काव्यजीत - 4 Kavya Soni द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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काव्यजीत - 4

1.
वो बातें कुछ खास थी
उन रातों में कुछ तो बात थी
अजनबी से हम दोस्त बने
कुछ अलग वो बरसात थी

दिल की बात कह ना सके तुमसे
दुर तुम भी तो राह ना सके हमसे
एक अरमान है अधूरा सा
पर तुमसे इश्क है पूरा सा
इन फिज़ाओं में महकता अहसास है
हाय वो लड़का कुछ खास है

तुम्हारा अंदाज़ है अलग
इश्क का मिजाज भी जुदा
तेरे इश्क की दीवानगी में हम हुए मलंग
इश्क की इबादत तुम्हे माना अपना खुदा

2.
रिश्ता उससे जोड़ा दिल का
साथ ,वक्त, प्यार
क्या नहीं उसे हमने यार दिया
थोड़ा नहीं सब उसे हमने
बेशुमार दिया
वक्त रहते हमें वो नहीं समझा
रिश्ता हम भी ना चाहे जो हो उलझा
मुंह फेर लिया हमने भी
उसे जिंदगी से अपनी दरकिनार किया
कह दो कोई उसने अब दिल में
ना कोई आस जगाए
लौट आने की उम्मीद न सजाए
शाख से टूट कर कली जो बिछड़ जाए
शाख पर फिर से न वो खिल पाए

3.
जो कभी हो जाऊं तुमसे रूठकर नाराज
बदल जाए कभी मेरे प्यार के मिजाज
तुम मेरे इस अंदाज को नजरंदाज कर देना
गुस्से में जो कभी दूर हो जाऊं
तेरे बुलाने से जो मैं न आऊं
तुम मुझे जाने न देना खींच कर अपने पास मुझे अपने करीब कर लेना
मेरी नादानी की भूलकर मेरे प्यार पर गौर करना
जो दूर हुए तो जी न पाऊंगी मर जायेंगे जुदाई में वरना
वैसे तो सब कुछ है मेरे पास
बस एक तू ही नहीं
बिन तेरे ये अब कुछ नहीं
दूर रहकर भी तेरा मेरा होना बहुत ही खूबसूरत है अहसास
तेरी बातों का तेरे ख्यालों का
स्पर्श मौजूद है मुझमें
जैसे धड़कनों से जुड़ी है सांस


4.
तेरा बात करना
बन रहा है खुश रहने का बहाना
तेरे ख्यालों में गुम से रहने लगे
ख्याल उसके बनने लगा मेरा ठिकाना
छेड़ते अब तो दोस्त भी
पूछते है सवाल
मुस्कुराने की वजह क्या है
गुम करे किसके तुम्हे ख्याल
अब क्या उन्हे बताएं
कैसे हाल दिल सुनाए
चले ना दिल मेरा कोई जोर
खींचे कोई अनदेखी सी डोर मुझे तेरी ओर

हां तेरे ख्यालों में रहने लगे
तेरी बातों में जीने लगे
जिंदगी में तेरी मौजूगी बना
मुस्कुराने का बहाना
हां तेरे ख्याल मेरा हुआ ठिकाना
वजह जो पूछो तो
कुछ न कह पाए
बस तेरे साथ होने के अहसास में
सुकून हम पाए
इससे ज्यादा न कुछ और हम समझा ना पाए

5.
तेरे लबों ने मेरे लबों को जब छुआ
मचल उठे जज़्बात दिल बेकाबू सा हुआ
तेरे लबों के छुअन से इस कदर पिघल गए
भूले सारी दुनिया बस तुझमें घुल गए
पाकर तेरा साथ हम निखर गए
ख्वाब दिल के मेरे संवर गए
कलियों से खिल जाए अहसास
पाए जब तेरा स्पर्श
थामकर हाथ तेरा महकी फिजाएं
मिला सितारों भरो अर्श

6.
7.
उदासी दिल की तुम्हें समझ न आए
तुम क्यों नहीं समझते तेरा बात न करना जान ले जाए
दर्द और तड़प दिल की ऐसी
जैसे आसमान में छाया जैसे एक उदास सा बादल
बादल में सिमटी तन्हाई की बारिश
बारिश में दूरियों के दर्द की बूंदे
ये बूंदे जैसे आंखों से बहती आंसुओं की धार
आंसू जैसे नमक
जिसमें तेरे बेपरवाह इश्क से मिले जख्म
जख्म गहरा दर्द बेहिसाब दर्द में हूं मैं
और मुझे सिर्फ और सिर्फ तुम