Monika Verma लिखित उपन्यास बेगुनाह गुनेहगार | हिंदी बेस्ट उपन्यास पढ़ें और पीडीएफ डाऊनलोड करें होम उपन्यास हिंदी उपन्यास बेगुनाह गुनेहगार - उपन्यास उपन्यास बेगुनाह गुनेहगार - उपन्यास Monika Verma द्वारा हिंदी लघुकथा (523) 11.7k 24.2k 337 सुहानी। एक प्यारी सी लड़की। जो अपने ख्यालो से इस दुनिया को देखती है, समझती है। जिसे संभव असंभव, मुमकिन नामुमकिन, मुश्किल आसान का फर्क समझ नही आता। जो करना चाहती है वो कर के ही रहती है।पापा की ...और पढ़ेहै। जो यह मानती है कि कोई हो न हो, उसके पापा हर मुुश्किल मेंं इसके साथ रहैैंगे। पुूरी दुनिया से लड़ेंगे।पढ़ाई लीखाई , ड्रॉइंग, डांस, गायिकी, एक्टिंग में हमेशा अव्वल है। सिर्फ इतना ही नही लोगो की मदद करने में भी आगे। लोगो के दर्द को अपना दर्द समझती है।पड़ोशी और दोस्तो को भी हेल्प करने में भी पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें पूर्ण उपन्यास बेगुनाह गुनेहगार 1 (83) 1.3k 3.1k सुहानी। एक प्यारी सी लड़की। जो अपने ख्यालो से इस दुनिया को देखती है, समझती है। जिसे संभव असंभव, मुमकिन नामुमकिन, मुश्किल आसान का फर्क समझ नही आता। जो करना चाहती है वो कर के ही रहती है।पापा की ...और पढ़ेहै। जो यह मानती है कि कोई हो न हो, उसके पापा हर मुुश्किल मेंं इसके साथ रहैैंगे। पुूरी दुनिया से लड़ेंगे।पढ़ाई लीखाई , ड्रॉइंग, डांस, गायिकी, एक्टिंग में हमेशा अव्वल है। सिर्फ इतना ही नही लोगो की मदद करने में भी आगे। लोगो के दर्द को अपना दर्द समझती है।पड़ोशी और दोस्तो को भी हेल्प करने में भी सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 2 (41) 900 1.5k अब तक हमने देखा कि एक लड़की सुहानी , अपने मम्मी पापा और छोटा भाई हैरी के साथ रहती है। बहोत बाद परिवार है। लेकिन प्रोपर्टी की वजह से सब मे अनबन्ध चल रही है। इतनी अनबन्ध की शादी ...और पढ़ेमें भी आना जाना बंद हो चुका है।जिसे बाद में पता चलता है कि उसकी एक बहन भी है इराही। जिसे किसी लड़के से प्यार हो जाता है। घर वाले इसके खिलाफ थे इसीलिए सुहानी के पापा इराही को घर ले आये। इराही की इस हरकत की वजह से पापा ने इराही को बहोत मारा। सुहानी को सिर्फ अपने पापा सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 3 (44) 784 1.5k अब तक हमने देखा कि सुहानी नाम की एक लड़की अपने मम्मी पापा और छोटे भाई हैरी के साथ राह रही है। जो सपने देखना ही नही उसे पूरा करने का हौसला भी रखती है। पारिवारिक समस्याओ के कारण ...और पढ़ेकिसी को बुलाता नही है। बाद परिवार होने के बावजूद सुहानी छोटे से परिवार में जी रही है। बाद में सुहानी को पता चलता है उसकी एक बड़ी बहन भी है जिसे अंकल ने गोद लिया है। जो किसी से प्यार करती थी। हर लव स्टारी में होता है उसी तरह मम्मी पापा सुहानी की बहन इराही की लव मैरिज सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 4 (43) 799 1.5k अब तक हमने देखा कि सुहानी नाम की एक लड़की एक बड़े परिवार की बेटी है। जहाँ प्रॉपर्टी के पारिवारिक झगड़े की वजह से कोई किसी से बात नही करता। सब का एक दूसरे के घर मे आना जाना ...