यह कहानी है  थोड़ी भोली सी .. खूबसूरत सी हमारी प्यारी संजना और स्मार्ट , डेशिंग पर थोड़े से चुलबुले अनिरूद्ध  कि जो एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते है। पर एसा क्या हो जाता है कि अनिरूद्ध उसकी और संजना कि सगाई के कुछ समय पहले ही अचानक गायब हो जाता है ? क्या अंजाम आएगा संजना और अनिरूद्ध कि यह प्रेम कहानी का ? या फिर इससे कोई नई प्यार की कहानी कि शुरुआत होने वाली है.. ये तो आपको कहानी पढ़ने के बाद ही पता चलेगा..तो मेरे साथ जुड़ी रहिए इस प्यारे से सफर में ...       

Full Novel

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कहानी प्यार कि - 1

PART- 1 सिंघानिया मेंशन में चारो तरफ भाग दौड़ मची हुई थी। सब इधर से उधर काम मे लगे थे। घर को बहुत ही अच्छे से सजाया जा रहा था। रागिनी जी संजना तैयार हुई कि नहीं ये देखने के लिए संजना के कमरे में आई। पर कमरे में आते ही उनके गुस्से का ठिकाना ना रहा। " संजू ये सब क्या है... ? तुम अभी तक तैयार नहीं हुई ? " रागिनी जी ने चिल्लाते हुए संजना से कहा । पर संजना पर उनकी बातो का कोई असर नहीं हुआ । वो तो बस खुद में ही सिमटी ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 2

मीरा के कहने पर संजना नीचे होल मे आ गई । रागीनिजी : बेटा तुम दोनो बाजार जा कर सामान ले आओ.. अब शादी नजदीक है .. तो तैयारियां भी बहुत करनी है.. मीरा : हा आंटी .. हम जा रहे है..संजना : मीरा प्लीज़ .. मेरा मन नहीं है..मीरा : इसलिए तो कह रही हूं .. बाहर जाके तुम्हारा मूड ठीक हो जाएगा .. चलो .. संजना : ठीक है चलो। दोनो सहेलियां बाजार तरफ जाने लगी। अचानक संजना को लगा कि कोई उसका पीछा कर रहा है। उसने पीछे मूड के देखा तो वहां पर कोई नहीं ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 3

शाम के करीब सात बजे थे। मोहित तैयार होकर कहीं जा रहा था। राजेशजी ने जैसे ही उसे बाहर देखा तो रोक लिया।" अरे मोहित कहा जा रहे हो..? " " पापा मे कुछ काम से जा रहा हूं .. मुझे आते आते देर हो जाएगी.. मम्मा से कह देना खाने पर मेरा वेइट ना करे।" वो बोला और राजेश जी का जवाब सुने बिना ही वहा से चला गया। इधर त्रिपाठी निवास में जगदीशचंद्र किसी से फोन पर बातें कर रहे थे।" देखो कल कोई ग़लती नही होनी चाहिए। कल हमारी बहुत ही बड़ी डिल होने वाली है। ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 4

अगले दिन संजना सुबह सुबह मंदिर दर्शन करने के लिए निकल गई थी। मंदिर में उसने पूजा कि और चडा कर बाहर आई। वो सीढ़ियों से नीचे जा ही रही थी कि उसका पैर फिसला और वो गिरने ही वाली थी कि किसीने आकर उसे पकड़ लिया। संजना ने डर से अपनी आंखें मींच ली थी। उस लड़के ने संजना की कमर से उसको पकड़ा हुआ था। " संजना जी अब एसे ही पूरे दिन मेरी बाहों मे रहने का इरादा है क्या.. ? " उस लड़के ने कहा। ये सुनते ही संजना एकदम से खड़ी हुई और उस ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 5

अनिरूद्घ ओब्रॉय संजना से मिलने के बाद सीधा अपनी ओब्रॉय फार्मा कंपनी के लिए निकल गया। ओब्रॉय फार्मा कंपनी कि जानीमानी कंपनी में से एक थी। अनिरूद्घ ओब्रॉय के इंडिया आने से पहले इस कंपनी को अनिरूद्ध के अंकल अखिल मल्होत्रा संभालते थे.. जो अनिरूद्ध के पिता के दोस्त थे। अनिरूद्घ के इंडिया आने के बाद उसने इस कंपनी कि शाखा को और भी बड़े शहरों तक पहुंचाया था। आज वो इंडिया कि टॉप फार्मा इंडस्ट्री में से एक थी। अनिरूद्घ जैसे ही अपनी आफिस में पहुंचा.. तो शर्माजी दौड़ते हुए उसके पास आए.. " सर... आपको इतनी देर ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 6

हरदेव जल्दी से पार्क मे आया। उसके चेहरे पर अलग ही खुशी दिखाई दे रही थी। उसने देखा कि पहले से ही वहा बैठी थी और कुछ परेशान सी लग रही थी। उसे परेशान देखकर हरदेव उसके पास गया और उसके कंधे पर हाथ रखा... पर इस वजह से संजना अचानक से डर गई.. " रिलेक्स संजना में हूं..." हरदेव ने उसे डरा हुआ देखकर कहा। " ओह.. आई एम सोरी... हरदेव जी.." हरदेव संजना से थोड़ी दूरी बनाकर उसके पास बैठ गया। " तो बताइए आप ने मुझे एसे अचानक क्यों बुलाया..? " " वो... वो.. क्या है ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 7

अगले दिन सुबह जैसे अनिरुद्ध ने सोचा था वैसे ही उसकी तबीयत खराब हो गई थी। और वो मन मन खुद को कोस रहा था कि उसने क्यों ये चैलेंज लगाई। मेडिसीन लेने के बाद दोपहर तक उसकी तबीयत ठीक हो गई थी। वो आइने के सामने गया और तैयार होने लगा। उसने एक रबर फेस मास्क निकाला और चेहरे पे पहन लिया । फिर तैयार होके बाहर चला गया। इस तरफ संजना के घर शादी कि तैयारियां हो रही थी। अब बहुत काम वक्त बचा था। एक दिन बाद शादी कि रस्मे शुरू होने वाली थी। संजना कि ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 8

अगले दिन कि सुबह संजना के घर चारो तरफ खुशियां ही खुशियां छाई हुई थी । " भैया जल्दी ना हमे देर हो रही है .." संजना होल मे इधर उधर चलते हुए बोली जा रही थी। " आ रहा हूं संजू .. अभी देर है उनको आने मे " मोहित नीचे आता हुआ बोला। " मोहित कितनी देर लगाता है तैयार होने मे ये कब से तेरी राह देख रही है " रागिनी जी भी बोल पड़ी थी। " हा मा आप लोग इतना ओवर रिएक्ट क्यों कर रहे है ? " मोहित परेशान हो गया था इन ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 9

