कहानी प्यार कि - 55 Dr Mehta Mansi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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कहानी प्यार कि - 55

" किंजल तुम यहां पर लेट जाओ और बीमार होने की एक्टिंग अच्छे से करना और मैंने जैसा कहा है वैसा ही तुम भाई से कहोगी ठीक है ना ? " संजना ने किंजल को समझाते हुए कहा...

" हा बाबा समझ आ गया अब मुझे..."

" आप सब को ऑल धी बेस्ट... आई होप की आपका ये प्लान सक्सेसफुल हो जाए... में अब चलता हु मेरी बहुत जरूरी मीटिंग है..." करन ने कहा और वो अपनी मीटिंग के लिए चला गया...

" संजू तुम मोहित को फोन करो...."

" ठीक है अनिरूद्ध..."

संजना ने मोहित को फोन लगाया...

" हा संजू बोलो..."

" भाई आप जल्दी से सिटी हॉस्पिटल आ जाइए...." संजना ने घबराहट भरी आवाज के साथ कहा...

" क्या हुआ संजू तू इतनी परेशान क्यों है... अनिरुद्ध तो ठीक है ना ? "

" हा भाई अनिरुद्ध बिलकुल ठीक है पर किंजल .... "

" क्या हुआ किंजल को....? "

" वो आपको में बाद में बताती हु आप पहले आ जाइए यहां..."

" तू फिक्र मत कर में अभी आता हु..." मोहित ने तुरंत फोन रखा और तेजी से सिटी हॉस्पिटल आने के लिए निकल गया...

रास्ते में मोहित को बहुत घबराहट हो रही थी वो किंजल के लिए बहुत परेशान हो रहा था... उसने हॉस्पिटल के पास गाड़ी पार्क की और भागता हुआ हॉस्पिटल के अंदर चला गया...

मोहित आता उससे पहले किंजल जनरल वार्ड से एक सेपरेट रूम में शिफ्ट हो गई थी ... ताकि दूसरे पेशेंट को कोई परेशानी ना हो...

मोहित संजना ने जो रूम नंबर बताया था उस रूम में पहुंच गया...
किंजल बेड पर लेटी हुई थी और संजना और अनिरुद्ध उसके पास बैठे हुए थे...

" अब किंजल कैसी ही ? डॉक्टर ने क्या कहा..? किंजल कब तक ठीक हो जाएगी....? " मोहित आते ही एक ही सांस में सवालों के बौछार कर दी...

" भाई रिलेक्स ... किंजल ठीक है... और डॉक्टर ने कहा है की किंजल को जल्द ही होश आ जायेगा...."

" पर संजू किंजल को हुआ क्या है ? "

" बस छोटा सा एक्सीडेंट हो गया था...."

" व्हाट ? एक्सीडेंट ...? कब ? कहा ? "
" भाई आप घबराओ मत छोटा सा एक्सीडेंट था .. और अब किंजल ठीक है....ये देखो उसे होश भी आ गया..."
संजना के इतना कहते ही किंजल ने धीरे धीरे अपनी आंखे खोली...

मोहित तुरंत किंजल के पास जाकर बैठ गया...और उसके सिर पर हाथ फेरने लगा...

" भाई आप ? "

" हा में... और पहले ये बता ये तुमने अपनी क्या हालत बना रखी है ? "

" आई एम सोरी भाई.. "

" तू जानती है में कितना डर गया था ? "

" सोरी भाई आगे से ऐसा नहीं होगा..."
किंजल ने धीरे से कहा...

मोहित अभी भी मुंह फुलाकर बेटा हुआ था...

संजना ने एक नजर अनिरुद्ध की और की
" देखा ना कैसी नौटंकी आती है इसे ...! " संजना ने इशारे के साथ कहा..

यह देखकर अनिरुद्ध मुस्कुराने लगा...

" अच्छा ठीक है अब आगे से ध्यान रखना..."

" थैंक यू भैया...." किंजल ने मोहित की तरफ मुस्कुराते हुए कहा...

उसे देखकर मोहित भी मुस्कुराया...

" भैया में आपसे एक बात पूछूं ? "

" हा पूछ "

" संजना ने मुझे अंजली के बारे में बताया ..की उसकी सगाई हो रही है.."

" हा हो रही है तो ? "

" तो भाई आप ? "

" अब में क्या कर सकता हु उसमे उसकी लाइफ है उसे जो करना है वो करे..." मोहित थोड़ा चिड़चिड़ा होकर बोला...

" अच्छा सोरी भाई ... "

" हम...."