और पढ़ेहै। सुहानी अपने मम्मी पापा और छोटे भाई हैरी के साथ रहती है। बाद में सुहानी को पता चलता है उसकी बड़ी बहन है इराही। जो किसी के प्यार में थी। सुहानी के पाप इसके खिलाफ थे। इराही ने भाग के शादी कर ली। सुहानी के सुहानी अपना ध्यान पढ़ाई पर लगा रही है। सुहानी पढ़ाई के लिए मासी के सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 5 (38) 689 1.4k अब तक हमने देखा सुहानी अपने पापा की लाडली बेटी है। जो अपने नजरिए से दुनिया को देखती है। जो एक बड़े परिवार की बेटी है। लेकिन किसी से कोई बोल चाल नही है। समाज दुनिया क्या है उसे ...और पढ़ेपता। हर इंसान अच्छा है बस यही जानती है। पढ़ाई के लिए मासी के घर जाती है। वहाँ की स्थिति का सामना करते करते वापस घर आती है। आगे की पढ़ाई घर आके करती है। बड़ी बहन इराही की लव मैरिज हो चुकी है। घर के लोग नाराज है। लेकिन फिर सब उसे अपना लेते है। इसी दौरान सुहानी रीमा सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 6 (30) 545 1.1k लेकिन प्यार के आकर्षण के आगे सुहानी कुछ देख न पाई। सुहानी अपने भैया भाभी के साथ ऊपर के कमरे मे सोती है। एक दिन सुबह 4 बजे रोहित ने सुहानी को मैसेज किया बाहर आओ। सुहानी ने देखा ...और पढ़ेभाभी सो रहे है । वो धीरे धीरे बाहर गई। देखा तो रोहित वहां खड़ा है। सुहानी रोहित के पास गई। दोनो गले मिले। रोहित सुहानी का अंग अंग छू रहा है। सुहानी बेझुबा होकर उसका अनुभव कर रही है। दो ही मिनट हुआ कि नीचे से आवाज आई। रोहित बोला अंदर जाकर सोजा। फिर मिलते है। कहते है न जब खुदा किसीके साथ हो न तो उसका कोई बाल भी नही मोड़ सकता। सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 7 (26) 563 990 सुहानी और रोहित के बीच की बातचीत बांध हो चुकी थी। और इमरान के साथ जैसे हमसफर मिल चुका हो ऐसे सुकून मिल चुका था। लेकिन रोहित की यादों से दूर नही हुई । कैसे भूल पाती। दो साल ...और पढ़ेसाथ जो थे।सुहानी छुटियो में घर आती है। बाकी समय अपनी जॉब पर रहती है। इराही के काम से हर कोई खुश है। यहां भी उसने अपनेपन के स्वभाव से कई दोस्त बना लिए है। मर्दो से थोड़ा दूर रहती है। सबकी मदद करती है।कोई ऊपरी अधिकारी उसकी गलती बताता तो उसे मानकर उसे सुधारने की कोशिश करती है। सुहानी सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 8 (28) 607 1.2k सुहानी के घर मे तो कोई उसका ख्याल नही रखता लेकिन उसके स्टाफ के लोग एक परिवार की तरह रहते है। सुहानी को घर से ज्यादा जॉब पर रहना अच्छा लगता है। क्योंकि यहाँ कोई उसे अपने सपनो से ...और पढ़ेकरने वाला नही है। जो वो चाहती वो कर शकती है। सुहानी छुट्टियां लेकर इराही के घर चली गई। वहाँ जीजू उसे लेने आ गए। उसे बड़े भाई की ख्वाइश थी। दूसरे अंकल के बड़े बेटे थे। लेकिन सुहानी को कभी बड़े भाई का प्यार नही मिला। जीजू से मिलकर सुहानी की यह ख्वाइश भी पूरी हो गई। यतिन जीजू उसे अपनी छोटी बहन की तरह रखते। सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 9 (23) 540 908 सुहानी की मम्मी कल्पेश भैया के पास गई है। पता चला कि ककल्पेश भैया ने 9 साल पहले कोर्ट में एक लड़की से शादी कर ली थी।जिसका नाम है कश्मीरा। जिसका पहले पति से एक बेटा है- अयान। जो ...और पढ़ेसुहानी की उम्र का है।कल्पेेेश भैया के पास ज्यादा वख्त नही है। हालत बहोत बुरी है।