अगले दिन सुबह किंजल सवेरे सवेरे ही तैयार होकर कहीं बाहर जा रही थी।" किंजल तू कहीं बाहर जा है क्या ? " संजना ने किंजल को बाहर जाते हुए देखा तो पूछ लिया।किंजल ये सुनते ही रुक गई और पीछे मूड के उसके पास आई।" हा वो मेरी पुरानी सहेली है ना उससे मिलने जा रही हूं.. वो बहुत इंसीस्ट कर रही थी तो मैने सोचा एकबार मिलने चली ही जाती हूं.. " " अच्छा ठीक है पर जल्दी वापस आ जाना ..और अपना ख्याल रखना .. और गाड़ी से ही जाना " " हा हा .. गाड़ी ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 10

" किंजल ये तुम क्या बोल रही हो ? " संजना को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि कहीं बाते सुनकर।" अरे संजू कुछ नहीं... ये शाज़िया ना एसे ही बकवास करती रहती है .." " तू क्या जानती नहीं कि तेरा जूठ मे यू पकड़ लेती हूं .. फिर भी तू मुझे जूठ कह रही है .. तू आ मेरे साथ " संजना उसे अपने साथ कमरे में लेकर गई.. किंजल भी मुंह नीचा करे उसके साथ आई.." चल अब पता करन कौन है .." " करन मेरा क्लासमेट था .." " क्या तू उसे पसंद ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 11

अनिरूद्ध सीधा घर पहुंचते ही सौरभ के पास गया.. सौरभ ने जैसे ही अनिरूद्ध को अपने पास आता हुआ तो वो समझ गया की कुछ तो गड़बड़ हुई है.. " क्या हुआ भाई .. तूने संजना से बात कि या नहीं ? " पर अनिरूद्ध ने उसका कोई जवाब नहीं दिया और वो सीधा बेड पर बैठ गया.." मतलब तू उसे नहीं बता पाया है ना..? " " हम..." अनिरूद्ध के मुंह से बस यही शब्द निकला..ये सुनते ही सौरभ भी उसके पास बैठ गया.." सुन .. किंजल संजना कि बहन है .." अनिरूद्ध धीमे से बोला.." हा तो..." ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 12

सुबह हो चुकी थी और संजना और किंजल अभी भी सो रही थी.." मोहित जा तो जरा दोनो बहनो उठा के आ तो.. १० बजे पूजा है और अभी भी घोड़े बेच के सो रही है " रागिनी जी बोली और फिर पूजा कि तैयारियों मे लग गई.." हा मम्मा.." मोहित संजना को उठाने उसके कमरे में गया। संजना को इतने सुकून से सोया हुआ देखकर मोहित का मन ही नहीं किया उसे उठाने का..वो धीमे से उसके पास बैठ गया..और धीमे से उसके सिर पर हाथ फेरने लगा..तभी फिर से रागिनी जी ने आवाज लगाई.. और अब मोहित ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 13

किंजल अनिरूद्ध को गुस्से से देख रही थी...और उसके हाथ में अनिरूद्ध का लिखा हुआ कार्ड भी था जिसे ने मरोड़ दिया था मुठ्ठी मे.." किंजल तुम यहां कैसे मतलब .. मैंने तो संजना को ये कार्ड .." अनिरूद्ध थोड़ा घबरा गया था.. किंजल को गुस्से में देखकर.." हा ये कार्ड मैने उठा लिया था.. तो..? तुम्हे कुछ काम था क्या संजना से ? " " हा वो वो मुझे कुछ कॉन्ट्रैक्ट के बारे में बात करनी थी इसलिए ..? " " हा तो फिर एसे चोरी छुपी उसे क्यों बुला रहे हो.. चलो वो कमरे में ही है ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 14

एक नई सुबह हो चुकी थी... आंखो मे एक खुशी कि चमक लिए सभी लोग.. तैयारियों में लगे हुए सिंघानिया मेंशन को फूलों से सजाया जा रहा था.. मोहित और उसके कजिन भाई डेकोरेशन और मंडप मुहूर्त कि तैयारियों मे लगे हुए थे.. दूसरे रिलेटिव्स एस ओलवेज गपशप करने में लगे पड़े थे.. बच्चे इधर उधर भाग कर खेल रहे थे.. लड़कियां... रात के संगीत कि प्रेक्टिस मे मशगूल थी.. संजना , किंजल और मीरा तैयार हो रही थी.. इस तरफ सौरभ और दादी भी अनिरूद्ध के साथ आने के लिए तैयार हो रहे थे.." दादी आप का वहा ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 15

इस तरफ त्रिपाठी के परिवार मे भी हल्दी कि रस्म हो चुकी थी... हरदेव अपने कमरे में हल्दी लगाए बदन को आइने मे देख रहा था.. और बार बार हल्दी वाले अपने गाल को छू रहा था... इस तरह करने से जैसे उसके शरीर मे कुछ सिहरन सी उठ रही थी... उसने तुरंत अपनी आंखे बंध कर ली... उसे पार्क मे बच्चो को गुब्बारे देती हुई .. हसती खिलखिलाती हुई संजना दिखाई दी... उसके लंबे खुले बाल .. उसकी उड़ती हुई एक लट .. पीला अनारकली ड्रेस और उसकी हवा से उड़ती हुई चुनरी.. जाने बगीचे में कोई सुंदर ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 16

अनिरूद्ध होल मे से सीधा टेरेस पर चला गया.. संजना भी उसका पीछा करती हुई टेरेस पर आ गई.. ये क्या हो गया था मुझे.. क्यों मे खुद को रोक नहीं पाता हूं.. पता नहीं उसकी आंखो मे देखते ही क्यों भूल जाता हूं कि में अनिरूद्ध ओब्रॉय हूं .. अब ये जूठ मुझे खोखला करता जा रहा है .. संजना को सच बताने कि हिम्मत ही नहीं कर पा रहा हूं.. आज संगीत भी खत्म हो गया.. कल शादी है उसकी वो भी किसी और के साथ..! नहीं नहीं मुझे संजना को सब सच बताना ही होगा.. " ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 17

किंजल और सौरभ दोनो ही नीचे अनिरूद्ध और संजना को ढूंढ रहे थे.. मेहमान तो सभी सोने के लिए गए थे.. और किंजल ने रागिनी जी को कह दिया था कि संजू भी आराम करने के लिए अपने कमरे में चली गई है.. दादी भी यही रुक गई थी .. और सो भी गई थी.." यार ये सब गए कहा..? " सौरभ ने नीचे सब जगह देख लिया था पर कोई दिखे नहीं.." मैने ऊपर भी कमरे में देख लिया वहा भी नहीं है " किंजल बोली" अब तो मुझे लगता है दोनो साथ मे ही है कहीं और ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 18

