मेरे शब्द मेरी पहचान - उपन्यास
Shruti Sharma
द्वारा
हिंदी कविता
----वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो----वो दोस्ती ही क्या जिसमें प्यार न हो ,वो सफलता ही क्या जिसमें इन्तजार न हो , दोस्ती तो दो आत्माओं का मिलन है ,पर वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न ...और पढ़े।।वो पानी की क्या जो प्यास न भरे ,वो साथी ही क्या जो विशवास न करे ,एक दोस्त का तो जन्म सिद्ध अधिकार होता है अपने दोस्त को पकााना ,पर वो दोस्त ही क्या जो बकवास न करे ,वो दोस्त ही क्या जिस पे ऐतबार न हो । वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो ।।वो जिंदगी ही क्या जो इम्तिहान
----वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो----वो दोस्ती ही क्या जिसमें प्यार न हो ,वो सफलता ही क्या जिसमें इन्तजार न हो , दोस्ती तो दो आत्माओं का मिलन है ,पर वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न ...और पढ़े।।वो पानी की क्या जो प्यास न भरे ,वो साथी ही क्या जो विशवास न करे ,एक दोस्त का तो जन्म सिद्ध अधिकार होता है अपने दोस्त को पकााना ,पर वो दोस्त ही क्या जो बकवास न करे ,वो दोस्त ही क्या जिस पे ऐतबार न हो । वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो ।।वो जिंदगी ही क्या जो इम्तिहान
मेरी पहली कविता जो माँ पे थी ---- माँ ----एक माँ दोस्त का , बहन का सबका फर्ज निभाती है,फिर भी क्यो दुखी रह जाती है।अपना दुख भुला के अपने बच्चों के साथ घुल मिलजाती है,कभी माँ बनकर डाटती ...और पढ़ेतो कभी बहन बनकर हँसाती है।अपने बच्चों को सब कुछ देकर उनका पेट भरती है,मगर खुद कुछ खाए बिना हीउनकी खुशी से अपना पेट भर लेती है।कभी अपना दुख भूल के अपने बच्चों के साथ खुश होती है,तो कभी अपनी खुशी भुला के अपने बच्चों के साथ दुखी होती है,तभी तो हर पल, हर क्षण, हर जगह माँ ही याद आती है।।माँ ही याद आती है।।-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×----
---- पुलवामा के वीर ----प्रेम के इस अवसर पर तुम भूल न जाना उन जवानों की शहादत को,जो जाते जाते भी मात दे गए पुलवामा में आई आफत को।प्रेम के ही दिन जो कर बैठे मौत से सौदा अपना ...और पढ़ेप्रेम दिखाने की चाहत को।तहे दिल से शीष झुकाकर नमन है भारत माँ के उन वीर सपूतों को,जो दे गए बलिदान मगर झुकने ना दिया अपने वतन की अमानत को।।करते हैं हम सलाम हर एक जाँबाज़ फौजी की ताकत को,जो कर देते हैं ढेर हर आतंकी की सीमा पार आने की हिमाकत को।यूं पीठ पीछे वार कर बता गए तुम अपने गीदड़ होने
---- एक बीज भी कभी पेड़ होगा ----रख सबर एक एसा भी समा होगा जो तेरी काबिलियत का गवाह होगा ना दे तू ध्यान उन तानों पर जो दुनिया द्वारा बेवजह होगा समय खुद देगा तेरी कला का प्रमाण ...और पढ़ेउस समय का आवाहन होगा और ये ताना क्षणो में ही हवा होगा रख सबर एक एसा भी समा होगा।सब कुछ होगा साकार जब खुद के भीतर हौंसला होगा ना करना कभी खुद पर घमंड वरना तेरे अहंकार में ज़रूर एक दिन छेद होगा और याद रखना मेरी ईस बात को की एक बीज भी कभी पेड़ होगा एक बीज भी कभी पेड़ होगा।।रख सबर एक एसा भी समा होगा जो तेरी काबिलियत का
--- जीत का एहसास ----की जीत उसी का हिस्सा होगा ,जिसमें पराक्रम का वास होगा ,लालसा का जिसमें नास होगा ,बल के साथ साथ बुद्धि का भी हाथ होगा ,जो प्रभु की हर एक परीक्षा में पास होगा ,जो ...और पढ़ेअपने कर्मों का ही दास होगा ,जिसे औरों के दुख दर्द का भी आभास होगा ,जिसे औरों पर नही सिर्फ खुद पर विश्वास होगा ,सही मायने में उसी ही जीत का एहसास होगा।।उसे ही जीत का एहसास होगा ।।-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×----- मुस्कान ----मुस्कान है एक सुंदर तौफा,मिलता नही दोस्त बनाने का इससे अच्छा मौका,मिल जाती है जिसे अपने दोस्त की मुस्कान,हो जाता है
---- महेंद्र सिंह धोनी ----( मेरी यह कविता भारत के महान क्रिकेट जगत के खिलाड़ी हम सब के चहीते महेंद्र सिंह धोनी को समर्पित है। आशा है मेरी ये छोटी सी कविता आप सभी को पसंद आयेगी। )* ...और पढ़ेसे तेज वो अपने हाथों को चलाता है ,चाणक्य सी चतुराई वो अपने दिमाग से करवाता है ,खेल को उसके समझ पाना ऐरे - गैरो की बस की बात नहीं ,देख उसे अच्छे अच्छों का दम निकल जाता है ,फिर तुझ जैसा तो उसके नाम से ही घबराता है ।आँखे झपकने से पहले ही वो डंडो को उडाता है ,गलती अम्पायर
? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ?? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ?---- बस यही मेेेरा अरमान है ----जिस मुल्क का करता हर ...और पढ़ेसम्मान हो ,होकर उस देश की वासी जिसे खुद पर अभिमान हो ,जो मेरा देश इस पूरी दुनिया की शान हो ,जो देश सिर्फ मेरी ही नही हम सब की जान हमारी पहचान हो ,वो और कोई नहीं सिर्फ मेरा हिन्दुस्तान है ,रहे आबाद मेरा देश बस यही मेरा अरमान है ।जहाँ स्वर्ग समान धरती और ऊपर नीला आसमान हो
I am here with you with some of my poems. You have read my poems in hindi but in this chapter I am here with English poems.I hope you will all like it.?Here we goes .....? ? ? ? ...और पढ़े? ? ? ? ? ? ? ? ? ? 1.) Oh my mother ( First poem on mother )2.) My flight ( Flight can be possible without wings )? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ?♥️ ♥️ ♥️ ♥️ ♥️
I am here with my new english poem which is based on the importance of time . As we all know that time is very very precious . Once the time that has gone will never ever come again ...और पढ़ेSo the poem is based on it taking time as past , present and future . It means that the time that has gone will not come again but the time that we have in our hand we can utilise it for the best and make sure that we will remain punctual through out our life . ✍? ✍? ✍? ✍?
? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ??? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ??आज की कविताएँ :--) 1.) मजहब - ए - दीदार ...और पढ़े कवि होना कोई आम नहीं? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ? ?✍? ✍? ✍? ✍? ✍? ✍? ✍? ✍? ✍? ✍? ✍? ✍? ✍? ✍? ✍?---- मजहब - ए - दीदार ----* की ♥️ दिल दहल उठता है खुदा के बन्दों को मज़हब पर लडता देख ,अब क्या हो गए जो पहले क्या थे विधाता के
आज भारत के 75वें स्वंतंत्रता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं । आज मेरी कविताएं मेरे वतन मेरे अमर शहीदों को समर्पित है ।????????????????????????????????????❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤---- हमारी स्वतंत्रता हमारा त्योहार ----*आज वह दिन आ गया जिसका सबको बेसबरी से इंतजार ...और पढ़े,पूर्वजों का दिया वो हमारे लिए सबसे बड़ा उपहार था ,माटी के हर कण द्वारा उनको सिर्फ प्यार❤ का इजहार था ,माना औरों के लिए ये कोई मायने नहीं ,पर हमारे लिए यह हमारा स्वतंत्रता का त्यौहार⚘ था ।* फिरंगियों के लिए होगा यह पैसों ?? का व्यापारमगर क्रांतिकारी और स्वतंत्रता के बीच तो सिर्फ शहादत और लहू का व्यापार
आज की कविताएं1:-) वजह बन जाएँ 2:-) दोस्त नज़र आता हैआशा है आप सभी को ये पसंद आएंगी । उम्मीद करती हूँ आप लोग इसे पढने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसे पहुँचाएंगे । आप ...और पढ़ेका ये प्यार हमेशा मुझ पर और मेरे लेखन पर बनाए रखना ।।-×-×-×-×-×- -×-×-×-×-×-×-×- -×-×-×-×-×----- वजह बन जाएँ ----* लोगों की सच्चाई ही उनके सवालों के जवाब बन जाएँ ,किसी की खुशी के लिए माँगी दुआ भी अरदास बन जाए ,जो कभी ना टूटे लोगों का हम पर एसा विश्वास बन जाए ,मेरे शब्द लोगों के लिए
तो साल की आखरी शाम उन सभी जवानों के नाम जो इस देश की और हम सभी की हिफाज़त के लिए हर दम सीमा पर तैनात हैं । चाहे धूप हो , बारिश हो , आँधी हो , तूफान ...और पढ़ेऔर चाहे कक्कपाती सर्दी हो वे हर पल हमारी सुरक्षा के लिए तत्पर है बिना अपनी जान की परवाह किए । अपनी खुशियों में उन्हे शामिल करना ना भूलना मेरे यारों क्योंकि ये जो जिंदगी तुम हस्ते , मुस्कुराते जी रहे हो ना वो उन्ही की देन है । और अगर ना विश्वास हो तो एक कल्पना कर सकते हो
आज की कविताएँ :-)1.) मेरी जिंदगी एक खुली किताब 2.) बेटियाँ ---- ...और पढ़ेजिंदगी एक खुली किताब ----* मैं लिखकर खुद ढूँढती हूँ जवाब अपने ही सवालों का ,स्वागत है उन सभी इच्छुुुक मेरे अल्फाज़ पढ़ने वालों का ।हो खुशी या गम गिनने की मुझे अब फुर्सत नहीं ,ये मेेेरी जिंदगी है , कोई हिसाब का दरखत नहीं ।कहते तो सब हैं मगर कोई वाकई समझदार कहाँ ,मेरे चंद लफ्ज़ कर जाएँ गुमराह जिन्हें , वो
आज की कविताएं :-)1.) अँधेरा ।2.) तपना ज़रूरी है ।देखा जाए तो रौशनी आँखो को धूमिल करती है और अंधेरा आँखो में पडी धूल को हटाने में मददगार है । अंधेरा आपके अस्तित्व को बनाए रखता है परंतु ...और पढ़ेआपको मुखौटे पहनने पर मजबूर कर देती है । रात काली ज़रूर होती है मगर याद रखना की चाँद का अस्तित्त्व अंधेरे से ही है । ---- अंधेरा ---- * की अंधेरा हालात नहीं बदलता ,जज़्बात