Jivit Murda v Betal book and story is written by Rahul Haldhar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jivit Murda v Betal is also popular in डरावनी कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
जीवित मुर्दा व बेताल - उपन्यास
Rahul Haldhar
द्वारा
हिंदी डरावनी कहानी
अब्बा आपको यह काम अपने ऊपर नहीं लेना था । "
" क्या करूं बेटा पेट का सवाल है और तो और ऊपर से यह काम जमींदार साहब ने दिया है । अगर मना कर दूँ तो जीना हराम हो जाएगा । "
अमावस्या की रात है । चारों तरफ देखने से ऐसा लग रहा है कि मानो किसी ने आसमान पर कालिख मल दिया है ।
जमीन पर कहीं भी एक बूंद रोशनी नहीं है । हालांकि एक लालटेन टिम टिम करते हुए रोशनी फैलाने की व्यर्थ कोशिश कर रहा है लेकिन इस गहरे अंधकार के सामने वह कुछ नहीं ।
जमील मांझी और उसका लड़का नाव लेकर आगे बढ़ चले हैं । नाव के एक तरफ जलता लालटेन ही इस अंधेरे में रोशनी का एकमात्र स्रोत है ।
अब्बा आपको यह काम अपने ऊपर नहीं लेना था । क्या करूं बेटा पेट का सवाल है और तो और ऊपर से यह काम जमींदार साहब ने दिया है । अगर मना कर दूँ तो ...और पढ़ेहराम हो जाएगा । अमावस्या की रात है । चारों तरफ देखने से ऐसा लग रहा है कि मानो किसी ने आसमान पर कालिख मल दिया है । जमीन पर कहीं भी एक बूंद रोशनी नहीं है । हालांकि एक लालटेन टिम टिम करते हुए रोशनी फैलाने की व्यर्थ कोशिश कर रहा है लेकिन इस गहरे अंधकार के सामने वह कुछ
इसी वक्त नाव घर के अंदर से एक हंसी की आवाज सुनाई देने लगा । बहुत तेज नहीं कोई धीरे-धीरे हंस रहा है । इस अंधेरी रात को नदी के ऊपर तैरते नाव में दो मनुष्य और एक ...और पढ़ेलेकिन अचानक नाव पर बने घर में कौन है जो हंस रहा है ?... मांझी और उसके लड़के का एक ही हाल है । हंसी सुनकर दोनों मानो पत्थर से हो गए हैं । धीरे-धीरे जमील मांझी लालटेन को उठाकर नाव घर की तरफ गया और अल्लाह को याद करते हुए कांपते हाथों से पर्दे को उठाया । उसने अंदर जो
उस दिन कुछ ज्यादा ही अंधेरा हो गया था । गांव के रास्ते शाम होते ही सुनसान हो जाते हैं तथा जिस कच्चे मिट्टी के रास्ते से गोपाल जा रहा है उसके आसपास थोड़ा झाड़ी व जंगल जैसा है ...और पढ़ेखेत पार करके थोड़ा आगे जाने पर एक जलाशय है उसी के थोड़ा आगे से घना बांस झाड़ी शुरू होता है । बांस झाड़ी को पार करते ही कुछ दूरी पर गोपाल के पिता का दुकान दिखाई देता है । गोपाल खेत के रास्ते को पार करके जलाशय के पास वाले रास्ते से जा रहा था उसी वक्त उसके नाक में
आज आसमान में काले बादल हैं । घर लौटने के बाद गोपाल खाना लेकर दुकान की तरफ चल पड़ा । एक हाथ में लालटेन और एक हाथ में खाने का झोला लेकर गोपाल दुकान की तरफ चलता जा रहा ...और पढ़े। चलते हुए उसने एक बार आसमान की तरफ देखा वहां पर अंधेरा ही अंधेरा है । आज उसे जल्दी से लौटना होगा वरना अगर बारिश आ गई तो सब गुड गोबर हो जाएगा । आज वह अपने नाक - कान को खोलकर सतर्क होकर चल रहा है । दुर्गंध के बारे में अपने बड़े भाइयों से पूछना वह भूल
महोबा गांव का परिवेश इस वक्त बहुत कौतूहल भरा है । गांव की सभी खबरें जमींदार रामनाथ तक पहुंचने पर वो बहुत ही आश्चर्य होते हैं । उनको आश्चर्य होना भी चाहिए क्योंकि भोला पागल का मृत शरीर लगभग ...और पढ़ेदिन उनके पास ही था । इसके बाद जब उन्होंने लाश को जमील माझी के नाव में डाला था तब तक उसमें सड़न भी आने लगी थी । वही भोला पागल फिर लौट आया है क्या यह भी संभव है ? रामनाथ समझ गए कि कुछ भयानक व बुरा उनके साथ होने वाला है । उधर दिनेश गांव के लोगों को अनपढ़