कहानियां भूत-प्रेतों वाली - 1 - कब्रिस्तान का रहस्य Manish Sidana द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • स्वयंवधू - 31

    विनाशकारी जन्मदिन भाग 4दाहिने हाथ ज़ंजीर ने वो काली तरल महाश...

  • प्रेम और युद्ध - 5

    अध्याय 5: आर्या और अर्जुन की यात्रा में एक नए मोड़ की शुरुआत...

  • Krick और Nakchadi - 2

    " कहानी मे अब क्रिक और नकचडी की दोस्ती प्रेम मे बदल गई थी। क...

  • Devil I Hate You - 21

    जिसे सून मिहींर,,,,,,,,रूही को ऊपर से नीचे देखते हुए,,,,,अपन...

  • शोहरत का घमंड - 102

    अपनी मॉम की बाते सुन कर आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है और वो...

श्रेणी
शेयर करे

कहानियां भूत-प्रेतों वाली - 1 - कब्रिस्तान का रहस्य

रवि बस में बैठा बाहर के दृश्य देख रहा था। सर्दियों की शाम ढलने लगी थी। बहुत ही सुंदर दृश्य था । तभी रवि के मोबाइल की घंटी बजी, उसने मोबाइल पर दृष्टि डाली उसकी मम्मी का फोन था।
"बस कितनी देर में मनाली पहुंच जाएगी", उसने फोन उठाने से पहले कंडक्टर से पूछा ।
"साहब ,1 घंटे में बस अड्डे पहुंच जाएंगे"- कंडक्टर ने जवाब दिया।
रवि ने फोन उठाया-" हां मां ,बस 1 घंटे में मनाली पहुंच जाऊंगा। सर्किट हाउस पहुंच कर आपको फोन करता हूं।"
1 घंटे से कुछ ज्यादा समय में बस मनालीपहुंची। बस से उतरते समय उसने परिचालक से सर्किट हाउस का रास्ता समझ लिया था ।10-15 मिनट का पैदल का रास्ता था इसलिए अपना बैग कंधे पर तानकर वह पैदल ही चल दिया । 5- 7 मिनट रास्ते में रौनक थी , उसके बाद रास्ता एकदम सुनसान हो गया था। अंधेरा हो चुका था। सर्द हवाएं साय -साय करती हुई कानों से टकराई । वो 15 मिनट चल चुका था । पहाड़ी रास्ते की वजह से सांस फूलने लगी थी । थोड़ा और चला तो तो वो एक कब्रिस्तान के सामने था । कुछ कदम चला तो उसे लगा कि उसके पीछे कोई है। वातावरण में एक अजीब सी खामोशी थी।सड़क की एक ओर कब्रिस्तान था और दूसरी ओर ऊंचे ऊंचे पेड़ थे।धुंध पड़नी शुरू हो चुकी थी और ज्यादा दूर का दिखाई नहीं दे रहा था। पर कब्रिस्तान कि छोटी सी दीवार के पीछे कई कब्रे और उन पर क्रॉस साफ चमक रहे थे।रवि को थोड़ा डर लगना शुरू हुआ। इस सर्दी में भी उसने माथे पर पसीने की कुछ बूंदे महसूस की । उसने अपना माथा झटका और चलना शुरू किया ।उसे फिर अपनी बाईं तरफ पेड़ों के पीछे हलचल की आवाज सुनाई दी । उसने अंधेरे में खूब घूर कर देखा पर वहां कोई नहीं था। वह वापस सड़क की तरफ मुड़ा तभी उसके सामने 6फुट का एक आदमी अचानक प्रकट हुआ।
वह भारी आवाज में बोला -"डू यू हैव लाइटर, जेंटलमैन।"
रवि एकाएक उसे देखकर बुरी तरह डर गया। रवि ने ध्यान से देखा।वो एक अंग्रेज था।उसके गोरे चेहरे पर नीली आंखें अंधेरे में बिल्ली की तरह चमक रही थी।
"जेंटलमैन, डू यू हैव लाइटर", उसने फिर पूछा।