संजना ने इशारे से किंजल को असली मुद्दे पर आने के लिए कहा...

" भाई आप से कुछ मांगू तो आप मुझे दोगे...? "

" ये कैसा सवाल है किंजल में जरूर दूंगा तुम मांग कर तो देखो ..."

" मुझे आप से एक वादा चाहिए...."
किंजल की बात सुनकर मोहित हैरानी से किंजल की और देखने लगा...

" कैसा वादा ? "

" पहले कहिए की आप ये वादा नही तोड़ेंगे..."

" नही तोडूंगा अब बताओ भी..."

" आप वादा कीजिए की अभी में आपसे जो कहूंगी वो आप करोगे ... मना नहीं करोगे..."

" क्या करना है पहले ये बताओ.."

" ऐसे नही भाई पहले आप वादा कीजिए तभी में आपको बताऊंगी..."

" ये क्या ज़िद है किंजल ... अभी अभी तुम्हे होश आया है और अभी तुम बहुत कमजोर हो.. ये सब हम बाद में भी तो कर सकते है ना ? "

" नही भाई अभी ये जरूरी है..."

" तुम बहुत जिद्दी हो... किंजल ठीक है में वादा करता हु की तुम जो बोलोगी वो में करूंगा..."

" देखा कैसे भाई को बाटली में उतार रही है ये सिर्फ किंजल ही कर सकती है..." संजना ने धीरे से अनिरुद्ध के कान में कहा...

" भाई आप को कुछ देर तक यहां इस बेड पर मेरे बदले में लेटना होगा..."

" व्हाट ? " मोहित आश्चर्य के साथ खड़ा हो गया...

" ये क्या बोल रही हो किंजल...? सुन रही हो संजू ये कैसी बहकी बहकी बाते कर रही है लगता है एक्सीडेंट का उसके दिमाग पर असर हुआ है हमे अभी डॉक्टर को बुलाना चाहिए..."

मोहित की बात सुनकर अनिरुद्ध और संजना आंखे फाड़े एक दूसरे की और देखने लगे ...

" भाई ये गलत है आपने मुझसे वादा किया था की में जो बोलूगी वो आप करोगे अगर आपने वादा तोड़ा तो आप जानते है की मेरे साथ कुछ भी हो सकता है... अभी तो में बच गई पर आगे पता नही में मर भी सकती हु..."

" शट अप किंजल.... कुछ भी बोले जा रही हो तुम्हे कुछ नही होगा और ये सब बकवास की बाते है..." मोहित थोड़ा गुस्सा हो गया था...

" तो क्या आप मेरी बात नही मानोगे...? " किंजल ने इमोशनल फेस बनाते हुए कहा...

" ठीक है में करता हु ....."

" थैंक यू भैया... आपको सिर्फ बीमार होने का नाटक करना है और आपको आंखे नही खोलनी है ... "

" पर यह सब किस लिए किंजू ? "

" आप बस इतना समझ लीजिए की आप यह मेरे लिए कर रहे है...और आप प्लीज कोई कुछ भी बोले आप खड़े मत होना प्रोमिस कीजिए..."

" ठीक है प्रोमिस.... "

यह सुनते ही किंजल खड़ी होने लगी... तभी संजना ने उसको आंखे दिखाते हुए रुक जाने को कहा...

किंजल तुरंत रुक गई...

" किंजल तुम यहां आराम करो तुम्हे भी रेस्ट की जरूरत है ... " संजना ने बात को संभालते हुए कहा...

" हा संजू ठीक कह रही है ... हम रूम नंबर नाइन में जाते है वहा अभी उस पेशेंट का डिस्चार्ज मिला है " अनिरूद्ध ने कहा तो मोहित शक भरी नजरो से अनिरुद्ध और संजना की और देखने लगा..

" एक बात बताओ क्या तुम दोनो ये जानते हो की किंजल यह सब क्यों कह रही है ? सच सच बताना "

" हा ...भाई .. हमे पता है और आपको अभी कुछ देर में पता चल जायेगा पर प्लीज आप किंजल ने जैसा कहा है वैसा कीजिए..."

" ठीक है संजू... चलो..."

वो तीनो रूम नंबर नाइन में चले गए...

" सब मेहनत मैने की और मुझे ही यहां अकेले छोड़कर चले गए ! वाह क्या न्याय है भगवान आपका ! " किंजल ने बड़बड़ाते हुए कहा..

इस तरफ किंजल के कहने पर मोहित ने अपने कपड़े चेंज किए और ऑपरेशन टाइम के कपड़े पहने और बेड पर लेट गया... एक नर्स ने मोहित के माथे पर पट्टी लगा दी और ऑक्सीजन मास्क पहना दिया...