अनिरुद्ध और किंजल संजना के कमरे के पास दीवाल के पीछे छुप गए.. मोहित अभी भी संजना के कमरे था.." भाई तो अभी भी अंदर है ..." किंजल ने कमरे में झांकते हुए कहा.." तो तू कुछ करना ... एसे खड़े खड़े तो मे अकेला भी देख सकता था.." " मुझे कुछ सोचने तो दे .." " मुझे सुबह तक यहां वेट नहीं करना है किंजल .." " सुबह तक क्यों ? " " अब तुम सोचोगी तब तक सुबह तो हो ही जाएगी.. " ये सुनकर किंजल अनिरूद्ध को गुस्से मै घूरने लगी.." अब जा ना...." अनिरूद्ध ने ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 19

" चलो बेटा ! बारात का समय हो गया है " जगदीशचंद्र ने हरदेव के पास आते हुए कहा.." चलिए पापा ..." हरदेव जाके अपनी घोड़ी पर चढ़ गया..." चलिए ... बजाइए....." जगदीशचंद्र ने कहा और बैंड वालो ने बजाना शुरू किया...सभी लोग जूम जूम कर नाच रहे थे.. जगदीशचंद्र भी खुल कर नाच रहे थे.. उनके बेटे कि जो शादी थी..." बारात यहां से निकल चुकी है " कबीर ने फोन मे कहा.." ठीक है कबीर .. तुम हरदेव पर नजर रखना और उसके पीछे ही रहना ... " अनिरूद्ध ने कहा और फोन काट दिया..." बारात निकल ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 20

" ये सब झूठ है हमने एसा कुछ भी नहीं किया है ..." जगदीशचंद्र अब भी अपने किए पर डालने कि कोशिश कर रहे थे..। " कितना जूठ बोलेंगे आप ... ये मत भूलिए कि सच कभी ना कभी तो बाहर आ ही जाता है ..." मोहित ने कड़क लहज़े मे कहा..." कैसा सच ? और सब क्यों मान ले कि तुम जो सब को बता रहे हो वो सच है ? " जगदीशचंद्र फिर से बोले.." तो क्या करे ... कि सब को हमारी बात पर यकीन आ जाए...? हा ... एक काम करते है सब को सबूत ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 21

अनिरूद्ध जगदीशचंद्र कि बात सुनकर परेशान हो गया था... पुलिस हरदेव और जगदीशचंद्र को लेकर चली गई... अनिरूद्ध को मोहित उसके पास आया " अनिरूद्ध .. में जानता हूं कि जगदीशचंद्र कि बात सुनकर तुम्हे धक्का लगा है ... पर हमे एसे ही उसकी बातो पर विश्वास नहीं कर लेना चाहिए.. क्या पता वो बस हमे उलझाने के लिए ये सब बोल रहा हो..! हम शादी के बाद इस बारे में जरूर जानने की कोशिश करेंगे पर अभी तुम्हे तुम्हारी और संजू कि शादी पर फोकस करना चाहिए.." मोहित के कहने से अनिरूद्ध को थोड़ा सुकून मिला... वो भी ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 22

थोड़ी देर के बाद गाड़ी ओब्रॉय मेंशन पर आकर रूकी। अनिरूद्ध ने गाड़ी का दरवाजा खोला और फिर संजना तरफ अपना हाथ बढ़ाया.. संजना ने अनिरूद्ध का हाथ थामा और फिर बाहर आई दोनो साथ में अंदर जाने के लिए आगे बढ़े... दरवाजे पर अनुराधा जी दादी और बाकी सब गेस्ट उन लोगो के स्वागत के लिए खड़े थे.. अनुराधा जी ने दोनो कि आरती उतारी और फिर संजना कलश गिराकर अंदर दाखिल हुई... उसके बाद शादी के बाद कि और कुछ रस्मे हुई और उसके बाद अनुराधा जी संजना के पास आई.." बेटा अब तुम अपने कमरे में ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 23

आज पार्टी के लिए संजना ने ब्लैक रंग का बहुत ही सुन्दर गाऊन पहना था और अनिरूद्ध ने भी सूट पहना था... अखिल जी और अनुराधा जी सभी महेमानो के स्वागत के लिए खड़े थे.. दादी भी अपनी सहेलियों के साथ बतियाने में लगी थी .. राजेश जी रागिनी जी , मोहित , किंजल , मीरा , रीमा मासी सब पहुंच चुके थे.. सौरभ पार्टी के इंतजाम मे लगा हुआ था... सभी गेस्ट संजना और अनिरूद्ध को शादी कि बधाइयां दे रहे थे... तभी अनिरूद्ध का ध्यान दरवाजे कि और गया... और उन्हें देखकर अनिरूद्ध भागता हुआ उनके पास ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 24

सुबह हो चुकी थी और अनिरुद्ध और संजना कैनेडा जाने के लिए रेडी हो चुके थे... दोनो एयरपोर्ट जाने लिए निकल चुके थे ... वहा जाकर कुछ देर बैठने के बाद उनकी फ्लाइट आ गई ... संजना कैनेडा जाने के लिए बहुत एक्साइटेड थी पर अनिरुद्ध कुछ परेशान सा था... पर संजना की खुशी के लिए वो अपने चहेरे पर अपनी परेशानी आने नही दे रहा था... कुछ घंटों के बाद फ्लाइट ने कैनेडा के टोरंटो शहर में टेक ऑफ किया... टोरंटो शहर जहा अनिरुद्ध ने अपनी फर्मसी की पढ़ाई कंप्लीट की थी... और यही वो अपने दोस्तो के ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 25

सुबह अनिरुद्ध और संजना तैयार हो चुके थे टोरंटो शहर घूमने के लिए। दोनो ने नाश्ता किया और फिर में बैठकर बाहर जाने के लिए निकल गए... " संजू आज में तुम्हे अपनी यूनिवर्सिटी दिखाने ले जाऊंगा पर उससे पहले हम रॉयल ओंटारियो म्यूजियम जायेंगे..." " ओके... " संजना ने कहा और फिर दोनो म्यूजियम के लिए चले गए... म्यूजियम में बहुत कुछ देखने को था... इस म्यूजियम में दुनियाभर के इतिहास , कला , और संस्कृति को शामिल किया गया था.. संजना को यह सब देखना बहुत अच्छा लगता था.. वो पहले से ही इतिहास और संस्कृति के ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 26

अनिरूद्ध संजना को लेकर सी एन टावर की और निकल गया.... शाम हो चुकी थी और धीरे धीरे अंधेरा लगा था... उनकी गाड़ी उस बड़े से टावर के पास बने हुए एक खूबसूरत गार्डन के पास रूकी... संजना जैसे ही बाहर आई वहा का नजारा देखकर वो शॉक्ड रह गई... अंधेरे में रोशनी से प्रकाशित वो टावर बहुत ही सुन्दर दिख रहा था.. " अमेजिंग...." संजना के मुंह से सिर्फ यही निकल पाया... " अभी ये तो कुछ नहीं.. चलो तुम्हे वहा ले चलता हूं..." अनिरुद्ध संजना का हाथ पकड़ कर उसे टावर की तरफ ले जाने लगा.. वहा ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 27

