कहानी प्यार कि - 64 Dr Mehta Mansi द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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कहानी प्यार कि - 64

शाम के करीब चार बज चुके थे... पार्टी कुछ ही देर में शुरू होने वाली थी...
किंजल होटल के कमरे में तैयार हो रही थी... आज के फंक्शन में उसने एक व्हाइट फूल लेंथ गाउन पहना था जिसमे अलग अलग फूल लगे हुए थे .. वो गाउन इतना सुंदर था की किंजल तो उसे पहनने के बाद बिलकुल परी जैसी दिख रही थी...

उसके खुले बाल , आंखो में काजल , गले में डायमंड का नेकलेस , हाथ में डायमंड का ब्रेसलेट, पाव में हिल्स .. उसका लुक एक सक्सेसफूल वुमन की तरह लग रहा था... आंखो में चमक , चहेरे पर कॉन्फिडेंस उसकी शाइन और भी ज्यादा बढ़ा रहे थे...

तभी करन कुछ काम से दरवाजा खोलकर अंदर आया..
" किंजल सुनो...." करन आगे बोल ही रहा था की किंजल को देखकर उसके शब्द मुंह में ही रह गए ....
वो आंखे फाड़े किंजल को देखने लगा... उसकी खूबसूरती में मानो खो गया था...

" कैसी लग रही हू...? "
किंजल ने पास आते हुए कहा..

पर करन ने कोई जवाब नही दिया.. सिर्फ उसे देखता रहा...
" करन कैसी लग रही हू में ...? "
किंजल ने जोर से कहा..

" हा .. बहुत सुंदर लग रही हो..." करन हड़बड़ाते हुए बोला...

किंजल ने एक बार करन को ऊपर से नीचे तक देखा...
" ये व्हाइट सूट तुम पर बहुत अच्छा लग रहा है..." किंजल थोड़ा शरमाते हुए बोली..और पीछे मुड़कर अपना मेक अप ठीक करने लगी..

करन के चहेरे पर भी मुस्कुराहट आ गई..
" सुनो...."

" हा बोलो.." किंजल ने करन की और मुड़कर कहा..

" आज तो तुम्हारे लिए लड़कों की लाइन लग जायेगी.. जरा संभलकर रहना क्या पता आज बहुत सारे प्रपोजिस भी आ जाए ...! "

" ये तो अच्छी बात है अगर कोई अच्छा लड़का मिलता है तो में हा कर दूंगी और साथ में सगाई भी कर लूंगी.. एक पार्टी में दो काम हो जायेंगे..." किंजल मस्ती में यूं ही बोल गई...

पर किंजल की बात करन को पसंद नही आई...
" ऐसे किसी भी अंजान लड़के को तुम हा कैसे कर सकती हो ? "
करन थोड़ा रूड होकर बोला..

किंजल ने करन के चहरे को देखा..
" तुम्हे क्यों फर्क पड़ रहा है..." बोलकर किंजल अपने काम में लग गई..

" मुझे क्यों फर्क पड़ेगा में तो बस यू ही कह रहा था.. " करन ने तुरंत अपनी जेलेसी को छिपाते हुए कहा..

करन फिर किंजल के करीब आया और उसके पास खड़ा हो गया.. किंजल करन की तरफ मुड़ी तो वो उसके बिल्कुल करीब खड़ा था..
" करन ये तुम क्या कर रहे हो...? " किंजल घबराते हुए बोली...

करन किंजल के और करीब आया.. और उसकी आंखो में देखने लगा.. किंजल की धड़कने बहुत तेज हो गई थी.. उसने अपनी आंखे बंध कर ली...करन के चहरे पर मुसकुराहट आ गई.. उसने किंजल के पीछे पड़ी काजल ली और उससे किंजल की गर्दन पर टिका लगा दिया..

