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Rewind ज़िंदगी - उपन्यास
Anil Patel_Bunny
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
नवलकथा के बारे में: दुनिया का सबसे अटल सत्य ये है कि, होनी को कोई नहीं टाल सकता। कभी कभी हम सभी को लगता है कि, काश हम अपना पुराना वक़्त बदल पाते। काश कुछ लम्हे हम उनके साथ बिता पाते जिनके साथ हम बिताना चाहते थे। काश अपनी की हुई गलती हम सुधार पाते। हम सभी चाहते है कि, काश ज़िंदगी में भी कोई Rewind बटन होता तो जब चाहे तब अपने हसीन पल को दोहरा लेते और पुरानी भूलो को सुधार भी लेते। गुजरे हुए लोगों से मिल भी लेते। ज़िंदगी पर बस अपना ही कंट्रोल होता तो
नवलकथा के बारे में: दुनिया का सबसे अटल सत्य ये है कि, होनी को कोई नहीं टाल सकता। कभी कभी हम सभी को लगता है कि, काश हम अपना पुराना वक़्त बदल पाते। काश कुछ लम्हे हम उनके साथ ...और पढ़ेपाते जिनके साथ हम बिताना चाहते थे। काश अपनी की हुई गलती हम सुधार पाते। हम सभी चाहते है कि, काश ज़िंदगी में भी कोई Rewind बटन होता तो जब चाहे तब अपने हसीन पल को दोहरा लेते और पुरानी भूलो को सुधार भी लेते। गुजरे हुए लोगों से मिल भी लेते। ज़िंदगी पर बस अपना ही कंट्रोल होता तो
Chapter-1.1: कीर्ति का परिचय दील्ली, यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारंभ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ ...और पढ़ेहरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले है। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहां कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता है। 1639 में मुगल बादशाह शाहजहां ने दिल्ली में ही
Chapter-1.2: कीर्ति का परिचयContinues from the previous chapter… अमिष जी और कुमुद जी को ये बात गले उतर गई, और उन्होंने अपने बेटों और दूसरे लोगों से भी सलाह-मशवरा किया। अंतिम फैसला सबका यही ...और पढ़ेकि कीर्ति के उज्ज्वल भविष्य के लिए उसे दूसरे शहर भेजना होगा और उसके अंदर जो संगीत की कला है उसको भी आगे चल के बढ़ाया जाए, इसी के चलते कीर्ति को भोपाल भेजने का फैसला लिया गया। भोपाल में अमिष जी के कई रिश्तेदार थे और उनका टेक्सटाइल का व्यापार भी वहां पर फैला हुआ था। “मुझे कहीं नहीं जाना है।” कीर्ति
Chapter-1.3: कीर्ति का परिचयContinues from the previous chapter… कुछ महीनों की मेहनत और थोड़े दिनों का इंतज़ार रंग लाया, अखबार में विज्ञापन दी गई थी, पार्श्व गायक और पार्श्व गायिका की जरूरत है। एक ...और पढ़ेसा ऑडिशन देना पड़ेगा और उसमें अगर पास हो जाए तो किसी टीवी सीरियल या फिर फ़िल्म में गाने का मौका मिलेगा। कीर्ति ने तुरंत अपनी आवाज़ रेकॉर्ड कर के खत के साथ उस पते पर एप्लीकेशन भेज दी। उसके कुछ दिन बाद ही कीर्ति के दिये गए लैंडलाईन नंबर पर कॉल आया। “हैल्लो!” सामने से एक खूबसूरत सी आवाज़ आई।
Chapter-1.4: कीर्ति का परिचयContinues from the previous chapter… “हां तो बोलिए आप दोनों को क्या तकलीफ़ है?” रमेश जी ने अपने ऑफिस में दोनों से पूछा। “मेरी जो प्रॉब्लम है ...और पढ़ेमैंने आपसे बोल दी है, अगर आपको विस्तृत में जानना है तो मैं इस शख़्स के सामने कुछ भी बोलना पसंद नहीं करूंगी।” कीर्ति ने कहा। “आपको इनसे क्या प्रॉब्लम है?” रमेश जी ने पूछा। “मुझे किसी से कोई प्रॉब्लम नहीं है, पर मैं अपनी परिवार की बातें ऐसे शख़्स के सामने नहीं बोल सकती जो किसी की इज्ज़त करना ना जानता हो, और खासतौर