अनिरूद्ध और सौरभ होटल पर पहुंच चुके थे...अनिरूद्ध भागता हुआ सीधा अपने रूम की तरफ जाने लगा... पर रूम पहुंचते ही उसे पता चला की रूम तो बंध था.. संजना वहा पर आई ही नहीं थी... " संजू यहां भी नही है तो फिर वो गई कहा ? " अनिरूद्ध परेशान होता हुआ बोला..." तुम टेंशन मत लो .. संजना मिल जायेगी.. एक काम करते है होटल के मेनेजर से पूछते है शायद उनको कुछ पता हो ..." सौरभ ने अनिरुद्ध को दिलासा देते हुए कहा.." हा ..." अनिरूद्ध ने कहा और दोनो नीचे रिसेप्शन की और जाने लगे...उन्होंने ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 28

सुबह हो चुकी थी.. अनिरूद्ध , संजना और सौरभ कमरे में बैठे थे... वहा सन्नाटा छाया हुआ था.. अनिरूद्ध सोच में खोया हुआ था.. और संजना भी उसे देख रही थी.." देखो अनिरुद्ध... तुम ज्यादा टेंशन मत लो.. सब सही हो जायेगा.. मुझे तुम पर पूरा भरोसा है.. " संजना ने अनिरुद्ध का हाथ पकड़ते हुए कहा..यह सुनकर अनिरुद्ध हल्का सा मुस्कुराया.." एक बात पूछूं संजू ? " अनिरूद्ध ने संजना की और देखते हुए कहा.." हा पूछो " " तुम्हे मुझ पर इतना भरोसा क्यों है ? मेरा मतलब है अगर तुम्हारी जगह कोई और लड़की होती तो ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 29

" क्या हुआ था अनिरुद्ध उस रात ? " " उस रात में और सौरभ पार्टी में करन का कर रहे थे पर करन अभी तक यहां पहुंचा नही था... हमने कई बार करन को कोल लगाया पर उसका फोन लग ही नहीं रहा था... " अनिरूद्ध ने आगे बताना शुरू किया.." हा और फिर मैंने अनिरुद्ध से कहा की चलो करन आए तब तक ड्रिंक पीते है और अनिरुद्ध के मना करने पर भी में उसे जबरदस्ती अपने साथ ले गया...हम दोनो ने एक ही साथ वो ड्रिंक पी थी पर ..." सौरभ आगे कुछ बोले उससे पहले ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 30

चारो तरफ होली की धूम मची हुई थी... सब लोग मस्ती में नाचते हुए एक दूसरे को रंग लगा थे.. इधर अनिरुद्ध संजना को ढूंढने में लगा था.. अनिरूद्ध को अपनी तरफ आता देखकर संजना खंभे के पीछे छुप गई.." इतनी आसानी से हाथ नही आऊंगी.. तुम्हारे .. " अनिरूद्ध संजना की आवाज सुनकर उसकी तरफ मुड़ा पर तब तक संजना भाग कर भिड़ में घुस गई.." अब बस हो गया ये पकड़म पकड़ाई का खेल.. संजू.. अब तुम देखो कैसे तुम मेरे पास दौड़ी दौड़ी आती हो..." अनिरूद्ध ने कुछ अच्छा सा सोच लिया था.. वहा आंगन में ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 31

" आई एम सोरी मोहित पर में तुम्हारे सामने आकर तुम्हारी होली खराब करना नही चाहती..." अंजली एक कोने छुपकर मोहित को देखती हुई बोली..." शायद ये मेरा भ्रम ही था.. वो यहा क्यों आएगी..!" मोहित निराश होता हुआ बोला और फिर वहा से चला गया..मोहित के जाते ही अंजली ने चैन की सांस ली.. आज सब होली खेल खेलकर बहुत ही थक गए थे इसीलिए रात को सब जल्दी सो गए...अगली सुबह संजना फ्रेश होकर नीचे आई... " ओह बहुरानी उठ गई..! देखो तो सूरज सिर पर चढ़ आया है और ये है की अभी नीचे आ रही ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 32

ओब्रॉय मेंशन में वैशाली और मनीष अपने कमरे में परेशान से इधर उधर घूम रहे थे..." ये सब तुम्हारी से हुआ है वैशाली... अब हम तो कहीं के नही रहे... जब एक महीना खत्म होगा तब हम घरवालों से क्या कहेंगे...! " मनीष ने गुस्सा करते हुए वैशाली से कहा.." वही जो तुम्हे पहले कह देना चाहिए था... मैंने तो पहले ही तुमसे कहा था की तुम्हारे भाई और इस अनिरुद्ध से पैसे मांग लो.. पर तुमने मना कर दिया.. तब पैसे मांगे होते तो ये नौबत नहीं आती समझे..." " मैंने पहले भी कहा था और अब भी ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 33

अगली सुबह किंजल की आंख देर से खुली.. उठने के बाद वो सीधा सीढ़ियों से नीचे आई तो वो को होल में बैठा देखकर हैरान रह गई...करन किंजल को देखकर तुरंत खड़ा हो गया..." करन तुम यहां और वो भी इस वक्त ? " " हा वो तुमसे कुछ बात करनी थी..." करन थोड़ा अटकता हुआ बोला.." हा बोलो ना..." " वो आंटी नही है घर पर ? " करन को कुछ समझ नही आ रहा था की वो क्या बोले..." नही वो मेरी नानी के पास गई है कुछ दिनों के लिए..." " ओह.. ओके..."इतना बोलने के बाद ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 34

संजना अपने कमरे में पार्टी के लिए तैयार हो रही थी .. पर उसके दिमाग में अभी भी सौरभ कही बाते घूम रही थी...अनिरूद्ध दरवाजे पर हाथ बांधे हुए कब से संजना को तैयार होता हुआ देख रहा था...संजना ने तभी मंगलसूत्र पहना और फिर मांग में सिंदूर भरा.. यह देखकर अनिरुद्ध के चहेरे पर स्माइल आ गई... वो धीरे धीरे संजना के करीब आया... और उसके पीछे खड़ा हो गया.. पर संजना अपने ही विचारो में खोई थी उसने अनिरुद्ध पर ध्यान ही नही दिया...तो अनिरुद्ध ने उसे गोद में उठा लिया..."आऊ! ये क्या कर रहे हो....उतारो मुझे..." ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 35

अंजली आंखे खोलो ... लुक एट मि..." मोहित थोड़ा गुस्से में बोला..." इट्स हर्टिंग मोहित..." मोहित ने इतना कसके का हाथ पकड़ा था की अंजली की आंखो से पानी आ गया था..उसे देखकर मोहित ने तुरंत अंजली को छोड़ दिया और उससे थोड़ा दूर हो गया.. अंजली अब भी मोहित की और देख नही रही थी.." क्यों तुम मुझसे नजरे नही मिला पा रही हो हा ? " मोहित के इस सवाल पर अंजली चुप रही.." हह.. मिस अंजली खन्ना... इतने बड़े जूठ के बाद अब क्या तुम्हे गिल्टी फील हो रहा है की तुम मुझसे छिपते हुए फिर ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 36

