Saroj Verma लिखित उपन्यास सन्यासी

सन्यासी द्वारा  Saroj Verma in Hindi Novels
कभी कभी इन्सान अपने जीवन से विरक्त होकर इस सांसारिक जीवन से सन्यास लेकर सन्यासी बन जाता है, लेकिन क्या वो सच में इस संसा...
सन्यासी द्वारा  Saroj Verma in Hindi Novels
जयन्त अपनी साइकिल से जब काँलेज पहुँचा तो उसे बहुत भूख लगी थी,इसलिए कैन्टीन जाकर उसने कुछ खाने का सोचा,लेकिन कैन्टीन में...
सन्यासी द्वारा  Saroj Verma in Hindi Novels
छात्रों के बीच क्लास रूम में हो रही मार कुटाई जब चपरासी ने देखी तो उसने फौरन ही प्रिन्सिपल रुम जाकर उन सभी की शिकायत कर...
सन्यासी द्वारा  Saroj Verma in Hindi Novels
दिनभर यूँ ही काँलेज में वक्त गुजारने के बाद जयन्त घर पहुँचा,उसने साइकिल की घण्टी बजाकर चौकीदार से बंगले का गेट खोलने को...
सन्यासी द्वारा  Saroj Verma in Hindi Novels
इसके बाद सुरबाला मुस्कुराते हुए जयन्त के कमरे से चली गई,सुरबाला के जाने के बाद नलिनी ने जयन्त से पूछा.... "जय! क्या तू स...