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काव्यजीत - उपन्यास
Kavya Soni
द्वारा
हिंदी कविता
खबर नहीं शायद तुम्हे
तेरे मेरे प्यार के पल वो अहसास गुजर रहे
खबर नहीं तुम्हे शायद मगर ख्वाब प्यार के
बिखर रहे है
तुम्हे अहसास नहीं बहुत कुछ बदल रहा है
रहते थे जिस अंदाज हम पहले
शायद मौसम वो बदल रहा है
होकर बेपरवाह सारे जहां से हम जिया करते थे
एक दूजे के ख्यालों में खोए रहते थे
बेफिक्र होकर तेरे संग वक्त बिताती थी
अपने दिल को हर बात तुम्हे बताती थी
अब फुरसत के पल भी तुम्हे मेरे साथ खाल रहे है
तेरे प्यार के मिजाज बदल रहे है
कितना खुश तुम मेरे साथ रहा करते थे
होने नही देते थे एक लम्हे को भी उदास
मुझसे खो देने से भी कितना डरते थे
अब मेरी उदासी में तेरे साथ का इंतजार करती हूं
हो जाते हो मुझसे परेशान अब
उदास चेहरा मेरा तुम्हे नही अब बेकरार करता है
अब शायद तू मुझे खोने से भी नही डरता है
मेरे रूठने से फर्क पड़ने वाला वक्त शायद
अब गुजर रहा है
खबर नहीं शायद तुम्हेतेरे मेरे प्यार के पल वो अहसास गुजर रहेखबर नहीं तुम्हे शायद मगर ख्वाब प्यार केबिखर रहे हैतुम्हे अहसास नहीं बहुत कुछ बदल रहा हैरहते थे जिस अंदाज हम पहलेशायद मौसम वो बदल रहा हैहोकर बेपरवाह ...और पढ़ेजहां से हम जिया करते थेएक दूजे के ख्यालों में खोए रहते थेबेफिक्र होकर तेरे संग वक्त बिताती थीअपने दिल को हर बात तुम्हे बताती थीअब फुरसत के पल भी तुम्हे मेरे साथ खाल रहे हैतेरे प्यार के मिजाज बदल रहे हैकितना खुश तुम मेरे साथ रहा करते थेहोने नही देते थे एक लम्हे को भी उदासमुझसे खो देने से
एक रिश्ता पाकीजा साहां उससे बात करना अच्छा लगता हैइस मतलबी दुनियां में साथ उसका सच्चा लगता हैहां उससे है जरा ज्यादा सा लगावक्योंकि वो समझता है मेरे मन के भावहां उसके बिन अब हर बात लगती है अधूरीमगर ...और पढ़ेइसे प्यार का नाम देना ही है जरूरीएहसासों का उससे है नातालगाव सा है उससे मन को उसका साथ भी है भाताहां मगर है ये रिश्ताप्यार से जरा है कमदोस्ती से थोड़ा ज्यादाबेमतलब सा और बड़ा हो सादाहै पाकीज़ा ये बंधन पावन साजैसे बारिश की बूंदों और सावन साजज्बातों के इस रिश्ते को कोई नाम न दोनाम का इसे कोई
खाली सी हो गई हूंखाली सी हो गई हु बिन तेरेकरने लगे हो बड़ा ही आजकल तुम नजरंदाजकभी जताते हो अहमियत मेरीअब बदलने लगे है क्यों तुम्हारे मिजाजकैसे परखे अब के उलझा बड़ा प्यार का जालकल तक थे तुम्हारे ...और पढ़ेखासआज बेपरवाही के अंदाजये तेरा इश्क भी बड़ा है कमालखाली सी ही आजकल करने लगे हो जब से नजरंदाजदिल लगाया ही क्यों जब बदलने थे धड़कनों के साजखुदगर्ज हो गए हो आजकल तुमजी रहे मेरी बिन अपनी जिंदगीसमझते नहीं मेरी तड़प बेखबर रहते हो इस बात सेतेरी याद में मेरी आंखें है कितनी उदासअब दिल का दर्द आंखो के जरिए
1.वो बातें कुछ खास थीउन रातों में कुछ तो बात थीअजनबी से हम दोस्त बनेकुछ अलग वो बरसात थीदिल की बात कह ना सके तुमसेदुर तुम भी तो राह ना सके हमसेएक अरमान है अधूरा सापर तुमसे इश्क है ...और पढ़ेसाइन फिज़ाओं में महकता अहसास हैहाय वो लड़का कुछ खास हैतुम्हारा अंदाज़ है अलगइश्क का मिजाज भी जुदातेरे इश्क की दीवानगी में हम हुए मलंगइश्क की इबादत तुम्हे माना अपना खुदा2.रिश्ता उससे जोड़ा दिल कासाथ ,वक्त, प्यार क्या नहीं उसे हमने यार दियाथोड़ा नहीं सब उसे हमने बेशुमार दियावक्त रहते हमें वो नहीं समझारिश्ता हम भी ना चाहे जो हो
1.एक ख्वाबों का जहां सजा कर दिल मेंसंग तेरे मै आईचाहतों की हसीन दुनिया भीथी मैने सजाईक्यों तुमने मुहब्बत मेरी बिसराईबिखरे ख़्वाब जब मिलीरुसवाईये दर्द की कहानी कैसे लफ्जों में बयां होगीहमने तो न कभी सोचाये खुशियां हमसे यूं ...और पढ़ेहोगीक्यों मुहब्बत मेरी तू समझ ना पायाक्यों दिल से मुझे नाअपनायाक्या शिकायत हम जमाने से करेखामोश रहे तो ही अच्छानही तो हकीकत तेरी भी जमाने में बयां होगी2.मुहब्बत मेरी जरा सी नादानकैसे समझाऊं तुम्हे अपने दिल के अरमानजो दिल में है अल्फाजों में कहना ना आएकाश तू निगाहें मेरी पढ़ ले दिल बात समझ जाएमुझे ये इश्क की हदें ना