करन रात को ही किंजल के घर आ गया..किंजल इस वक्त टीवी देख रही थी.. करन ने बेल बजाई..."अरे इस वक्त कौन आया होगा ? " बोलते हुए किंजल ने दरवाजा खोला.." करन ? " किंजल को सामने देखकर करन उसे एकटक देखने लगा.." ये में क्या कर रहा हु... में यहां इस किंजल के पास क्यों आ गया ...! " करन ने सोचते हुए आंखे बंध करदी.." क्या हुआ करन ? कुछ काम था क्या ? " " नही आई एम सोरी.. में जाता हूं..." बोलकर करन जाने लगा.." इसे अचानक क्या हो गया..! एक तो पहले खुद ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 37

संजना मोहित और अंजली के लिए बहुत परेशान थी.. उसे समझ नही आ रहा था की वो उनकी परेशानी दूर करे.. तभी अनिरुद्ध वहा आया.." अरे संजू तुम इतनी परेशान क्यों हो रही हो.. सब ठीक हो जायेगा ..." " हा पर में क्या करू.. दिमाग में उनके ही खयाल चलते रहते है ..." " और इन सब की वजह से हम साथमे कुछ टाइम भी स्पेंड नही कर पा रहे है ..! " अनिरूद्ध ने उदास होते हुए कहा.." आई एम सोरी अनिरुद्ध.. में इन सब के बीच तुम पर ध्यान ही नही दे पा रही हू.. चलो ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 38

अपनी डेट बहुत अच्छी तरह से एंजॉय करके संजना और अनिरुद्ध रेस्टोरेंट से बाहर आए...दोनो अपनी कार की तरफ ही रहे थे की पीछे से मोनाली ने आवाज लगाई.." हेय हेंडसम.....! " यह आवाज सुनते ही अनिरुद्ध और संजना पीछे की तरफ मुड़े..." मोनाली को देखकर अनिरुद्ध को बहुत गुस्सा आया.." तुम ? " अनिरूद्ध ने आश्चर्य के साथ कहा.." या .. में... क्यों नही पहचाना ? " " तुम्हें में कैसे भूल सकता हु..." " हम.. सही कहा और भूलना भी मत.. वैसे ये संजना है राइट... नोट बैड... गुड चॉइस... अनिरूद्ध... हाय संजना.. में मोनाली.. अनिरूद्ध ने ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 39

सौरभ ने अपना काम शुरू कर दिया था.. वो मोनाली के बॉयफ्रेंड के बारे में जानने के लिए अपनी कोशिश कर रहा था.. साथ में वो कॉलेज के फ्रेंड्स को भी फ़ोन लगाकर उनके बारे में जानने की कोशिश कर रहा था..तभी किंजल भी उसकी हेल्प करने के लिए वहा आ गई ..." क्या हुआ सौरभ कुछ पता चला ? " " नही अभी तक तो नही... "" तुमने उस लड़की को कोल करके पूछा.. जो मोनाली के पीछे पीछे फिरा करती थी..? " " कौन दिव्या ? " " हा.. वही.. और हा तुम्हारे पास उसका नंबर तो ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 40

हा जय कुछ पता चला ? ..." अनिरूद्ध ने तुरंत जय का फोन उठाते हुए कहा.. " यार अनिरुद्ध बड़ी गड़बड़ है..." " क्यों ? क्या हुआ ? " " तुम्हारी वैशाली चाची ने जो भी कहा है वो सब जूठ है..." " व्हाट ? " " हा अनिरुद्ध मेंने कंपनी के कुछ एंप्लॉयज से बात की उन्होंने कहा की .. वैशाली मल्होत्रा ने तो कोई फ्रोड नही किया है.. उन्हे तो इन सब के बारे में कुछ भी पता नही है.. और उन्होंने यह भी कहा की वैशाली मल्होत्रा ने खुद अपनी मर्जी से यह जॉब छोड़ी थी..." ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 41

अगला दिन कुछ शांत सा था... मोनाली की तरफ से अभी कुछ हरकत नही हुई थी... अनिरूद्ध सौरभ सब काम में बिजी थे.. किंजल कुछ परेशान सी थी .. करन को वो रिकॉर्डिंग कैसे सुनाए ये उसे समझ नही आ रहा था... करन का रिएक्शन क्या होगा यह सोचकर उसे डर लग रहा था..उसने हिम्मत करके करन को फोन लगाया.." हेय करन...! " " हाय बोलो ना..." " क्या हम अभी मिल सकते है ? " " हा श्योर... " " तो क्या तुम मेरे घर आ सकते हो ? " " ठीक है में अभी आता हु..." करन ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 42

अनिरूद्ध और सौरभ मोनाली के बताए गए पते पर पहुंच चुके थे..फैक्टरी सुमासम नजर आ रही थी .. फैक्टरी आगे का दरवाजा खुला हुआ था.. अनिरुद्ध और सौरभ जैसे ही दरवाजे के अंदर पहुंचे दरवाजा जोर से बंध हो गया... दोनो धीरे धीरे आगे चल कर जा रहे थे... आगे एक बड़ी सी जगह पर चारो और गुंडे खड़े हुए थे..अनिरूद्ध और सौरभ को आता देखकर उन्होंने बंदूक उनके ऊपर कर दी... सामने उन्हे अखिल और मनीष खुर्सी से बंधे हुए दिखाई दिए... उनकी आंखे बंध थीउनके पीछे साजिद हाथ में बंदूक लिए पीछे मुड़ कर खड़ा हुआ था... ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 43

गोली की आवाज चारो तरफ गूंजी.... कुछ पल के लिए संजना और अनिरुद्ध की आंखे डर की वजह से हो चुकी थी...संजना और अनिरुद्ध ने अपनी आंखें खोली...दोनो अपनी जगह सही सलामत थे... मोहित और किंजल भी गोली की आवाज सुनकर डर गए थे... सबकी शक्ल ऐसी देखकर मोनाली हसने लगी..." इस बार तो मैने जान बूझकर गोली निशाने पर नही छोड़ी... ये जो डर अभी तुम लोगो की शक्ल पर है उसे में देखना चाहती थी...." अनिरूद्ध : बस करो मोनाली ... कब से हम तुम्हे सहे जा रहे है पर अब नही... मोनाली : हा तो मैंने ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 44

करन ने अपनी आंखे बंध करली थी....अनिरूद्ध , सौरभ , मोहित , संजना और किंजल ने उसी वक्त करन उठाया और हॉस्पिटल लेकर आए....खून बहुत बह चुका था इसलिए करन को सीधा इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर दिया...इस तरफ मोनाली गाड़ी लेकर वहा से भाग गई... कुछ ही देर में वहा पुलिस पहुंच गई और साजिद और उसके साथियों को भी पकड़ लिया .. पर मोनाली उनके हाथों से बच गई....चोबीस घंटे हो चुके थे पर करन को अभी तक होश नही आया था। अनिरूद्ध डॉक्टर के पास गया..." डॉक्टर करन ठीक तो हो जायेगा ना ? " " ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 45

