Kahaaniya Bhoot-preto wali - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

कहानियां भूत-प्रेतों वाली - 7 - हांटेड कैमरा तस्वीरे भविष्य की

हॉन्टेड कैमरा - अंतिम इच्छा

राहुल और निशा की कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी ।दोनो पटनीटॉप हनीमून पर आए थे। पटनीटॉप में प्रकृति की सुंदरता देखते ही बनती हैं।हर तरफ ऊंचे पहाड़ ,लंबे लंबे पेड़ ,हरा भरा वातावरण।कोई भी इन्हे देखकर मंत्र मुग्ध हो जाए।दोनो नथाटोप की पहाड़ियों पर घूम रहे थे।

"कैसी लग रही हूं मैं"...निशा ने पूछा

"बहुत खूबसूरत....."राहुल ने मोबाइल से निशा की फोटो लेते हुए कहा।

"सच कह रहे हो या मुझे खुश करने के लिए कह रहे हो"...निशा ने पूछा।

"बिल्कुल सच" .....राहुल ने गले को हाथ लगाते हुए कहा
तभी निशा का ध्यान झाड़ियों में पड़े कैमरे कि ओर गया।

"ये क्या है"...निशा ने झाड़ियों की ओर इशारा किया।

राहुल ने पास आकर देखा वो एक नामी ब्रांड का लेटेस्ट कैमरा था।

"ये किसका रह गया।यहां तो बहुत देर से हमारे सिवा कोई नहीं है"...राहुल ने कहा और चारो ओर नज़र दौड़ाई

दूर दूर तक कोई नहीं था।वो जगह मुख्य सड़क से दूर थी। वहां इक्का दुक्का पर्यटक ही पहुंचते थे।
राहुल कैमरे को उठाने लगा।

"रुको,ऐसे लावारिस वस्तु को हाथ लगाना ठीक नहीं"...निशा ने टोका।

"किसी टूरिस्ट का रह गया होगा।देखते है इसमें कोई फोटो होगी तो इसके मालिक का पता चल जाएगा"..राहुल ने कहते हुए कैमरा उठा लिया।
राहुल ने कैमरा चेक किया।

उसमे कोई फोटो नहीं थी।

"निशा सामने उस पेड़ के आगे खड़ी हो जाओ। तुम्हारी फोटो खीच के देखता हूं,काम भी करता है या नहीं।"

राहुल ने निशा का फोटो लिया।फोटो बहुत अच्छा आया था।

"कसम से बहुत सुंदर लग रही हो"...राहुल बोला
"राहुल,मेरे मन में एक सवाल आया है कि तुम आज से 20 साल बाद भी मुझे ऐसे ही प्यार करोगे"...निशा ने पूछा
"हां क्यों नहीं... मैं हमेशा ऐसे ही तुम्हे प्यार करूंगा"..राहुल ने जवाब दिया
"मुझे विश्वास नहीं"
"काश, मैं तुम्हें 20साल आगे ले जा सकता और दिखाता की मै 20साल बाद भी तुम्हे इतना ही चाहता हूं"....कहते हुए राहुल ने कैमरा एक पेड़ पर एडजस्ट किया और ऑटोमैटिक फोटो के लिए उसका टाइमर सेट कर दिया।दोनो कैमरे के सामने पोज बनाकर खड़े हो गए।

कैमरे के क्लिक करते ही मौसम एकदम से खराब हो गया।जबरदस्त आंधी - तूफ़ान आ गया।वो अंदाजे से कैमरे तक पहुंचे और कैमरा उठा लिया।तूफ़ान बहुत तेज हो चुका था।हाथ को हाथ भी दिखाई नहीं दे रहा था।

बहुत देर बाद जब तूफ़ान रुका तो वो दोनो एक मकान में थे।अजीब सा मकान था जिसमें कोई खिड़की दरवाज़ा नहीं था।ना ही कोई रोशनदान था।

निशा राहुल को देखकर हसने लग गई और बोली..."राहुल तुम्हारी कनपटियो के बाल सफ़ेद हो गए और तुम्हारी तोंद भी निकल आयी है,ऐसे लगता है जैसे मिनटों में ही 25साल से 45साल के हो गए हो।"

राहुल ने गौर से निशा को देखा और बोला..."फर्क तो तुम में भी आ गया है ...तुम भी थोड़ी मो..मेरा मतलब हेल्दी लग रही हो और उम्र भी थोड़ी ज्यादा लग रही है।"

"पर हम कहां आ गए हैं?ये जगह कितनी अजीब है।यहां हवा आने का कोई साधन नहीं है।हम बाहर कैसे निकलेंगे?"...निशा के स्वर में घबराहट थी।

अब राहुल ने ध्यान से चारो और देखा तो वो भी घबरा गया.."हम ..हम तो नाथाटॉप पर फोटो ले रहे थे...और वो कैमरा...वो कैमरा कहा गया?"

