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कहानियां भूत-प्रेतों वाली - 6 - कुलधरा का रहस्य - एक श्राप

कुलधरा का रहस्य - एक श्राप

कुलधरा राजस्थान में जैसलमेर जिले में एक अभिशप्त गांव है। बरसों पहले रहस्यमय ढंग से उस गांव की सारी आबादी समाप्त हो गई थी । उस गांव में पानी की बहुत कमी है। अब इस गांव में कोई नहीं रहता। गांव के बीचोबीच एक माता का पुराना मंदिर है और उसके चारों और खंडहर हो चुके मकान है। कहते हैं इस गांव में भूत प्रेतों का वास है। पर राजस्थान की नई सरकार ने इसे फिर से बसाने का मन बनाया । इसलिए यहां बहुत बड़ा कैक्टस गार्डन बनाया गया जहां देश-विदेश की कैक्टस की हजारों दुर्लभ प्रजातियां उपलब्ध है। जिसे देखने और उन पर रिसर्च करने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं। पर शाम होने के बाद यहां कोई नहीं रुकता।

वंश राहुल और अंकुर आज कालागढ़ के
जुरासिक कैक्टस गार्डन में रिसर्च करने के लिए आए। शाम होने वाली थी ।
गाइड ने उन्हें कहा.... सर अब आप लोग वापस चले जाए। बाकी काम कल करेंगे।
अभी तो अंधेरा होने में समय है... अंकुर ने कहा नहीं सर, गार्डन बंद होने का समय हो गया है... गाइड ने कहा
तीनों गार्डन से बाहर आ गए। बाकी सभी सैलानी जा चुके थे। गांव में अजीब सा सन्नाटा था। दूर-दूर तक फैले खंडार बहुत रहस्यमय लग रहे थे।
अभी अंधेरा होने में देर है। गांव का एक चक्कर लगाकर आते हैं.... वंश ने कहा
नहीं ,यहां रुकना ठीक नहीं... राहुल बोला
अरे बस आधे घंटे में चलते हैं...वंश ने जवाब दिया आकाश ने सहमति में सिर हिलाया।
चलो ,आधे घंटे से 1 मिनट भी ज्यादा नहीं रुकेंगे ... राहुल ने चलते हुए कहा

तीनों गांव की गलियों में घूमने लगे। दोपहर ढल चुकी थी, अब मौसम ठंडा होने लगा था। घूमते हुए वह गांव के बीचोंबीच स्थित मंदिर में पहुंचे। वह एक पुराना मंदिर था। जिसमें माता की मूर्ति स्थापित थी। पूरे गांव में वही एक इमारत थी जो अभी भी ठीक थी। राहुल ने पूरी आस्था के साथ मंदिर में माता को प्रणाम किया। वंश और अंकुर मंदिर के बाहर खड़े थे।
भूकंप आने से पूरा गांव रातों-रात खंडहर हो गया था, पर हैरानी की बात है कि यह मंदिर सही सलामत है.... वंश ने कहा
मंदिरों में दिव्य शक्ति होती है जिसकी वजह से वह ऐसी आपदा में सुरक्षित बच जाते हैं... राहुल ने कहा
ये लो ,राहुल बाबा जी का प्रवचन शुरू हो गया... अंकुर हंसा
प्लीज राहुल ,अब यहां आस्था चैनल मत शुरू करना ... वंश ने हंसते हुए कहा
अच्छा, अब वापस चलो। आधे घंटे से ज्यादा समय हो गया है.... राहुल बोला
इस गांव में सीढ़ियों वाला एक सूखा कुंआ है। वह देख ले। फिर चलते हैं। यही पास में ही है। कई गलियों में भटकने के बाद में वह विशाल कुंआ दिखाई दिया। जिसमें नीचे जाने के लिए ऊंची ऊंची सीढ़ी थी।
चल, नीचे देख कर आते हैं... वंश बोला
अंधेरा होने वाला है। मैं जा रहा हूं.... राहुल ने कहा

अच्छा, चल तुझे नाराज भी नहीं कर सकते अगर तू नाराज हो गया तो अगले महीने मेरी बारात में डांस कौन करेगा अंकुर ने जवाब दिया।