आज हॉस्पिटल में करन का दूसरा दिन था... करन को अकेला ना लगे इसलिए अनिरुद्ध , संजना और किंजल के पास ही रुके हुए थे... तभी वहा कमरे में मोहित दाखिल हुआ... " हाय करन ...कैसे हो ? " " अब बहुत अच्छा महसूस कर रहा हु..." " धेट्स गुड... ये लो में तुम सब के लिए गर्मा गर्म नाश्ता लेके आया हु... " " थैंक यू मोहित ...." अनिरूद्ध ने मुसकुराते हुए कहा..मोहित ने सब को नाश्ता सर्व किया ... और फिर बाहर पानी लेने जाने लगा...मोहित तेज कदमों से आगे बढ़ रहा था तभी एक लड़की भागती ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 46

संजना ने अपनी आंखे खोली... वो हॉस्पिटल के एक कमरे में बेड पर लेटी हुई थी... " सिस्टर में कैसे आ गई ? और मेरे हसबैंड कहा है ? " " आप बेहोश हो गई थी .. इसीलिए आपको यहां लाए है और चिंता मत करिए आपके हसबेंड बाहर ही वैट कर रहे है ..." ये सुनकर संजू बेड से उठकर बाहर जाने के लिए खड़ी हुई...." रुकिए ... मैम आप अभी बाहर नहीं जा सकती... " " पर मेरे हसबैंड मेरा वैट कर रहें होंगे...." " हमने उनको पहले ही कह दिया है... आपके कुछ रिपोर्ट्स अभी आने ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 47

सौरभ अपने कमरे में बैठा मीरा के बारे में सोच रहा था... मीरा कई दिनों से अपने नाना नानी घर अहमदाबाद गई थी इस वजह से सौरभ मीरा से मिल नही पाया था और मीरा से ज्यादा बात भी नही हो रही थी....आज संजना और अनिरुद्ध का प्यार देखकर उसे मीरा की याद आ रही थी....तभी बाहर हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई... खिड़की से ठंडी हवा सौरभ के बदन को छू रही थी.... सौरभ ने अपना कबाट खोला और अपने कॉलेज के दिनों वाला गिटार निकाला... गिटार को देखकर उसे अपने कॉलेज के दिनों की याद आ गई... ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 48

दादी अब आपकी तबियत कैसी है ? " संजना ने दादी के पास बैठते हुए पूछा..." अब ठीक हु... " वैसे अचानक ऐसा क्या हो गया दादी की आपकी बिपी बढ़ गई ? " अनिरूद्ध ने दादी का हाथ पकड़ते हुए पूछा.." कुछ नही बेटा .. शायद दवाई लेना भूल गई थी..." " दादी आप ना बड़ी लापरवाह होती जा रही है ये लीजिए दवाई..." संजू ने मेडिसिन दादी को दी ... " अब आप आराम करिए दादी हम चलते है ..." अनिरूद्ध ने कहा और दोनो वापस कमरे में आ गए.." अब ये लो तुम्हारी मेडिसिन ...." अनिरूद्ध ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 49

" भैया कितने पैसे हुए ....? " मीरा ने ऑटो वाले भैया से कहा...." पचास रूपिए मेडम ...." मीरा पचास रुपए ऑटोवाले को दिए और ओब्रॉय मेंशन में अपने कदम रखे....मीरा बैग में कुछ ढूंढते हुए आगे चली जा रही थी... सामने से आ रहे सौरभ की और उसका ध्यान नहीं था.. सौरभ ने जैसे ही मीरा को सामने से आते देखा वो मुस्कुराते हुए वही खड़ा रह गया ... पर मीरा रुकी नही... वो सौरभ के कुछ आगे चली गई...अचानक से मीरा रुक गई....उसका हाथ पीछे से सौरभ ने पकड़ा हुआ था... मीरा पीछे की और मुड़ी...मीरा : ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 50

" यस फाइनली ये हो गया ..... मैने कर दिखाया....मुझे यकीन नही हो रहा है की मैने ये कर किंजल खुशी से उछलने लगी... " ओहो इतना उछल क्यों रही हो...! " रीमा जी ने किंजल के पास आते हुए कहा..." मम्मी मम्मी आई एम सो हैप्पी...." किंजल रीमा जी को खुशी से घुमाने लगी..." क्या हुआ ये तो बताओ...! " " मां आपकी बेटी ने कितना बड़ा काम कर दिखाया है ये आप सोच भी नही सकती...! " " वही काम ना जो तुम दिन रात अपने लैपटॉप में करती रहती थी ?" " हा हा वही मां...." ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 51

अनिरूद्ध की गाड़ी रात को नैनी लेक जाकर रुकी...उसने गाड़ी एक जगह पार्क की और अंदर चला गया... लेक चारो और सन्नाटा पसरा हुआ था.... अनिरूद्ध ने एक नजर लेक के पास बनी रेलिंग पर डाली....और उसके चहेरे पर मुसकुराहट आ गई... सौरभ लेक की तरफ मुड़कर वही खड़ा हुआ था...और अपनी सोच में खोया हुआ था ... उसका ध्यान तब टूटा जब एक हाथ उसके कंधे पर आया...सौरभ ने मुड़कर देखा तो वो अनिरुद्ध था..." अनिरूद्ध तू यहां क्या कर रहा है ? " सौरभ ने हैरानी से पूछा.." पहले तू मुझे ये बता की इतनी रात को ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 52

किंजल और करन का प्लेन बैंगलोर लैंड हो चुका था... दोनो ने कुछ घंटे के लिए एक होटल में किया...और फिर संजना की ऐप की परमिशन के लिए चले गए...इस तरफ अनिरुद्ध और संजना पूरी फैमिली के साथ नाश्ता कर रहे थे...तभी जतिन खन्ना वहा पर आ गए..." अरे ! जतिन आओ ना हमारे साथ नाश्ता करने बैठो..." अखिल जी ने मुस्कुराते हुए कहा..." नही नहीं अखिल... में बस यहां आप सबको इन्विटेशन देने आया हु..." यह सुनकर अनिरुद्ध , संजना और सभी जतिन को हैरानी के साथ देखने लगे..." इन्विटेशन पर किसका ? " अखिल जी ने नासमझी ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 53