किंजल ने तुरंत अपनी आंखे खोल ली.. करन उससे थोड़ा दूर खड़ा हो गया..
" वो तुम्हारी मोम ने कहा था टिका लगाने को..." करन ने बहाना बनाते हुए कहा...

किंजल इस बात पर कुछ बोली नहीं..
" में जा रहा हु.. अभी कुछ देर में तुम्हारे नाम की अनाउंसमेंट होगी... ऑल धी बेस्ट..." कहकर करन वहा से चला गया..

किंजल आईने में अपनी गर्दन पर लगे उस टिके को देखती रही..
" काश ये टिका तुमने खुद अपनी मर्जी से किया होता.. " किंजल कुछ उदास सी हो गई थी...


पांच बजने ही वाले थे ... अनिरुद्ध और संजना के साथ उनका पूरा परिवार भी पार्टी में पहुंच चुका था... अनिरूद्ध और करन सारी सिक्योरिटी देखने में लगे हुए थे.. सौरभ और मीरा संजना के साथ थे.. सब ने कान में ईयर बड्स पहने हुए थे ताकि एक दूसरे के साथ कॉन्टैक्ट में रह सके.. और एक दूसरे के साथ दूर से भी बात कर सके...

" अनिरूद्ध सब सेट है .. हमारी टीम भी रेडी है.. चारो तरफ कैमेरा है .. " करन अनिरुद्ध के पास आते हुए बोला..

" ठीक है .. तो में वैशाली चाची को बॉल देता हु.. की वो उनको अंदर आने दे.. याद रहे हमे उनको अंदर तो आने देना है पर उनको बाहर नहीं जाने देना है.. कैसे भी करके उनको पकड़ना है..."

" तुम टैंशन मत लो अनिरुद्ध .. हम उनको पकड़ लेंगे..."
करन ने कॉन्फिडेंस के साथ कहा...

" हम.." अनिरूद्ध ने कहा और फिर वैशाली चाची को फोन लगा दिया..

" चाची वो लोग आ गए है ? "

" हा अनिरुद्ध .. बाहर गेट पर ही खड़े है..."

" ठीक है आप उनको अंदर आने दीजिए..."

बोकलर अनिरूद्ध ने फोन काट दिया और दरवाजे की तरफ नजर लगाए खड़ा हो गया...

" सिक्योरिटी इन्हे आने दीजिए .. इन्हे हमने ही बुलाया है.. अंदर कुछ एक्स्ट्रा वेटर की जरूरत है..." वैशाली ने सिक्योरिटी गार्ड से कहा...

" ठीक है इन्हे जाने दो पर पहले उनकी अच्छे से तलाशी ले लो..." गार्ड ने कहा और वो उन्हें चेक करने लगे पर उनको कुछ मिला नही...

यह देखकर वैशाली थोड़ी हैरान थी .. क्योंकि अगर वो लोग बॉम्ब लाए होते तो वो मशीन में स्कैन हो जाता पर यहां ऐसा कुछ हुआ नही था...

अंदर आते ही वैशाली उन लोगोंके पास गई और कान में बोली...
" बॉम्ब कहा है ? "

यह सुनकर वो चारो एक दूसरे की और देखने लगे..

" वो तो पहले ही अंदर चला गया... " उनमें से एक बोला..

" पर कैसे ? "

" वो देखिए उन सामान के साथ..."

वैशाली ने उस तरफ देखा .... वहा खाने के सामान को अंदर ले जाया जा रहा था..

" उन बॉक्स में है ? "

" हा... हमने उन में से एक बॉक्स में छिपा दिया है..."

" ठीक है तुम लोग जाओ..."

जैसे ही वो लोग पार्टी में एंटर हुए अनिरुद्ध चौकन्ना हो गया... उसने उन चारो को पहचान लिया था..

" वो लोग आ चुके है ... वहा दरवाजे के पास..."
अनिरुद्ध के बोलते ही करन , संजना , मीरा और सौरभ सब ने दरवाजे की और देखा..

