muskarate chahare ki hakikat - 8 books and stories free download online pdf in Hindi

मुस्कराते चहरे की हकीकत - 8

अगली सुबह काव्या और करण की मेहंदी और संगीत था तो सबको तैयार होकर अग्रवाल मेंशन जाना था अवनी भी काव्या के साथ अग्रवाल मेंशन पहुंचती हैं। विवान पहले से ही तैयार होकर अवनी का वेट कर रहा था क्योंकि उसे सब जानना था,,, सब लोग कृष्णमूर्ति के घर पहुंचते हैं गिरिराज और अभिषेक भी यही थे अवनी और काव्या सबसे मिलते हैं और फिर मेहंदी की रश्म होती है कुछ देर बाद अवनी वहां से उठकर बाहर आती है और सामने से अभिषेक भी उसी की तरफ आ रहा था,,,,,,,
अभिषेक अवनी के पास आकर- हाय..... लड़की वालों की तरफ से हो...
अवनी हा मे सिर हिलाती हैं और वहां से जाने लगती है तभी अभिषेक पीछे से- वैसे नाम क्या है तुम्हारा और क्या रिश्ता है तुम्हारा काव्या से....?
अपने गुस्से से उसकी तरफ़ मुड़कर- बताना जरूरी है क्या... और तुम्हें क्या करना है जानकार,,,, मै तुम्हें कुछ भी बताना जरूरी नहीं समझती,,,,
अभिषेक अपने गुस्से को दबाते हुए- कोई बात नहीं यदि तुम अपना नाम नहीं बताओगी तो मुझे पता है अवनी...
(मुस्कराते हुए) अभिषेक अपना हाथ आगे बढाते हुए- आईं एम अभिषेक....
अवनी उसका नाम सुनकर , गुस्से से उसकी तरफ़ देखती हैं फिर अपना हाथ आगे बढाते हुए- अच्छा लगा आपसे मिलकर मिस्टर अभिषेक अग्रवाल....
विवान, अभिषेक और अवनी को देख रहा था अवनी बहुत गुस्से में थी और मुठ्ठी बांधे अभिषेक को घुर रही थी
विवान- अब अभिषेक भाई ने इसका क्या बिगाड़ दिया.... देख तो इस तरह रही है जैसे जिंदा चबा जाएगी,मुझे वहां जाना होगा वरना पता नहीं वह क्या करेगी।।।
विवान, अवनी और अभिषेक के पास आता है और अवनी की तरफ देखकर-अवनी तुम यहां हो,, काव्या भाभी तुम्हे अंदर बुला रही है उन्हें कुछ काम था तुमसे,,,,,,
अवनी विवान की तरफ देखती है फिर अभिषेक की तरफ देखकर वहां से चली जाती है।
विवान, अभिषेक के पास आकर- क्या हुआ भाई ...? अभिषेक ना में सिर हिलाता है और वहां से चला जाता है। विवान भी अंदर चला जाता है
अभिषेक अंदर आकर गुस्से में अपने आदमी को फोन लगाता है
अभिषेक- तुम अभी तक एक लड़की को नहीं ढूंढ पाए,,, उसके पास सारे सबूत है और तुम्हें अभी उसका नाम भी नहीं पता।।।
भाई हम उसके घर गए थे लेकिन वह घर से भाग गई किसी को मालूम नहीं वह कहां गई- सामने से आवाज आती है अभिषेक- उसका फोटो और नाम पता करो शाम तक उसका फोटो नहीं भेजा तो तुम्हें जिंदा नहीं छोडूंगा
और गुस्से में अपना फोन रखता है,,,,
यहां अवनी काव्या के पास आकर बैठती है जिसके हाथों में दो तीन लड़कियां मेहंदी लगा रही थी काव्या अवनी को मेहंदी के लिए बोलती है लेकिन अवनी मना कर देती हैं। विवान अवनी से बात करने के लिए उसके पास आता है लेकिन अवनी को काव्या के पास देख कर वहीं रुक जाता है,,,शालिनी की नजर विवान पर जाती है जो अवनी को देख रहा था
शालिनी जोर से -अरे विवान तुम यहां क्या कर रहे हो...कुछ काम था क्या...?
सब विवान की तरफ देखने लगते है विवान उनके पास आकर- वो मुझे काव्या भाभी से बात करनी थी....
काव्या हैरानी से- मुझसे बात करनी थी... क्या...?
विवान काव्या के पास आकर बैठ जाता हैं दूसरी तरफ अवनी बैठी थी जो विवान की तरफ देख रही थी
विवान अवनी की तरफ देखकर- जंगली बिल्ली घुरना बंद करोगी या मारने काटने का विचार है....
अवनी, गुस्से से- देखिए विवान पहले तुम ये मेरे अजीब- अजीब नाम निकालना बंद करो वरना आप मुझे जानते नहीं मैं......
विवान, बीच में ही- यही तो मैं जानना चाहता हूं.....
अवनी हैरानी से- क्या......
विवान- कुछ... कुछ... नहीं.....
काव्या कब से विवान और अवनी को देख रही थी
काव्या- विवान तुम मुझसे बात करने आए थे या अवनी से झगड़ा.....
रिया, विवान के पास आकर- वैसे भाई आप भाभी से जो बात करने आए थे वो आपको याद है या भूल गए.. सब विवान का चेहरा देखकर हसने लगते है।
विवान, मन ही मन- मेरा अवनी से बात करना जरूरी है पर कैसे..?
तभी उसे सामने मेहंदी का कटोरा दिखाई देता है विवान उस कटोरे को उठाकर काव्या के पास लाकर- मुझे मेहंदी चाहिए थी वो करण भैया के लिए...दादी ने कहा था,,,,, इतना कहकर विवान अवनी की तरफ मुड़ता है और मेहंदी उसके हाथों से छूटकर, अवनी के कपड़ों पर गिर जाती है..
अवनी, चिल्लाते हुए- ये क्या किया विवान,, तुम्हें दिखाई नहीं देता क्या.... मेरी पुरी ड्रेस खराब कर दी,,,
विवान- मैंने जानबूझकर नहीं गिराया, गलती से गिरा था और तुमने भी तो उस दिन मेरा फोन गिराया था ना......
अवनी, अपनी ड्रेस ठीक करते हुए- ओ अच्छा तो आप उस दिन का बदला ले रहे हैं।
स्वाति अवनी के पास आकर- बेटा आपकी ड्रेस तो पूरी खराब हो चुकी है और शाम को संगीत भी है
अवनी- कोई बात नहीं आंटी... मै घर जाकर ड्रेस चेंज करके आती हूं
काव्या - पर अवनी तुम अकेली.... तुम पक्का आओगी ना..
अवनी- प्रॉमिस काव्या.... मैं तुम्हारा संगीत मिस नहीं करूंगी।
अवनी वहां से जाने लगती है तभी पीछे से आवाज आती है शालिनी- रुको अवनी तुम अकेली नहीं जाओगी विवान तुम्हें लेकर जाएगा और वापस भी लेकर आएगा..
अवनि, विवान कि तरफ़ गुस्से से देखकर शालिनी से- क्या.. नही आंटी में चली जाऊंगी...
विवान, बिच में ही- मैं... क्यों मा.. मैने कौनसा जानबूझकर किया है, मैं कहीं नहीं जाऊंगा...
शालिनी विवान के पास आकर- देखो विवान अवनी केवल काव्या की ही दोस्त नहीं है करण भी उसे अपनी दोस्त समझता है और अवनी भी हमें अपना परिवार ही मानती है यदि संगीत में अवनी को आने में देर हुई तो सब नाराज हो जाएंगे इसलिए तुम उसके साथ जाओ।।
विवान- ठीक है यदि आप कह रहे हो तो मैं चला जाता हूं आओ अवनी.....
अवनी, उसके साथ बाहर आते हुए- अब इस खडूस के साथ जाना पड़ेगा...
विवान- क्या कहा तुमने...
अवनी- कुछ नहीं... चलो जल्दी वापस आना है...
दोनों कार में बैठकर काव्या के घर की ओर निकल जाते हैं।
विवान, मन ही मन- आज मुझे कैसे भी अवनी से बात करनी होगी आखिर ये है कौन और इतना झूठ क्यों बोल रही है.....
अवनी खिड़की से बाहर देखते हुए मन ही मन - शायद यही सही टाइम होगा मुझे विवान को सब कुछ बता देना चाहिए लेकिन क्या वह मुझ पर ट्रस्ट करेगा....

