Kahaaniya Bhoot-preto wali - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

कहानियां भूत-प्रेतों वाली - 2 - कल आना.....

कल आना....नाले बा..

सुनसान सड़क पे एक बस आकर रुकती है....उसमे एक लड़की सवार होती है।सीट पर बैठकर वो अपने बैग से एक चोटी निकालती है...और वो चोटी...उसको बालों में जुड़ जाती है।

मनु दांतो में उंगली दबाए देख रहा है...कोतूहल से उसकी आंखे चौड़ी हो गई है....तभी पीछे से उसके कंधे पे कोई हाथ रखता है।वो तेज़ी से चौंक जाता है...

"अबे ,क्या ये फालतू फिल्में देखता रहता है। ओ स्त्री,कल आना...
यहीं सब देखने की वजह से तू इतना डरपोक हो गया है।देखना ही है तो हॉलीवुड कि साइंस फिक्शन मूवीज देखा कर।क्या कमाल के आईडिया होते है,उसमे."....राहुल ने कहा।
"तू भी किसे ज्ञान दे रहा है...ये खुद पंडित है। सारा दिन इसके पिताजी इसे शास्त्रों का ज्ञान देते रहते है,कभी थोड़ा समय मिल गया तो इसे मजे लेने दे।"सुमित ने बेड पर लेटते हुए कहा
"वैसे मनु, अब तक तेरे पिताजी ने तुझे संस्कृत के सारे ग्रंथो का अध्ययन कर दिया या कोई बाकी है?"....नवीन मेज़ पर पड़े मोटे से ग्रंथ को उठाते हुए बोला।
"हो गया....या कुछ बाकी है....अगर कभी गलती से तुम्हे भूत प्रेत चिपट गए ना तो तुम्हारा दोस्त मनु पंडित ही तुम्हारी जान बचाएगा"...मनु ने टीवी बंद करते हुए अपने तीनो दोस्तों से कहा।
"पहली बात तो भूत प्रेत होते ही नहीं...और अगर होते भी है तो तेरा भाई राहुल बिना डिग्री का इंजिनियर है।वो अपने बनाए हुए लेटेस्ट गैजेट्स से भूतो को भस्म कर देगा"...राहुल ने अपने कॉलर खड़े करते हुए कहा।
"किसी को भी जीतने के लिए ताक़त की जरूरत होती है।मेरी मसल्स देख... भूतो की तो मै चटनी बना दू।" सुमित ने कहा
"ठीक है फिर अगर तुम लोग इतने ही बहादुर हो तो कल मेरे साथ बंगलौर चलो।जिस गांव की ये कहानी है,उसी गांव में मेरे रिश्तेदार रहते है।कुछ दिन वहां रहते है।ऊपर वाले ने चाहा तो चुड़ैल से मुलाक़ात भी हो जाएगी"...अब तक चुप खड़े सुमित ने कहा।
"तुम तीनो को कोई दिक्कत नहीं....तुम्हारे घर वाले तुम्हारे नकारेपन से पहले ही परेशान है।पर मै पिताजी को क्या कहूंगा?"...मनु बोला
"अब कुछ तो बहाना बना....वरना इन ग्रंथो को पढ़ते पढ़ते ही बुड्ढा हो जाएगा"...राहुल ने एक मोटी किताब उठाकर बोला।
"कोशिश करता हूं"...मनु ने राहुल के हाथ से किताब लेकर अपनी आंखो से लगाते हुए कहा
"ठीक है फिर कल सुबह मैं तुम तीनो को लेने आता हूं."...सुमित बोला

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राहुल,मनु,सुमित और नवीन ये चारो बचपन के दोस्त थे।मनु के पिताजी प्रकांड पंडित थे।उन्होंने मनु को वेद,पूर्ण शास्त्रों सब का ज्ञान दिया था।मनु ने भी सब धर्म ग्रंथो पर महारत हासिल कर ली थी।पर मनु के पिताजी उसके तीनो दोस्तो को पसंद नहीं करते थे क्योंकि वो तीनो नकारा थे।
राहुल की रुचि तकनीक में थीं और उसका ज्यादा समय नए नए गैजेट बनाने में जाता था।नवीन बॉडी बिल्डर था।उसका पूरा दिन जिम में ही बीतता था। सुमित अमीर पिता की इकलौती संतान था।ये चारो कोई काम तो करते नहीं थे।सुमित ही इन सब के खर्चों के लिए धन का प्रबंध करता था।