" सौरभ , मीरा संजना को अकेले मत छोड़ना..." अनिरूद्ध थोड़ा परेशान होते हुए बोला..

" नही छोड़ेंगे..." सौरभ और मीरा साथ में बोले...

तभी अनिरुद्ध के फोन पर वैशाली चाची का फोन आ रहा था..

" हा चाची बोलो..."

" अनिरूद्ध बॉम्ब अंदर आ चुके है..."

अनिरूद्ध इस बात से शॉक्ड रह गया...

" क.. क.. कहा है बॉम्ब...? " अनिरूद्ध कांपता हुआ बोला...

" खाने के बॉक्स अभी अभी अंदर आए है .. उनमें से किसी एक में है..."

" कितने बॉक्स है ? "

" पता नही.. बहुत सारे बॉक्स थे.. और सभी बॉक्स को किचन की तरफ ले गए थे "

" ठीक है..."
अनिरूद्ध ने फोन काट दिया... उसके माथे पर से पसीना आने लगा था..

" इतने सारे बोक्सिस.. कैसे पता लगाएंगे की बॉम्ब किसमे है.. पार्टी भी शुरू होने वाली है.. "

" सुनो सब लोग बॉम्ब आ चुका है और किचन में रखे बोक्सीस में से किसी एक में है..." यह सुनते ही सब लोग एक पल के लिए खामोश हो गए थे...

" अनिरूद्ध में अभी हमारी टीम को वहा भेजता हु.. तुम फिक्र मत करो.. " करन ने कहा और तुरंत एक टीम को किचन की और भेज दिया..

मोहित भी बाहर खड़ा यह सब सुन रहा था..
" अंजली कहा रह गई हो तुम...? अंदर सब को मेरी जरूरत है... " मोहित परेशान होकर मोबाइल में देखता हुआ बोला..वो कबसे अंजली के आने का इन्तजार कर रहा था

मोहित ने दो घंटे में बीस मिसकॉल किए थे पर अंजली ने एक भी फोन उठाया नही था.. और अभी तक पार्टी में पहुंची भी नही थी...

मोहित से अब रहा नही गया और वो पार्टी में अंदर चला गया...

तभी अनाउंसमेंट हुई...

" सो नाउ.. जिस घड़ी का आपको बेसब्री से इंतजार था वो पल आ गया है.. जिस सरप्राइज़ की आप राह देख रहे थे वो बस आपको मिलने ही वाली है तो उस सरप्राइज़ को बताने में इनवाइट करता हु वेरी ब्यूटीफुल , गॉर्जियस... किंजल सिंघानिया...."

इसी पल सबकी नजर किंजल की और मुड़ी... किंजल रेड कार्पेट पर चलती हुई स्टेज पर आ रही थी... उसे देखकर सब शॉक्ड थे... खूबसूरती के साथ उसके चहेरे का कॉन्फिडेंस.. सब को अपनी और आकर्षित कर रहा था...

" ओह माय गॉड... किंजल कितनी खुबसूरत लग रही है..." संजना उसे देखकर बहुत खुश हो रही थी...

सब ने तालियों के साथ किंजल का वेलकम किया...

किंजल ने माइक हाथ में लिया...और बोलना शुरू किया..

" गुड इवनिंग माय लवली पीपल... थैंक यू सो मच फॉर गिविंग योर प्रेशियस टाइम टू घिस इवेंट... में दिल से आप सबका वेलकम करती हु... इस सरप्राइज़ पार्टी किस लिए है .. यहां क्या होने वाला है.. ऐसे बहुत सारे क्वेश्चंस आपके मन में चल रहे होंगे... आप सब को इतना इन्तजार करवाने के लिए आई एम रियली सोरी.. "

" मीरा तुम्हे क्या लगता है ऐसा कौन सा सरप्राइज़ होगा ? " सौरभ ने मीरा के पास आते हुए कहा..