नई दिल्ली, संगम विहार ए ब्लॉक,
यहां कुछ लोग अवनी के चाचा चाची के घर पहुंचते हैं
रमेश, (अवनी के चाचा) डरते हुए, उनसे- देखिए हम उसके बारे में कुछ नहीं जानते प्लीज हमें छोड़ दीजिए,,,,
सामने से एक आदमी गुस्से में चिल्लाता है- उसका नाम फोटो कुछ तो होगा....
विक्रम, सोनम, वंदिता सब बाहर आते हैं और उन्हें अंदर जाने से रोकने की कोशिश करते हैं
विक्रम- हमारे पास उसकी कोई फोटो नहीं है....
कुछ आदमी घर के सामान को उठाकर फेकने लगते हैं और अंदर कमरे में जाते हैं जहा 3 बच्चे डरे हुए खड़े थे उनमें दो लड़के और एक लड़की थी जिनमें लड़कों की उम्र 10-12 साल, लड़की की 8 साल थीं। वो लोग बच्चों को पकड़कर बाहर लाते हैं। और उनको डराते हुए-यदि तुम्हें तुम्हारे बच्चों की जान प्यारी है तो उस लड़की का नाम और फोटो बता दो वरना तुम में से कोई जिंदा नहीं बचेगा
सोनम, घबराते हुए- अवनी... अवनी व्यास नाम है उसका,,, प्लीज हमारे बच्चों को छोड़ दीजिए मेरे पास उसकी फोटो है मैं अभी आपको दिखाती हूं,,
सोनम अपने फोन से उन लोगों को अवनी की फोटो दिखाती है, उनमें से एक आदमी अवनी का फोटो लेकर अपने फोन से अभिषेक को फोन करता है -भाई उस लड़की का नाम अवनी व्यास है हमने आपके फोन पर उसकी फोटो सेंड कर दी है,,,,,,,और वह लोग वहां से चले जाते हैं,,,,,
अभिषेक और गिरिराज, अग्रवाल मेंशन में ही थे अभिषेक गिरिराज के पास आकर- डेड हमारा सक सही था, अवनी मिश्रा ही अवनी व्यास है और उसी के पास सारे सबूत है हमे जल्दी ही उसे अपने रास्ते से हटाना होगा,,,,
गिरिराज- फिर देर किस बात की शिकार हमारे सामने है, आज रात का फंक्शन उसकी जिंदगी का आखिरी फंक्शन होना चाहिए लेकिन ध्यान रखना किसी को बिल्कुल भी शक ना हो....
अभिषेक- आप चिंता मत कीजिए डेड, उसकी मौत का जाल बिछा लिया है मैंने आप बस देखते जाइए, रात को क्या-क्या होता है और दोनों जोर जोर से हंसने लगते हैं।

