नीम का पेड़ (पार्ट 4) Kishanlal Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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नीम का पेड़ (पार्ट 4)

12---सजा
"जो हुआ उसे दिवा स्वपन मानकर भूल जाओ।"
लतिका एक काल सेंटर मेंं काम करती थी।एक रात को वह बस से उतरकर घर जा रही थी।तभी अचानक एक वेेेन उसके पास आकर रुकी।चार लोग वेेेन से उतरे औऱ उसे ज़बरदस्ती वेन में डालकर लेेे गए। सामुहिक ब्लात्कार करने के बाद उसे सड़क पर फेंक गए।
लतिका बेहोश थी।होश में आने पर घर पहुंचकर उसने रोते हुए पति को सब कुछ बता दिया था।पत्नी की आप बीती सुनकर कुछ देर के लिए जय स्तब्ध रह गया।फिर कुछ देर तक सोचने के बाद सब कुछ भूल जाने की सलाह दी थी।
"भूल जाऊं।मेरी इज़्ज़त लूटने वालो को माफ कर दूं"पति की बात सुनकर लतिका गुस्से में बोली,"उन दरिंदो को मैं हरगिज माफ नही करूँगी।उन्हें सजा दिलाकर ही रहूंगी।
लतिका ने पति की सलाह नही मानी और पुलिस में रिपोर्ट कर दी।अखबार मे उसका नाम बदलकर समाचार छपा।टी वी पर समाचार दिखाते समय उसका चेहरा नहीं दिखाया गया।लेकिन कॉलोनी के लोगों को पता चल गया उसके साथ बलात्कार हुआ था और धीरे धीरे यह बात फेल गयी।
जय घर से बाहर निकलता तो लोग उसे देखकर खुसर पुसर करने लगते।पत्नी साथ होती तो छींटाकसी से भी न चूकते।लोगो के ताने सुन सुन कर जय इतना परेशान हो गया कि उसने पत्नी को तलाक देदिया
13----भीख
ट्रेन प्लेटफ़ॉर्म पर रुकते ही फटेहाल अधेड़ भिखारन खिड़की के पास खड़ी होकर गिड़गिड़ाने लगी,"बाबूजी भूखी हूँ।दो दिन से कुछ नही खाया।रोटी के लिए रुपया दो रुपया दे दे।भगवान तेरा भला करेगा।'
भिखारन की तरफ से अपना ध्यान हटाने के लिए मैं सीट पर रखा अखबार उठाकर पढ़ने लगा।रमा टॉयलेट गयी हुई थी। मैं भिखारन की तरफ नहीं देख रहा था।फिर भी वह गिड़गिड़ा रही थी।रमा टॉयलेट से लौटकर मेरे बग़ल में आ बैठी।मेरी पत्नी को देखते ही उसका मांगने का लहजा बदल गया।
"रोटी के लिये रुपए दो रुपये दे दे।तेरा सुहाग सलामत रहे।तेरी गोद भरे।तेरा घर आंगन खुशियों से महके।"
"इसे पैसे दे दो"
"किस। किस को
"इसे तो दो"रमा मेरी बात को बीच में काटते हुए बोली।
मैने पैसे दे दिये
अब वह आगे वाले डिब्बे के आगे खड़ी होकर मांग रही थी
14--आँखे
नैना की शादी दीपक से हुई थी।दीपक एक फैक्टरी में काम करता था।काम करते समय दुर्घटना होने पर दीपक की दोनो आंखों की रोशनी चली गयी।पति के अंधा होने पर नैना ने कभी कोई कमी महसूस नही होने दी।नैना पति की आंखे बन गयी।दीपक जगने से सोने तक हर काम पत्नी की आंखों से करता था।
एक दिन नैना पति को अकेला छोड़कर इस दुनिया से चली गयी।पर अपनी आंखें पति को दे गयी।
आज नैना इस दुनिया मे नही लेकिन उसकी आंखें पति के पास है।
15--प्रचार
" बुजर्गो से बड़ी हमदर्दी है"सेठ गिरधारी लाल की पत्नी विमला को बुजर्गो से हाल चाल पूछते और अपने हाथों से फल बांटते देखकर व्रद्ध आश्रम में नया आया व्रद्ध एक कर्मचारी से बोला था।
"हमदर्दी नही है।चुनाव लड़ना है इसलिए प्रचार के लिए यह सब कर रही है।"उस व्रद्ध की बात सुनकर वह कर्मचारी बोला।
"प्रचार।वो कैसे?"व्रद्ध ने फिर पूछा था।
"देख नही रहे।प्रेस वालो को साथ लेकर आयी है,"कर्मचारी बोला,"बुजर्गो से हमदर्दी होती तो इसकी सास घर छोड़कर व्रद्ध आश्रम में नही रहती।