कहानी प्यार कि - 54 Dr Mehta Mansi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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कहानी प्यार कि - 54

किंजल की आवाज सुनकर करन घबरा गया....

" किंजल क्या हुआ... प्लीज कुछ बोलो " करन ने चिल्लाते हुए कहा...

तब किंजल ने अपने चेहरे पर से हाथ हटाया... वो एकदम ठीक थी... उसने दूसरी तरफ नजर की जहा वो कुत्ता किसी और कुत्ते पर हमला कर रहा था...
किंजल की जान में जान आई...

" प्लीज किंजल कुछ तो बोलो ..." करन की चीख में दर्द था जो किंजल ने भी महसूस किया था...

" में ठीक हु..." किंजल ने जोर से कहा..

" ओह थैंक्स गॉड...." करन की जान में जान आई थी उसने अपनी आंखो में आए आंसुओ को पौछ लिया...

" किंजल मेरी बात सुनो ... तुम जाकर किसीको हेल्प लेकर आओ.. तुम्हारा अकेले रुकना सेफ नहीं है.."

" मैने कहा ना करन में तुम्हे छोड़कर नही जाऊंगी...! "

" यार तुम बचपना मत करो... इस वक्त की हालात को समझो...."

" मैने कहा ना नही जाऊंगी तुम्हे समझ नही आता... " अब किंजल भी गुस्से हो गई थी...

" डेम्न...! ये लड़की किसकी सुनती क्यों नही..! " करन गुस्से में चिल्लाया...
उसकी आंखे गुस्से से लाल हो गई थी...

किंजल ने फिर से अपना दुप्पटा फेंका...

" करन पकड़ो इसे...."

करन ने गुस्से में ही सही पर दुप्पटा पकड़ा और ऊपर आने की कोशिश करने लगा...

किंजल बहुत जोर करके करन को ऊपर खींच रही थी... बहुत कोशिश के बाद फाइनली करन ऊपर पहुंच गया...
किंजल ने अपना हाथ दिया और करन उसका हाथ पकड़कर ऊपर आ गया...

करन को बहुत सारी चोटे आई थी और साथ में ऊपर से गिरने की वजह से पैर में मोच भी आ गई थी...

" आर यू लॉस्ट योर ब्लडी माइंड...? किसीकी सुनती क्यों नही हो...? " करन ने किंजल की बांह पकड़कर गुस्से में कहा...

किंजल ने करन की बात का कोई जवाब नही दिया...

" में तुमसे कुछ पूछ रहा हु किंजल... अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो..? वो जंगली कुत्ते तुम्हारे पाले हुए नही है की वो तुम पर हमला नही करते ..! "

" हा पर कुछ हुआ तो नही ना..! "
किजंल ने नजरो को जुकाए हुए कहा...

" चलो तो फिर चलते है..." करन ने नाराजगी के साथ कहा और चलने को कोशिश करने लगा पर तभी पैर में मोच की वजह से वो लड़खड़ाया पर किंजल ने उसे पकड़ लिया...

किंजल ने करन को कंधे का सहारा दिया... दोनो धीरे धीरे आगे जाने लगे... तभी दोनो को फिर से वही कुत्तों की आवाज सुनाई दी... दोनो ने पीछे देखा तो वो दोनो कुत्ते उनसे कुछ ही दूर खड़े उन दोनो पर भौंक रहे थे...

किंजल और करन ने एक डर भरी नजरो से एक दुसरे की और देखा...

" भागो किंजल...." करन बोला...

दोनो एक दूसरे को पकड़कर वहा से भागने लगे... पर करन पैर में मोच की वजह से ज्यादा भाग नही पा रहा था...

" मुझसे नही भागा जायेगा किंजल तुम जाओ ..."

" नही करन प्लीज कोशिश करो... चलो..."

" नही हो रहा है ..तुम जाओ..."

वो कुत्ते दोनो के बहुत ही करीब आ गए थे... किंजल और करन के आंखो के सामने मौत आ गई थी...

" किंजल जाओ प्लीज भगवान के लिए..." करन दर्दब्भरी आवाज के साथ चिल्लाया..

