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
रेडीमेड स्वर्ग - उपन्यास
S Bhagyam Sharma
द्वारा
हिंदी जासूसी कहानी
मूल लेखक राजेश कुमार राजेश कुमार यह उपन्यास तमिल उपन्यासकार राजेश कुमार जी का है। आपने अब तक डेढ़ हजार कहानियां और दो हजार उपन्यास लिख चुके हैं और निरंतर लिख रहे हैं। आपके पाठकों की संख्या बहुत ज्यादा है। आपके उपन्यास हाथों हाथ बिक जाते हैं। अभी आपका नाम गिनीज बुक के लिए गया हुआ है। आपके उपन्यास में बहुत ही उत्सुकता बनी रहती है। एक बार हाथ में पढ़ने उठा ले तो पाठक बिना पढ़े उसे रख नहीं सकता। मैंने भी इनके बहुत से उपन्यासों का अनुवाद किया है। रेडीमेड स्वर्ग आपके हाथ में हैं। एस. भाग्यम
मूल लेखक राजेश कुमार राजेश कुमार यह उपन्यास तमिल उपन्यासकार राजेश कुमार जी का है। आपने अब तक डेढ़ हजार कहानियां और दो हजार उपन्यास लिख चुके हैं और निरंतर लिख रहे हैं। आपके पाठकों की संख्या बहुत ज्यादा ...और पढ़ेआपके उपन्यास हाथों हाथ बिक जाते हैं। अभी आपका नाम गिनीज बुक के लिए गया हुआ है। आपके उपन्यास में बहुत ही उत्सुकता बनी रहती है। एक बार हाथ में पढ़ने उठा ले तो पाठक बिना पढ़े उसे रख नहीं सकता। मैंने भी इनके बहुत से उपन्यासों का अनुवाद किया है। रेडीमेड स्वर्ग आपके हाथ में हैं। एस. भाग्यम
अध्याय 2 “रेडीमेड स्वर्ग....?" "हां...... इस देश में मैं सचमुच जनता का समाजवाद लाने वाला हूं। करोड़ों-अरबों का काला धन रखने वाले स्वयं भी उसका उपयोग नहीं करते हैं, दूसरों को भी उपयोग में लेने नहीं देते.... खजाने को ...और पढ़ेवाले भूत जैसे रहने वाले तुम लोगों को एक झटका देकर इलाज करके हम एक रेडीमेड स्वर्ग का निर्माण करने वाले हैं।' "अबे... अबे !" "यह देख री... रेडीमेड स्वर्ग उत्पन्न करने वाले को तू आदर देकर बोल.... तुमने मुझे सम्मान नहीं दिया तो तुम्हारी लड़की के कपड़े कम हो जाएंगे....!" रंजीता अधीर हो गई। "रुको... देखो.... भाई.... मेरी लड़की
अध्याय 3 रात को उसने व्हिस्की पी रखी थी। साँसे बदबू से भभक रही थी । 30 साल का युवा पर मुंडा हुआ सिर और छोटी-छोटी आंखें। चेहरे पर सदमा था। लूंगी ठीक करते हुए दामू ने पूछा, "तुम.... ...और पढ़ेबोल रही हो....?" "हां रे.....! सुरभि को किसी ने किडनैप कर रखा है - दस लाख रुपए अनाथाश्रम को देने के लिए बोल रहा है।" "रास्कल....! कौन है वह...?" "कौन सा बदमाश है यह तो पता नहीं चला...." "जीजाजी को बता दिया....?" "बता दिया..... तुमसे कुछ बात करना है। हॉल में आ जाओ।" सर के ऊपर दोनों हाथों को पीछे
अध्याय 4 हाईवे के बीच सड़क पर - एक पेट्रोल पंप - के पास - टेलीफोन बूथ से बात करके बाहर आया शाहिद । साफ-सुथरे कपड़े पहने हुए शाहिद की उम्र 30 साल के अंदर ही थी । लंबे ...और पढ़ेचेहरे पर मूछें गायब थी। उसकी कलमें लंबी थी। गले में पेंडेंट के साथ बहुत सुंदर सोने की जंजीर पहनी थी । बूत से दूर खड़े - सफेद मारुति जल्दी से उसके पास पहुंचा – वह दरवाजे को खोलकर अंदर गया। ड्राइविंग सीट पर बैठा। पीछे की सीट पर बैठी - एक साप्ताहिक पत्रिका को सुरभि पलट रही थी -
अध्याय 5 मदर टेरेसा अनाथाश्रम के अंदर जाकर कार रूकी। सुंदरेसन, रंजीता कार के पीछे के सीट से सूटकेस को खोला - एक लाख के एक बंडल को निकालकर संस्था के दफ्तर के अंदर घुसे। कमरा खाली था। "किससे ...और पढ़ेकरनी है....?” आवाज सुनकर मुड़कर देखा। माली जैसे एक जना खड़ा था। "इस आश्रम के निर्वाही कौन हैं...?" "शारदा मणि अम्मा.... बच्चों का क्लास लेने गई हुई हैं.... एक पांच मिनट में आ जाएंगी.... आप बैठिए....." वे बैठ गए । कमरा साफ सुथरा चमक रहा था। मेज के पीछे की तरफ दीवार पर - एक बड़ा सा काला पत्थर लगा