Begunaah gunehgaar - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

बेगुनाह गुनेहगार 3

अब तक हमने देखा कि सुहानी नाम की एक लड़की अपने मम्मी पापा और छोटे भाई हैरी के साथ राह रही है। जो सपने देखना ही नही उसे पूरा करने का हौसला भी रखती है। पारिवारिक समस्याओ के कारण कोई किसी को बुलाता नही है। बाद परिवार होने के बावजूद सुहानी छोटे से परिवार में जी रही है। बाद में सुहानी को पता चलता है उसकी एक बड़ी बहन भी है जिसे अंकल ने गोद लिया है। जो किसी से प्यार करती थी। हर लव स्टारी में होता है उसी तरह मम्मी पापा सुहानी की बहन इराही की लव मैरिज के खिलाफ थे। उसके बाद इराही भाग के शादी कर लेती है। अपने पापा को अपना सहारा समझती है। उसके बाद मम्मी और मासी के बीच सुलह होने के बाद सुहानी मासी के घर रहने चली जाती है। वहा जाकर सुहानी को पता चलता है के मासी के दोनों बेटे की शादी हो चुकी है। सुहानी दोनो परिवारों को एक करना चाहती है। लेकिन नाकाम रहती है। तीन साल बाद सुहानी वापस आती है अपने घर। अब आगे...

अब इराही 20 साल की हो गई। कहते है न कि बच्चा 20 साल तक अपनी आस पास की दुनिया की कॉपी करता है। उसके बाद अपने अपने अनुभवों का इस्तेमाल करते करते उस पर जीना सीखता है। अब तक की सुहानी की दुनिया में ऐसे लोग थे जो कहते कुछ और करते कुछ। मासी के वहाँ वख्त बिताना मुश्किल था। लेकिन सुहानी को दोस्त अच्छे मिल गए। और दो खास सहेलिया बन गई थी। शबनम और महक। तीनो अलग अलग जाती के थे। लेकिन दोस्ती के प्यार में ये सब नात जात कहाँ। वैसे भी सुहानी इन बातों को नही मानती। सुहानी का मानना है कि मजहब मतलब खुदा का अपमान। 

सुहानी ने स्कूल में बड़े बड़े संत, सफल लोगो की जीवनी सुनी और पढ़ी थी। जिसमे वे लोग वही करते थे जो ठान के रखते है। सुहानी भी बिल्कुल वैसी ही है। जो बताती है वही करती है। देश के लिए तो शहीद होने के सपने आंखों में पालती हुई सुहानी घर वापस आ चुकी है। 

आगे की पढ़ाई सुहानी अपने मम्मी पापा और हैरी के साथ रहकर करती है। हैरी को भी पढ़ाई में हेल्प कर देती है। कॉलेज सुहानी के घर से दूर था तो बस से आती जाती रहती। सुहानी अपने घर वापस आने के बाद भी सब से बाते करती।  इसी दौरान रोहित से भी मैसेज से बात करती रहती। 

एक दिन रोहित ने सुहानी को मैसेज कर ही दिया , I love you.

सुहानी एकदम हक्का बक्का राह गई। यह क्या? सुहानी ने कुछ भी जवाब नही दिया। 

रोहित का फिर से मैसेज आया 'reply to karo.'

सुहानी ने टेक्स्ट किया 'आप शादी शुदा हो'

रोहित: हा, लेकिन मुझे तुम अच्छी लगती हो। 

सुहानी: ये गलत है। 

रोहित: हाँ, लेकिन में अपने दिल की बात लैह रहा हु।

सुहानी: में किसी को धोखा नही दे सकती।

रोहित: सिर्फ बाते तो करो। एक दोस्त की तरह।

सुहानी: दोस्त? आप तो..

रोहित: तुम्हारी भाभी रीमा का भाई हु, यही न।

सुहानी: हम्म।

रोहित: देखो मेरी बीवी मुझे वख्त ही नही देती, न ही मुझसे ठीक से बात भी नहीं करती। यहाँ तक कि हमारे बीच भी कोई रिश्ता नही है।

सुहानी: तो उसका solution ढूंढो। ये गलत है।

रोहित: plz

सुहानी: नही, यह गलत है। 

उस रात सुहानी सो भी नही पाई। पूरी रात वही ख्याल। वो तो मंदिर के पुजारी है। वो गलत कैसे हो सकते है। लेकिन यह बात भी गलत है।

दूसरे दिन फिर रोहित का मैसेज आया। गुड मॉर्निंग का।

सुहानी ने हिचकिचाते हुए गुड मॉर्निंग का रिप्लाई दिया। 

सुहानी समझ नही पा रही की आगे क्या करूँ। मम्मी को बताऊ ? तो फिर मासी के साथ फिर से झगड़ा हो जाएगा। रीमा भाभी तो घुमा फिरा के इल्जाम सुहानी पर ही डाल देगी। वैसे भी पापा इराही की वजह से परेशान तो है ही। 

रोहित का फिर से टेक्स्ट आया। कैसी हो?

सुहानी: अच्छी हु।

रोहित:  I love you

सुहानी: This is wrong.

रोहित: इसमे गलत क्या है। तुम कौन सी यहाँ आने वाली हो?

सुहानी: यह सही नही होगा। आप की बेटी भी है।

रोहित: कोई किसीको कुछ भी नही बताएगा। राधा और कृष्ण ने भी तो प्यार किया था। वो गलत नही तो यह कैसे गलत हो सकता है?

रोहित: सिर्फ दोस्ती के नाते,आई लव यू। 

रोहित: Plz, मेरी हालत समझो। मेरा कोई नही है। में किसीसे कुछ भी नही कह सकता। किस से करु अपनी खास बातें। 

सुहानी उसके दर्द से पिघल गई। और दोस्ती के नाते कह दिया I love you।
 
सुहानी को नही पता कि ये रिश्ता उसे कहाँ लेकर जाएगा। क्या होगा। सुहानी शादी के सख्त खिलाफ है । क्योंकि वो देश के लिए कुछ करना चाहती है। प्रकृति के लिए कुछ करना चाहती है। क्योंकि इन सब की तरफ कोई नही देखता। गरीब और अनाथ बच्चों की मदद करना चाहती है। इन सब मे सुहानी कहाँ कोई शोख रखती है। इसी स्वभाव ने सुहानी से हाँ करवा दी। 

क्या होता है आगे। देखते है अगले अंक में। 

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