पर किंजल अपनी जगह से हिली भी नही
किंजल करन के आगे जाकर खड़ी हो गई..
" में तुम्हे कुछ नही होने दूंगी करन... "

तभी एक कुत्ते ने किंजल पर छलांग लगाई.. किंजल जमीन पर गिर गई...
" किंजल......" करन जोर से चिल्लाया..
कुत्ते के नाखून से किंजल का चहेरा और पूरा हाथ छील गए....
तभी एक जोर का पत्थर कुत्ते के ऊपर आया और वो वहा से भाग गया... किंजल दर्द से कराह रही थी... करन ने उस तरफ देखा तो वो ड्राइवर था...

उस ड्राइवर ने पत्थर मारकर दोनो कुत्तो को भगा दिया...

उस ड्राइवर की वजह से आज किंजल की जान बच गई थी.. कुत्ते ने सिर्फ अपने नाखून मारे थे अभी तक काटा नही था...

" सर आप ठीक हो ? " ड्राइवर ने करन के पास आते हुए कहा...

" हा में ठीक हु....किंजल...." करन उठकर किंजल के पास जाने लगा..

ड्राइवर ने करन को सहारा दिया...

किंजल के हाथ और चहेरे पर लगी चोट से खून निकल रहा था...

करन ने आकर किंजल को गले लगा लिया...
" आई एम फाइन..." किंजल ने धीरे से कहा...

" नही तुम ठीक नही हो..."

कुछ देर तक करन किंजल को ऐसे ही गले से लगाए बैठा रहा...

फिर किंजल खड़ी होने की कोशिश करने लगी...

" चलो घर चलते है..." किंजल गाड़ी की और जाने लगी...

करन ने उसका हाथ पकड़ लिया.... और अपने पास खींच लिया...

" क्यों किया तुमने ऐसा हा ? " करन गुस्से से भरी आवाज में बोला...
किंजल करन का यह गुस्से से भरा चहेरा देखकर डर गई थी करन ने बहुत जोर से किंजल का हाथ पकड़ा हुआ था..

" जवाब दो किंजल ...! " करन की भारी आवाज से किंजल ने डर के मारे अपनी आंखे बंध कर दी...

" करन मुझे दर्द हो रहा है प्लीज..."

" मुझे सिर्फ जवाब चाहिए ... तुमने मेरे लिए अपनी जान जोखम में क्यों डाली...? " करन फिर से गुस्से में चिल्लाया...

" क्योंकि प्यार करती हु में तुमसे... इडियट" किंजल ने आंसुओ से भरी आंखों से चिल्लाते हुए कहा...

करन के हाथ से किंजल की पकड़ी हुई कलाई छूट गई...

" सुना तुमने... प्यार करती हू में तुमसे ... आज या कल से नही ... कई सालो से करती हु... इतना भी समझ नही आता तुम्हे ? अब तो मिल गया ना जवाब ... अब खुश ! तो फिर मुझे जाने दो..."
गुस्से से बोलकर किंजल जाने लगी...

" किंजल...." करन ने किंजल को रोकते हुए शांत स्वर में कहा...

" जानती हु में.. की तुम मुझसे प्यार नही करते हो... तुम्हे कुछ कहने की जरूरत नहीं है.. में कभी अपनी लिमिट क्रॉस नही करूंगी.. " किंजल ने बिना करन की और मुड़े कहा और फिर जाकर गाड़ी में बैठ गई...

" कोई रास नहीं आता इन नजरो को ,
इनके लिए सिर्फ तुम काफी हो ,
हम तो कर चुके है खुद को तुम्हारा
अब तुम ही बाकी हो ,
खो जाती हु तुम्हारी इस आंखो में ,
जैसे इनमे कोई गहराई हो ,
हो चुका है इजहार अब इन होठों से भी ,
काश तुम भी इस बात से राजी हो !

करन आगे कुछ नही बोल पाया...
उसे समझ ही नही आ रहा था की अभी अभी क्या हुआ था...

वो बस बिना कुछ बोले गाड़ी में आकर बैठ गया....

कुछ ही घंटे में उनकी गाड़ी दिल्ली एंटर हो गई...

" सर यहां कहा जाना है ? "

" पास की कोई हॉस्पिटल में..."

" ठीक है " कहते हुए उस ड्राइवर ने गाड़ी हॉस्पिटल की और मोड़ दी...

हॉस्पिटल के आगे किंजल और करन उतर गए...

" चलो ..." करन ने कहा और दोनो बिना कुछ बोले एक दूसरे को सहारा देते हुए हॉस्पिटल के अंदर चले गए...