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गांव पहुंचते पहुंचते उन्हे शाम हो गई।वो कच्ची पक्की सड़क थी।दोनो तरफ जंगल।सड़क पे ट्रैफिक भी नहीं था। वातावरण में अजीब सी खामोशी थीं। सड़क किनारे पेड़ो की आकृति भी अजीब थीं।कई बार ऐसा भ्रम हुए जैसे कोई उन पर उल्टा लटका हुआ है।
चारों वातावरण में फैले बोझिल सन्नाटे को महसूस कर रहे थे...पर कोई कुछ नहीं बोला।शायद ये उस इलाके का ही असर था।

जैसे ही गाड़ी गांव में पहुंची। उन्होंने देखा कि हर घर के बाहर मोटे मोटे लाल अक्षरों में लिखा था नाले बा। नाले बा... यानी कि कल आना । सुमित की गाड़ी की आवाज सुनकर उसकी मौसी और उनका बेटा रवि बाहर आ गए।
"बेटा, बहुत देर कर दी तुम लोगों ने हम तो डर गए थे। तुम तो जानते हो इस इलाके में शाम होने के बाद बाहर नहीं निकलते। चलो, जल्दी सामान उतारो और अंदर आ जाओ।"मौसी ने चिंता भरी आवाज में कहा

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सुबह रवि अपने दोस्त भोलू के साथ उन चारो को गांव घुमाने ले गया।भोलू उस के साथ वाले घर में रहता है ।
"ये चुड़ैल का क्या किस्सा है?" सुमित ने पूछा
रवि ने बताना शुरु किया.... "कई किस्से है कोई कहता है.....बरसो पहले इस इलाके में एक लड़का लड़की ने घर से भागकर शादी की।वो अलग अलग जाति के थे।उनकी शादी हुई ही थी कि लड़की के घर वालो ने लड़के की हत्या कर दी।लड़की ने भी कुएं में कूदकर जान दे दी।तभी से उसकी आत्मा इस इलाके में घूम रही हैं।रात के समय वो युवा लड़को को उठा ले जाती है जो कभी वापिस नहीं आते।जिस घर के बाहर नाले बा नहीं लिखा होता ।वो उस दरवाजे को खट खटाती है,दरवाजा खुलने पर वो लड़के को उठा ले जाती है।वो रूप बदल सकती हैं।"
"कोई कहता है .....एक चुड़ैल है....जो सालों से इस इलाके में रहती है।वो लड़को कों उठाकर उनकी बलि चढ़ाती है....अपनी कोई सिद्धि पूरी करने के लिए वो युवा लड़को की बलि चढ़ाती है", भोलू ने बताया।

"अरे मै भूल ही गया."..राहुल बोला...
"मैं तुम्हारे लिए ये लॉकेट लाया हूं।",राहुल ने भोलू और रवि को लॉकेट दिए।

रवि और भोलू थोड़ी देर के लिए दूर हुए तो राहुल बोला..."यही मौका है हमारे पास अपने आप को साबित करने के लिए।हमें उस चुड़ैल को पकड़ने का प्रयास करना चाहिए।"
"पर कैसे?"....नवीन ने पूछा
"मेरे लेटेस्ट गैजेट्स इन्फ्रारेड और मैगनेटिक फील्ड ट्रैकिंग से किसी असामान्य गतिविधि को पकड़ सकते हैं".. राहुल ने कहा
"अगर चुड़ैल मिल जाए तो मै भी मंत्रो कि शक्ति से उसे बांध सकता हूं"... मनु ने कहा
"पागल हो गए...ये आत्म हत्या करने जैसा है"..सुमित ने अपनी राय दी।
"पर यही मौका है...अपनी ताक़त दिखाने का"...नवीन ने सहमति दी।
उसके बाद शुरू हुई... चुड़ैल को पकड़ने की प्लानिंग

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शाम को घर के अंदर जाते हुए सुमित ने भोलू के घर के बाहर लिखे नाले बा पर बड़ा सा स्टिकर लगा दिया।जिसके नीचे नाले बा छुप गया।अब इंतजार था... रात होने का।

