नीम का पेड़ (भाग13) Kishanlal Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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नीम का पेड़ (भाग13)

41--इशारा
"तुम्हारे पास क्या काम है?'नवागंतुक एस एस पी हीरा लाल ऑफिस में कार्यरत प्रत्येक बाबू की मेज के पास जाकर काम की जानकारी ले रहे थे।
"सर् मैं पेंशन का काम देखता हूँ।"रमा कांत बोला।
"कितने पेंशन के केश पेंडिंग है?"
"एक भी नही,"रमा कांत बोला,"सर् मैं साथ कि साथ काम निपटाता चलता हूं"।
"कैसे बाबू हो?केश पेंडिंग नही होंगे तो समझा जायेगा।इस टेबल पर काम नही है,"हीरा लाल बोले,"केश पेंडिंग रखा करो।केश पेंडिंग रखोगे तभी तो लोग तुम्हारे आगे पीछे घूमेंगे।'
रमा कांत सोचने लगा।पहले जितने भी अफसर आये भ्र्ष्टाचार रोकने की बात करते थे।लेकिन हीरा लाल केश पेंडिंग रखकर भ्रस्टाचार बढ़ाने की तरफ इशारा कर रहे थे।
42--होनी
"मां तू कैसी है?"फोन पर कमला की आवाज सुनते ही अंकित ने पूछा था।
"तेरी बला से मैं चाहे जिऊँ या मरूं।तुझे मेरी चिंता कहां है?"
'मां ऐसा मत कह।तेरे सिवाय मेरा इस दुनियां में कौन है?"मां की बात सुनकर अंकित बोला,"तू गांव में अकेली रहती है।मुझे हर समय तेरी ही चिंता बनी रहती है।"
"मेरी इतनी चिंता है,तो शादी क्यों नही कर लेता,"कमला गुस्से में बोली,"कब से शादी करने की कह रही हूँ।घर मे बहु आ जायेगी तो मुझे बुढ़ापे में अकेले नहीं रहना पड़ेगा।'
"माँ दो महीने की छुट्टी लेकर आ रहा हूँ।तू लड़की ढूंढ ले।इस बार तेरी इच्छा जरूर पूरी कर दूंगा।"
बेटे की बात सुनकर कमला की खुशी का ठीकाना नही रहा खुशी के मारे वह रात भर सो नही सकी।बिस्तर में लेटी बेटे की शादी के सपने देखती रही।
सुबह फोन आया।रात को कश्मीर में भारी हिमपात और हिमस्खलन की वजह से पंद्रह फौजी बर्फ में दबकर मर गए थे।इनमें अंकित भी था।
43--सफेद दाग
"मैं माला की एक कमी के बारे में पहले ही बता देना चाहता हूँ।"
माला,रामलाल की बेटी थी।जब वह जवान हुई तो उसके एक पैर में सफेद दाग हो गया।राम लाल नही चाहते थे कि शादी होने के बाद बेटी के दाम्पत्य जीवन मे सफेद दाग की वजह से किसी तरह की परेशानी आये।इसलिए वह जो भी लड़का माला को देखने के लिए आता।उसे माला के सफेद दाग के बारे में बताना नही भूलते थे।माला सुंदर शिक्षित थी।जितने भी लड़के देखने आए थे,उन्होंने माला को देखते ही पसंद कर लिया था।लेकिन माला के सफेद दाग है।यह पता चलने पर रिश्ते से इनकार कर गए थे।
सच बताने पर हर लड़का रिश्ते से इंकार कर जाता था।एक दिन कमला अपने पति से बोली,"सफेद दाग पैर पर है।कोई लड़का पर तो देखता नही।फिर सफेद दाग के बारे में बताने की क्या ज़रूरत है।"?
"अगर शादी के बाद पति ने इसी बात को लेकर माला को छोड़ दिया तो?"
राम लाल फरेब,धोके या झूंठ का सहारा लेकर अपनी बेटी की शादी करने के पक्ष में नही थे।वह नही चाहते थे कि सफेद दाग की वजह से बेटी का दाम्पत्य जीवन कटु हो
।इसलिय वह सफेद दाग के बारे में पहले ही बता देते थे।आज भी उन्होंने ऐसा ही किया था।
जो भी लड़का माला को देखने आता सफेद दाग के बारे में सुनकर रिश्ते से इनकार करके चला जाता।लेकिन दीपक राम लाल की बात सुनकर माला से बोला,"अगर एतराज न हो तो मुझे पर दिखा सकती है?"
माला ने दीपक को पर दिखाए थे।उसे देखकर दीपक बोला,"यह तो शादी के बाद भी हो सकते है।"
दीपक ने माला को पसंद कर लिया था।