इधर अवनी तैयार होकर बाहर हॉल में आती है जहा विवान बैठा था,,
अवनी विवान के पास आकर- चले....
विवान, खड़ा होकर- अवनी मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी प्लीज....
अवनी, हैरानी से- क्या....
विवान- तुम कौन हो? मुझे तुम्हारे बारे में जानना है,, वैसे मुझे इतना पता चल गया कि तुम यहां किसी उद्देश्य से आई हो तुम्हें प्रवीण मल्होत्रा ने यहां नहीं भेजा है और ना ही तुम इंदौर से हो, अब आगे तुम ही बता दो, कौन हो तुम..? वरना मुझे पता करना आता है।।।।
अवनी, विवान से थोड़ा दूर जाकर- क्या तुम मुझ पर विश्वास करोगे.....?
विवान, अवनी के पास आकर - मुझे तुम पर विश्वास है कि तुम जो कहोगी सच ही कहोगी,इसलिए तुम मुझे बता सकती हो...
अवनी, विवान कि तरफ़ देखकर गहरी सांस लेते हुए- विवान मेरी कहानी बहुत बड़ी है लेकिन अभी तुम्हें केवल इतना जानना जरूरी है कि मेरा नाम अवनी मिश्रा नहीं अवनी व्यास है और मैं एक रॉ एजेंट हूं....
विवान, बीच में ही हैरानी से- क्या...! रॉ एजेंट.. लेकिन तुम यहां किसे ढूंढ रही हो प्लीज अवनी बताओ मुझे....
अवनी, दुसरी तरफ मुंह करके- तुम नित्या को जानते हो.....
विवान, हैरानी से- हा लेकिन अब वो कहां से आ गई बीच में,,,,
अवनी, विवान के पास आकर- मैं नित्या कि बेस्ट फ्रेंड हूं हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे उसने मुझे बताया था कि वह अनाथ आश्रम में रहती थी लेकिन एक दिन तुम्हारे पापा के साथ वो तुम्हारे घर आ गई। और तुम लोगों के साथ स्कूल जाने लगी, नित्या तुम्हारी सबसे अच्छी दोस्त थी और तुम्हारे घर मैं ही रहती थी लेकिन फिर भी ज्यादा समय वह अनाथाश्रम में रहती थी और तुम कुछ सालो बाद बाहर चले गए थे और नीत्या को सरकारी कॉलेज मिल गई वह भी दिल्ली आ गई। तीन साल बाद जब हमारी कॉलेज खत्म होने वाली थी तब अनाथाश्रम से नित्या के पास कॉल आया था उसके साथ चार-पांच लडकिया और थी उनको कॉल करके बुलाया गया था फ़िर सब गाड़ी में बैठकर वहां से चली गई, मुझे नहीं पता वहां क्या हुआ था लेकिन कुछ देर बाद नित्या दौड़ते हुए मेरे पास वापस हॉस्टल आईं उसने मुझे बताया कि अनाथ आश्रम के कुछ लोग छोटे बच्चों और लड़कियों को देश से बाहर ले जाकर उनसे गैर कानूनी काम करवाते हैं मैंने नित्या को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह लोग उसे ले गए......
इतना कहकर अवनी अपनी आंखें बंद कर लेती है और विवान तो जैसे उसकी बातें सुनकर सदमे में चला गया था...
विवान अवनी कि तरफ़ देखता है जो उसकी तरफ पीठ करके खड़ी थी,,,
विवान होश में आकर- क्या कह रही हो तुम मतलब नित्या.... नित्या का किडनैप हुआ था
अवनी- हां विवान नित्या अभी जिंदा है और मैंने उन सब को ढूंढने के लिए यह जॉब ज्वॉइन की है और मुझे उस इंसान का भी पता चल गया है जो हर साल कई मासूम बच्चों को इसी तरह बेचता है.....
विवान, हैरानी से- कौन है वो.....
अवनी,गुस्से में अपनी मुठ्ठी बिछते हुए- गिरिराज अग्रवाल और उसका बेटा अभिषेक जिनके हाथों में पुरे आश्रम की जिम्मेदारी है
विवान, अवनी के पास आकर- क्या यह सच है अवनी....?
अवनी- नित्या कि कसम... मैं सच कह रही हूं ट्रस्ट मि...
मेरे पास सारे सबूत, सारे गवाह हैं,,,,
विवान वही बैठ जाता हैं और अपने सिर को पकड़ते हुए- इतना बड़ा धोखा...
अवनी, विवान के कंधे पर हाथ रखते हुए- विवान मुझे नित्या के बैग में एक लेटर मिला था जो उसने तुम्हारे लिए लिखा था।।।।
विवान- क्या लिखा है उसमें......
अवनी अन्दर जाकर अपने बैग से डायरी निकालती है जिसमें नित्या का लिखा एक लेटर पड़ा था, वो उसे लेकर विवान के पास आती है और उसे देते हुए- मैंने नहीं पढ़ा इसमें क्या लिखा है क्योंकि नित्या ने इसके ऊपर तुम्हारा नाम लिखा था इसलिए…... तुम ही देख लो,,,
