Ishq Hona hi tha book and story is written by Kanha ni Meera in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ishq Hona hi tha is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
इश्क़ होना ही था - उपन्यास
Kanha ni Meera
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
यह कहानी एक दीया नाम की लड़की है, जिसका आज ही ब्रेकअप हो गया है। इसलिए वह किसी से बात नहीं रही , और अपने कमरे में अकेली बैठी है। उसके बॉयफ्रेंड के साथ बिताए वक्त को याद कर रही है, उसे ऐसा लगता है कि अब उसके जीवन में कुछ नहीं बचा है, बस वह अपने विचारों में खो जाती है, तफी उसका फोन रिंग करता है, वह उसके विचारों में से बाहर आती है, और जब उसके फोन पर देखती है तो भाविका नाम देखती है और वो उसके कॉलेज की दोस्त है।
फोन की रिंग बार बार बजती रहती है पर दिया जो अपने फोन पर दयान ही नहीं देती पर 3-४ बार रिंग बजने के बाद भाविका फोन करना बंद करती है । तभी दिया की माँ उसके रूम का दरवाजा नोक करती है ।
**"ओम नमः शिवाय** मेरा नाम मीरा है और आप सब के लिए में हु कन्हा की मीरा... में अपनी पहेली कहानी जो मेने पहले गुजरती में लिखी है उसे हिन्दी में ले कर आयी हु.... हिन्दी में ये मेरी ...और पढ़ेकहानी है अगर मुझसे कोई भूल हो तो मुझे माफ़ करना और मुझे ये जरूर बताना की मेरी भूल क्या है तो में अगली बार उसे सुधर सकू... आशा रखती हु की आपको मेरी ये कहानी पसंद आएगी... में इस कहानी के माध्यम से सुपर लेखक अवार्ड्स - 6 में भाग ले रही हु.... ** इश्क़ होना ही था -
**"ओम नमः शिवाय** ** इश्क़ होना ही था part-2 ** अभी तक हमने देखा की दिया अपनी मम्मी के साथ काम कर रही होती है, तभी उसके फोन में किसीका मेसेज आता है और उसे देख कर ही वो ...और पढ़ेखुश हो जाती है, थोड़ी देर में आने का कह कर वो आपने कमरे में चली जाती है... वो पहले अपने कमरे का दरवाजा बंध करती हे और फिर बेड परबैठ कर अपने फोन को देखने लगती है और ख़ुशी से वो मेसेज खोलती है... दिया इस मेसेज को देख कर खुश भी कैसे ना होती , जब एक महीने
**"ओम नमः शिवाय** ** इश्क़ होना ही था part-3 ** अभी तक हमने देखा की दिया अपनी दोस्त अहाना के साथ मिताली के घर पर पहोच जाती है, पर वह जाकर भी वो थोड़ी सी उदास रहती है और ...और पढ़ेको दिया की चिंता होने लगती है । इस वजह से वो दिया को अपने साथ ले जाती है... रात को वो तीनो एक ही कमरे में होते है और वो बहोत सारी बाते करते है पर मिताली ने एक चीज़ पर ज्यादा दयान दिया की अब दिया पहले जैसे बाते नहीं करती और चुप चुप सी रहने लगी है...
**"ओम नमः शिवाय** ** इश्क़ होना ही था part-4 ** अभी तक हमने देखा की मिताली दिया को ले कर बहोत परेशान थी और उसके लिए कुछ करना चाहती थी इसी लिए वो आपने भाई को सब बताती है ...और पढ़ेअक्षत को अपने दिल की बात दिया को बताने के लिए कहती है... अक्षत और मिताली न हल्दी के लिए भी कुछ सोच रखा था.... दिया मिताली और अहाना तीनो बैठे होते है और तभी अक्षत वहा आ जाता है... " हा , बोलो मिताली... क्या काम था...? " अक्षत वहा आकर बोलता है... " हा , तुम आज हल्दी
**"ओम नमः शिवाय** ** इश्क़ होना ही था part-5 ** अभी तक हमने देखा सब मिल कर नितिन के घर आ जाते है । वहा हल्दी का प्रोग्राम चल ही रहा था और तभी मिताली का फोन आता है ...और पढ़ेअक्षत , दिया को ढूढ़ने लगता है... दिया को ये बताने के बाद की हमें मिताली के पास जाना है , ये सुन कर वो अहाना को भी बुलाने के लिए जा रही होती है... " दिया..." जल्दी से अक्षत बोलता है और उसकी आवाज सुन कर दिया रुक जाती है... " अहाना को यहाँ सबके साथ ही रहने दो