" संजू अनिरुद्ध मुझे अब भी समझ नही आ रहा है की तुम लोग मुझसे करवाना क्या चाहते हो ? "

" मोहित आप हम पर भरोसा रखिए... प्लीज ये हम सब की भलाई के लिए ही है...

" भाई जब आप खुश होंगे तभी हम खुश रह पाएंगे ना...." संजना ने अपने मन में कहा...

अनिरूद्ध ने संजना को इशारा किया और इशारे के साथ संजना कमरे से बाहर चली गई और उसने फोन अंजली को लगा दिया....

" हा संजना भाभी बोलिए....." अंजली ने फोन उठाते हुए कहा...

" तुमसे कुछ बात करनी थी अंजली ... "

" देखिए भाभी प्लीज में जानती हु आपको क्या बात करनी है पर मुझे इस बारे में कोई बात नही करनी है..."

" पर मेरी बात तो सुनलो एक बार...."

" प्लीज भाभी ... मेरी सगाई होने वाली है और में नही चाहती की ऐसे वक्त में अपने पास्ट से जुड़ी बातों को फिर से याद करू...."
अंजली ने थोड़ी सख्ती से कहा...

" मुझे भी कोई शोक नही है अंजली तुम्हारे पास्ट के बारे में बात करने का..."

" तो फिर आपने फोन क्यों किया ? "

" मेरी गलती हो गई की मैने तुम्हे फोन किया मुझे लगा की मुझे तुम्हे भाई के एक्सीडेंट के बारे में बता देना चाहिए पर नहीं में गलत थी ... तुम्हे तो अब कोई फर्क ही नहीं पड़ता है की मोहित भाई ठीक है भी या नहीं ... " संजना ने गुस्से से भरी आवाज में कहा...

मोहित के एक्सीडेंट की बात सुनकर अंजली के कान जैसे सुन्न हो गए थे.... उसके हाथ कांपने लगे...

" मोहित का एक्सीडेंट....! " उसने कांपती आवाज़ में पूछा...

" हा ... और डॉक्टर ने कहा है की भाई की जान बचाना मुश्किल है ...तुम जानती नहीं की यह वक्त हम सब के लिए कितना मुश्किल है पर फिर भी मैंने तुम्हारे बारे में सोचा पर तुमने मुझे गलत ठहरा दिया अंजली ... " संजना ने रोती हुई आवाज में कहा और फोन काट दिया...

अंजली के हाथ से फोन नीचे गिर गया... और वो जमीन पर बैठ गई... उसकी आंखों से आंसू बहने लगे... फिर अंजली खड़ी हुई और फोन हाथ में लिए भागती हुई गाड़ी में बैठ गई और गाड़ी चलाने लगी ..

" मैंने संजना से ये तो पूछा ही नही की वो लोग कौन सी हॉस्पिटल में है.... " अंजली को अचानक से ही याद आया...

उसने अपने आंसू पौछे और संजना को फोन लगाया पर संजना ने जानबूझकर फोन नही उठाया....

" प्लीज संजना फोन उठाओ...." पर संजना ने फोन नही उठाया...

तभी अंजली को कुछ याद आया और उसने एक ऐप खोली और उसमे संजना की लोकेशन ट्रेस की और उसे पता चल गया की संजना सिटी हॉस्पिटल में है...

अंजली ने तेजी से गाड़ी सिटी हॉस्पिटल की तरफ मोड़ दी...

अंजली सिटी हॉस्पिटल कुछ ही मिनिट में पहुंच गई उसने रिसेप्शन पर मोहित के बारे में पूछा और फिर रूम नंबर नाइन की और भागती हुई आ गई....

प्लान के मुताबिक संजना और अनिरुद्ध रूम के बाहर बैठे हुए थे संजना की आंखो में आंसू थे और अनिरुद्ध भी उदास सा उसके पास बैठा हुआ था....

अंजली भागती हुई संजना के पास आई...

" मोहित कहा है ? "

संजना ने रोते हुए अंदर की और इशारा किया...

अंजली ने शीशे में से मोहित को देखा... और उसे देखकर वो जैसे टूट गई ... वो बिना कुछ सोचे समझे दरवाजा खोल कर मोहित के पास चली गई...

उसके जाते ही संजना ने अपने आंसू पौंछ लिए...

" हम सही थे अनिरुद्ध... अंजली अब भी भाई से ही प्यार करती है..."

" हा संजू अच्छा हो की इस बार वो सारा सच हमे बता दे..."

