Begunaah gunehgaar - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

बेगुनाह गुनेहगार 2

अब तक हमने देखा कि एक लड़की सुहानी , अपने मम्मी पापा और छोटा भाई हैरी के साथ रहती है। बहोत बाद परिवार है। लेकिन प्रोपर्टी की वजह से सब मे अनबन्ध चल रही है। इतनी अनबन्ध की शादी व्याह में भी आना जाना बंद हो चुका है।जिसे बाद में पता चलता है कि उसकी एक बहन भी है इराही। जिसे किसी लड़के से प्यार हो जाता है। घर वाले इसके खिलाफ थे इसीलिए सुहानी के पापा इराही को घर ले आये। इराही की इस हरकत की वजह से पापा ने इराही को बहोत मारा। सुहानी को सिर्फ अपने पापा पे भरोसा था। और यह सब देखकर उसे अच्छा नही लगा। इराही घर से भाग जाती है। सुहानी अब वापस अपने भाई हैरी के साथ रहती है। खाने पीने, तैयार होना ऐसे कोई शोख नही है। इसे सिर्फ पढ़ाई का शोख है। इराही 10 वी पास कर लेती है। फिर ममी और एक मासी के साथ सुलह हो जाती है। वहाँ उसे पता चलता है कि मासी के दोनों बेटे राकेश और शंकर की शादी हो चुकी है। अब आगे की पढ़ाई के लिए अपनी मासी के घर रहने लगती है। और सब के साथ घुल मिल गई है। अब देखते है आगे...

राकेश भैया बिज़नेस के सिलसिले में विदेश में रहते है। स्वभाव भी उनका दिलदार। यहां सुहानी -  मासी , शंकर भैया, रीमा भाभी और उनका छोटा सा 1डेढ़ साल के बेटे क्रेश के साथ रहती है। सुबह जल्दी उठकर घर काम मे भाभी और मासी का हाथ बटाती फिर कॉलेज जाती। पूरा दिन दिल लगाकर पढ़ती। मासी और भाभी, स्वभाव में थोड़ा ज्यादा स्ट्रिक्ट है। और शंकर भैया कुछ ज्यादा ही करकसर करते । जिसकी वजह से सुहानी को बहुत कुछ झेलना पड़ता है। लड़की है तो घर का सारा काम आने चाहिए ऐसी सोच रखने वाले मासी और भाभी के साथ रहती सुहानी को तो सपने देखकर उसे पूरा करने की जिद है। लोग शादी के बारे में पूछते तो भड़क जाती। क्योकि जो शादी का मतलब समाज मे लोगो ने बनाकर रखा है सुहानी उसे समझने में बिल्कुल सक्षम नही है। यहां तो शादी मतलब शारीरिक संबंध। तो जो बिना शादी के करते है उनमें और इन लोगो मे फर्क क्या है? गलत हर तरह से गलत है। ऐसे सवाल सुहानी के मन मे जवाब पाने के लिए उथल पथल मचा रहे है। लेकिन किस से पूछे। सब संस्कारो की झूठी खाल पहन कर घूमते ,और छुप छुप के पडोशी ओ के साथ बैठकर लोग ऐसी वैसी बाते करते। 

सुहानी को कॉलेज में बहोत मजा आता है। पढ़ाई करने का भी और दोस्तो के साथ रहने का भी। बहोत अच्छे अच्छे दोस्त बन चुके थे। जैसे तैसे लोगो से तो सुहानी बोलती भी नही। अपने cousins के साथ बहोत बाते करती मोबाइल से। चैटिंग करती अपने खाली समय मे। लेकिन ज्यादा वख्त सुहानी को मिलता नही। घर आकर क्रेश को सम्हालने में लग जाती ।  फिर रात को भैया भाभी आ जाते। 

इसी तरह वख्त गुजरता जा रहा है। सुहानी को बात बात पर टोकने वाले लोग मासी, भैया भाभी भी घर पर है। जो कभी कभी सुहानी की गलतियां निकाल निकाल कर ऊसे रोता हुआ छोड़ देते। लेकिन सुहानी कभी सबके सामने नही  रोती।

इतने में इराही का मैसेज आया। सुहानी और इराही के बीच बाते होने लगी। सुहानी इस बात से बहुत खुश हुई। क्योंकि उसकी बहन वापस आ चुकी थी। इराही ने शादी कर ली थी। अपने पसंद के लड़के से। लेकिन सुहानी को इससे कोई फर्क नही पड़ता। उसे तो लोगो की खुशी से मतलब है। दुनिया क्या बोलती ही, इससे कोई मतलब नही। क्योकि सुहानी के पापा उसके साथ है। 1 साल खत्म हुआ। सुहानी अब मासी के घर नही रहना चाहती थी। उसे होस्टल में रहना था। लेकिन पापा ने कहा खर्चा ज्यादा हो जाएगा। और दूसरा लोग क्या कहेंगे। सुहानी को कभी समझ मे ही नही आया कि ये लोग है कौन? उनके सोचने से हमे क्या फर्क पड़ता है? 

सुहानी को काम करने से कोई प्रोब्लम नही , प्रॉब्लम है तो बिना वजह घर मे मासी और रीमा भाभी की चिड़चिड़ और रोकटोक से। जैसे तैसे सुहानी ने कॉलेज की डिग्री फर्स्ट क्लास से पास की। फिर आगे की पढ़ाई के लिए घर वापस आ गई। 

कोशिश तो की थी सब को एक करने की लेकिन कर नही पाई। उल्टा खुद ही लोगो की सोच का शिकार हो गई। रीमा भाभी का भाई रोहित, जिसकी 1साल पहले ही शादी हुई थी, जिसकी छोटी सी बेटी है उसे सुहानी पसंद है। 

क्या रोहित सुहानी कोअपनी पसंद बता पाएगा? क्या सुहानी रोहित के बारे में जान पाएगी?  इंतजार कीजिए अगले अंक का। 


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