तीनों मुस्कुराए और गाड़ी की ओर चल दिए। गाड़ी के पास आए तो गाड़ी के पिछले दोनों पहिया पंचर थे ।गाड़ी चलाना असंभव था।

कुछ बुरा होने वाला है... राहुल बोला ...अभी हम गए थे तब तो यह पंक्चर नहीं था

किसी की शरारत लगती है। अब हमें रात इसी गांव में बितानी पड़ेगी क्योंकि इस समय तो यहां इसे कोई ठीक करने आएगा नहीं।
.......अंकुर बोला

पागल हो गए हो यह गांव हॉन्टेड है। मुझे अभी मरना नहीं है ...वंश ने कहा
हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है अंधेरा होना शुरू हो गया है। गाड़ी में से खाने का सामान और पानी निकाल लो और मंदिर में चलो।

मंदिर पहुंचने तक अंधेरा होना शुरु हो गया था तीनों ने खाना खाया ।
मुझे यह मंदिर बहुत खास लग रहा है। जब यहां रुक ही रहे हैं, तो मैं कुछ घंटे यहां ध्यान लगाऊंगा। तुम लोग सो जाना और हां कुछ भी हो रात के समय मंदिर से बाहर मत जाना। केवल इस मंदिर में ही हम सुरक्षित है......राहुल ने कहा
हां - हां ठीक है। हम लोग थक गए हैं।हम सोने जा रहे हैं। तुम भी जल्दी सो जाना। सुबह बहुत काम है। वंश बोला
वो दोनो वहीं सो गए।
राहुल माता रानी की मूर्ति के समक्ष पालथी मारकर ध्यान में बैठ गया।

रात के 1:00 बजे थे। मौसम ठंडा हो चुका। था वंश ने आंख खोल कर देखा। अंकुर भी ठंड से कांप रहा है। उसने उसे हिलाया और मुंह पर हाथ रख कर चुप रहने का इशारा किया क्योंकि राहुल अभी भी ध्यान में बैठा था।

राहुल बहुत धार्मिक और योग विद्या में निपुण था वह जानते थे कि वह पूरी रात भी ध्यान में बैठा रह सकता है। उसके ध्यान में विघ्न ना पड़े इसलिए वो दबे पांव बाहर आ गए। बाहर आकर वंश ने दो सिगरेट जलाएं।
सिगरेट पीते हुए अंकुर बोला.... अब ठीक लग रहा है ।मौसम कितना ठंडा हो गया है ।
हां यार ।पर साथ में 1-1 घूंट लगा ले तो रात आराम से कट जाएगी। चलो गाड़ी में चल कर लेते हैं
वंश पर मंदिर में पीकर जाना ठीक रहेगा?... अंकुर ने पूछा
अरे यार कुछ नहीं होता नहीं पिएंगे तो ठंड से मर जाएंगे चल गाड़ी में चलते हैं
अंकुर ने विरोध किया पर वंश नहीं माना । दोनो गाड़ी की तरफ चल दिए। गांव में चारों ओर अंधेरा था। वो थोड़ा सा आगे चले तो उन्हें ऐसा लगा जैसे कई जोड़ी आंखे उन्हे घूर रही है। वंश के पैर के नीचे सूखे पत्ते आए तो उसकी चर मरहट भी ऐसे गूंजी, जैसे कोई बम फटा हो। तभी उनके सिर के पास से कोई चमगादड़ पंक फड़फड़ाता हुआ निकला। दोनों ने सर झुका कर अपने आप को बचाया ।
वंश, यार डर लग रहा है वापिस चलते हैं.... अंकुर बोला
किससे डर लग रहा है। इस गांव में कोई नहीं है। अगर कोई भूत प्रेत आया तो एक पेग उसे भी पिला देंगे। फिर वह अपना भाई बन जाएगा.... कहकर वंश हंसा
यार, तू भी कमाल है। ऐसी भयानक जगह पर भी कॉमेडी कर रहा है। कर में से उन्होंने बोतल और चिप्स निकले। कार की छत पर गिलास रखकर पेग बनाए। बातें करते करते नजर बचाकर अंकुर ने अपना गिलास जमीन पर उड़ेल दिया। वंश ने दो पेग लिए और गाड़ी बंद करके वापिस चल दिए।

