कहानी प्यार कि - 43 Dr Mehta Mansi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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कहानी प्यार कि - 43

गोली की आवाज चारो तरफ गूंजी....
कुछ पल के लिए संजना और अनिरुद्ध की आंखे डर की वजह से बंध हो चुकी थी...

संजना और अनिरुद्ध ने अपनी आंखें खोली...
दोनो अपनी जगह सही सलामत थे...
मोहित और किंजल भी गोली की आवाज सुनकर डर गए थे...

सबकी शक्ल ऐसी देखकर मोनाली हसने लगी...

" इस बार तो मैने जान बूझकर गोली निशाने पर नही छोड़ी... ये जो डर अभी तुम लोगो की शक्ल पर है उसे में देखना चाहती थी...."

अनिरूद्ध : बस करो मोनाली ... कब से हम तुम्हे सहे जा रहे है पर अब नही...

मोनाली : हा तो मैंने तुम्हे कब रोका.. तुम्हे जो करना है वो तुम कर सकते हो पर फिर इसका अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना...

संजना : तुम कुछ नही कर सकती.. तुम अकेली हो और हम चार ...

मोनाली : अनिरुद्ध शायद तुम्हारी वाइफ को भूलने की बीमारी है .. जरा उसे याद दिलाओ की मैने अकेले ही तुम्हारे साथ क्या क्या किया था !

तभी किंजल को कुछ सूझा और उसने अपना फोन का रिकॉर्डिंग ओन कर दिया...

उसने संजना की तरफ देखकर इशारा किया और संजना समझ गई...

संजना : तुम अनिरुद्ध से क्यों कह रही हो ... इतनी हिम्मत है तो खुद ही कहो ना की तुमने कितनी गिरी हुई हरकते की है !

मोनाली : अब में अपने ही मुंह से अपनी तारीफ क्या ही करू !

सौरभ : अब बोलने को ही कुछ नही होगा तो ये यही कहेगी ना .. ! छोड़ो ना संजना वैसे भी उसकी हरकतों को याद करके हम अपना मुड़ क्यों खराब करे !

मोनाली : ए लॉलीपॉप जानते हो ना मैने तुम तीनो दोस्तो को कैसे अलग किया था ! भूल गए क्या ?

अनिरूद्ध : कैसे भूल सकते है मोनाली ! क्या खेल खेला था तुमने जूठे प्यार का..वो भी मेरे सबसे अच्छे दोस्त करन के साथ...

मोनाली : हा खेला था.. मुझे उसमे कोई इंट्रेस्ट नही था...उसका बैंक बैलेंस कुछ ज्यादा ही था तो मैंने सोचा उसे थोड़ा कम कराते है ..!

सौरभ : हा और इसीलिए तुमने एक और बॉयफ्रेंड भी बना रखा था और मैंने सुना है की उससे तुम्हारी सगाई भी होने वाली है...!

मोनाली : तो तुम लोगो को क्या लगा की में इस करन के चक्कर में माइक को छोड़ दू? माइक तो पहले से ही मेरी पसंद था... करन तो पहले से ही सिर्फ मेरा टाइमपास था...

संजना : और अब भी वो तुम्हारे लिए टाइमपास ही है सही कहा ना ?

मोनाली : नही...

मोनाली ने गुस्से से कहा और फिर हसने लगी..

मोनाली : अब वो तुम्हे हराने की टिकिट है... समझे.. इसीलिए में वापस आई ताकि करन का भरोसा जीतकर उसे तुम्हारे खिलाफ यूज कर सकू...

अनिरूद्ध : उसे यूज तुम पहले से ही करती आई हो.. उस रात मुझे फसाने के लिए भी तुमने उसे यूज किया था...!

अनिरूद्ध गुस्से से चिल्लाया...

मोनाली : हा क्योंकि बदला लेना था मुझे तुमसे ... मैने तुम्हे अपने साथ होने को कहा और तुमने मुझे मना कर दिया ? कॉलेज की सबसे खूबसूरत लड़की को मना कर दिया ! और इसी वजह से मैंने वो प्लान बनाया.. तुम्हे नशे की गोली ड्रिंक में मिलाकर दी और चुपके से कमरे में लाई... तुम तो नशे में भी मेरे पास आना नही चाहते थे फिर मैने ऐसा नाटक किया की सबको लगे की तुम मेरे साथ बत्तमिजी कर रहे हो... और सबूत के लिए मैने वीडियो भी बनाई और करन को उसी वक्त बुलाया ताकि वो तुम्हे और मुझे देखे और तुम्हे हमेशा के लिए खुद से दूर करदे... और देखो वही हुआ...