विवान अवनी के हाथ से वो कागज लेता है और पढ़ता है,,,
हाय विवान
तीन साल हो गए तुम्हें गए हुए, एक बार भी कॉल या मैसेज नहीं किया। तुम्हें याद है ना तुमने प्रॉमिस किया था कि तुम मुझसे शादी करोगे और फिर कोई मुझे अनाथ नहीं कहेगा, मेरी कॉलेज खत्म होने वाली है और मैं वापस भोपाल आ रही हूं तुम भी जल्दी आ जाओ। अंकल आंटी भी हमारी शादी के लिए तैयार है। कही तुम्हें वहां दुसरी लड़की तो नहीं मिल गई है। विवान हम दोनों बचपन से बेस्ट फ्रेंड है ना और तुमने मुझसे कहा था कि तुम मुझे अपने परिवार का सदस्य बनाओगे, मैं तुम्हारा वेट करूंगी जल्दी आना विवान। मै ये मैसेज तुम्हारे घर भेज रही हूं यदि तुम्हें यह मिल जाए तो मुझसे बात जरुर करना
तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड
नित्या
विवान वो लेटर पढ़कर अवनी की तरफ देखता है जो उससे कुछ दुर खड़ी थी।।।।।।
अवनी, विवान के पास आकर- क्या हुआ विवान...? क्या लिखा है इसमें.... क्या मैं पढ़ सकती हूं.....
विवान नजरे झुकाए वो लेटर अवनी को देता है अवनी उसे अपने हाथों में लेकर पढ़ती है, अचानक अवनी के हाथों से वह छूटकर नीचे गिर जाता है अवनी विवान से दुर जाकर खड़ी हो जाती हैं
विवान, अवनी की तरफ देखकर- तुम ठीक हो ना... वो मैं और नित्या....
अवनी, विवान कि बात पुरी होने से पहले ही- मैं बहुत खुश हूं कि तुम नित्या के साथ हो, उससे शादी करना चाहते थे,, दुख इस बात का है कि इतना क्लोज होने के बाद भी तुमने नित्या पर विश्वास नहीं किया और नहीं नित्या ने मुझे कभी इस बारे में बताया कि तुम दोनों शादी करने वाले थे,,,
विवान कुछ बोलता इससे पहले अवनी के पास काव्या का फोन आता है
काव्या- अवनी निकल गई क्या.... फंक्शन शुरू होने वाला है,,,,,,
अवनी- हा मैं निकल गई, थोड़ी देर में पहुंच जाऊंगी,,,
अवनी फ़ोन रखकर, विवान से- काव्या वेट कर रही है चले....
विवान, अवनी के पास आकर- तुम सच में बहुत ब्रेव हो अवनी....
अवनी- विवान मेरे पास केवल कल का दिन है प्लीज कल तक तुम किसी को कुछ मत बताना....
विवान - नहीं बताऊंगा... अब चले,,,,
दोनो वहा से अग्रवाल मेंशन पहुंचते हैं और अवनी काव्या के पास आकर बैठ जाती हैं और विवान यश के पास चला जाता है
कुछ देर बाद संगीत शुरू होता है, अवनी और कुणाल स्टेज पर जाते हैं और अनाउंसमेंट करते हैं
अवनी, माइक हाथ में लेकर- तो सबसे पहले परफॉर्मेंस होंगी दूल्हे और दुल्हन के पैरेंट्स की, तो मिस्टर कृष्णमूर्ति अग्रवाल एंड मिसेज शालिनी अग्रवाल प्लीज कम ऑन स्टेज....
दुसरी तरफ से कुणाल, माइक को पड़के हुए- एंड मिस्टर अनुराग बजाज, एंड मिसेज स्वाती बजाज आइए स्टेज़ पर,,,
चारों स्टेज पर आते हैं, गाना बजता है और चारो कपल डांस शुरू करते हैं....
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ख़्वाब है तू, नींद हूँ मैं
दोनों मिले रात बने
रोज़ येही मांगू दुआ
तेरी मेरी बात बने बात बने
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
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मुझे खुद में घोल दे तू
मेरे यार बात बन जानी
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मुझे खुद में घोल दे तू
मेरे यार बात बन जानी
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
ओ यारा तुझे प्यार की बतियाँ
क्या समझावां जाग के रतियाँ
रोज़ बतावां इस्से आगे
अब मैं क्या कहूं
ओ यारा तुझे बोलती अँखियाँ
सदके जावां मांग ले पकियां
आज दुवां इस्से आगे
अब मैं क्या कहूं
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..........................