किंजल और करन पास के ही बेड में ड्रेसिंग हो जाने के बाद लेटे हुए थे.. दोनो कुछ सोच में खोए हुए थे...
तभी करन का ध्यान किंजल की कलाई पर गया.. किंजल की कलाई पूरी रेड हो चुकी थी और उस पर करन के हाथो के निशान पड़ चुके थे...

करन को यह देखकर बहुत दुख हुआ...
" में ऐसा कैसे कर सकता हु ? क्यों मुझसे अपने गुस्से पर कंट्रोल नही होता ..? " करन मन ही मन खुद को कोस रहा था...

उसी वक्त संजना अपने चेक अप के लिए अनिरुद्ध के साथ उसी हॉस्पिटल में आई हुई थी.. दोनो जनरल वार्ड के पास से गुजर ही रहे थे की अनिरुद्ध का ध्यान खिड़की से किंजल और करन पर गया...

" एक मिनिट रुको संजू ..."

" क्या हुआ अनिरुद्ध ..? "

" ये तो करन और किंजल है..."

" कहा ? " संजू ने वहा आते हुए कहा..

" हा वही है.. पर उन दोनो को ये चोटे आई कैसे...? "

" चलो अंदर जाकर उनसे ही पूछते है.."

संजना और अनिरुद्ध जनरल वार्ड के अंदर गए.. और किंजल और करन के सामने खड़े होकर उनको गुस्से से घूरने लगे... पर वो दोनो अब भी नजरे जुकाए अपने ही खयालों में मशगूल थे...

तभी किंजल ने धीरे से अपना सिर ऊपर किया तो सामने अनिरुद्ध और संजना को देखकर चौंक गई...

" तुम दोनो यहां ? "
किंजल के बोलने पर करन ने भी उस तरफ देखा...
वो भी उन दोनो को वहा देखकर हैरान रह गया...

" ये क्या हालात बनाई है तुम दोनो ने ? " अनिरूद्ध थोड़ा भारी आवाज में बोला...

" वो वो...." किंजल कुछ बोल नहीं पाई...

" क्या किंजल तुम ऐसे ही मुझे अपनी बहन बोलती हो हा ? तुम यहां हॉस्पिटल में हो और तुम्हे हमे बताना जरूरी भी नही लगा ? "

" संजू सोरी... में तुम्हे परेशान नहीं करना चाहती थी इसीलिए..."

" हा तो किंजल मुझे बता देती में तो आ सकता था ना ? और तू ... तुझे क्या अलग से मुझे कुछ कहना पड़ेगा ? "

" यार सोरी भाई ... " करन ने सिर जुकाए कहा..

" आप लोग पहले ये बताओगे की ये सब कैसे हुआ ? "

संजना की बात सुनकर दोनो एक दूसरे की और देखने लगे...

" ये सब किंजल की वजह से हुआ है... " करन ने नाटक करते हुए कहा...

" मेरी वजह से ..? " किंजल आंखे फाड़े हैरानी से करन की और देखने लगी...

" और नही तो क्या...? तुम्हे पता है अनिरुद्ध ... ये हमारी सोसायटी में जो कुत्ता है उसे परेशान कर रही थी ... और इसी वजह से कुत्ता उसके पीछे भागा और ये यहां है ..."

किंजल सिर्फ मुंह फाड़े देखती ही रह गई...

" क्या ? किंजल तुम्हे कुत्ते ने काट लिया...?"

" नही संजू ... काटा नही है ... "

" थैंक्स गॉड....."

" पर करन कुत्ता तो किंजल के पीछे भागा था तो फिर तुम्हे चोट कैसे आई ? "

अनिरूद्ध ने सवालात भरी नजरो से करन की और देखते हुए कहा...

" हा हा बताओ...." किंजल तुरंत बोली...

" वो वो क्या हुआ था की ... मैने जब देखा की कुत्ता किंजल के पीछे भाग रहा था .. तो में उसे बचाने जा रहा था पर तभी मेरा पैर फिसला और गिरने की वजह से मुझे ये चोट आ गई ..."

" वाह ये मुझे बचाने आ रहा था ! वहा जंगल में तुम ही तो मेरे सामने खड़े हो गए थे मुझे बचाने के लिए है ना ...? " किंजल करन की और देखते हुए मन में बोली..

करन ने किंजल का ऐसा चहेरा देखकर अपनी नजरे ही फेर ली....