रात को करन और किंजल दोनो होटल के एक कमरे में बैठे थे... बहुत रात हो चुकी थी पर आंखों में नींद का नामोनिशान नहीं था..." फाइनली इतनी ज्यादा दौड़ धाम के बाद हमने कर दिखाया... अब ये ऐप लॉन्च होने के लिए रेडी है..."किंजल खुशी के साथ बोली..." तो अब क्या तय किया है सब को इस बारे में बताना है या नही ? " " नही करन संजू अनिरुद्ध और सौरभ सब को में लॉन्चिंग पार्टी के वक्त सरप्राइज देना चाहती हू...मजा आयेगा बहुत..." किंजल की एक्साइटमेंट का ठिकाना नहीं था..." ठीक है तो कल हमे कब ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 54

किंजल की आवाज सुनकर करन घबरा गया...." किंजल क्या हुआ... प्लीज कुछ बोलो " करन ने चिल्लाते हुए कहा...तब ने अपने चेहरे पर से हाथ हटाया... वो एकदम ठीक थी... उसने दूसरी तरफ नजर की जहा वो कुत्ता किसी और कुत्ते पर हमला कर रहा था... किंजल की जान में जान आई..." प्लीज किंजल कुछ तो बोलो ..." करन की चीख में दर्द था जो किंजल ने भी महसूस किया था..." में ठीक हु..." किंजल ने जोर से कहा.." ओह थैंक्स गॉड...." करन की जान में जान आई थी उसने अपनी आंखो में आए आंसुओ को पौछ लिया..." किंजल ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 55

" किंजल तुम यहां पर लेट जाओ और बीमार होने की एक्टिंग अच्छे से करना और मैंने जैसा कहा वैसा ही तुम भाई से कहोगी ठीक है ना ? " संजना ने किंजल को समझाते हुए कहा..." हा बाबा समझ आ गया अब मुझे..." " आप सब को ऑल धी बेस्ट... आई होप की आपका ये प्लान सक्सेसफुल हो जाए... में अब चलता हु मेरी बहुत जरूरी मीटिंग है..." करन ने कहा और वो अपनी मीटिंग के लिए चला गया..." संजू तुम मोहित को फोन करो...." " ठीक है अनिरूद्ध..." संजना ने मोहित को फोन लगाया..." हा संजू बोलो..." ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 56

" बताओ अंजली तुमने तुम्हारी असली पहचान मुझसे क्यों छिपाई थी ? " मोहित की बात सुनकर अंजली ने गहरी सांस ली और उसे आगे की बात बतानी शुरू की..." मोहित मैं पहले से एम बी ए करना चाहती थी और मेरे पापा के बिसनेस को बहुत आगे ले जाना चाहती थी पर उस वक्त पापा का बिजनेस इतना भी बड़ा नही था.. पापा के इस बिज़नेस से जुड़ने पर कई बड़े बिज़नेस मेन पापा के खिलाफ हो गए थे.. तुम जानते ही होगे की जब कोई आगे जाता है तो पीछे से पैर पकड़कर खींचने वाले लोग होते ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 57

अथर्व की बात सुनकर सब अपनी जगह खड़े हो गए थे...जतिन खन्ना के हाथ से शगुन का नारियल नीचे गया..." ये क्या बोल रहे हो... तुम ? " सोनाली मैथ्यूज ने अथर्व के पास आते हुए कहा..." यस अथर्व व्हाट हैपेंड? " अथर्व के पापा ने भी परेशानी भरे भाव से कहा..पर इन सब से भी ज्यादा हैरान थी अंजली... वो बस आंखे फाड़े अथर्व को देख रही थी..." आई एम सोरी अंजली .. आई एम सोरी मोम डेड , जतिन अंकल एंड आंटी... पर में ये सगाई नही कर सकता..." " बेटा तुम ऐसा क्यों कह रहे हो ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 58

आज मीरा की सुबह बहुत ही सुंदर हुई थी... वो बहुत खुश और फ्रेश नजर आ रही थी.. " नशा.. पहला खुमार..नया प्यार है.. नया इंतज़ारकर लू मैं क्या अपना हालऐ दिल-ए-बेकरारमेरे दिल-ए-बेकरार, तू ही बतापहला नशा.. पहला खुमार..उड़ती ही फिरूँ इन हवाओं में कहींया मैं झूल जाऊँ इन घटाओं में कहींएक कर दूँ आसमान और ज़मींकहो यारों क्या करूँ, क्या नहींपहला नशा.. पहला खुमार..नया प्यार है.. नया इंतज़ार"मीरा तैयार होती हुई ये गाना जोर जोर से गा रही थी...." मम्मी पापा रेडी ? " " हा बेटा हम रेडी है चलो चलते है और उन लोगो के सामने ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 59

जगदीशचंद्र की गाड़ी एक होटल पर जाकर रुकी...हरदेव के साथ वो रूम नंबर बाइस में गए... रूम खोलते ही कोई उन दोनो का इंतजार कर रहा था.." ओह तो तुम हमारे पहले ही यहां आ गई हो..." जगदीशचंद्र ने मुस्कुराहट के साथ कहा..." मुझे यहां क्यों बुलाया है...? " मोनाली ने गुस्से से पूछा" थोड़ा सब्र करो... मोनाली पापा बता रहे है..." हरदेव ने शांति से बोला" तो मोनाली क्या हाल चाल है ..? " " हाल चाल तुम पूछो ही मत... तुम्हारी वजह से मुझे कितना नुकसान हुआ है ये तुम जानते भी हो..! मेरा नाम मिट्टी में ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 60

थोड़ी देर में संजना को तैयार करके जुले पर बिठाया गया... और आगे की रस्म निभाई गई.. अनिरूद्ध हर संजू के पास ही रहता था ताकि वो उसका खयाल रख सके... अब तक फंक्शन में सब अच्छा ही हो रहा था... किंजल और करन पास में ही कुर्सी पर बैठकर सब रस्में होती हुई देख रहे थे... " किंजल तुमने आगे क्या सोचा है ? " करन के इस प्रश्न से किंजल नासमझी के भाव से उसे देखने लगी..." मेरा मतलब है तुम्हारी वो ऐप की लॉन्चिंग के बारे में..." " हा सोचा तो है मैने ... हमारी टीम ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 61

" मीरा तुझे आने की क्या जरूरत थी ? यहां सब है तो सही मेरा ख्याल रखने के लिए..." नही संजू.. तू आजकल ठीक से अपना ख्याल नही रख रही है.. अब में तेरे लिए नही आऊंगी तो फिर कोन आयेगा...? " " मीरा तू अनिरुद्ध के जैसे क्यों बात कर रही है ? तू जानती है ना में लापरवाह नही हु.." " हा पर फिर भी और ये मत भूल ये मेरा होने वाला ससुराल भी है .. में जब चाहे यहां रुक सकती हु..." मीरा ने हस्ते हुए कहा..." हा बेटा तुम जब चाहे यहां हमारे साथ ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 62