उनका डांस खत्म होता है सब खड़े होकर जोर-जोर से तालियां बजाते हैं। और उनके बाद काव्या और करण को स्टेज़ पर बुलाते है और गाना शुरू होता है,,,,
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कहते हैं ख़ुदा ने
इस जहाँ में सभी के लिए
किसी ना किसी को है बनाया
हर किसी के लिए
तेरा मिलना है उस रब का इशारा
मानो मुझको बनाया तेरे जैसे ही
किसी के लिए
कुछ तो है तुझ से राबता
कुछ तो है तुझ से राबता
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कैसे हम जाने, हमें क्या पता
कुछ तो है तुझ से राबता
तू हमसफ़र है, फिर क्या फिकर है
जीने की वजह यही है
मरना इसी के लिए
कहते हैं खुदा ने इस जहाँ में सभी के लिए
किसी ना किसी को है बनाया हर किसी के लिए
हम्म्म
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मेहरबानी जाते-जाते मुझपे कर गया
गुज़रता सा लम्हा एक दामन भर गया
तेरा नज़ारा मिला, रौशन सितारा मिला
तक़दीर की कश्तियों को किनारा मिला
सदियों से तरसे हैं जैसी ज़िन्दगी के लिए
तेरी सोहबत में दुआएं हैं उसी के लिए
तेरा मिलना है उस रब का इशारा
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उनके बाद श्रेया,रिया,यश रुही, विवान, और कुणाल स्टेज़ पर आते हैं, उनका गाना बजता है
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मुंडा थोड़ा ऑफ़ बीट है
पर कुडिया दे नाल बोहत स्वीट है
मुंडा थोड़ा ऑफ़ बीट है
पर कुडिया दे नाल बोहत स्वीट है
ढोंगी सा ये बड़ा ढीठ है
वायरल होगया ये ट्वीट पर
फूल वूल करने में कूल तू बड़ी तेज़ कटारी है
शगन तेरी की लगन तेरी की
हमने करदी तैयारी है
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नचदे ने सारे रालमिल के
आज हिलडुल के
ले सारे के सारे नज़ारे नच्दे ने सारे रालमिल के
आज हिलडुल के ले सारे के सारे नज़ारे खसमा नु खाने हडिपा हडिपा..
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उनका गाना खत्म होने के बाद पीछे से आवाज आती हैं,,, लड़की वालों की तरफ से तो किसी ने सिंगल डांस किया ही नहीं तो अब आपकी बारी अवनी,,,
अवनी मना करती है, काव्या उसके पास आकर- प्लीज अवनी, मेरे लिए.....
अवनी काव्या को मना नहीं करती है और सबके कहने पर स्टेज पर जाती हैं उसके साथ काव्या की दो फ्रेंड्स जाती हैं ,,,गाना बजता है,,,,,
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बन्नो की मेहंदी क्या कहना
बन्नो का जोड़ा क्या कहना
बन्नो लगे है फूलों का गहना
बन्नो की आँखें कजरारी
बन्नो लगे सबसे प्यारी
बन्नो पे जाऊ में वारी वारी