ऐसे ही कहानियां बना रखी है। हमें तो कोई भूत प्रेत नजर नहीं आया....वंश बोला

चुप रह.....अंकुर कानों को हाथ लगाता बोला।
अंकुर को ऐसा लग रहा था जैसे कई लोग उनके साथ चल रहे हों।

वो तेज़ी से मंदिर के नजदीक पहुंचे तो गली से कुत्ते के रोने की आवाज़ अाई।उस सन्नाटे में वो आवाज़ बड़ी भयानक लग रही थी।
वंश ने पत्थर उठाकर कुत्ते को मारा ,वो और जोर से रोने लगा।
छोड़ न वंश,अंदर चलते है
तू मंदिर में अंदर जा। मैं इसे भगाकर आता हूं।वरना ये रो रोकर पूरी रात काली कर देगा।
अंकुर ने हाथ में पकड़ी पानी की बोतल से मुंह- हाथ धोए और मंदिर के अंदर जाकर सो गया।

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राहुल घंटो से ध्यान में बैठा था।उसने देखा माता के मंदिर में उत्सव चल रहा है। उसने ध्यान से देखा यह माता की मूर्ति कुछ अलग थी। इस मूर्ति ने बड़े-बड़े आभूषण पहने हुए थे ।गले में 7 लड़िओ वाला सोने का हार था। माथे पर दिव्य मुकुट था। कर्णफूलों की चमक आंखों को चौंधियां रही थी।

मंदिर में उत्सव चल रहा था। पुरुष और स्त्रियां भजन पर नृत्य कर रहे थे। वेशभूषा से लगता था कि यह दृश्य बहुत पुराना है।

तभी एक आदमी दौड़ता हुआ आया। वह काफी घबराया हुआ था । उसने इशारे से सबको चुप होने को कहा। संगीत और नृत्य बंद हो गया।
क्या हुआ कालू .....पुजारी ने पूछा
पूर्व दिशा से अंग्रेजों की एक सेना हमारे गांव की ओर आ रही है ।
यह सुनकर सब सुन्न हो गए ।
तभी एक युवती आगे आई और बोली....सावधान! सभी पुरुष अपने हथियार संभाले और गांव की सीमा पर स्थित दीवार पर पहुंचे। और महिलाएं और बच्चों को गांव की भीतरी भाग पर पहुंचा दिया जाए। हम स्वयं पूर्व दिशा पर गांव के दरवाजे पर उपस्थित रहेंगे। देखते हैं ,अंग्रेजों की क्या मंशा है ।

ठीक है, वैशाली देवी ,आप हमारी मुखिया है जैसा आप कहेंगे हम वैसा ही करें करेंगे .... पुजारी बोला

अंग्रेजों ने गांव को चारों ओर से घेर लिया था। वह हजारों की संख्या में थे। गांव वाले उनसे मुकाबला नहीं कर सकते थे। अंग्रेजों के तीन लोगों को बातचीत के लिए बुलाया गया।
हमको माता की मूर्ति और गहने मांगता है.... अंग्रेज अफसर ने कहा उसकी आंखों में लालच और चेहरे पर धूर्तता थी।
यह सुनकर गांव के युवक गुस्से में खड़े हो गए और अंग्रेज की तरफ लपके।
वैशाली ने इशारे से उन्हें रोक दिया।
यह संभव नहीं है अगर हमने मां को आपको दे दिया तो माता रानी का कोप इस गांव को तबाह कर देगा ।
और... अगर नहीं दिया तो हम पूरे गांव को जला देगा और मूर्ति और ज्वेलरी लूट कर ले जाएगा।

वैशाली ने कुछ देर सोचा फिर बोली आप हमको कल प्रातः तक का समय दीजिए ।मैं गांव वालों को समझा कर माता के आभूषण आपको दे दूंगी।

हमको ज्वेलरी और मूर्ति दोनों मांगता है। वह मूर्ति हजारों साल पुराना है और बहुत कीमती है। अंग्रेज बोला हमने गांव को चारों ओर से घेर लिया है। तुम्हारे पास सुबह तक का समय है ।अगर हमारी बात नहीं मानी तो हम सुबह होते ही पूरे गांव को जला देगा।