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रात को चारो पूरी तरह तैयार थे।राहुल के लैपटॉप पर गांव की सड़कों के दृश्य थे।उन्होंने चोरी छुप के गांव में जगह जगह सी सी टी वी कैमरा लगा दिए थे।भोलू को राहुल ने जो लॉकेट दिया था ,उसमे कैमरा और जीपीएस चिप थी।वो चारो लैपटॉप को एकटक देख रहे थे और कुछ होने की प्रतीक्षा कर रहे थे। चारो की सांसे तेज चल रही थी ।कमरे में इतना सन्नाटा था की उनकी धड़कनों की आवाज साफ सुनाई दे रही थी।
रात का १ बज गया था।तभी भोलू के घर के बाहर कोई स्त्री नजर आयी।उसने दरवाज़ा खटखटाया।भोलू ने पूछा..."कौन?"
रवि की आवाज़ में जवाब मिला...."भोलू दरवाज़ा खोल।सुमित भैया की तबीयत अचानक खराब हो गई है।डॉक्टर को बुलाने जाना है"...
आ रहा हूं यह कहकर भोलू ने दरवाजा खोल दिया।
चारों सांस रोककर लैपटॉप पर देख रहे थे ।
जैसे ही भोलू ने दरवाजा खोला। स्त्री ने उसके कंधे पर हाथ रखा और दोनों एक परछाई से बन कर हवा में उड़ चले । चारो की सांस रुकने लगी। चारों ने लैपटॉप पर उन्हें थोड़ी देर जाते हुए देखा। जब वह गांव की सीमा पार कर गए। चारों तेजी से भागे और गाड़ी में बैठे। राहुल जीपीएस लोकेशन बता रहा था उस हिसाब से सुमित गाड़ी चला रहा था । चारों की सांसे तेज चल रही थी। वह गांव से थोड़ी बाहर आ गए थे। उसके बाद जीपीएस लोकेशन एक कच्चे रास्ते की ओर इशारा कर रही थी।

सुमित ने गाड़ी कच्चे रास्ते पर उतार दी। उस समय वह घने जंगल में थे। तेज चलती हुई हवा ऐसी लग रही थी जैसे कोई कानों में सीटी बजा रहा हो।तभी दूर किसी जानवर के रोने की आवाज आई। "यार, मैंने मना भी किया था" ...सुमित बोला.." क्या पंगा ले लिया तुम लोगों ने ।अगर भोलू को कुछ हो गया तो मैं तुम तीनों को नहीं छोडूंगा।"
"घबरा मत ,कुछ नहीं होता हम हैं ना। हम कुछ नहीं होने देंगे" ...राहुल ने जवाब दिया

वह घने जंगल के बीच में पहुंच चुके थे अचानक लैपटॉप में भोलू की लोकेशन आनी बंद हो गई। राहुल लैपटॉप के कीबोर्ड पर कई बटन लगातार दबाए जा रहा था। पर कोई लोकेशन नहीं मिल रही थी।
"लगता है कुछ गड़बड़ है".. राहुल ने कहा.
"आसपास ही होने चाहिए".. मनु बोला
"चलो उतर कर देखते हैं" ....सुमित ने कहा

चारों जने गाड़ी से उतर गए। सुमित के हाथ में एक टॉर्च थी ।जिसकी रोशनी में चारों आगे बढ़े जा रहे थे ।
उनके सिर के पास से पंछी निकला वो एकदम घबरा गए । वह घबराकर रुक गए पर फिर हिम्मत करके आगे बढ़े । उन्हे लगा जैसे पेड़ो पर इंसान उल्टे लटके हुए है।उन्होंने ध्यान से देखा वह मुर्दा इंसानी शरीर थे ।अब सुमित के साथ-साथ नवीन को भी डर लगने लग गया था। अंधेरे में चलते चले जा रहे थे। जंगल से जानवरों की भयानक आवाजें आ रही थी

तभी उनके कैमरे ने फिर सिग्नल पकड़ने शुरू किए उन्होंने देखा वह एक गुफा थी जिसके अंदर एक राक्षस की विशालकाय मूर्ति थी दीवारों पर जगह-जगह बड़ी-बड़ी मशाले जली हुई थी। दीवारों पर इंसानी खोपड़ीया टंगी हुई थी। मूर्ति के गले में खोपड़ियों की माला थी। उसके हाथों में इंसानी आंखों को जोड़कर बनाया गया ब्रेसलेट था।

उन्होंने देखा भोलू उस मूर्ति के आगे बेहोश लेटा हुआ है और उसी के पास एक भयानक चुड़ैल खड़ी थी।चुड़ैल 20 फीट ऊंची थी।उसका रंग बिल्कुल काला था।आंखे बड़ी बड़ी और लाल थी। वो स्त्री बड़ी भयानक हंसी हंसने लगी उन्हें ऐसा लगा जैसे उनके कान के पर्दे फट जाएंगे। चारों के माथे पर पसीने की बूंदे आ गई थी।