रवि ने जेब से कांपते हाथों से लाइटर निकाला। अंग्रेज ने सिगार का पैकेट निकाला ।एक सिगार अपने मुंह में लगाया और पैकेट रवि के आगे करके कहा, "डू यू स्मोक?"-अंग्रेज ने पूछा ।
"डोंट हेजिटेट",अंग्रेज बोला। रवि ने ले लिया और दोनों के सिगार जलाएं।
अंग्रेज कश लेता हुआ बोला - "इस एरिया में तुम्हे पहले नहीं देखा।"
"ऑफिस के काम से कुछ दिनों के लिए आया हूं मेरा नाम रवि है। सर्किट हाउस जा रहा हूं "- रवि ने बताया ।
"जेंटलमैन! पिछले मोड़ पर लेफ्ट लेना था पर तुमने राइट ले लिया।नेवरमाइंड मैं तुम्हें वहां पहुंचा दूंगा । इस कब्रिस्तान से शॉर्टकट है जिससे 5 मिनट में तुम वहां पहुंच जाओगे वैसे मेरा नाम जॉर्ज विलियम्स है । आई एम सिविल इंजीनियर इन पीडब्ल्यूडी। कम विद मी ।"
रवि हिचकिचाया पर और कोई विकल्प नहीं था। वह दोबारा रास्ता भटकने का रिस्क नहीं लेना चाहता था ।इसलिए अंग्रेज के साथ साथ चल दियालग सड़क पार करके कब्रिस्तान के गेट पर गकबए ।k पुराना लोहे का गेट था। जॉर्ज ने उसे धक्का दिया तो बड़ी तेज आवाज के साथ खुल गया।जॉर्ज बताने लगा कि वह कई सालों से इसी शहर में रहता है ।
तभी एक अंग्रेज औरत भागते हुए आयी।वो जोर से पीटर -पीटर चिल्ला रही थी। इस भयानक कब्रिस्तान में इतनी रात को एक औरत को देख कर रवि को बहुत हैरानी हुई। "आप लोगों ने 6-7 साल के बच्चे को जाते देखा ? मेरा बेटा पीटर मेरा हाथ छुड़ा कर भाग गया है।वह 6 साल का है"- औरत बोली।
रवि ने कहा -"नहीं। इससे पहले वह कुछ पूछता, वो पीटर की आवाज देती आगे बढ़ गई और थोड़ी दूरी पर ही अंधेरे में गायब हो गईं।"
रवि ने पलटकर देखा तो जॉर्ज भी गायब था।अब रवि की हालत खराब हो गई।उसकी दोनों तरफ कब्रे थी,जिस पर बड़े बड़े क्रॉस बने हुए थे।धुंधली रात में उसे कोई नज़र नहीं आ रहा था पर उसे ऐसा लग रहा था जैसे कई लोग उसके आस पास हो।उसकी कमीज पसीने से गीली हो चुकी थी उसने हिम्मत जुटाई और आगे बढ़ा तभी उसे दाई तरफ एक कब्र दिखाई दी जिस पर मोटे अक्षरों में जॉर्ज विलियम्स लिखा था । उसके नीचे 1875- 1930 लिखा था। इसका मतलब जॉर्ज विलियम्स की मौत 1930 में हो चुकी थी ।अरे यह कोई दूसरा होगा, उसने अपने मन को समझाया और आगे बढ़ गया ।थोड़ी आगे बढ़ा तो उसे 40-45 साल का आदमी नजर आया जो जमीन में गड्ढा खोद रहा था।
रवि ने उसे आवाज दी -"भाई साहब यह सर्किट हाउस के लिए रास्ता किधर से जाता है?"
" सर्किट हाउस जाना है तो कब्रिस्तान में क्या कर रहे हो? ये कब्रिस्तान चारों तरफ से बंद है।एक ही गेट है,जिस से आप आए होंगे।बाहर निकलकर शहर से दूसरी तरफ 200 मीटर की दूरी पर सर्किट हाउस है। "
"पर मुझे एकअंग्रेज मिला था, उसने मुझसे कहा कि कब्रिस्तान के अंदर से एक शॉर्टकट है ।"
"उसने तुमसे लाइटर मांगा होगा"- मजदूर ने पूछा। यह सुनकर रवि की हालत खराब हो गई ।
