इश्क़ होना ही था - 14 Kanha ni Meera द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क़ होना ही था - 14

** ओम नमः शिवाय **


** इश्क़ होना ही था part- 14 **

अभी तक हमने देखा की अक्षत और शिव दोनों लड़कियों को अपने अपने घर छोड़ कर आते है, आने के बाद दोनों रूम में बैठ कर ये सोचते है की अब अक्षत दिया से कैसे बात करेगा...

तभी अक्षत शिव को अहाना से मदद लेने के लिए कहता है और शिव सीधा ही मना कर देता है...

अक्षत जो ये सुन कर अभी बहोत खुश था, वो उदास हो कर अपना मुँह निचे कर के बेथ जाता है...

" उसे सब मिताली ने पहले ही बताया था, फिर भी उसने कोई मदद नहीं की और अब तुम लगता है वो मदद करेगी...?"

शिव बोलता है...

"देखो तुम कुछ भी कहो पर तुम मेरी मदद तो करनी ही पड़ेगी..."

अक्षत बोलता है...

"हां और अगर वो मना भी करेगी तो मिताली तो आने ही वाली है..."

अक्षत बोलता है....

"तो हम मिताली से ही मदद लेंगे और वैसे भी मुझे वो लड़की बिलकुल पसंद नहीं है..."

शिव बोलता है...

" पर अभी नयी नयी मिताली की सादी हुई हे में उसे परेशान नहीं करना चाहता इस वजह से...

तुम तो वैसे भी किसी भी लड़की से आराम से बात कर लेते हो...

तो अपने भाई के लिए अहाना से बात कर लो ना..."

अक्षत बोलता है...

"हा पर मुझे वो लड़की पसंद ही नहीं है, वो बार बार मुझसे झगड़ने ही लगती है और तुम उसे मदद लेने की बात कर रहे हो..."

शिव बोलता है...

" मेने लिए बस एक बार बात तो करो तुम..."

अक्षत बोलता है...

" में नहीं करने वाला...

तुम पता है वो लड़की कितनी अजीब है..."

शिव बोलता है और वहा से जाने लगता है...

अक्षत उसे मनाने के लिए उसके पीछे पीछे जाने लगता है...

" शिव बस एक बार मदद कर दे फिर जो तू कहेगा..."

अक्षत बोलता है...

बहोत मनाने के बाद आखिर में शिव मान ही जाता है...

" तुम्हारे कहने पर में बस एक बार बात करुगा पर सिर्फ एक ही बार..."

शिव बोलता है....

" हां कॉल करे या मेसेज..."

अक्षत बोलता है...

"कॉल ही करते है एक बार बात करके सब खत्म करते है..."

शिव बोलता है...

वो दोनों साथ में बेथ जाते है...
"चलो अब लगाओ फोन... "

अक्षत बोलता है...

"तुम एक बार और सोचलो..."

शिव बोलता है...

"अरे अब तुम जल्दी फोन करो ना..."

अक्षत बोलता है...

शिव फोन लगाने लगता है। जैसे जैसे रिंग जा रही थी दोनों फोन की तरफ आतुरता से देख रहे थे...

" मेने बोला था ना वो नहीं उठाएगी हम मिताली से ही बात कर लेंगे..."

शिव बोलता है और वहा से खड़े होने लगता है...

"अरे रुको ना तूम वो काम में होंगी...

आएगा उसका फोन..."

अक्षत बोलता है...

थोड़ देर हो जाती है फिर भी अहाना का फोन नहीं आता...

" तुम एक और बार कॉल करो ना... "

अक्षत बोलता है...

"नहीं अब नहीं..."

शिव बोलता है और वहा से जाने लगता है...

तभी फोन की रिंग बगती है और दोनों फोन की स्क्रीन की तरफ देखते है तो वहा अहाना का ही फोन था...

ये देख कर अक्षत तो खुश हो जाता है पर शिव मुँह बिगाने लगता है...

अक्षत फोन उठाता है और शिव को बात करने के लिए बोलता है...

" हेलो... अहाना..."

शिव बोलता है...

" हा आप कोन...?"

अहाना बोलती है...

" अरे तुम मुझे भूल गयी...

में शिव बोल रहा हु..."

शिव ख़ुशी से बोलता है...

" तुमने मुझे कॉल क्यों किया...?"

अहाना जैसे उसे बिलकुल पसंद नहीं आया की शिव का कॉल आया है इसी तरह से वो बोलती है...

" लगता है तुम पसंद नहीं आया मेने कॉल किया वो..."

शिव बोलता है...

" नहीं इसा कुछ नहीं है पर तुमने कुछ काम से ही कॉल किया होंगा..."

अहाना बोलती है...

" हां मेने अक्षत के कहने पर ही तुम कॉल किया है..."

शिव बोलता है...

" तो अक्षत को क्या काम है..."

अहाना बोलती है...

" उसे दिया से बात करनी है और दिया का नंबर चाहिए था..."

शिव बोलता है...

" पर में ऐसे ही कैसे उसका नंबर दे सकती हु..."

अहाना बोलती है...

" अरे वो हमें जानती ही हेना..."

शिव बोलता है...

" हां तो तुम जब वो साथ थी तभी उसका नंबर मांग लेते ना..."

अहाना बोलती है...

" तभ तो हम भूल गए तो क्या अब तुम नंबर देने वाली हो या...?"

शिव चीड़ के बोलता है...

" नहीं ऐसे ही में नहीं दे सकती..."

अहाना बोलती है...

" ठीक है वैसे पहले ही मेने अक्षत को बोला था की तुम कुछ मदद नहीं करने वाली पर उसके कहने पर कॉल किया मेने..."

शिव बोलता है...

" तुम लगता ही है ना में मदद नहीं करुँगी तो क्यों कॉल किया..."

अहाना गुस्से में बोली...

" अरे गलती हो गयी हमारी..."

शिव भी गुस्से में बोलता है...

अक्षत जो इन दोनों की बात बिगड़ते देख का जल्दी से शिव के हाथ से फोन ले लेता है...

"सुनो सुनो अहाना...."

अक्षत जल्दी जल्दी बोलता है...

" हां बोलो अक्षत..."

अहाना बोलती है...

" तुम तो सब पता है ना इसी वजह से मेने सोचा तुम मदद कर सकती हो...."

अक्षत बोलता है...

" हां माना मुझे सब पता है और में मदद भी करना चाहती हु पर इस तरह से में नंबर नहीं दे सकती..."

अहाना बोलती है...

" अरे छोड़ो ना तुम किसे बोल रहे हो हम मिताली को ही बोलेगे ये नहीं करेगी हमारी मदद..."

शिव गुस्से में बोलता है....

ये सुन कर अहाना भी गुस्से में फोन काट देती है...

"शिव तुम क्या हो गया है....

ये किस तरह से तुम बात कर रहे थे..."

अक्षत भी चीड़ कर बोलता है...

" तुम उस लड़की की वजह से मुज पर गुस्सा कर रहे हो..."

शिव बोलता है और मूह भुला कर बेथ जाता है...

अक्षत ये देख कर अपने सर पर हाथ रख देता है...

"अब अक्षत क्या करेगा...?"

"क्या शिव और अहाना की नोक जोक में अक्षत का काम बिगड़ेगा...?"

" अहाना क्या दिया का नंबर अक्षत को देगी...?"

अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....

इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...

इश्क़ होना ही था का part - 15 आपके सामने 23 december को आ जायेगा ...