उस स्त्री ने एक पैर गोलू की छाती पर रखा और मन ही मन कुछ मंत्र पढ़ने शुरू किए। तभी उसके चारों ओर काले काले भयानक शक्ल के राक्षस आ गए। वो जोर जोर से बड़े-बड़े ढोल बजा रहे थे और कुछ राक्षस ढोलकी पर डरावना नाच कर रहे थे ।चुड़ैल मंत्र पढ़े जा रही थी। भयानक संगीत पर राक्षस नाच रहे थे। तभी उस चुड़ैल ने भोलू को कंधे से पकड़ कर मूर्ति के सहारे बैठाया और दोनों हाथ उसके सिर पर रखकर उसको दबाने लगी। भक .क की आवाज के साथ गोलू का सिर ऐसे फट गया जैसे पके हुए अमरुद को दबाने पर फट जाता है। सर में से खून का फव्वारा निकलकर चुड़ैल के ऊपर पड़ा। चुड़ैल ने जीभ को ऐसे लपलापाया जैसे किसी स्वादिष्ट चीज का स्वाद ले रही हो। फिर उसने गोलू के सिर पर मुंह रखा और उसके खून पीने लगी ।जब सारा खून खत्म हो गया तो उसने भोलू को फिर लेटा दिया। उसने अपने लंबे लंबे नाखूनों से भोलू के सीने को चीर दिया और उसमें से उसका दिल निकाल कर उसको खाने लगी। राक्षस ढोल बजाए जा रहे थे और उस पर नाच रहे थे। अब चुड़ैल ने गोलू के शरीर के दो टुकड़े किए और राक्षसों की तरफ फेंक दिए ।वह ढोल बजाना छोड़कर उस के शरीर पर टूट पड़े और उसे नोच नोच कर खाने लग गए ।

राहुल ने लैपटॉप बंद कर दिया इतना वीभत्स दृश्य देखने की उनकी और हिम्मत नहीं थी
"मैंने पहले ही मना किया था"... सुमित बोला ..."अब क्या करे?"
किसी ने जवाब नहीं दिया
"मैंने फैसला कर लिया है.... मैं उस चुड़ैल को मारे बिना घर नहीं जाऊंगा"..सुमित ने कहा
"हम तेरे साथ है".....चारो ने आगे बढ़ना शुरू किया।राहुल के लैपटॉप पर कुछ सिग्नल आए।"भोलू का जीपीएस चिप से सिग्नल मिल रहे है...इसका मतलब हम आस पास है।"
चारो चलते चलते एक गुफा के पास पहुंचे।गुफा से हल्की रोशनी बाहर आ रही थी।उन्होंने टॉर्च बंद कर दी।
वो सावधानी से बिना आहट के गुफा के अंदर गए।वो जैसे ही थोड़ा आगे बढ़े। बिना सिर के शरीर वाले आदमी ने उन पर भाले से हमला किया पर नवीन सावधान था।उसने झुक कर खुद को बचाया और पास ही दीवार पर लगी मशाल से उस पर हमला कर दिया।इतने में मनु ने वो भाला उठाकर उस शरीर के सीने में घोप दिया।वो शरीर गायब हो गया।
अपनी पहली सफलता से उनके चेहरे पर चमक अाई।
वो आगे बढ़े।अब उन्हें ढोल का कानफोडू भयानक संगीत साफ सुनाई दे रहा था।
उनकी धड़कने बढ़ गई।
थोड़ी देर में वो गुफा के उस हाल नुमा भाग में थे।जिस में राक्षस की विशालकाय मूर्ति थी।

हाल में भोलू के शरीर के टुकड़े जगह जगह बिखरे पड़े थे।अब भी कुछ राक्षस भोलू के मांस को नोच रहे थे।
तभी उन्हे कुछ राक्षसों ने चारो और से घेर लिया।वो उन्हे चुड़ैल के सामने ले गए।इस समय चुड़ैल अपने असली रूप में थी।उसकी ऊंचाई लगभग 20 फीट होगी।उसके सामने चारो खिलौने लग रहे थे।चुड़ैल ने अपनी लाल आंखे खोलकर इन्हे देखा तो सुमित को अपनी सांसे रुकती हुई महसूस हुई।उसके दांत जंगली जानवरो की तरह लंबे और नुकीले थे।सुमित को वो दृश्य दिखाई दिया जिसमे चुड़ैल भोलू का खून पी रही थी। उसे भोलू की जगह चुड़ैल के हाथ में अपना सर दिखाई से रहा था।उसने अपने सूखे होंठो पे जीभ फिराई।