" हम..."

" मोहित आई एम सोरी...में नही जानती थी की तुम यहां इस हालत में...." बोलते बोलते अंजली चुप हो गई थी...

मोहित अंजली की आवाज सुनकर हैरान था... उसने ऐसा जरा भी नही सोचा था की उसके सामने अंजली आने वाली थी.... पर अपने वादे की वजह से वो बिल्कुल चुप रहा और आंखे बंध करके अंजली की बात सुनने लगा..

" मोहित प्लीज अपनी आंखे खोलो ना में तुम्हे खोना नही चाहती हू... प्लीज भगवान के लिए अपनी आंखे खोलो..."

" में तुम्हारे बिना नही रह पाऊंगी .... तुम जानते हो ना की में तुमसे कितना प्यार करती हु ...."

" तो फिर ये सगाई और मुझसे इतनी दूरी क्यों अंजली ? " मोहित ने अपने मन में कहा...

" में जानती हु की मेरी सगाई की बात सुनकर तुम मुझसे नफरत करते होगे.. मेरे छोड़कर जाने के लिए तुम मुझसे बहुत नाराज भी हो पर में क्या करती मोहित मेरे पास कोई रास्ता नही था..."

अंजली की बात सुनकर मोहित हैरान था... उसे कही न कहीं यह लग रहा था की अंजली बिना वजह के कभी कुछ गलत नही कर सकती थी...

" तुम नही जानते थे की हमारी आखरी मुलाकात के बाद क्या हुआ था , और ना ही में तुम्हे यह बात कभी बता सकती थी... अगर में उस दिन तुम्हे छोड़कर नहीं जाति तो पापा तुम्हे जिंदा नही छोड़ते...मेरे पास तुम्हे बचाने के लिए और कोई रास्ता नही था मोहित...में तुमसे आज भी उतना ही प्यार करती हु... और तुम्हारे लिए में कुछ भी कर सकती हु कुछ भी...." अंजली मोहित के ऊपर सिर रखे रोते हुए बोले जा रही थी

यह सुनकर मोहित की आंखो से आंसू बहने लगे..अब मोहित से और ज्यादा कंट्रोल नही हुआ ....
" में भी तुमसे इतना ही प्यार करता हु अंजली शायद पहले से भी ज्यादा..."

मोहित की यह आवाज सुनकर अंजली एक जटके में खड़ी हो गई....

दोनो की आंखो में आंसू थे....

कुछ पल तक अंजली आंखो में आंसू लिए ऐसे ही मोहित को घूरती रही और फिर मोहित के सीने से लग गई....

मोहित उसके माथे पर हाथ फेर रहा था...



बाहर दरवाजे पर खड़े संजना और अनिरुद्ध की आंखे भी नम थी...

" मोहित तुम ठीक हो ? "
अंजली ने मोहित के गाल पर हाथ रखते हुए कहा...

" हा अंजली में ठीक हु... पर में नही जानता था की तुम ठीक नही हो... इतने सालो तक तुम मुझे बचाने के लिए इतना सब सह रही थी और में था की तुम को गलत समझ रहा था..."

यह सुनकर अंजली चुप हो गई....

" प्लीज अंजली अब तो तुम्हारे मुंह से भी सच बाहर आ गया है अब तो मुझे सारा सच बताओ... में नही चाहता की तुम अकेली यह सब सहती रहो... प्लीज अंजली.. "

मोहित की रिक्वेस्ट सुनकर अंजली भी पिघल गई...

" मोहित यह बात उस वक्त की है जब आखरी बार तुम मुझे घर छोड़ने के लिए आए थे... तुमने मेरे घर से कुछ दूरी पर मुझे उतारा और हमने गुड बाय किस की और फिर तुम चले गए पर तब पापा ने हमे देख लिया था.. पर अंधेरे की वजह से पापा तुम्हारा चेहरा देख नही सके..."

" आई एम सोरी अंजली यह सब मेरी वजह से हुआ है मैने ही जिद की थी तुम्हे घर तक छोड़ने आने की... यह सब मेरी गलती है..." मोहित को अपने आप पर बहुत गुस्सा आ रहा था..

" नही मोहित उसमे किसकी गलती नही थी यह बस नियति का खेल था... पापा अंदर गुस्से से मेरा इंतजार कर रहे थे मुझे नही पता था की मेरे बॉयफ्रेंड के बारे में जानकर पापा इतने भड़क जायेंगे... उस दिन पापा का गुस्सा सातवें आसमान पर था..