मम्मी कुछ वख्त वहां रुकी। कश्मीरा और अयान दोनो ही कल्पेश भैया का अच्छी तरह ख्याल रख रहे थे। सुहानी भैया को देखना चाहती है। मम्मी ने कहा में अयान से कहती हूं वो तुम्हे फ़ोटो भेजे। सुहानी ने मन करना चाहा। किसीको भी मेरा सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 10 (16) 489 992 सुहानी की जिंदगी में एक से बढ़ कर मुसीबते खड़ी ही है। लेकिन खुदा ने कोई न कोई उसका साथ निभाने के लिए भेज ही दिया। सुहानी की किस्मत अच्छी है या किसीकी दुआ ओ का फल है यह ...और पढ़ेसुहानी नही जानती। इमरान के ऐसे वर्ताव ने सुहानी को लगभग तोड़ ही दिया।इमरान फोन आ रहै है। आखिर में सुहानी ने फोन रिसीव किया।सुहानी: हेलो।इमरान: देखो मुझे माफ़ कर दो। गलती हो गई मुझसे।सुहानी: ऐसी गलती?इमरान : देखो में होश में नही था।सुहानी: अब होश आया गया?सुहानी गुस्से में है।आखिर में सुहानी मान गई। अब इमरान अपनी मर्जी से सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 11 (14) 468 874 अब तक हमने देखा कि सुहानी की जिंदगी से खेलने के लोग आए। शायद इसीलिए क्योकि सुहानी ने उनको अपनी जिंदगी तबाह करने दी। सुहानी को सोचना चाहिए था। लेकिन अगर सोच समझ कर करती तो ये गलतिया टैब ...और पढ़ेहोती। लेकिन आगे जाकर जरूर होती। क्योंकि सुहानी उस दुनिया मे जी रही है जहाँ सच नही, लोग क्या कहते है उस रास्ते पर जीना होता है। चाहे फिर आप घूंट घूँट कर ही क्यो न मर जाओ। सुहानी को एक दोस्त मिल चुका है। अयान। अपनी जॉब से बहोत खुश है। जो उसे जीने की उम्मीद दे रहा है।एक सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 12 (25) 573 1.4k सुहानी की जिंदगी में अयान के आने से खुशिया वापस मिली है एक बार फिर सुहानी ने किसी पे भरोसा किया।सुहानी अक्सर कश्मीरा भाभी से बात कर लेती है। अच्छा लगता है सुहानी को जब कश्मीरा भाभी उसे बेटा ...और पढ़ेहै। जैसे कोई अपने से बात कर रही है। कैंसर की असर कश्मीरा भाभी को भी हो चुकी है। बोलते बोलते भी थक जाती है।एक दिन सुहानी ने अयान से पूछा मम्मा कैसे है?अयान: दवाई चल रही है।सुहानी: डॉ ने क्या कहा?अयान: डॉ. ने जवाब दे दिया है।यह सुहानी के लिए एक और जिंदगी का मार था। और अयान पे सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 13 (22) 530 1.2k सुहानी जिसे एक दोस्त मिल चुका था, आज वो मुसीबत में है। सुहानी का नंबर उसने ब्लॉक लगा दिया। सुहानी अब कुछ नही कर सकती। अब सुहानी और अयान के बीच बातचीत बंद हो गई। सुहानी इन सब के ...और पढ़ेखुद को ही कोसने लगी। दो तीन महीनों बाद सुहानी अयान से कांटेक्ट कर पाई। अयान ने सुहानी से बात की। सुहानी खुश हुई। अयान कभी कभी बात कर लेता।सुहानी के पापा के फ़ोर्स करने की वजह से सुहानी ने शादी के लिए है कर दी। लड़का देखने गए। देखने मे तो अच्छा है। बाते करने पर उस लड़के नई सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 14 (14) 457 1.2k सुहानी सारी मुश्किलें अकेले सह रही है। दो तीन महीने में एक बार अयान से बात हो जाती है।सुहानी अपने स्टाफ में भी सबकी प्यारी है। सब पर भरोसा आने के बाद कभी कभी एक दो मेसेज भेज देती ...और पढ़ेके साथ काम करने वाले एक किरण कुमार भी है। एक दिन अचानक सुहानी को काम के बहाने अपने घर बुलाया। सुहानी गई तो देखा के वो पूरे घर मे अकेले है। सुहानी वो सुहानी को किस करने के लिए कह रहे है। लेकिन सुहानी नही मानी। और वहाँ से चली गई।