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नीम का पेड़ - उपन्यास
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी लघुकथा
"कैसी है तुम्हारी मंगेतर?"
राहुल मेरा सहकर्मी है।उसकी सगाई सुुरेेखा सेे हुई थी।दो महीने बाद उसकी शादी थी।कल सुरेखा के पििता का फोन आया था। चाय बनाते समय अचानक सिलेंेण्डर में आग लग गयी थी।सुरेखा के कपड़े जल गए थे।लेकिन वह बच गयी थी।समाचार मिलते ही राहुुुल चला गया।आज ऑफिसआया तब मैंने पूछा.थाा।
"अच् हुआ।शादी से पहले सिलेणडर में आग लगी
राहुल को खुश देखकर मै बोला,"दुखी होने की जगह खुस हो रहे हो।"
"बात खुस होने की है" वह बोला" अगर शादी के बाद ऐसा होता तो ससुराल वाले दहेज का केस सचचाई जाने बिना लिखा देते"
राहुल सच कह रहा था।ससुराल वाले हकीकत जाने बिना वर पक्ष पर आरोप मढ़ने में देर नही करते।
1--हकीकत"कैसी है तुम्हारी मंगेतर?"राहुल मेरा सहकर्मी है।उसकी सगाई सुुरेेखा सेे हुई थी।दो महीने बाद उसकी शादी थी।कल सुरेखा के पििता का फोन आया था। चाय बनाते समय अचानक सिलेंेण्डर में आग लग ...और पढ़े थी।सुरेखा के कपड़े जल गए थे।लेकिन वह बच गयी थी।समाचार मिलते ही राहुुुल चला गया।आज ऑफिसआया तब मैंने पूछा.थाा। "अच् हुआ।शादी से पहले सिलेणडर में आग लगीराहुल को खुश देखकर मै बोला,"दुखी होने की जगह खुस हो रहे हो।""बात खुस होने की है" वह बोला" अगर शादी के बाद ऐसा होता तो ससुराल वाले दहेज का केस सचचाई जाने बिना लिखा देते"राहुल सच कह रहा था।ससुराल वाले
5-बदलागली के नुक्कड़ के मकान के बाहर पड़ी रोटियां गाय खा रही थी।एक आदमी दनदनाता मोटर साईकल पर आया।उसकी मोटर साईकल पर बोरी बंधी थी।गली सकड़ी थी।गाय को हटाने के लिए उसने कई बार हॉर्न बजाया।लेकिन गाय नही हटी।तब ...और पढ़ेउसी रफ्तार से गाय को टक्कर मारते हुए मोटर साईकल निकाल कर ले गया।मोटर साईकल की टक्कर से गाय के पेट और पैर में चोट लगी थी।वह रोटी खाना भूलकर दर्द से तड़पने लगी।मोटर साईकल वाले का घर पास में ही था।वह बोरी रखकर फिर आया।उसे देखते ही गाय उसके पीछे भागी।गाय को अपने पीछे आता देखकर वह घबरा गया।सड़क
10--डिलीवरी"दो तीन घण्टे में डिलिवरी नही हुई तो सिजेरियन करना पड़ेगा।"डॉक्टर दीपा, रुचि का चेकअप करने के बाद कार में बैठकर कहीं चली गई थी।मेरी बहू रुचि गर्भवती थी।दिन पूरे हो चुके थे।उसे सुबह से ही दर्द शुरू हो ...और पढ़ेथे।मैं उसे कॉलोनी के पास बसे नर्सिंग होम में उसे ले आयी।जब मैं उसे यहाँ ला रही थी।तभी कॉलोनी की कुछ औरतो ने मुझे टोका था,"डॉक्टर दीपा के नर्सिंग होम में बहु को मत ले जाना।बहुत लालची है।पैसे के लालच में हर औरत का सिजेरियन कर देती है।"लेकिन मेरी मजबूरी थी।पति और बेटा बाहर गए हुए थे।हमारी कॉलोनी शहर से
23--रेपुटेशनन"शर्मा स्टेसन चलना है।पंजाब मेल से मदर आ रही है"व मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक कुमार ने चेम्बर में बुलाकर मुझसे कहा था।मैं उनके साथ स्टेसन आया था।कुमार के आने की खबर मिलते ही सी टी आई,हेड टी सी,डिप्टी एस ...और पढ़े आदि कुमार को देखते ही आ गए थे।पंजाब मेल से कुमार साहब की माँ आयी थी।माँ को उन्होंने रिटायरिंग रूम में ठहराया था।रिफ्रेशमेंट के ठेकेदार को बुलाकर चाय नाश्ता और खाने की हिदायत दे दी थी।माँ से कुछ देर बात करने के बाद कुमार साहब बोले,"माँ चलता हूँ।शाम को आऊंगा तब फुरसत में बात करेंगे।"स्टेशन से लौटते समय मैने कुमार साहब
12---सजा"जो हुआ उसे दिवा स्वपन मानकर भूल जाओ।"लतिका एक काल सेंटर मेंं काम करती थी।एक रात को वह बस से उतरकर घर जा रही थी।तभी अचानक एक वेेेन उसके पास आकर रुकी।चार लोग वेेेन से उतरे औऱ ...और पढ़ेज़बरदस्ती वेन में डालकर लेेे गए। सामुहिक ब्लात्कार करने के बाद उसे सड़क पर फेंक गए।लतिका बेहोश थी।होश में आने पर घर पहुंचकर उसने रोते हुए पति को सब कुछ बता दिया था।पत्नी की आप बीती सुनकर कुछ देर के लिए जय स्तब्ध रह गया।फिर कुछ देर तक सोचने के बाद सब कुछ भूल जाने की सलाह दी थी।"भूल जाऊं।मेरी इज़्ज़त लूटने