चुड़ैल ने भयानक अट्टहास लगाया और बोली,
"एक साथ चार शिकार मजा आ गया।इन्हे बंदी बना लो।कल सूर्य ग्रहण है...कल राक्षस देवता के सामने इनकी बलि दूंगी ।इसी समय का मुझे वर्षों से इंतज़ार था।मेरे राक्षस पति ही मेरे गुरु थे।उन्होंने मुझे कई दुर्लभ कलाए सिखाई।उन्होंने मुझे बताया कि अगर सूर्य ग्रहण के दिन मैं चार लोगो की बलि देकर यज्ञ करू तो मै अमर हो जाऊंगी और मेरी शक्तियां सौ गुना बढ़ जाएंगी।
हमने यज्ञ की सारी तैयारी कर ली पर उस दिन मुझे तीन ही पुरुष मिले।मेरे मन में बेईमानी आ गई ।मैंने सोचा अपने पति की भी बलि दे दू तो मेरा यज्ञ पूर्ण हो जाएगा और मै अमर हो जाऊंगी।
पर मेरे पति ने मेरे इरादे भांप लिए ।उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए मुझे श्राप दिया कि मैं इस नगर की सीमा से बाहर नहीं जा सकती और मैं तब तक किसी के घर में प्रवेश नहीं कर सकती जब तक कि वो स्वयं मुझे अपनी इच्छा से मुझे अपने घर के अंदर ना बुलाए।उसके बाद मेरे पति ये शहर छोड़कर चले गए।
जिन घरों के बाहर नाले बा यानी कल आना लिखा होता है...मै उस घर में प्रवेश नहीं कर सकती वरना मै भस्म हो जाऊंगी। मैं रोज गांव में जाती हूं ।पर महीनों तक मुझे भूखा रहना पड़ता है।फिर किसी ना किसी दिन कोई मूर्ख अपने घर से नाले बा मिटा देता है या रात को घर से बाहर निकालता है तो मुझे भोजन मिलता है।
लगता है राक्षस देवता मुझसे प्रसन्न है...तभी तुम चारो को मेरे पास भेज दिया।"

ये कहकर चुड़ैल ने उनकी और फूंक मारी।उनके चारो और एक गोला सा बन गया और वो उसमे कैद हो गए।

मनु ने आंखे बंद की और कुछ मंत्र बोले।एक दिव्य रोशनी हुई और वो गोले से आज़ाद हो गए।

चुड़ैल हैरान हो गई।उसने अपना हाथ उठाया ।तभी नवीन पूरी ताकत के साथ चुड़ैल के पंजे पर कूदा।चुड़ैल पीछे को गिर गई।वो कुछ कर पाती उस से पहले मनु ने जेब से एक बोतल निकाली और उस पर अभिमंत्रित जल छिड़का और बोला..."जल्दी भागो।अभी हम इसका मुकाबला नहीं कर सकते।हम पूरी तैयारी के साथ फिर आएंगे।मैंने कुछ मिनटों के लिए इसकी शक्ति को बांध दिया है।जल्दी यहां से निकलो।चारो गाड़ी की तरफ भागे ।"

वो कार के पास पहुंचने वाले थे कि उन्होंने देखा चुड़ैल तेज़ी से उनकी और आ रही है।सुमित ने टॉर्च का शक्तिशाली प्रहार अपने माथे पे किया।खून की तेज़ धार बह निकली।जल्दी से कार में बैठो।वो बोला।
उसने अपनी उंगली माथे पे लगाई।उंगली खून से लाल हो गई।उसने कार के शीशे पर जल्दी से कुछ लिखा।
और इस से पहले कि चुड़ैल उन तक पहुंचती वो गाड़ी में बैठ चुके थे।

चुड़ैल अपनी लाल लाल आंखो से गाड़ी के शीशे को घूर रही थी जिस पर लाल शब्दों मे लिखा था

नाले बा....यानी कल आना

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लेखक - मनीष सिडाना
कृपया कहानी पढ़ने के बाद रेटिंग और समीक्षा करे।

धन्यवाद

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