" मुझे क्या पता.. अभी पता चल जायेगा ना.. थोड़ी देर शांत रहो..." मीरा ने सौरभ को डांटते हुए कहा..

किंजल ने एक बार करन की और देखा.. करन ने मुस्कुरा कर आगे बोलने के लिए किंजल को आंखो से इशारा किया..

" सो अब वक्त आ गया है इस सरप्राइज़ का आप सब के सामने आने का... डॉक्टर राजीव मिश्रा.. , डॉक्टर स्मृति शाह.. प्लीज आप स्टेज पर आइए ... "
किंजल के कहने पर .. दोनो डॉक्टर स्टेज पर आए..

" अब हम तीनो साथ में इस बटन को प्रेस करेंगे... और तभी एक वीडियो स्क्रीन पर प्ले होगा...आइए.." किंजल ने कहा और तीनो ने साथ में मिलकर बटन प्रेस किया... और उसके साथ ही स्टेज पर बड़ी स्क्रीन थी वो शुरू हुई और एक वीडियो प्ले हो गया...

" हेलो फ्रेंड्स में किंजल सिंघानिया.. आज से करीब पांच साल पहले मैने एक रिसर्च शुरू की थी.. एक ऐसी ऐप पर जो करोड़ों लोगों के लिए आशीर्वाद बन कर आए.. में चाहती थी की में एक ऐसी ऐप बनाऊं जिस से मेडिकल की हेल्प हर एक इन्सान को मिल सके.. और वो भी बिना किसी दिक्कत के.. इसीलिए मैने उस ऐप पर काम करना शुरू किया... और कड़ी मेहनत के बाद फाइनली यह ऐप तैयार हो चुकी है... जिसका नाम है " MED HELP " और हा आप सब लोग सही समझ रहे हो आज यही ऐप लॉन्च होने जा रही है ... तो देखिए इस ऐप की एक झलक..." किंजल यह बाते विडियो में बोल रही थी और उसके बाद स्क्रीन पर यह ऐप दिखाई दी .. उसके फीचर .. उसे कैसे इस्तेमाल करना है .. इस ऐप से क्या क्या कर सकते है यह सब उस वीडियो में दिखाया जा रहा था.. लोग बड़ी गौर से उस वीडियो को देख रहे थे... जैसे ही वीडियो खत्म हुआ... जोरदार तालियों की गूंज चारो और सुनाई देने लगी...

सब किंजल की इस सक्सेस से हैरान थे और साथ में बहुत खुश भी थे... अनिरूद्ध , सौरभ , करन सब कुछ पल के लिए सारी प्रोब्लम भूल गए थे और खुश होकर किंजल को बधाईयां दे रहे थे... संजना की आंखो में आंसू आ गए थे... वो अपनी बहन की कमियाबी से बहुत खुश थी... मोहित की आंखे भी नम हो चुकी थी.. रीमा मासी के आंखो से तो कब से गंगा बह रही थी जो रुकने का नाम ही नही ले रही थी...

" मम्मी, संजू, अनिरुद्ध , मासी , मासा, मोहित भाई , सौरभ , मीरा , करन.. तुम सब यहां स्टेज पर आ जाओ..." किंजल माइक में बोली...

किंजल के कहने पर सब स्टेज पर आ गए... वहा पर जो बड़े गेस्ट आए थे उनको भी किंजल ने स्टेज पर बुलाया..