दोनो ने आस पास नज़र दौड़ाई।कमरे के एक कोने में वो कैमरा भी पड़ा था।राहुल ने चेक किया,कैमरे में कोई फोटो नहीं थी।

"ये सब क्या है राहुल,इस बंद कमरे में मेरा दम घुट रहा है।मुझे यहां से बाहर निकालो...निशा घबराई हुई थी।"

राहुल गहरी सोच में था। दोनो ने चारो दीवारों को खटखटाया।जोर लगाकर खिसकाने की कोशिश की पर कुछ नहीं हुआ।दोनो जोर जोर से मदद के लिए चिल्लाने लगे।पर कोई फ़ायदा नहीं हुआ।
दोनो बुरी तरह डर गए थे।निशा सूखे पत्ते की तरह कांप रही थी।

"अब हमारा क्या होगा ,राहुल।क्या हम यही घुट घुट कर मर जाएंगे"...निशा ने रोते हुए पूछा?

"नहीं"...राहुल बोला और कुछ सोचने लगा।

"निशा,याद करो तूफान आने से पहले मैं तुम्हे कह रहा था कि- काश! मै तुम्हे 20साल आगे ले जा सकता और फिर हमने ये फोटो क्लिक की और उसके साथ ही हम 20 साल आगे आ गए है।"

"पर,मुझे यहां नहीं रहना"...निशा बोली

तभी कमरे मै मधुर संगीत बजा।दोनो के चेहरे पर खुशी की चमक आ गई।दोनो एक साथ बोले..."कोई है तो अन्दर आओ।"

दीवार में अपने आप जगह बन गई और
एक 15-16साल का लड़का अंदर आया और बोला.."ममा पापा जल्दी तैयार हो जाओ।मेरे कॉलेज का फंक्शन है।कॉलेज के हेड बॉय विशु के मम्मी पापा लेट आएंगे तो सब मुझे ताना मारेंगे।"

निशा और राहुल ने एक दूसरे को हैरानी से देखा।

"पर बेटा हमारे कपड़े कहां है?"...राहुल ने पूछा। उसे अब कुछ कुछ समझ आ रहा था कि क्या हो रहा है
"ओह पापा ...आप गैजेट्स यूज करना कब सीखेंगे।आपकी घड़ी कहां है?"विशु ने पूछा
राहुल और निशा हैरानी से कभी एक दूसरे को और कभी लड़के को देख रहे थे।
"ये लो"...राहुल ने हवा में कुछ बटन दबाने जैसा किया।उनके हाथ में घड़ियां थीं।"इनका सेंट्रल कंट्रोल मेरे पास है।उसने अपनी घड़ी का कोई बटन दबाया और निशा के कपड़े चेंज हो गए।अब वो ब्लू गाऊन में थी।उसने फिर बटन दबाया...अब वो रेड साड़ी में थी।उसने फिर बटन दबाया..अब वो पिंक स्कर्ट टॉप में थी।"
"ये ठीक है"..विशु बोला।
फिर ऐसे ही उसने राहुल की 2-3ड्रेस चेंज की।
"ठीक है,अब आप लोग सोफे पर बैठो।"विशु के बटन दबाते ही तीनों एक ऑडिटोरियम में थे।जहां कॉलेज का फंक्शन चल रहा था।
"ये सब क्या हो रहा है राहुल?"...निशा ने राहुल के कान में फुसफुसाया।
"हम अपने समय से 20 साल आगे आ गए है।भविष्य की सैर का मज़ा लो।"
"पर मुझे डर लग रहा है"...निशा बोली
"कुछ नहीं होता, मै हूं न..राहुल ने तसल्ली दी।
फंक्शन ख़त्म होते ही तीनो "....बटन दबाते ही वापिस उस कमरे में थे।

"बेटा, भूख लगी है"..निशा ने कहा
विशु ने कुछ बटन दबाए और कमरे में एक डिनिंग टेबल आ गया।उसपर प्लेट्स में तरह तरह के कैप्सूल्स रखे थे।
"लीजिए डिनर कीजिए"...कहकर राहुल ने कुछ कैप्सूल उठाए और मुंह में डाल लिए।
विशु को देखकर निशा ने भी कुछ कैप्सूल उठाए और पूछा... "पानी कहां है?"
"मम्मा पानी अभी पिछले माह ही आया था।अब अगले महीने आएगा।ऐसे ही कैप्सूल खा लो ये अपने आप मुंह में घुल जाएंगे"...विशु ने जवाब दिया।
हैरान होते हुए निशा ने कैप्सूल उठाए।
"पापा, आप ने कुछ नहीं खाना।याद है ना कल मैंने आपके हार्ट की बायपास सर्जरी करनी है"..विशु ने बताया
"तुम मेरी सर्जरी करोगे"...राहुल ने हैरानी से पूछा?