मोनाली के इतना कहते ही दरवाजे के पास रखे बॉक्स गिर गए... सबकी नजर उस तरफ चली गई...
वहा पर करन था जिसने मोनाली की सभी बात सुन ली थी...
उसकी आंखों से आंसू रुक नही रहे थे... वो जमीन पर गिर गया था....

सब करन को वहा देखकर हैरान थे... और सबसे ज्यादा शॉक्ड मोनाली थी...

करन खड़ा हुआ और गुस्से से अपना सिर पीटने लगा...

" में ये कैसे कर सकता हु ..? ये मैने क्या कर दिया ...? मैने सब बरबाद कर दिया... सब मेरी वजह से हुआ है... " करन यह बोलते हुए जोर जोर से अपना सिर पीट रहा था...

" करन रुक जाओ .. तुम्हे चोट लग जायेगी..." किंजल भागती हुई उसके पास गई...

" ये मैने क्या कर दिया किंजल ..? में कितना बड़ा गधा हु... मैने तुम सभी पर विश्वास नहीं किया... में तुम सब का गुनहगार हु...."

" करन ऐसा मत कहो.. तुमने कुछ नही किया .. जो किया है वो इस मोनाली ने किया है .."

किंजल ने करन को सहारा देते हुए कहा..

" करन ये सब जूठ है.. इन सब ने मुझे मजबूर किया था यह सब बोलने के लिए ..."
मोनाली करन के पास आती हुई बोली...

" शट अप मोनाली... अब एक और लब्ज़ में तुम्हारे मुंह से सुनना नही चाहता... दूर हो जाओ मुझसे.. नही तो ..मुझसे कोई अनर्थ हो जाएगा..."

" पर में सच कह रही हू... करन.. तुम नही जानते की यहां क्या हुआ है.. "
मोनाली ने फिर से आकर करन की बांह पकड़ ली...

" मैने कहा ना दूर हटो मुझसे..."
करन ने गुस्से में मोनाली को धक्का दे दिया और मोनाली दूर जाकर गिरी...

करन अनिरुद्ध की तरफ देख रहा था जो नजर जुकाएं यह सब सुन रहा था...

वो धीरे से अनिरुद्ध के पास आया...

और उसके सामने अपने पैरो पर नीचे बैठ गया...

उसने रोते हुए करन के सामने हाथ जोड़े ..

अनिरूद्ध यह देखकर भावुक हो गया और उसकी आंखों से भी आंसू बहने लगे...

तभी मोनाली गुस्से से बंदूक लेकर खड़ी हुई और निशाना अनिरुद्ध की तरफ लगाया...

करन आगे कुछ बोलने ही जा रहा था की उसकी नजर मोनाली पर पड़ी जो बस ट्रिगर दबाने ही वाली थी...

" अनिरूद्ध....." करन चिल्लाया ... तभी मोनाली ने ट्रिगर दबाया और गोली अनिरुद्ध पर चलाई....करन ने जोर से अनिरुद्ध को धक्का दे दिया... और गोली करन के सीने पर जाकर लगी...

करन वही जमीन पर गिर गया...

" नही...." मोनाली के हाथो से बंदूक नीचे गिर गई...

" करन...." अनिरूद्ध भागता हुआ उसके पास गया...
सौरभ , किंजल और संजू भी भागते हुई करन के पास आए।

करन के सीने से बहुत खून बह रहा था...

" करन तुम्हे कुछ नही होगा... हम है ना ..! प्लीज अपनी आंखे खुली रखो...."
अनिरूद्ध ने रोते हुए कहा...

" अनिरूद्ध...." करन ने दर्द भरी आवाज में कहा..

" हा में यही हु करन...." अनिरूद्ध ने करन का हाथ पकड़ लिया

" आई एम सोरी...प्लीज मेरे जाने से पहले तुम मुझे माफ कर देना..."

" ऐसा मत कहो करन ... तुम्हे कुछ नही होगा .. और मैने तो तुम्हे कब का माफ कर दिया ... "

अनिरूद्ध के इतना कहते ही करन ने अपनी आंखें बंद कर दी...



🥰 क्रमश: 🥰