Aashiqi - An Un Told Love Story book and story is written by zeba Praveen in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aashiqi - An Un Told Love Story is also popular in नाटक in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
Aashiqi - An Un Told Love Story - उपन्यास
zeba Praveen
द्वारा
हिंदी नाटक
कहानी के मुख्यपात्र आरुषि रॉय दीवांक शर्मा आरुषि की फॅमिली माँ पापा दो बहनें दीवांक की फॅमिली माँ पापा एक बहन आरुषि के दोस्त - सौम्या और रोहित असिस्टेंट - रिया ड्राइवर - मोहन (काका) दीवांक के दोस्त - मयंक, नंदू , रेहान और जसलीन सारांश आरुषि - आरुषि कोलकाता की एक मिडेल क्लास फैमिली से हैं, आरुषि के पापा अपने ज़माने में बहुत
कहानी के मुख्यपात्र आरुषि रॉय दीवांक शर्मा आरुषि की फॅमिली माँ पापा दो बहनें दीवांक की फॅमिली माँ पापा एक बहन आरुषि के दोस्त - सौम्या और रोहित असिस्टेंट - रिया ड्राइवर - मोहन (काका) दीवांक के ...और पढ़े- मयंक, नंदू , रेहान और जसलीन सारांश आरुषि - आरुषि कोलकाता की एक मिडेल क्लास फैमिली से हैं, आरुषि के पापा अपने ज़माने में बहुत
Chapter 3 अगले दिन आरुषि लंच टाइम में अपने स्कूल के गार्डन में बैठी होती हैं, वही पर सौम्या आती हैं) सौम्या "यार आरुषि तू यहाँ बैठी हैं, नीतू ने बताया था तू क्लास रूम में हैं मैं ...और पढ़ेवहां देख कर आ रही हूँ, कमीनी कितनी झूठी हैं.....उसको तो मैं छोडूंगी नहीं" आरुषि "अरे…. मैं क्लास रूम में ही थी, अभी थोड़ी देर पहले आयी हूँ......बैठ जा तू भी" सौम्या "अच्छा....आज तो बच गयी नीतू की बच्ची .....सुन ना, अभी ना टीचर्स रूम में ना अंजली के साथ एक कांड हो गया हैं, सुनेगी ना तो तुझे भी बड़ी
Chapter 5 रात के समय (दीवांक के माँ-बाप दोनों बैड पर बैठे हुए है, दीवांक के पापा मोबाइल चला रहे है और माँ तकिये लेकर बैठी हुई सोच रही है )(थोड़ा घबराते हुए) दीवांक की माँ अपने ...और पढ़ेसे "आप से एक बात करनी है दीवांक के बारे में"(मोबाइल चलाते हुए) दीवांक के पापा “हाँ
Chapter 6 उसी दिन दोपहर २ बजे (आरुषि अपने म्यूजिक क्लासेस से वापस आ रही थी, दीवांक की माँ अपने दरवाज़े के पास पहले से ही खड़ी थी, आरुषि उन्हें देख कर थोड़ा घबरा जाती हैं और नमस्ते ...और पढ़ेहुए आगे बढ़ने का सोचती हैं लेकिन तभी दीवांक की माँ उसे आवाज़ लगाती
Chapter 8 उसी दिन शाम को, (आरुषि की फ्रेंड्स उसके घर पर आती है और उसे साथ में मार्किट चलने के लिए ज़िद करने लगती है, आरुषि अपनी फ्रेंड्स को मना करती हैं लेकिन फिर भी ...और पढ़ेसब