" अब हम सब साथ में मिलकर यह लॉन्च बटन को प्रेस करेंगे और तब " MED HELP " सक्सेसफुली प्ले स्टोर में अपलोड हो जायेगी.. जिससे सभी लोग इस ऐप को डाउनलोड कर सकते है और इसका यूज भी कर सकते है..." किंजल ने कहा और सभी ने साथ में उस बटन को प्रेस किया...
तभी प्रोसेसिंग शुरू हुआ और काउंटिंग आने लगा.. लास्ट टेन परसेंट बाकी थे सब ने साथ में काउंटिंग शुरू की ... थ्री.. टू वन... एंड ऐप प्ले स्टोर पर अपलोड हो गया.. और तभी पटाखे फूटने लगे... ... और सब तालिया बजाने लगे... किंजल ने बाद में सभी हॉस्पिटल , मेडिकल , फार्मा कम्पनी जीतने भी इस ऐप के साथ जुड़े थे उन सब को इंट्रोड्यूस करवाया...

" किंजल ओब्रॉय फार्मा कंपनी को भूल गई तुम ? " अनिरूद्ध ने नाराजगी के साथ कहा..

" नही अनिरुद्ध... में जानती हु की ओबरॉय फार्मा कंपनी तो सबसे पहले मेरे साथ जुड़ेगी... इसीलिए मैने पेपर्स तैयार ही रखे थे... में बस तुम सब को सरप्राइज देना चाहती थी इसलिए तुम्हे अब तक बताया नही था... लो पेपर्स और साइन करो..." किंजल ने ऑर्डर देते हुए कहा और पेपर्स अनिरुद्ध को दिए...
अनिरूद्ध भी मुस्कुराने लगा... और फिर उसने भी पेपर्स साइन कर दिए....

उसके बाद सब पार्टी एंजॉय कर रहे थे .. किंजल सभी गेस्ट से मिल रही थी और उनकी बधाईयां ले रही थी.. पर अनिरुद्ध और करन परेशानी से खड़े थे...
" अभी तक उनको बॉम्ब मिला नही है... अब हम क्या करेंगे..." अनिरूद्ध ने उदासी के साथ कहा..

" मिल जायेगा अनिरुद्ध.. " करन ने अनिरुद्ध को हिम्मत देते हुए कहा...

तभी जिस टीम को बॉम्ब ढूंढने भेजा था उनके चीफ़ का फोन आया...अनिरूद्ध ने तुरंत फोन उठा लिया..
" क्या हुआ मिला बॉम्ब...? " अनिरूद्ध तेजी से बोला...

" हा.. पर एक प्रोब्लम है आप जल्दी से यहां आइए..." चीफ ने कहा और फोन काट दिया.. यह सुनकर अनिरुद्ध और करन एक दूसरे की और देखने लगे और फिर तेजी से किचन की और भागे...
सौरभ और संजना ने उन्हें ऐसे जाते हुए देखा तो वो भी टेंशन में आ गए...
" सौरभ संजू को अकेले मत छोड़ना..." अनिरूद्ध ने अपने कान में लगाए हुए इयरबड्स के जरिए सौरभ से कहा...

अनिरूद्ध और करन अब अपनी टीम के साथ किचन में खड़े थे..

" सर बॉम्ब तो मिला है पर ये नकली है... " एक ऑफिसर ने बॉम्ब को अनिरुद्ध को दिखाते हुए कहा...

अनिरूद्ध और करन हैरानी से इस बॉम्ब को देख रहे थे जो बिल्कुल असली बॉम्ब की तरह लग रहा था...

" में जानता था ... में जानता था... ऐसा ही होगा... मुझे पता था की वो कायर ऐसा कर ही नही सकते ... ये एक चाल थी हमे गुमराह करने की... असली प्लान उनका कुछ और है... " अनिरूद्ध की बात सच्ची साबित हुई थी...

इस तरफ जगदीशचंद्र और हरदेव को उनके आदमी ने यह सब फोन पर बता दिया था.. अनिरूद्ध को अपनी चाल में फसा देखकर वो दोनो हस रहे थे...
" में इतना बेवकूफ नही हु अनिरुद्ध की इतनी बड़ी इवेंट में बॉम्ब ब्लास्ट करके खुद के ही पैरो पर कुल्हाड़ी मारू.. और में जानता था की वैशाली भरोसे के लायक नही है... उसने पहले ही तुम्हे सब बता दिया था.. तभी तुम सीधे किचन में उन बॉक्स में बॉम्ब ढूंढने के लिए पहुंच गए... " जगदीशचंद्र शैतानी हसी के साथ बोला...