"हां पापा,मैंने हार्ट सर्जरी का कोर्स डाउनलोड कर लिया है।कल अपने ब्रेन में इंस्टॉल करके आपकी सर्जरी कर दूंगा।"
सुनते ही निशा के गले में कैप्सूल अटक गए और वो खांसने लगी।
"आराम से मम्मा,पानी नहीं है घर में"...विशु ने निशा की पीठ को थपथपाया।
बेटा,हम दोनों थोड़ी देर घर के बाहर घूम कर आते है...निशा बोली
"बाहर तो आप जा ही नहीं सकते....बाहर अल्ट्रावॉयलेट किरणे है...जो आपकी स्किन को झुलसा देगी। इसी लिए तो घर में खिड़की,दरवाज़ा,रोशनदान कुछ नहीं है।"
तो क्या हम बाहर नहीं जा सकते।
अगर आप लोगो ने समय रहते पर्यावरण को बचाया होता तो आज आपको इतनी परेशानी नहीं उठानी पड़ती।आज हमारी पीढ़ी के पास पीने का पानी नहीं है।सालो पहले इतनी ग्लोबल वार्मिंग हुई कि उसकी वजह से पृथ्वी कि सुरक्षा परत समाप्त हो गई।अब हम घर के बाहर नहीं जा सकते क्योंकि सूर्य की हानिकारक किरणे सीधा पृथ्वी पर पड़ती हैं जिस से स्किन झुलस जाती है।जीव जंतु की अधिकतर प्रजातियां समाप्त हो चुकी हैं।मुझे हैरानी है आज से 20-30साल पहले के लोग प्रकृति के प्रति कितने लापरवाह थे।
,"तो क्या अब लोग घर के बाहर जा ही नहीं सकते"...निशा के स्वर में हैरानी भी थी और शर्मिंदगी भी
"बहुत जरूरी होने पर जा सकते है...पिंक बटन दबाकर पहले सुरक्षा आवरण चालू कर ले।उसके बाद ही जाए।"
"बेटा, मैं सोच रहा हूं, हम दोनों पटनीटॉप घूम आए।फिर आकर सर्जरी करा लूंगा"..राहुल धीरे से बोला।राहुल संभावित आप्रेशन से घबरा रहा था।
निशा के चेहरे पे मुस्कान आ गई और बोली.."नहीं पहले आप ऑपरेशन करा लो।फिर घूमने चलेंगे।"
"नहीं...पहले हमें पटनीटॉप भेज दे। मैं पहले हिलस्टेशन घूमना चाहता हूं"...राहुल ने निशा को घूरते हुए कहा।
"अगर हिल स्टेशन का मज़ा लेना है तो मै आपको दुबई के स्नो वर्ल्ड में भेज देता हूं"..विशु बोला।
"ना हमे पटनीटॉप जाना है"..इस बार निशा बोली।
"ठीक है।वापस आने के लिए अपनी घड़ी का ग्रीन बटन दबा देना।"

ये कहकर उसने बटन दबाया और वो दोनो एक अजीब सी जगह पर थे।ये पहाड़ पटनीटॉप वाले ही थे पर वहां कोई पेड़ नहीं थे।चारो ओर केवल पत्थर ही पत्थर थे।कोई पेड़ पोधा नहीं था। कहां हरा भारी वादियों वाला खूबसूरत पटनीटॉप और कहां ये बदसूरत काले पहाड़।

"अरे हम पटनीटॉप तो आ गए...पर ये 20साल बाद का पटनीटॉप है।हमे अपने टाइम पर वापिस जाना है"...निशा बोली
वो काम तो वो कैमरा ही कर सकता है और वो 2040 वाले मकान में है।ग्रीन बटन दबाओ और घर चलो।
दोनो बटन दबाकर वापस आ गए।