इस वक्त जैसे अंजली को वो सारी यादें अपने सामने होते हुए दिखाई दे रही थी...वो जैसे अपने बीते कल में पहुंच चुकी थी...

" पापा तो क्या हो गया की मेरा बॉयफ्रेंड है...? सब के होते है... मेरा भी है और में उससे बहुत प्यार करती हु..." किंजल ने गुस्से से जतिन खन्ना पर चिल्लाते हुए कहा...

" सबके होते होंगे पर तुम्हारे नही होने चाहिए... "

" पर क्यों पापा ? "

" क्योंकि हमने तुम्हारा रिश्ता पहले से ही पक्का किया हुआ था और उनको वचन भी दिया था की मेरी बेटी सिर्फ उनके घर की बहू बनेगी..."
अंजली को एक बहुत बड़ा झटका लगा था...

" तुम जब छोटी थी तभी से तुम्हारा रिश्ता मेरी बचपन की दोस्त सोनाली मैथ्यूज के बैठे अथर्व के साथ तय हो गया था हमने एक दूसरे को वचन दिया था ... और तुम जानती हो की मैं कभी अपना वचन नही तोड़ता..."

" पर पापा आपको मेरी मर्जी के बारे में भी तो एक बार पूछना चाहिए था ना ? "

" मुझे लगा की मेरी बेटी कभी मेरी मर्जी को टालेगी नही ... इसलिए मैने तुमसे यह बात छुपाई सोचा की वक्त आने पर तुमको बता दूंगा ..."

" पर पापा में अथर्व से प्यार नही करती किसी और से करती हु..."

" कौन है वो नाम बता में उसे नही छोडूंगा .. में उसे मार ही डालूंगा... या तो वो मरेगा या में मरूंगा... तुम्हे हम दोनो में से किसी एक को चुनना होगा अंजली..."

" पापा ये कैसे हो सकता है में आप दोनो से बहुत प्यार करती हु..."

"ठीक है" इतना बोलकर जतिन खन्ना अपने कमरे में चला गया उसने अपने कमरे में से ज़हर की बोतल निकाली वो जैसे ही पीने वाला था की अंजली ने आकर वो बोतल नीचे गिरा दी...

" पापा ये आप क्या कर रहे है...? में आपको खोना नही चाहती..."

" बेटा तुमने मेरे पास और कोई रास्ता नही छोड़ा.. में अपना वचन तोड़कर , मेरा स्वाभिमान खो कर ऐसे भी जी नही पाऊंगा इससे अच्छा है की में ऐसे ही मर जाऊ..."

" नही पापा में आपको मरने नही दूंगी आप जैसा कहोगे में वैसा ही करूंगी..."

" तो बता वो लड़का कौन है ताकि में उसे अपने हाथो से मार सकू..."

अंजली के सामने एक और कुआ था और दूसरी और खाई उसे कुछ भी समझ नही आ रहा था की वो क्या करे...

" पापा प्लीज आप उसे कुछ मत करिए..."

" नही बेटा वो जब तक होगा तुम्हे उससे मिलने का मन होगा.. वो तुमसे बात करने की कोशिश करता रहेगा ऐसे में तुम उसे भूल नही पाओगी... "

" ऐसा है तो पापा में ये शहर छोड़ दूंगी शहर नही में ये देश ही छोड़ दूंगी और उससे सारे संपर्क भी तोड दूंगी पर आप उसे कुछ मत करना...."
बोलते बोलते अंजली जमीन पर बैठ गई थी...

अंजली की ऐसे हालात देखकर जतिन खन्ना मान गए...

" ठीक है अंजली तुम अगर यह चाहती हो तो यह सही... तो चलो अपना सामान पैक करो..."

अंजली अपनी यादों से बाहर आ चुकी थी...

दोनो की आंखे जैसे इस दर्द को अब और संभलकर रख नही सकती थी इसीलिए बस बहती जा रही थी...

मोहित ने कसकर अंजली को गले लगा लिया...

अब पूरा सच सबके सामने था...

" अंजली अब मुझे सब समझ आ गया है की तुम मुझे छोड़कर क्यों गई... शायद तुम्हारी जगह और कोई भी होता तो वो वही करता पर मुझे अब भी यह समझ नही आ रहा है की तुमने मुझसे पहले अपनी पहचान छुपाई क्यों थी? "
मोहित का सवाल सुनकर अंजली फिर से चुपचाप सी मोहित की आंखों में देख रही थी जैसे उसकी आंखे ही उसका जवाब चीख चीख कर मोहित को बता रही थी..


🥰 क्रमश: 🥰