" उस वक्त जब वैशाली हमसे मिलने के बाद होटल से गई थी तभी हमने अपना आधा प्लान चेंज कर लिया था..."
जगदीशचंद्र बोले और उस दिन के बारे में सोचने लगे...

" हम इस वैशाली पर पूरा भरोसा नही कर सकते है.."

" क्या मतलब पापा ? हमारा सारा प्लान उसे बताने के बाद आप अब यह कह रहे हो ? " हरदेव गुस्से से बोला..

" नही बेटा .. वो प्लान हमारा है ही नही..."

" तो क्या हम बॉम्ब ब्लास्ट नही करने वाले ? "

" किसने कहा ? बॉम्ब ब्लास्ट जरूर होगा पर पार्टी में नही... "

" पार्टी में नही तो फिर कहा ? "

" अनिरूद्ध की गाड़ी में...."
जगदीश्चन्द्र के इतना कहने पर हरदेव नासमझी से उसे देखने लगा..

" वो कैसे ? "

" ध्यान से सुनो... हम इवेंट में बॉम्ब ब्लास्ट प्लान करेंगे.. पर वो बॉम्ब नकली होगा.. अनिरूद्ध को जब बॉम्ब के बारे में पता चलेगा तो वो उसे ढूंढने में लग जायेगा... उसका सारा ध्यान उसमे होगा .. अगर उसे नकली बॉम्ब मिल भी जाए .. तो भी इतने वक्त में हमारे लोग संजना को उठाकर ले जायेंगे... अनिरुद्ध भी संजना को ढूंढने जरूर जायेगा .. जैसे ही वो अपनी गाड़ी में बैठने के लिए दरवाजा खोलेगा.. तभी एक बड़ा धमाका होगा.. और वो फिनिश..." जगदीशचंद्र बोलते हुए हसने लगा...

" अब तक तो हमारे आदमी ने संजना को उठा लिया होगा..." हरदेव भी शैतानी हसी के साथ बोला..

पार्टी में अनिरुद्ध और करन को ना देखकर वो चार लोग अलग अलग होकर संजना के पास आ रहे थे.. जैसे ही उन चारो में से एक ने संजना के कंधे पर हाथ रखा .. वो पीछे मुड़ी.. पर वो संजना नही बल्कि कोई और लड़की थी जिसने बिलकुल संजना की तरह कपड़े पहने थे.. वहा संजना को ना देखकर वो चारो परेशान होकर इधर उधर संजना को ढूंढने लगे पर उन्हें संजना दिखाई नही दी...

जब अनिरुद्ध को टीम के चीफ का फ़ोन आया था तभी वो समझ गया था की कुछ तो गड़बड़ है इसीलिए अनिरुद्ध ने सौरभ से संजना को अकेले मत छोड़ने को कहा और फिर...
" सौरभ वक्त आ गया है .. संजना को ले जाओ और निधि को संजना की जगह खड़ी करदो...."

" इसका मतलब चाची की बात जूठ थी ? " सौरभ हैरानी के साथ बोला...

" नही सौरभ .. ये जगदीशचंद्र की एक चाल थी हमे गुमराह करने की..."
अनिरूद्ध के कहने पर सौरभ तुरंत संजना को लेकर वहा से चला गया...

अनिरूद्ध ने इस बात को याद किया और करन के साथ बाहर पार्टी में आ गया...

" अनिरूद्ध वो देखो .. चारो संजना को ढूंढ रहे है..." करन ने उन चारो पर नजर डालते हुए कहा...