" मनीष ये क्या किया तूने... ? " अखिल जी ने मनीष को डांटते हुए कहा.." हाउ डेयर यू... पर हाथ उठाया तुमने..." वैशाली एक हाथ अपने गाल पर रखकर गुस्से से बोली.." तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बेटे के खिलाफ साजिश रचने की..."" वो तुम्हारा बेटा नही है.. " " वो मेरा ही बेटा है वैशाली.. तुमने उसे कभी अपना माना ही नही पर मेरे लिए वो बेटे से भी बढ़कर है समझी...." " आई एम सोरी अनिरुद्ध... वैशाली ने जो किया इसके लिए... " मनीष हाथ जोड़ते हुए बोला.." नही चाचू आप को माफी मांगने की कोई ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 63

" चाची आप यहां ? " अनिरुद्ध ने हैरानी के साथ कहा..." अनिरूद्ध प्लीज मुझे माफ करदो.. में जानती मैने बहुत गलतियां की है पर पर में अपनी सारी गलतियां सुधार दूंगी.. प्लीज मुझे जेल जाने से रोक लो..."वैशाली गिड़गिड़ाती हुई बोली..." प्लीज चाची अभी में इस बारे में आपसे कुछ बात नही करना चहता..." बोलते हुए अनिरुद्ध जाने लगा.." रुको रुको अनिरुद्ध प्लीज में तुम्हे सब सच बताऊंगी.. हर एक बात बताऊंगी जो जगदीशचंद्र और हरदेव ने मुझसे कही है..." वैशाली के मुंह से यह सुनकर अनिरुद्ध रुक गया.." अगर तुम संजना को बचाना चाहते हो तो प्लीज ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 64

शाम के करीब चार बज चुके थे... पार्टी कुछ ही देर में शुरू होने वाली थी...किंजल होटल के कमरे तैयार हो रही थी... आज के फंक्शन में उसने एक व्हाइट फूल लेंथ गाउन पहना था जिसमे अलग अलग फूल लगे हुए थे .. वो गाउन इतना सुंदर था की किंजल तो उसे पहनने के बाद बिलकुल परी जैसी दिख रही थी... उसके खुले बाल , आंखो में काजल , गले में डायमंड का नेकलेस , हाथ में डायमंड का ब्रेसलेट, पाव में हिल्स .. उसका लुक एक सक्सेसफूल वुमन की तरह लग रहा था... आंखो में चमक , चहेरे ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 65

इस बड़े धमाके से ... सब का ध्यान उस और गया... सभी डर के मारे भागदौड़ करने लगे... अनिरूद्ध करन सब आवाज सुनकर बाहर की और दौड़े...किंजल भी इस आवाज से गभराई हुई बाहर की और जाने लगी..अनिरूद्ध के पैर बाहर आते ही रुक गए... सामने उसकी ही गाड़ी जल कर खाक हो गई थी... अनिरूद्ध ने आसपास नजर की तो गाड़ी से कुछ दूरी पर अखिल अंकल ज़ख्मी हालात में दिखाई दिए.... " अखिल अंकल...." अनिरूद्ध जोर से चिल्लाया और उस और भागा... अनिरूद्ध की आवाज से सौरभ और बाकी सब भी उसी और जाने लगे...अखिल अंकल .. ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 66

फिर ठीक है... और अनिरुद्ध को बताने की कोई चालाकी भी मत करना....." हरदेव ने कहा.." नही करूंगी पहले को और अंकल आंटी को छोड़ो..." " ठीक है जाओ उन लोगो को छोड़ दो..." हरदेव ने कहा और उनके कुछ आदमी ऊपर गए और अंजली को और जतिन खन्ना और उनकी पत्नी को कमरे से बाहर ले आए...अंजली ने जैसे ही अपने मम्मी पापा को देखा वो दौड़कर उनके गले लग गई और रोने लगी.." मेरी बच्ची तुम ठीक हो ना? " मिसिस खन्ना ने अंजलि के सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा.." हा मम्मा..." फिर तीनो नीचे होल ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 67

किंजल बहुत कोशिश कर रही थी पर कमरे से बाहर नहीं निकल पा रही थी... धुएं की वजह से सास लेने में तकलीफ होने लगी... और जमीन पर बैठ गई.. तभी करन किंजल को ढूंढता हुआ वहा आ गया... उसने देखा की किंजल कमरे में आग से घिरी जमीन पर बैठी थी... " किंजल.." करन जोर से चिल्लाया....किंजल ने धीरे से करन की और देखा... उसके चहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई.. करन आग के ऊपर से कूदकर कमरे में आ गया... पर इसी चक्कर में उसका हाथ जल गया.... पर करन को अभी ना तो अपने हाथ ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 68

गाड़ी का दरवाजा खुला और वो बाहर आया... हरदेव उसे देखकर हैरान था...." तुम यहां कैसे आ सकते हो " " क्यों ये तेरे बाप का रास्ता है क्या ? " सौरभ गुस्से से बोला...." ए बाप पर मत जा ....." " तो तू क्यों मेरे बाप पर गया हा ? बोल ..." बोलते हुए सौरभ ने गुस्से से आकर हरदेव का कोलर पकड़ लिया..." अब अनिरुद्ध की जगह तेरा बाप आ गया उसमे में क्या करता ...छोड़ो मुझे..." हरदेव ने सौरभ को धक्का दे दिया...इस तरफ करन ने अपना फोन देखा तो वो शॉक्ड रह गया..." यार तुम ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 69

अनिरूद्ध धीरे से संजना के पास आया..और पास में बैठ गया... वो संजना के माथे पर हल्के हल्के हाथ लगा...तभी संजना ने अपनी आंखे खोली....अनिरूद्ध को अपने पास देखकर संजना ने तुरंत अनिरुद्ध को गले लगा लिया... संजना बिना कुछ कहे बस रो रही थी और अनिरुद्ध भी नम आंखों से उसे सहला रहा था..." हमारी बेटी ठीक तो हो जायेगी ना..." संजना ने भावुक होकर कहा..." बिलकुल... मैने अभी अभी डॉक्टर से बात की है.. वो ठीक है...संजू..." " हा पर मुझे एकबार मेरी बेटी को देखना है... ये लोग मुझे मेरी बेटी को देखने नही दे रहे ...और पढ़े

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कहानी प्यार कि - 70 - अंतिम भाग

अनिरुद्ध ब्लैक सूट में खुद को आईने में देख रहा था... उसके चहेरे पर सुकून भरी मुसकुराहट थी....तभी संजना आकर उसे पीछे से हग कर लिया..." तुम आज बहुत हेंडसम लग रहे हो...." संजना सिर्फ उसे आईने में देखे जा रही थी..." संजू... ऐसे मत देखो मुझे...." " पर क्यों ? तुमसे मेरी नजर ही नहीं हट रही.... " संजना मुंह बिगड़ती हुई बोली..." अच्छा सुनो आज वहा पर बहुत सारी लड़कियां होंगी.. पर तुम किसी पर ध्यान नहीं दोगे .. सिर्फ मुझे ही देखोगे समझे...." " हा बाबा.. और वैसे भी मेरी नजर तुमसे हटती ही कहा है..! ...और पढ़े

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