हो हो हो

बन्नो की सहेली रेशम की डोरी
छुुप छुप के शरमाये देखे चोरी चोरी
बन्नो की सहेली रेशम की डोरी
छुुप छुप के सरमाये देखे चोरी चोरी
ये माने या न माने में तो इस पे मर गया
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ये लड़की हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह
ये लड़की हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह
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बाबुल की गलियां ना छड के जाना
पागल दीवाना इसको समझना
बाबुल की गलियां ना छड के जाना
पागल दीवाना इसको समझना
देखो जी देखो ये तो मेरे पीछे पड़ गया
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ये लड़का हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह
ये लड़का हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह
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लब कहे ना कहे बोलती है नजर
प्यार नहीं छुपता यार छुपाने से
प्यार नहीं छुपता यार छुपाने से

हाँ रूप घूंघट में हो तो सुहाना लगे
बात नहीं बनती यार बताने से
ये दिल की बातें दिल ही जाने या जाने खुदा
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ये लड़की हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह
ये लड़की हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह

सजना आ आ

मांगने से कभी हाथ मिलता नहीं
जोड़ियाँ बनती है पहले से सबकी
जोड़ियाँ बनती है पहले से सबकी

हो.... लेके बारात घर तेरे आऊंगा में
मेरी नहीं ये तो मर्ज़ी है रब की
अरे जा रे जा ये झूठी मुठी बातें न बना

ये लड़का हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह
ये लड़का हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह

बन्नो की सहेली रेशम की डोरी
छुप छुप के सरमाये देखे चोरी चोरी
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ये लड़की हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह
हे ये लड़का हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह
ये लड़की हाय अल्लाह हाय हाय रे अल्लाह
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सब, खड़े होकर तीनों की तारीफ़ करते हैं,,, अवनी को छोड़कर,वो दोनों नीचे आ जाती हैं, अवनी अभी भी वही खड़ी थी,
विवान, अवनी को इतना ख़ुश देखकर,मन ही मन - मानना पड़ेगा तुम्हें ऑफिसर अवनी व्यास,,,,,
तभी विवान की नज़र अवनी के ठीक सामने जाती है जहा एक आदमी नकाब पहने अवनी पर निशाना साधे छुपकर बैठा था विवान,अवनी की तरफ दौड़कर चिल्लाते हुए- वहां से हट जाओ अवनी.... अवनी.......
इतने में वह आदमी गोली चला देता है और अवनी गोली अपनी और आते देखकर वहा से हटने की कोशिश करती हैं लेकिन गोली सीधा अवनी के कंधे पर आकर लगती हैं और अवनी वही गिर जाती है सब अवनी की तरफ देखते हैं जो खून से लथपथ स्टेज पर गिरी थी, सब अवनी के पास आते हैं और उसकी हालत देखकर सब बहुत ज्यादा डर जाते हैं काव्या, रोते हुए- अवनी प्लीज उठो, क्या हुआ तुम्हे कौन था वो प्लीज अवनी..... काव्या अवनी का चेहरा अपने हाथों में लेकर जोर जोर से रोने लगती है
विवान वहां से उठकर एंबुलेंस को फोन करता है प्रवीण भी वहीं था प्रवीण अवनी के पास आकर उसका सिर अपनी गोद में रखकर- अवनी.. अवनी...कुछ नहीं होने दूंगा मैं तुम्हें.. सुन रही हों ना तुम, कुछ नहीं होगा,मैं उनको जिंदा नहीं छोडूंगा.. उठ अवनी अभी तुम्हें अपना काम करना है ना... तुम्हें कुछ नहीं होगा,,,, और उसके हाथों को अपने हाथों में लेकर उसे होश में लाने की कोशिश करता है ।।।
अवनी को कुछ देर में थोड़ा होश आता है अवनी प्रवीण की तरफ देखकर- भाई....भाई.... आप यहां से चले जाइए वो आपको...
इतना कहकर अवनी वापस बेहोश हो जाती हैं।।
बाकी सब अवनी और प्रवीण की बातें सुनकर हैरान थे अभिषेक भी वहीं था जो प्रवीण को घूर रहा था,,,,,
करण, प्रवीण के पास आकर- प्रवीण,अवनी तुम्हारी बहन है विवान सबकुछ समझ जाता हैं और सबके सामने आकर- कुछ नहीं भाई अवनी और प्रवीण दोनों इंदौर से ही है वह एक दूसरे को पहले से जानते हैं और विवान बिना किसी की बात सुने अवनी के पास जाकर उसे अपनी गोद में उठाकर एंबुलेंस में लेकर आता और सभी उसके पीछे पीछे आते है,,
कुछ देर में सब हॉस्पिटल पहुंचते हैं अवनी को अंदर ले जाया जाता है सब बाहर वेट करते हैं,,,
विवान बाहर आकर किसी को कॉल करता है
विवान- जल्दी उस इंसान को ढूंढो जिसने गोली चलाई थी और मुझे जल्दी बताना...
विवान फ़ोन रखकर प्रवीण के पास आता है
विवान प्रवीण के पास बैठकर- मुझे अवनी ने सबकुछ बता दिया था कि वह यहां क्यों आई थी... लेकिन तुम्हारे बारे में नहीं बताया कि तुम उसके भाई हों...
प्रवीण- अवनी ने तुम्हें केवल नित्या के बारे में बताया था अपने बारे में कुछ नहीं बताया... तुम्हें अभी उसके बारे में बहुत कुछ जानना बाकी है विवान....
विवान, हैरानी से -अवनी के बारे में क्या...?
अन्दर से डॉक्टर बाहर आता है ।कृष्णमूर्ति और अनुराग डॉक्टर के पास आकर- डॉक्टर अवनी ठीक तो है ना....
डॉक्टर- मिस्टर अग्रवाल हमने उसके कंधे से गोली तो निकाल दी है लेकिन उसे पहले भी पीठ पर एक गोली लगी हुई है जिसके घाव अभी बाकी है तो कुछ कह नहीं सकते। अभी आप उससे मिल सकते हैं लेकिन एक एक करके जाइए,,,,,
काव्या, रोते हुए हैरानी से - क्या..? अवनी को पहले भी गोली लगी हुई है मतलब कोई उसे जान से मारना चाहता है पर क्यों..? आखिर उसने किसी का क्या बिगाड़ा है...
विवान भी डॉक्टर कि बात सुनकर हैरान था वो प्रवीण कि तरफ़ देखता है लेकिन कुछ समझ नहीं पाता,,,,
काव्या और करण अन्दर अवनी के पास जाते है जो सो रही थी दोनों अवनी के पास बैठते हैं
काव्या- तुम ठीक तो हो ना.... कौन था वह इंसान जो तुम्हें मारना चाहता था और क्यों मारना चाहता था.....
करण- हा अवनी प्लीज बताओ हमें......
अवनी काव्या और करण की तरफ देखती हैं जो बहुत उदास थे
अवनी- काव्या मैं तुम्हें अभी कुछ नहीं बता सकती लेकिन आई प्रॉमिस काव्या वक्त आने पर मैं तुम्हें सब कुछ बता दूंगी अभी तुम्हें घर जाना चाहिए कल तुम्हारी शादी है,,,,
करण- तुम्हें क्या लगता है हम तुम्हें इस हालत में छोड़कर शादी करेंगे.....
अवनी- मेरे लिए तुम दोनों इतना भी नहीं कर सकते... यदि कल तुम्हारी शादी नहीं हुई तो मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगी प्लीज मेरी चिंता मत करो मैं ठीक हूं और प्रवीण भाई है मेरे साथ,,,,,,,
काव्या, अवनी के हाथों को अपने हाथों में लेकर- तुम अपना ध्यान रखना... मुझे अभी कुछ नहीं जानना तुम्हारे बारे में,,, मैं तुम्हारा वेट करूंगी, जल्दी तैयार होकर घर आना,,,,,
काव्या और करण दोनों बाहर आ जाते हैं और सब को घर चलने के लिए कहते हैं विवान और प्रवीण को छोड़कर सब कर चले जाते हैं।