अंग्रेजों के जाने के बाद सब गांव वालों ने विचार किया कि अंग्रेजो की शक्ति बहुत अधिक है और उनसे मुकाबला नहीं किया जा सकता और निश्चित रूप से हमें हराकर मंदिर को लूट लेंगे ।हमें प्राण देने का कोई भी नहीं , परंतु हम प्राण जाने के बाद भी माता का अपमान नहीं होने देंगे।

रात में ही दूसरी मूर्ति बनाकर उस मंदिर में स्थापित कर दी गई और माता की असली मूर्ति और आभूषण वैशाली देवी ने किसी गुप्त स्थान पर छुपा दिए ।

सुबह होने से पहले उसने सारे गांव वालों को एकत्रित करके कहा.... मेरे प्यारे गांव वालों हम प्राण दे देंगे पर माता रानी की मूर्ति अंग्रेजों को छूने भी नहीं देंगे। अगर हमारे प्राण चले भी गए तो हमारी आत्माएं तब तक तब तक इस मूर्ति की सुरक्षा करेंगे, जब तक कोई पुण्य आत्मा सुरक्षित वातावरण में इस मूर्ति को मंदिर में पुनर्स्थापित नहीं कर देती। तब तक यह गांव भी बंजर और खंडहर रहेगा ।यहां कोई नहीं बस पाएगा ।सुबह होते ही अंग्रेजों का संहार कर देंगे।

परंतु सुबह होने से पहले ही माता रानी के क्रोध से एक भयानक भूकंप आया। जिसमें गांव वाले और अंग्रेज सभी मारे गए। पूरा गांव खंडहर हो गया फिर कभी वहां कोई इंसान नहीं बस पाया। गांव वालों के साथ ही माता की मूर्ति का राज भी दफन हो गया।


माता रानी आप कहां हैं.... राहुल बोला
तभी उसको सुनाई दिया.... राहुल इस मंदिर में मेरी मूर्ति की पुनर्स्थापना तुमने ही करनी है सूखे कुएं में 21 वी सीढ़ी को उसकी जगह से उखाड़ लोगे तो दीवार अपने आप खुल जाएगी जहां तुम्हें मेरी मूर्ति मिलेगी उसे लाकर इस मंदिर में स्थापित कर दो ।

राहुल ने आंखें खोली। घड़ी पर निगाह डाली 4:00 बजे थे। सुबह होने वाली थी उसने अंकुर को उठाया और सारी बात बताई और पूछा वंश कहां है? वंश को ना देखकर अंकुर भी हैरान हुआ।

सुबह हो जाए तभी मंदिर से बाहर चलेंगे... राहुल ने कहा
सुबह होते ही माता रानी को प्रणाम कर दोनों बाहर निकले। वंश कहीं नहीं था उन्होंने सब जगह वंश को ढूंढा ।सब गलियों में आवाज दी ।पर वंश कहीं नहीं मिला। भारी मन से दोनों कुएं में पहुंचे ।पूरी ताकत लगाकर उन दोनों ने 21वीं सीढ़ी को हिला दिया तो साथ वाली दीवार में घर र घर र की आवाज के साथ जगह बन गई। अंदर से दिव्य प्रकाश की किरणें बाहर आ रही थी ।माता रानी की मूर्ति और आभूषण निकालकर उन्होंने मंदिर में पूरी श्रद्धा के साथ स्थापित कर दी। तभी बादल गरजे और तेज बारिश होने लगी। वर्षों बाद उस मरुस्थल में ऐसी बारिश हुई थी। कुलधरा का श्राप समाप्त हो गया था।सभी भटकती आत्माओं को भी मुक्ति मिल गई।
अब कुलधारा का श्राप समाप्त हो गया था।जल्द ही कुलधारा में जीवन खिल उठेगा।

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कृपया कहानी पढ़ने के बाद रेटिंग दे और उचित समीक्षा से मेरा मार्गदर्शन करे।

प्रस्तुति
मनीष सिडाना

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