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मुस्कराते चहरे की हकीकत - उपन्यास
Manisha Netwal
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
एक कॉम्प्लिकेटेड, सस्पेंस थ्रिलर और एक्शन से भरी अवनी और विवान की प्रेम कहानी, जो बहुत सी मुस्किलो से होते हुए अंजाम तक पहुंचती हैं"मुस्कराते चहरे कि हकीक़त"संगम विहार,A-block, नई दिल्ली-62सुबह के पांच बज रहे हैं सोनम दौड़ते हुए रमेश के पास आती है और उसे उठाने की कोशिश करती हैं। सोनम बहुत घबराई हुई थी,,सोनम, घबराते हुए- रमेश उठिए! वो घर छोड़कर चली गई है।सोनम की बात सुनकर रमेश अचानक खड़ा हो जाता हैं और घबराया हुआ सोनम को पकड़कर चिल्लाते हुए- क्या? कहा चली गई और कब, कैसे.....?सोनम, गुस्से से चिल्लाते हुए- मुझे नहीं मालूम, आप बाहर जाकर
एक कॉम्प्लिकेटेड, सस्पेंस थ्रिलर और एक्शन से भरी अवनी और विवान की प्रेम कहानी, जो बहुत सी मुस्किलो से होते हुए अंजाम तक पहुंचती हैं"मुस्कराते चहरे कि हकीक़त"संगम विहार,A-block, नई दिल्ली-62सुबह के पांच बज रहे हैं सोनम दौड़ते हुए ...और पढ़ेके पास आती है और उसे उठाने की कोशिश करती हैं। सोनम बहुत घबराई हुई थी,,सोनम, घबराते हुए- रमेश उठिए! वो घर छोड़कर चली गई है।सोनम की बात सुनकर रमेश अचानक खड़ा हो जाता हैं और घबराया हुआ सोनम को पकड़कर चिल्लाते हुए- क्या? कहा चली गई और कब, कैसे.....?सोनम, गुस्से से चिल्लाते हुए- मुझे नहीं मालूम, आप बाहर जाकर
अवनी आश्रम से निकलकर रिक्शा वाले के पास जाकर उसे एक एड्रेस देती हैं और वहा से चलने के लिए कहकर पीछे बैठ जाती हैं। बीस मिनिट के बाद रिक्शा रुकता है और अवनी उतरकर वहां से चली जाती ...और पढ़ेसामने एक बहुत बड़ी कॉलेज थी जिसमे केवल बड़े परिवार के बच्चे ही पढ़ने आते हैं। अवनी कॉलेज के बहार खड़ी हो जाती हैं जहां पहले से ही बहुत से लोग खड़े थे। कुछ देर बाद अवनी कि नजर एक लड़की पर जाती है, अवनी उस लड़की के पास जाकर मुस्कराते हुए- hello, please you can help me? लड़की दिखने
कुछ देर में अवनी एक बड़ी सी बिल्डिंग के पास पहुंचती हैं जिस पर नेमप्लेट लगी हुईं थीं R. K. कंपनी, भोपाल,,,,अवनी कम्पनी के ऑफिस के बाहर आकार बैठ जाती हैं वहा पहले से इंटरव्यू के लिए सात आठ ...और पढ़ेबैठे थे।15 मिनट बाद अवनी को अन्दर बुलाया जाता है,, अवनी अन्दर पहुचती हैं सामने पाच लोग बैठे थे जो इंटरव्यू ले रहे थे। अवनी सबको गुड मॉर्निंग बोलती हैं और उनमें से एक आदमी उसे सामने रखी चेयर पर बैठने का इशारा करता हैं। फ़िर अवनी की फाइल्स देखकर उससे कुछ सवाल करते हैं और एक प्रोजेक्ट को एक्सप्लेन
अवनी भी अन्दर काव्या के पास आती हैं और करण और सब से मिलती हैं।कुणाल सामने देखकर- करण भाई, विवान भाई कि कॉलेज गैंग आ गई,,,,,,,, अवनी और बाकि सब सामने देखते है। विवान और उसके दोस्त उनके पास ...और पढ़ेआ रहे थे, अवनी हैरानी से उनकी तरफ देखते हुए - विवान अग्रवाल ये है..... काव्या, अवनी से- हा,, अवि यही विवान है जिसके लिए यहां पार्टी रखी गई है,,,,,, काव्या की बात सुनकर अवनी अभी बाहर उसने जो विवान से कहा वह सोचने लगती है और काव्या के पिछे जाकर खड़ी हो जाती हैं।विवान सबके पास आकार खड़ा हो
अवनी कागज को हाथ में लिए सोच ही रही थी कि उसके पास किसी का कॉल आता है वह कॉल उठा कर वहां से चली जाती है यहां विवान यश के पास आता हैविवान - कल कहां गया था ...और पढ़े- कहां गया था....? कहीं नहीं गया था मैं तो यही था,,विवान थोड़े गुस्से में- झूठ बोल रहा हैं ना मुझे सब पता है।यश विवान को समझाते हुए- नहीं यार,,, उसकी तबीयत खराब थी इसलिए उसे छोड़ने गया था।विवान - चल छोड़...ऑफिस जाना है तैयार हो जा..थोड़ी देर में दोनों तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल जाते हैं । अग्रवाल