" सौरभ संजू को सेफ जगह पहुंचा दिया ना ? "

" हा अनिरुद्ध .. में और मोहित संजना के साथ ही है .."
सौरभ ने कहा..

" पर तुम लोग उन चारो को जाने मत देना..." मोहित गुस्से से बोला...

" हा मोहित .. में उन्हें किसी भी हाल में जाने नही दूंगा..." अनिरूद्ध भी गुस्से से बोला...

अनिरूद्ध ने करन को और अपने कुछ लोगो को इशारा किया और वो धीरे धीरे कदमों से उन चारो के नजदीक जाने लगे...

उन चारो में से एक जगदीशचंद से फोन पर बात कर रहा था..
" सर.. वो लड़की कही दिखाई नही दे रही..." उस आदमी ने परेशानी के साथ कहा..

" ऐसे कैसे हो सकता है .. ढूंढो उसे..." जगदीशचंद्र गुस्से से चिल्लाया...

" पता नही सर कुछ देर पहले तो यही थी.. अचानक गायब हो गई.. "

यह सुनकर हरदेव को बहुत गुस्सा आया और उसने जगदीशचंद्र के हाथ से फ़ोन छीन लिया और जोर से जमीन पर पटक दिया...
" यह सब उस अनिरुद्ध का प्लान होगा... में तुम्हे छोडूंगा नही अनिरुद्ध...." हरदेव गुस्से से चिल्लाया...

" बेटे हरदेव तुम फिक्र मत करो.. अब संजना खुद अपनी मर्जी से यहां आएगी... वक्त आ गया है हमारे प्लान बी को अंजाम देने का.. और अनिरुद्ध की तुम फिक्र मत करो... उसकी गाड़ी में जो बॉम्ब है वो असली है.. जैसे ही वो गाड़ी का दरवाजा खोलेगा.. उसकी गाड़ी के साथ उसका भी नामोनिशान मिट जायेगा."

"ठीक है पापा... संजना में चाहता था की इस प्लान बी की नौबत ही नही आए पर क्या करू तुम दोनो ने मेरे पास और कोई ऑप्शन ही नही छोड़ा है.. आई एम सोरी तुम्हे इससे बहुत ज्यादा हर्ट होगा पर .. वो कहते है ना इश्क और जंग में सब जायज़ है... " हरदेव अपनी शैतानी हसी के साथ बोला और अपने आदमी को फोन किया..

" सुनो मैंने जैसा कहा था वैसा कर दिया है ना ..? "

" जी हरदेव भैया... उस लड़की को और उसके परिवार को हमने बांध कर रखा है..."

" ठीक है हम अभी वहा पर आ रहे है..."

इस तरफ अनिरुद्ध .. करन और उनके साथी ने धीरे से उन चारो को क्लोरोफॉर्म सुंघाके बेहोश कर दिया .. और किसीको पता ना चले इस तरह से उन्हे कमरे में लेजाकर बांध दिया...

अखिल जी अगले दिन जो हुआ था उस बात से बड़े परेशान थे... अनिरूद्ध ने अभी तक उनसे बात नही की थी... उनकी नजरे अनिरुद्ध को ढूंढ रही थी पर वो कही दिखाई नही दे रहा था...

" एक काम करता हु .. ये सोरी कार्ड और अनिरुद्ध की फेवरेट चॉकलेट में उसकी गाड़ी में रख देता हु.. मुझसे बात नही करे तो कोई बात नही पर मेरा कार्ड तो जरूर देखेगा..." अखिल जी बोले और बाहर की और जाने लगे...

धीरे धीरे उनके कदम गाड़ी की और बढ़ रहे थे... अब वो गाड़ी के बिल्कुल करीब थे ... गाड़ी में बॉम्ब है इस बात से अनजान अखिल जी .. ने गाड़ी का दरवाजा खोला और तभी एक बड़ा धमाका हुआ... जिसकी गूंज कई किलोमीटर तक सुनाई दी....


क्रमश: