नीम का पेड़ (भाग 10) Kishanlal Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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नीम का पेड़ (भाग 10)

32--लूट की लूट
" चूड़ियां सूंदर है"चीफ इंजीनियर की पत्नी अल्पना आयकर कमिश्नर की पत्नी राधिका के हाथ को देखते हुए बोली।
"कल ही खरीदी है।पूरे एक लाख की है,"राधिका अपनी चूड़ियों के बारे में बताते हुए बोली,"आपके इयररिंग भी बहुत सुंदर है।"
" पूरे साठ हजार के है।'
चीफ इंजीनियर की पत्नी अल्पना,आयकर कमिश्नर की पत्नी राधिका,सेल टेक्स कमिश्नर की पत्नी नलिनी,कस्टम अफसर की पत्नी सायरा,पुलिस कप्तान की पत्नी रेणुका और आवास विकास के सचिव की पत्नी लतिका ने ग्रुप बना रखा था।हर महीने वे किटी पार्टी का आयोजन करती थी।किटी पार्टी कभी किसी होटल कभी किसी माल कभी किसी फार्म हाउस में होती थी।
आज आवास विकास की एक नई बनी कोठी में पार्टी चल रही थी।पार्टी में खाने पीने के साथ ताश शतरंज खेलने और हंसी मजाक के साथ वे एक दूसरे को यह भी बताना नही भूल रही थी कि उनके पति ने कहां कहां हाथ मारा और उस पैसे से क्या खरीदा।बारी बारी से वे अपनी नई खरीदी ज्वेलरी दिखा रही थी। तभी दो नकाबपोश अंदर घुस आए।
"कौन हो तुम लोग और यहां क्यों आये हो?""उनको देखकर लतिका बोली।
"जाते हो या पुलिस को बुलाऊं?"रेणुका पुलिस कप्तान की पत्नी थी।इसलिए रौब दिखाते हुए बोली,"
" चुप।ज्यादा होशियारी दिखाई तो गोली भेजे में घुस जायेगी",एक नकाबपोश रेणुका की कनपटी पर बंदूक रखते हुए अपने साथी से बोला,"इन सबके मोबाइल ले लो"
और मोबाइल लेने के बाद बोला,"सभी अपने गहने उतारो।"
सब औरतो ने थर थर कांपते हुए अपने गहने उतार दिए।गहनों के साथ कपड़े भी उतरवा लिए।ताकि वे बाहर जाकर हल्ला न मचा सके।
पतियों द्वारा बेईमानी, रिश्वत, भ्र्ष्टाचार के पैसों से खरीदे गहने लेकर वे नौ दो गयारह हो गए।
33--रिपोर्ट
"बेटी को अच्छे संस्कार नही दिये।अगर तुमने अपनी बेटी को अच्छे संस्कार दिए होते तो वह घर से क्यो भागती/"शाम लाल की बेटी कालेज गयी थी और किसी लड़के के साथ भाग गयी।शाम लाल थाने में रिपोर्ट लिखाने के लिए गया था।उसकी बात सुनते ही थानेदार दिवान सिंह उखड़ गया,"लोग अपनी बेटी को सम्हाल नही पाते और अपनी बदनामी का ढिंढोरा पीटने के लिए पुलिस के पास चले आते है।मैं अगर तुम्हारी जगह होता तो जानते हो मैं क्या करता?"
"क्या करते?"शाम लाल के मुंह से मरी सी आवाज निकली थी।
"पुलिस के पास नही आता,"थानेदार दिवान सिंह बोला,"बेटी को ढूंढकर गोली मार देता।अगर ऐसा नही कर पाता तो अपने आप को गोली मार लेता।"
थानेदार दिवान सिंह, शाम लाल पर बुरी तरह बरस रहा था।तभी बदहवास सी एक औरत ने थानेदार दिवान सिंह के चेम्बर में प्रवेश किया।वह अंदर आते ही थानेदार से बोली,"पिंकी कालेज से अभी तक वापस घर नही आयी है।मैने उसे सब जगह तलाश कर लिया।उसकी सभी सहलियो को भी फोन करके पूछ लिया है।किसी को कुछ नही पता।घर से नगदी और सारे गहने भी गायब है-----
उस औरत की बात सुनकर थानेदार दिवान सिंह के चेहरे का रंग उड़ता जा रहा था।
"आपने तो अपनी बेटी को अच्छे संस्कार दिए होंगे।फिर वह कैसे भाग गयी", उस औरत की बाते सुनकर शाम लाल समझ गया वह थानेदार दिवान सिंह की पत्नी है,"मुझे भाषण दे रहे थे।अब देखता हूँ बेटी को ढूंढकर गोली मारोगे या खुद को"
और शाम लाल बिना रिपोर्ट लिखाये आ गया