मेरे शब्द मेरी पहचान - 16 Shruti Sharma द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 16


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---- खुशियों की बरसात माँगी है ----

* साथ तेरे हर गम मीठा लगता है ,
बिन तेरे हर रंग फीका लगता है ,
हमारी जिंदगी में तेरा होना किसी रहमत से कम नहीं ,
तू वजूद है हमारा तू नहीं तो हम नहीं ,
तेरी हंसी से मानो हमारा दिन ही बन जाता है ,
मगर तेरा उदास चेहरा देख तो यह फूल भी मुरझा जाता है ,
बस तू सदा यूँ ही मुस्कुराती रहे , मैनें यही अरदास माँगी है ।
तेरे खातिर खुदा से बस खुशियों की बरसात माँगी है । ।


* तू रूठे तो खुदा रूठ जाता है ,
तू नाराज़ रहे हमसे तो यह दिल टूट जाता है,
तू सुन लेती है वह भी जो हम कह नहीं पाते,
अब कैसे कहे कि तेरे बिन एक पल भी हम रह नहीं पाते ,
तेरा मुझ पर एक अटूट सा विश्वास चाहिए ,
कुछ नहीं माँ बस तू हमेशा पास चाहिए ,
बस तू सदा मुस्कुराती रहे , मैनें यही अरदास माँगी है ।
तेरे खातिर खुदा से बस खुशियों की बरसात माँगी है । ।


* तू हंसती है तो मेरा खुदा हंसता है ,
तू माने या ना पर तुझमे मेरा खुदा बसता है ,
दुनिया की नहीं तू बस अपनी फिक्र कर ,
कुछ कहना है तो मैं हूं मुझसे जिक्र कर ,
ऐसे नहीं मुझे दृड़ तेरा इरादा चाहिए ,
नहीं जाएगी कभी दूर मुझसे, मां बस इतना सा वादा चाहिए ,
बस तू सदा यूँ ही मुस्कुराती रहे , मैनें यही अरदास माँगी है ।
तेरे खातिर खुदा से बस खुशियों की बरसात माँगी है । ।


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---- पापा मेरे पापा ----

* मेरे पुण्य कर्मों का फल है आया,
पापा आपसे इतना प्यार मैंने जो पाया।
क्या कहूँ उसके बारे में
जिसने हर
बार मुझे अपने सीने से लगाकर है सुलाया।
पाती है सुकून जहाँ पर मेरी काया,
है वो पापा आपके दुलार की छाया।
इस नासमझ को भी आपने हर
बार प्यार से है समझाया,
लाखों
लाखों शुक्रिया जो आपने एक बेटी को भी इतनी खुशी से अपनाया।
कौन कहता है कि लोग बेेटे की दुआ करते हैं,
मेरे पापा ने मुझे बेटे से भी ज्यादा प्यार है जताया।
माफ़ कर देना पापा अगर कभी अनजाने में मैंने आपका दिल हो दुखाया,
पर क्या करूँ आपके प्यार का अनोखा अंदाज़ कभी समझ ही नहीं आया।
जब भी कभी दुखों का अंधेरा है छाया,
आपने मेरे लिए दुनिया भार की खुशियों को है लाया।
क्या ही मांगू आपसे ये कभी समझ नहीं आया,
मैं तो इसी में धन्य
जिसने आपके जैसा पिता है पाया।।।

-✍🏻 श्रुति शर्मा

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