प्रवीण अवनी के पास आकर बैठता है
अवनी-भाई मुझे जल्दी यहां से निकलना होगा उसे मेरे बारे में पता चल गया है पर उसे पता कैसे चला........
प्रवीण- तुम्हारे चाचा चाची से.....
अवनी- क्या...?
प्रवीण- हा अवनी वो लोग वहां गए थे और उन्होंने अनन्या, पीयूष, और कबीर को मारने की धमकी दी तो उन्होंने तेरे बारे में बता दिया और अब वह लोग तुम्हारी शक्ल भी नहीं देखना चाहते......
अवनी, दर्द में भी मुस्कराते हुए- मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं भाई... अब मुझे और ज्यादा सिक्योर रहना होगा और आप अब मामा मामी के पास जाइए वरना आप को कुछ हो गया तो वह भी मुझे कभी माफ नहीं करेंगे मेरी वजह से पहले उन्होंने बहुत कुछ खोया है और मेरे पास भी आपके अलावा और कोई नहीं है भाई.....
अवनी की आंखों में आंसू थे जिन्हे वो छिपाने की कोशिश कर रही थी प्रवीण उसके आंसू पूछते हुए- मैं कहीं नहीं जाऊंगा तुम्हें छोड़कर.....
विवान, अवनी और प्रवीण की बातें सुन रहा था उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि अवनी क्या बोल रही है, क्योंकि उसे उसके के बारे में कुछ नहीं पता था तभी उसके पास फोन आता है विवान, बाहर आकर- पता चला कौन था वो...?
अभिषेक ने उसे भेजा था अवनी को मारने के लिए -सामने से आवाज आती है,,,
विवान - ठीक है तुम उसपर नजर रखना,,,,
विवान अवनी के पास आता है जहां प्रवीण बैठा था
विवान, अवनी से -तुम ठीक हो ना......
अवनी हा में सिर हिलाती हैं और विवान खिड़की के पास जाकर खड़ा हो जाता है।
कुछ देर बाद अवनी के पास फोन आता है जो प्रवीण के पास था
अवनी प्रवीण से फोन लेकर- yes sir......
सामने से- अवनी गिरिराज और उसका बेटा आज रात यहां से निकलने की प्लानिंग कर रहे हैं हमें कैसे भी करके उन्हें रोकना होगा वरना हमारी दो सालों की मेहनत बेकार चली जाएगी....
अवनी- डोंट वरी सर... मैं अभी यहां से निकलती हूं....
प्रवीण और विवान हैरानी से अवनी की तरफ देखते हैं अवनी फोन रखकर -भाई मुझे अभी जाना होगा अर्जेंट है... विवान,अवनी के पास आकर- तुम्हारी तबीयत से भी ज्यादा.....
अवनी - हा मेरी तबीयत से भी ज्यादा...
तभी अवनी के पास रवि का कॉल आता है
रवि- मैम अभिषेक के कुछ आदमी अनाथ आश्रम के बच्चों को लेकर जा रहे हैं और अभी अभी पता चला है कि अभिषेक उन सब को बाहर भेज रहा है दो-तीन सालों तक उसने जितने भी बच्चों, लड़कियों का किडनैप किया था वह सब अभी तक इंडिया में ही थे आज सब को एक जगह इकट्ठा किया जाएगा और कल सुबह तक उन्हें सब से छुपाकर भेजा जाएगा,,,,,
अवनी- तुम स्योर हो रवि....मुझे इसी दिन का इंतजार था मैं थोड़ी देर में तुम्हारे पास आती हूं तुम उन लोगों का पीछा करो और मुझे अपडेट करते रहना ओके...
अवनी फोन रख देती हैं और बेड से उतरकर प्रवीण के पास आकर- थैंक्यू भाई हर वक्त मेरा साथ देने के लिए लेकिन अब मुझे यह लड़ाई अकेले लड़नी होगी जिन्दा रही तो आपके पास जरूर आऊंगी और मर गई तो अफसोस मत करना.........
प्रवीण, अवनी को गले लगाकर - कुछ नहीं होगा तुझे, जरूर वापस लौटेगी बहुत स्ट्रांग है तू आज मैं तुझे नहीं रोकूंगा....
अवनी, विवान के पास आती है जो कब से उसे ही देख रहा था
अवनी, विवान से- ऐसे क्यों घुर रहे हो मिस्टर विवान,जिंदा जलाने का विचार है क्या( मुस्कुराते हुए)
विवान अभी भी चुप था अवनी फिर से- थैंक यू विवान मुझ पर ट्रस्ट करने के लिए एंड आई प्रॉमिस कल शाम तक नित्या तुम्हारे पास होगी और मैं भी चली जाऊंगी फिर तुम्हें कोई परेशान नहीं करेगा...
विवान -अब हो गया तुम्हारा तो चले....
अवनी, हैरानी से- कहां...
विवान- जहां तुम्हें जाना था.....अब कोई सवाल नहीं अवनी मैं तुम्हारे साथ हूं और उन बच्चों को ढूंढने में मैं भी तुम्हारा साथ दूंगा वैसे भी अभिषेक को मालूम नहीं कि मैं तुम्हारे साथ हूं तो तुम्हे थोड़ी मदद मिल जाएगी।
अवनी कुछ बोलती इससे पहले ही विवान अवनी का हाथ पकड़कर उसे बाहर अपनी कार में ले जाता है और दूसरी तरफ खुद बैठकर कार ड्राइव करने लगता है
अवनी, विवान कि तरफ़ देखकर- अगर तुम्हें कुछ हो गया तो..
विवान- और अगर तुम्हें कुछ हुआ तो...
अवनी, कुछ देर रुककर- तुम्हें मेरी फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है तुम्हारे पास तुम्हारा पूरा परिवार है अगर मुझे कुछ भी हुआ तो मेरे लिए रोने वाला कोई नहीं है।
विवान, अवनी की तरफ देखते हुए- हम कुछ नहीं है तुम्हारे लिए....
अवनी- नहीं.. विवान हमारा कोई रिश्ता नहीं है ये बात में जितना जल्दी समझ जाऊ मेरे लिए उतना ही बेहतर हैं,,
विवान अवनी की बात पर कुछ नहीं बोलता वह चुपचाप कार चलाने लगता है,,
सामने काव्या का अपार्टमेंट था जहा अवनी रहती थी, अवनी कार से उतरकर अंदर जाती है और अपना बैग लेकर वापस कार में बैठ जाती है अवनी के पास एक मैसेज आता है अवनी विवान को एड्रेस बताकर वहां चलने के लिए कहती है,,,,,,

Continue.........

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