कांपते हुए आवाज में उसने कहा -"हां ,मजदूर हंसा वह पिछले 90 सालों से लोगों से लाइटर मांग रहा है और उन्हें सिगार पीने के लिए ऑफर करता है उसे मरे हुए 90 साल हो गए हैं और उसकी आत्मा आज भी यहां पर भटक रही है।"
रवि बहुत ज्यादा घबरा गया था ।तभी उसने पूछा - "अरे मैंने एक औरत को भी अभी अंदर देखा था जो अपने बच्चों को ढूंढ रही थी ।"
"पीटर की मां की बात तो नहीं कर रहे ,साहब"- मजदूर बोला ।
रवि ने कहा, "हां क्या बच्चा यहां अंदर रात में खो गया है?"
मजदूर हंसा, "साहब किन लोगों की बातें कर रहे हो ,यह तो पिछले 50 साल से यहां ऐसे ही भटक रहे हैं । ये एक कब्रिस्तान है साहब ।अब मुझे ही देखो 60 साल हो गए कब्र खोदते हुए पर यह पूरी होने को नहीं आ रही।"
रवि के माथे पर पसीना ही पसीना था ।उन्होंने उसे चारों और से घेर लिया।अंग्रेज ,वह औरत, 6 साल का बच्चा और मजदूर जोर जोर से हंस रहे थे।रवि की आंखें बंद हुई और जमीन पर गिर गया । सुबह हुई तो रवि ने अपने आप को एक पलंग पर लेटे हुए पाया उसके साथ में एक 50 साल का एक पतला दुबला वृद्ध था।
रवि ने पूछा -"मैं कहां हूं ?"रवि ने चारों तरफ घूर घूर कर देखा तो वो एक कमरे में था ना कि कब्रिस्तान में ।घबराई हुई आवाज में रवि ने ने पूछा -"मैं कहां हूं ?"
"साहब ,आप आधी रात को कब्रिस्तान में बेहोश पड़े हुए मिले तो आप को उठाकर यहां ले आया। शायद आपने रात को ज्यादा ही पी ली थी ।इस वजह से आप बेहोश होकर गिर गए।"
रवि बोला- "नहीं "
"अरे कहीं आपने अंग्रेज से सिगार ली थी?" मजदूर ने पूछा
"तुम जानते हो उसे?"
"जी साहब ,जॉर्ज को कौन नहीं जानता ?अंग्रेजों के जमाने में यहां का सिविल इंजीनियर था ।उसे ही पहाड़ों में सड़क बनाने का काम दिया गया था। उसने कई सालों तक यहां पर काम किया फिर वह एक सुरंग में सड़क बना रहे थे तभी एक हादसे में उस पर पत्थर गिरकर उसकी मौत हो गई थी ।तभी से उसकी आत्मा यहां भटकती रहती है ,और रात को आते जाते लोगों से लाइटर मांगता है और उन्हें सिगार ऑफर करता है और जो उसकी सिगार पी लेता है ।रात भर कब्रिस्तान में भटकता रहता है।"
"पीटर और उसकी मां?" मैंने पूछा
"6 साल का बच्चा था पीटर।एक दिन वह मां का हाथ छुड़ाकर भगा और उसकी सड़क ऐक्सिडेंट में मौत हो गई ।उसकी मां सहन नहीं कर सकी और उसकी भी अगले दिन मौत हो गई। तभी से वह दोनों रात भर कब्रिस्तान में भटकते रहते हैं ।और वह जो कब्र खोद रहा था वह वृद्ध कब्रिस्तान में काम करता था ।एक दिन रात को कुछ चोर कब्रिस्तान में घुस आए। उन्होंने शराब के नशे में उसको मार दिया और कब्रिस्तान के पीछे वाली खाई में फेक दिया ।वह तभी से वहां पर रात भर अपने लिए कब्र खोदता रहता है। "
"मुझे यहां कौन लेकर आया?" रवि ने पूछा।
"मैं भी पिछले 40 सालों से उसी सड़क पर घूम रहा हूं ।अगर कोई कब्रिस्तान का रहस्य जानकर बेहोश हो जाता है तो मैं उसे अपने घर ले आता हूं ।क्योंकि कब्रिस्तान का रहस्य जानने के बाद कोई इंसानी दुनिया में वापस नहीं जा सकता"
************