बेगुनाह गुनेहगार 19 Monika Verma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

बेगुनाह गुनेहगार 19

सुहानी की सच्चाई ब्रिजेश के सामने आ चुकी है। के सवालों के जवाब है जो आज सुहानी को मिलने वाले है। ब्रिजेश सुहानी को एक के बाद एक सारे राज बता रहा है। सुहानी को ये पता चल गया कि शोगता को ब्रिजेश ने मारा है। 

ब्रिजेश: तुम जब पहली बार यहाँ आई मुझे लगा शोगता वापस आ चुकी है। शायद उसके बाद तुम बाख गई हो। तुम्हारी याद दास्त चले जाना मुझे थोड़ा कंफ्यूज कर रहा था।  उसके बाद जब भी तुम्हारे करीब आता तुम मुझे अपने से दूर ही रखती। इंसान याददास्त भूल सकता है, लेकिन आदत नही। शोगता चाहे कुछ भी भूल जाए लेकिन अपनी तड़प नही भूल सकता। उसे हररोज कोई न कोई चाहिए ही था। इसी तड़प ने उसे आतंकवादीयो से मिला दिया था।  सुहानी: लेकिन... ब्रिजेश: मुझे यह सब कैसे पता चला यही न? सुहानी: हम्म। ब्रिजेश: शोगता बुरी लड़की नही थी। लेकिन कुछ दोस्तों की वजह से उसके दिल की आग भड़क चुकी थी। वैसे वो खुद को किसी भी हाल में रोक नही सकती । उस दिन पहली बार जब मैंने तुम्हारे करीब आने की कोशिश की तभी में समझ गया कि तुम अब तक कुँवारी हो। में और शोगता तो कई पल साथ मे बीता चुके थे। उसके बाद ये सारी फाइल्स मेरे हाथ लग गई थी। जिसकी वजह से तुमने मुझे बेगुनाह माना। मैं नही चाहता था कि कोई ओर शोगता के इस राज को जाने। इसीलिए मैंने वो चाबी भी छुपा दी। पता नही तुमने कैसे ढूंढ ली। सुहानी: अब? तुम्हे बेगुनाह साबित करना ही होगा। उसके लिए शोगता के बारे में सबको बताना होगा। वरना तुम्हे सजा मिलेगी। ब्रिजेश: मुझे इसका कोई डर नही है। सुहानी: लेकिन मुझे डर लगता है। अगर एक ईमानदार इंसान गुनेहगार साबित हुआ तो फिर कौन अच्छा और ईमानदार बनना चाहेगा। दुनिया के सामने सच्चाई का उदाहरण कैसे खड़ा करोगे? कोई किसी पे भरोसा नही करेगा। हर कोई गुनाह करने को मजबूर हो जाएगा। ब्रिजेश: तुम बुरी नही हो। इसलिए इस दुनिया की बुराई का तुम पर तनिक भी असर नही हुआ। लेकिन जैसा तुम सोच रही हो वैसा नही है। सुहानी: दुनिया के बुरे होने के वजह से में तो अपने आप को बुरा नही बना सकती। मैं जानती हूं प्यार क्या होता है। लेकिन आपको सच दुनिया के सामने लाना ही होगा। ब्रिजेश: तो फिर इंस्पेक्टर को शोगता की सच्चाई क्यो नही बताई? सुहानी: मैं आपका दिल नही तोड़ना चाहती थी। एक ईमानदार अफसर के साथ बुरा होते हुए नही देख सकती। ब्रिजेश: खुद इतनी बार टूटने के बावजूद दुसरो का बुरा नही देख सकती? सुहानी: इसीलिए किसी और को टूटते हुए नही देख सकती। में जानती हूं टूटने का दर्द क्या होता है। अब मुझे ही कुछ करना होगा। सुहानी ने इंस्पेक्टर से बात की। और खुद शोगता बनकर टेररिस्ट के पास चली गई। इंस्पेक्टर ने एक कैमरा और रिकॉर्डर दिया। जिसकी वजह से पुलिस एक एक हरकत का पता लगा सके। जैसे ही शोगता को टेररिस्ट के बॉस हुसैन ने देखा उसने तुरंत ही शोगता को बुलाया। लेकिन चौकन्ना है। ब्रिजेश को इस बात का बाद में पता चला और तुरंत ही सुहानी को बचाने निकल गया। सुहानी जो भी देख रही है उसकी रिकॉर्डिंग पुलिस देलह रही है। 