नीम का पेड़ (पार्ट 5) Kishanlal Sharma द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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नीम का पेड़ (पार्ट 5)

16--निर्णय
"अब तू मनीष को भूल जा और कोई दूसरा जीवन साथी तलाश ले।"
"क्यों?माँ की बात सुनकर सपना ने पूछा था।
"तू अपनी आंखों से देखकर आ रही है।मनीष अपाहिज हो गया है।"
मनीष और सपना एक दूसरे को चाहते थे।प्यार करते थे।उनकी सगाई हो चुकी थी।और शादी की तारीख निश्चत होने के बाद निमन्त्रण पत्र भी बट.चुके थे।
मनीष अपनी शादी का कार्ड देने मथुरा गया था।कार बांटकर वह ट्रेन से वापस आ रहा था।जय गुरुदेव के मेले के कारण ट्रेन में भीड़ बहुत थी।वह जैसे तैसे एक डिब्बे में दरवाजे के पास खड़ा हो गया।ट्रेन पटरी पर दौड़ी चली जा रही थी।अचानक उसे पीछे से धक्का लगा।वह सम्भल नही पाया और चलती ट्रेन से नीचे आ गिरा।उसके दोनों पैर बुरी तरह जख्मी हुए थे।उसे अस्पताल पहुंचाया गया।सेप्टिक फैलने का खतरा था।उसकी जान बचाने के लिए उसके दोनों पैर काटने पड़े।
"माँ अगर शादी के बाद यह हादसा होता तो क्या मैं मनीष की पत्नी नही रहती?"माँ की बात सुनकर सपना बोली थी।
"शादी हो जाती तो मजबूरी होती।लेकिन अभी तेरी शादी नही हुई है। इसलिए बेहतर होगा मनीष को भूल जा।,"
"नही माँ।मनीष मेरा था और मेरा ही रहेगा।उसकी जगह कोई नही ले सकता।"सपना दृढ़ता से बोली,"मैं मनीष से ही शादी करूँगी।"
17-- जिंदगी और मौत
"देखो बहनजी।डॉक्टर ने कहा था।ज्यादा से ज्यादा एक महीने की मेहमान है
भाभी ने सामने की छत पर कपड़े सूखा रही व्रद्ध औरत के बारे में बताया था।
मैं अपने भाई के पास गयी थी।भाई के सामने वाले मकान
में हरविंदर अपने परिवार के साथ रहते थे।एक दिन उनकी माँ की तबियत खराब हो गयी।हरविंदर माँ को अस्पताल ले गया।डॉक्टरों ने टेस्ट कराए और ब्लड केंसर डिक्लिर कर दिया। खून बदलने के बाद डॉक्टर बोले,"अंतिम स्टेज है।ज्यादा से ज्यादा सेवा करो।'
अंतिम समय देखकर हरविंदर ने गुरु ग्रन्थ साहिब का पाठ बैठा दिया।हरविंदर ने मा को बीमारी के बारे में नही बताया लेकिन
एक दिन माँ हरविंदर से बोली,"पुत्रर सब की मौत का एक दिन तय है।मुझे भी एक दिन मरना है लेकिन डॉक्टर के कहने से नही मरूँगी।"
डॉक्टर ने कमला की जिंदगी सिर्फ एक महीने की शेष बताई थी।
इस बात को दो साल होगये।
18--रिश्ता
"भाभी।मम्मी पापा से बात करने के लिए भैया से कहो ना
श्रेया, दीपक से प्यार करती थी और उसे अपना जीवन साथी बनाना चाहती थी।श्रेया ने दीपक को अपनी भाभी रश्मि से मिलवाया भी था।रश्मि को भी दोपक पसन्द आ गया था।रश्मि ने पति से बात की।पत्नी की बात सुनकर कमल बोला,"दीपक बेरोजगफ है।जो कुछ कमाता न हो उससे कैसे शादी कर दे।"
रश्मि ने पति को समझाया।श्रेया,दीपक से प्यार करती है।नौकरी भी लग जायेगी।"
पत्नी की बात कमल ने नही मानी।रश्मि की छोटी बहन नमिता के लिए उनके पिता लड़का ढूंढ रहे थे।रश्मि ने पिता से दीपक का जिक्र किया।मोहन को दीपक पसंद आ गया।नमिता का रिश्ता दीपक से कर दिया।
रिश्ता होने के बाद दीपक की नौकरी लग गयी।
19----बस्ता
"पापा मुझसे बस्ता उठता नही है।"स्कूल से लौटकर मेरा बेटा मोनू मुझसे बोला था।
"बेटा तुम तो वेन से स्कूल जाते हो।"
"पापा वेन तो स्कूल के बाहर सड़क पर छोड़ देती है।वहाँ से तो मुझे ले जाना पड़ता है।"
बेटे की बात सुनकर मैं सोचने लगा।क्या पहली क्लास के बच्चे का बस्ता इतना भारी होना चाहिए कि उससे उठे ही नही