राहुल ने लपककर कैमरा उठाया और उसका टाइमर ऑटोमैटिक क्लिक के लिए सेट किया और बोला.."हमे वापिस 20साल पीछे अपने समय में जाना है, जहां हम फोटो खीच रहे थे।"

तेज़ तूफान आया और दोनो वापिस नाथा टॉप की उसी पहाड़ी पर थे।

दोनो ने राहत की सांस ली।राहुल ने कैमरे को उसी झाड़ी में रख दिया,जहां से उठाया था।

वो अपनी कार की ओर बढ़े....पर उनके कदम जहा थे वह रुक गए।वो आगे नहीं बढ़ पा रहे थे।
बिजली चमकने लगी और एक भारी आवाज़ गूंजी
"मैंने तुम्हारी इच्छा पूरी की अब तुम्हें मेरी इच्छा पूरी करनी होगी"

दोनो ने चारो और देखा.... वहां कोई नहीं था....आवाज़ कैमरे से आ रही थी।

दोनो ने कैमरे की ओर देखा।तभी ज़ोर से बिजली कड़की।निशा ने घबराकर जोर से राहुल का हाथ पकड़ लिया।

"क..कौन हो तुम। क्या चाहते हो हमसे?" राहुल ने लड़खड़ाती आवाज़ में पूछा।

"तुम्हे मेरे कातिलों को सजा दिलवानी होगी"....भारी आवाज़ में कहा गया।

"तुम हो कौन?किसने तुम्हारा क़त्ल किया?"...राहुल ने पूछा

"मैं एक फैशन फोटोग्राफर था। मैं अपनी नई मॉडल मानवी के साथ इसी जगह फोटो शूट कर रहा था।मशहूर मॉडल निकिता को मानवी की बढ़ती सफलता से जलन होने लगी। निकिता ने अपने गुंडे भेजकर हमारी हत्या करवा दी।हमे मारने से पहले उन गुंडों ने हमे सारी बात बताई थी।जो मेरे कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी।उन्होंने हमारी लाशे खाई में फेक दी।किसी को पता नहीं चला कि हमारी हत्या हो गई है।मेरा कैमरा झाड़ियों में गिर गया था जिसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। मरने के बाद भी मुझे मुक्ति नहीं मिली मैं इसी कैमरे में कैद होकर रह गया".....भारी आवाज़ में जवाब मिला।
"पर ये कैमरा तो खाली है"...राहुल बोला

"इस कैमरे का पासवर्ड मै तुम्हे बताता हूं।उस से सारे वीडियो और फोटो देख पाओगे।पुलिस की मदद से हमारी लाशे ढूंढ कर उनका अंतिम संस्कार कर देना।जिस से हमे मुक्ति मिल जाएगी"...भारी आवाज़ ने कहा

राहुल और निशा ने पासवर्ड लगाकर पूरा वीडियो देखा ।उन्होंने वो वीडियो पुलिस को दिखाया।पुलिस ने वीडियो के आधार पर गुंडों और निकिता को गिरफ्तार कर लिया।गुंडों की बताई हुई जगह से उन दोनों की लाशे भी मिल गई।राहुल ने अपने हाथ से दोनो का अंतिम संस्कार किया और उसी अग्नि में कैमरा भी जला दिया।इस तरह उसने कैमरे में कैद रूह की अंतिम इच्छा पूरी की।

वापसी में निशा और राहुल दोनो ही शांत थे।
"अब वापिस जाकर क्या करना है?"निशा ने बातचीत शुरू करने के लिए पूछा

"अपने शहर पहुंचते ही जल संरक्षण और प्रकृति संरक्षण की मुहिम शुरू करनी है।लोगो को पर्यावरण और जल का महत्व समझाना है।अगर आज हम जल बचाएंगे तभी कल हमारी आने वाली पीढ़ियां जल का उपयोग कर पाएंगी। आज हम पेड़ लगाएंगे तभी हमे और हमारी अगली पीढ़ियों को पेड़ की शीतल छांव मिलेगी।"
राहुल ने कहा
"मै भी तुम्हारा पूरा साथ दूंगी। मै अपनी ज़िन्दगी बंद चारदीवारी में प्यासे रहकर नहीं बिताना चाहती।".....निशा ने अपनी सहमति दी।
"वैसे एक बात अच्छी है आने वाले समय में"....राहुल बोला
"क्या"...निशा ने उत्सुकता से पूछा
लेडीज को तैयार होने में बिल्कुल समय नहीं लगता....राहुल ने चुटकी ली।
दोनो खिलखिलाकर हंस दिए।

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लेखक - मनीष सिडाना


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