" यार किंजल ये क्या बचपना है ...? तू कुत्ते को परेशान क्यों कर रही थी....? "

" संजू वो कुत्ता हररोज लोगो के पीछे दौड़कर उनको परेशान करता रहता है ... इसीलिए मैंने सोचा आज में उसको परेशान करती हु...! "

" हा और इसी वजह से तू यहां हॉस्पिटल में लेटी हुई है...! " संजना ने गुस्से से देखते हुए कहा..

" यार सोरी ना... अब हो गई गलती...क्यों करन !! "

" हा हा संजू अब माफ भी करदो उसे..."

" ठीक है करन कह रहा है इसीलिए तुम्हे माफ कर रही हू..."

" हा बड़ी मेहरबानी करन की...." किंजल ने मुंह बिगाड़ते हुए कहा...

" ठीक है हम दोनो अभी आते है... तुम दोनो यही से हिलना मत ..."
अनिरूद्ध ने कहा और वो दोनो चले गए...

उनके जाते ही किंजल करन को गुस्से से घूर रही थी....करन समझ चुका था की अब उसकी खैर नहीं है..

" हा तो क्या कह रहे थे तुम ? में कुत्ते को परेशान कर रही थी ? मुझे बचाने के लिए तुम्हे चोट लग गई ? और क्या कहा था ...? हा .. सब मेरी ही गलती की वजह से हुआ है ? "

" सोरी किंजल मुझे और कुछ सूझा ही नही ...."

" तो फिर मेरे नाम का बिल क्यों फाड़ रहे थे ? खुद का नाम नहीं ले सकते थे क्या..? "

" में खुद का नाम लेता तो उनको सच नही लगता .."

" पर क्यों ? मेरा नाम लेने पर तो वो मान गए सच ? "

" यही तो... अब सब जानते है की धी करन शर्मा ऐसी हरकत कर ही नही सकता... "

" तो तुम ये कहना चाहते हो की में ऐसी हरकत कर सकती हु ? "

" शायद.. अब तुम्हारी बहन मान गई ...मतलब वो तो तुम्हे अच्छी तरह से जानती है की तुम क्या कर सकती हो और क्या नही..."

" यू....." किंजल गुस्से से कुछ बोलने ही वाली थी की संजना और अनिरुद्ध आ गए..

" क्या हुआ फिर से जगड़ने लगे क्या ? " अनीरूद ने हस्ते हुए कहा...

" नही नही तो..." दोनो एक साथ बोले...

अब सुनो हम दोनो को तुम से एक सीरियस बात करनी है...

" क्या हुआ सब ठीक तो है ना? " करन ने गंभीर होते हुए पूछा...

" हा संजू एनीथिंग सीरियस...? "

" हा किंजल ...." संजू ने उदास होकर कहा...

" संजू अब तुम मुझे डरा रही हो... "

" में बताता हु..."
कहते हुए अनिरुद्ध ने किंजल और करन को अंजली के बारे में सब बताया...

" व्हाट? अंजली की सगाई है... तो अब भाई का क्या होगा संजू ? "

" किंजल हमने कुछ सोचा है... " संजना ने पूरा प्लान दोनो को समझाया...

" पर मोहित मानेंगे इसके लिए ...?" करन ने उलझन के साथ कहा...

" मानेंगे क्यों नही .. तुम दोनो हो ना ..! " अनिरूद्ध ने शरारती मुस्कुराहट के साथ कहा...

" क्या मतलब ? " किंजल और करन हैरानी से देख रहे थे...

" तुम दोनो को क्या लगा की अभी अभी तुम दोनो ने जो ओवरएक्टिंग की थी उसे हम सच मान लेंगे...? "
संजना ने अपने कमर पर हाथ रखते हुए कहा...

किंजल ने तुरंत करन की और गुस्से से देखा...

" अब इससे यह तो साबित हो गया की करन भाई तू ओवरएक्टिंग करने में बिल्कुल नही चल सकता ... तो किंजल अब जो करना है वो तुझे ही करना है..." अनिरुद्ध ने हस्ते हुए कहा

" देखा मैने कहा था ना...? " करन ने भी हस्ते हुए किंजल की और देखकर कहा..

" ठीक है ठीक है... बोलो अब मुझे क्या करना है...? "

संजना ने किंजल को आगे क्या करना है वो बताया...
अब वो लोग तैयार थे मिशन अंजली को अंजाम देने के लिए...

🥰 क्रमश : 🥰