दूसरे दिन सुहानी से माफी मांगी। बिल्कुल वैसा ही सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 15 (16) 451 1k सुहानी अब अपने सपने और अयान की यादों के साथ जी रही है। मम्मी और हैरी का पूरा सपोर्ट मिल रहा है। मम्मी अब कुछ और दोस्त बना चुकी है। सुहानी के घर मे उन दोस्तो के आने जाने ...और पढ़ेवजह से सुहानी के स्वभाव में परिवर्तन आया है। उसे अब पता चल रहा है कि परिवार क्या होता है। बचपन से तो यह सब देखा ही नही था। अचानक आज घर पे पुलिस आई। सुहानी को लगा कि पापा के किसी केस के वजह से आई होगी। लेकिन लाइब्रेरी में क्यों,? सुहानी उन लोगो के पास गई। और बोली। सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 16 (15) 453 1.1k सुहानी आज बहोत खुश है। वर्षो से जिस वजह से जी रही है शायद वो आज ख्वाब पूरा होने वाला है।सुहानी अपने जोब के लिए कुछ चीजें लाती तो बाकी के पैसे आफिस में जमा करवा देती। पापा उसे ...और पढ़ेडांटते। ऐसे पैसे रख लेने चाहिए। घर देखो पहले। बाद में नोकरी देखो। सुहानी को बहोत गुस्सा आता। बचपन से ईमानदार रहना सिखाते हो फिर अब बड़े होने के बाद यह सब क्यो सिखाते हो? क्या ऐसे पैसे लेकर सुहानी खुश रह पाती? सुहानी खुश है कि आज भी वो सच के रास्ते पर चल रही है। ठोकरे बहोत मिली। सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 17 (12) 438 925 सुहानी अब शोगता बन चुकी है। इंस्पेक्टर की टीम के साथ सुहानी अचानक से ब्रिजेश के पास पहुची। इंस्पेक्टर ने डोर बेल बजाई। ब्रिजेश ने दरवाजा खोला।इंस्पेक्टर: हमे आपकी wife मिल गई है। एक एक्सीडेंट केे बाद इलाज ...और पढ़ेलिए अस्पताल में थी। उनकी याददास्त चली गई थी। 2 साल के बाद थोड़ा बहोत इन्हें याद का चुका है।ब्रिजेश सुहानी को देख कर थोड़ा सदमे से बाहर आया और पागलो की तरह उसे अपने सीने से लगा लिया।इंस्पेक्टर ने उसे शोगता से दूर करते हुए कहा देखिए अभी इनकी हालत कुछ ठीक नही है। इन्हें सब याद आ जाने सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 18 (13) 494 1.1k सुहानी शोगता बनकर ब्रिजेश के घर पहुच गई। सुहानी के हाथ कुछ ऐसा लगा जो कई राज पर से पर्दा उठाने वाला है। सारी फ़ाइल देख कर ये बाात सामने आई केि ब्रिजेश बेगुनाह है। ब्रिजेश को अपने प्यार ...और पढ़ेफसा कर शोगता सारी चाल खेल रही थी। इससे पुलिस की सारी हरकतों की खबर टेररिस्ट को देती। और नाम आया ब्रिजेश का।ब्रिजेश ईमानदार आदमी है। वो कुछ गलत कर ही नही सकता। इतने महीने में सुहानी ब्रिजेश को इतना तो जान ही चुकी थी। लेकिन फिर शोगता गई कहाँ। अगर भागती तो ये सारे राज को खत्म करके जाती। सुनो अभी पढ़ो बेगुनाह गुनेहगार 19 (20) 554 1.3k सुहानी की सच्चाई ब्रिजेश के सामने आ चुकी है। के सवालों के जवाब है जो आज सुहानी को मिलने वाले है। ब्रिजेश सुहानी को एक के बाद एक सारे राज बता रहा है। सुहानी को ये पता चल गया ...और पढ़ेशोगता को ब्रिजेश ने मारा है।ब्रिजेश: तुम जब पहली बार यहाँ आई मुझे लगा शोगता वापस आ चुकी है। शायद उसके बाद तुम बाख गई हो। तुम्हारी याद दास्त चले जाना मुझे थोड़ा कंफ्यूज कर रहा था। उसके बाद जब भी तुम्हारे करीब आता तुम मुझे अपने से दूर ही रखती। इंसान याददास्त भूल सकता है, लेकिन आदत नही। शोगता सुनो अभी पढ़ो अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान 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