100 आतंकियो के बीच मे सुहानी अकेली है। ब्रिजेश ये सुन कर राह नही पाया। तुरंत ही वो वहाँ से निकल गया। सुहानी की जान खतरे में है। सुहानी की वजह से कई राज पकड़े गए। टेररिस्ट एक मिसाइल लॉन्च करने वाले थे। satelite से छुपाकर। इसीलिए उन्होंने शोगता को भेजा था ब्रिजेश के पास। जिसकी वजह से साइबर क्राइम इस बारे में investigate न कर पाए। हुसैन ने मिसाइल लॉन्च करने की टाइमिंग सेट कर दी थी। बस 10 मिनिट में मिसाइल लॉन्च होने ही वाली है। सुहानीने फ़ाइल में मिसाइल के बारे में सब कुछ जान लिया था। वो जानती है कि मिसाइल को कैसे रोका जाए। हुसैन शोगता को कंट्रोल रूम में लेगया। उसे दिखाया। सुहानी ने हुसैन की नजर चुका कर टाइमिंग रोक दी। बस मिसाइल रोकना बाकी है। नसीब भी सुहानी के साथ है। हुसैन को कोई कोल आ गया और शोगता को कमरे में छोड़ कर थोड़ी देर कोल रिसीव करने बाहर गया। सुहानी ने तुरंत ही मिसाइल रोकने की कोशिश की। बहुत मुश्किल था। सुहानी ने मिसाइल का पासवर्ड ही चेंज कर दिया। हुसैन जैसे ही अंदर आया सुहानी ने कहा ये आपने क्या किया? अगर आज मिसाइल लॉन्च कर देते तो पकड़े जाते। satelite views आज इसी ओर है। पकड़े जाते। अच्छा हुआ मैंने मिसाइल रोक दी। हुसैन: लेकिन तुम्हे तो मिसाइल रोकना नही आता। सुहानी: अरे आपने उन फ़ाइल में सारी डिटेल्स तो बताई थी। उसी से सिख लिया। हुसैन को शोगता पर शक हो गया। कुछ गरबड जरूर है। सुहानी को चारों और से घेर लिया। सुहानी को जैसे इस बारेमे भनक लगी उसने कैमरा और रिकॉर्डर वही कमरे में छुपा दिया। सुहानी की चेकिंग करवाई गई। लेकिन कुछ नही मिला। सुहानी को हुसैन ने वही गोली मार दी। सुहानी जानती थी हुसैन को शक हो जाएगा। इसीलिए मिसाइल का पासवर्ड भी चेंज कर दिया था। ताकि  वो उसका इस्तेमाल न कर पाए। कुछ ही देर में सुहानी के मोबाइल में रहे जीपीएस सिस्टम की वजह से पुलिस ने उसका पता लगा लिया। पूरी आर्मी फ़ोर्स वहां आ गई। और सारे टेररिस्ट को पकड़वा लिया। सुहानी मरते हुए भी खुश है। उसकी मौत देश को बचाते हुए हुई। सुहानी को दुनिया के सबसे बड़े अस्पताल में ट्रेटमेंट दिया जा रहा था। लेकिन सुहानी को अब जीने की कोई उम्मीद नही थी। वो कोमा में जा चुकी है। ब्रिजेश ने अयान को सुहानी के बारे में सबकुछ बता दिया। और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। कोर्ट ने ब्रिजेश को पूरे सम्मान के साथ रिहा कर दिया। अब आयान और ब्रिजेश हररोज सुहानी को मिलने अस्पताल आते है। 

The End