Kahaaniya Bhoot-preto wali book and story is written by Manish Sidana in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kahaaniya Bhoot-preto wali is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कहानियां भूत-प्रेतों वाली - उपन्यास
Manish Sidana
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
रवि बस में बैठा बाहर के दृश्य देख रहा था। सर्दियों की शाम ढलने लगी थी। बहुत ही सुंदर दृश्य था । तभी रवि के मोबाइल की घंटी बजी, उसने मोबाइल पर दृष्टि डाली उसकी मम्मी का फोन था। "बस कितनी देर में मनाली पहुंच जाएगी", उसने फोन उठाने से पहले कंडक्टर से पूछा । "साहब ,1 घंटे में बस अड्डे पहुंच जाएंगे"- कंडक्टर ने जवाब दिया। रवि ने फोन उठाया-" हां मां ,बस 1 घंटे में मनाली पहुंच जाऊंगा। सर्किट हाउस पहुंच कर आपको फोन करता हूं।" 1 घंटे से कुछ ज्यादा समय में बस मनालीपहुंची। बस
रवि बस में बैठा बाहर के दृश्य देख रहा था। सर्दियों की शाम ढलने लगी थी। बहुत ही सुंदर दृश्य था । तभी रवि के मोबाइल की घंटी बजी, उसने मोबाइल पर दृष्टि डाली उसकी मम्मी का फोन ...और पढ़े बस कितनी देर में मनाली पहुंच जाएगी , उसने फोन उठाने से पहले कंडक्टर से पूछा । साहब ,1 घंटे में बस अड्डे पहुंच जाएंगे - कंडक्टर ने जवाब दिया। रवि ने फोन उठाया- हां मां ,बस 1 घंटे में मनाली पहुंच जाऊंगा। सर्किट हाउस पहुंच कर आपको फोन करता हूं। 1 घंटे से कुछ ज्यादा समय में बस मनालीपहुंची। बस
कल आना....नाले बा.. सुनसान सड़क पे एक बस आकर रुकती है....उसमे एक लड़की सवार होती है।सीट पर बैठकर वो अपने बैग से एक चोटी निकालती है...और वो चोटी...उसको बालों में जुड़ जाती है। मनु दांतो में उंगली ...और पढ़ेदेख रहा है...कोतूहल से उसकी आंखे चौड़ी हो गई है....तभी पीछे से उसके कंधे पे कोई हाथ रखता है।वो तेज़ी से चौंक जाता है... अबे ,क्या ये फालतू फिल्में देखता रहता है। ओ स्त्री,कल आना... यहीं सब देखने की वजह से तू इतना डरपोक हो गया है।देखना ही है तो हॉलीवुड कि साइंस फिक्शन मूवीज देखा कर।क्या कमाल के आईडिया होते है,उसमे. ....राहुल
पिशाच का अंत राहुल स्टेशन से बाहर निकला।गाड़ी रात 12 बजे स्टेशन पहुंचीं थी।वो स्टेशन पर उतरने वाला अकेला यात्री था। नानोता नाम के इस छोटे से स्टेशन पर इतनी रात को कौन उतरता? यहां से सब से ...और पढ़ेगांव 3 कि मी दूर था।राहुल को बड़गांव जाना था जो कि वहां से 5 कि मी दूर था।राहुल को लेने गांव से चाचा जी आने वाले थे।उसने 20मिनट इंतज़ार किया।जब कोई नहीं आया तो उसने पैदल जाने का निश्चय किया। राहुल जंगल में आगे बढ़ता जा रहा था। सर्दियों की रात थी।चारो और घना कोहरा था।दो हाथ की दूरी का
खूनी हाईवेआकाश, सोनू ,राहुल और हिमांशु अपने दोस्त की शादी के कार्यक्रम से वापस आ रहे थे ।शादी मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के एक गांव में थी । उस गांव से झांसी जाने वाली सड़क टाइगर रिजर्व के ...और पढ़ेसे निकलती थी। रात तो क्या दिन में भी उस सड़क पर ट्रैफिक बहुत कम रहता था। रात में तो वह सड़क बिल्कुल सुनसान रहती थी। उस सड़क पर कई हादसे हो चुके थे। रात में बहुत लोगों की जानें जा चुकी थी, इसलिए वह सड़क मौत का रास्ता
हॉन्टेड हॉस्टल - रूम नंबर 13 अनुज बहुत खुश था।उसका इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने का सपना आज पूरा हो गया था।आज प्रवेश लेने का अंतिम दिन था।हॉस्टल में उसे ...और पढ़ेनंबर 13 आवंटित हुआ था।अनुज प्रवेश लेने वाला अंतिम छात्र था,इसलिए केवल यही कमरा उपलब्ध था और उसे अकेले को रहना था। अनुज ने कमरे 1क में समान रखकर खिड़की खोली।सामने ऊंचे ऊंचे पहाड़ थे।वो कुछ देर के लिए उस सुंदर दृश्य में खो गया।शाम हो चुकी थी।उसने अपना सामान खोलकर व्यवस्थित करना शुरू किया।कुछ देर में दरवाजे पर दस्तक हुई।दरवाजा खोला तो दो लड़के थे। हेल्लो