Tere Shahar Ke Mere Log book and story is written by Prabodh Kumar Govil in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tere Shahar Ke Mere Log is also popular in जीवनी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तेरे शहर के मेरे लोग - उपन्यास
Prabodh Kumar Govil
द्वारा
हिंदी जीवनी
( एक )जबलपुर आते समय मन में ठंडक और बेचैनियों का एक मिला- जुला झुरमुट सा उमड़ रहा था जो मुंबई से ट्रेन में बैठते ही मंद- मंद हवा के झौंकों की तरह सहला भी रहा था और कसक भी रहा था।ईमानदारी से कहूं तो बेचैनी ये थी, कि लो, फ़िल्म नगरी से नाकामयाबी का गमछा लपेटे एक और कलमकार भागा!ठंडक इस बात की थी कि जिन लोगों ने मुंबई में रात - दिन भाग - दौड़ करते हुए देखा था, वो अब सफल न हुआ जानकर दया- करुणा की पिचकारियां छोड़ते हुए रोज़- रोज़ नहीं दिखेंगे। मेरे व्यक्तित्व अगर आप
( एक )जबलपुर आते समय मन में ठंडक और बेचैनियों का एक मिला- जुला झुरमुट सा उमड़ रहा था जो मुंबई से ट्रेन में बैठते ही मंद- मंद हवा के झौंकों की तरह सहला भी रहा था और कसक ...और पढ़ेरहा था।ईमानदारी से कहूं तो बेचैनी ये थी, कि लो, फ़िल्म नगरी से नाकामयाबी का गमछा लपेटे एक और कलमकार भागा!ठंडक इस बात की थी कि जिन लोगों ने मुंबई में रात - दिन भाग - दौड़ करते हुए देखा था, वो अब सफल न हुआ जानकर दया- करुणा की पिचकारियां छोड़ते हुए रोज़- रोज़ नहीं दिखेंगे। मेरे व्यक्तित्व अगर आप
( दो )एक बात कुदरती हुई कि मैं जो उखड़ा- उखड़ा सा जीवन- अहसास लेकर मुंबई से रुख़सत हुआ था, वो आहिस्ता- आहिस्ता यहां जमने लगा।न जाने कैसे, मुझे ऐसा लगने लगा कि मुझे अपने जीवन के सितार के ...और पढ़ेको फ़िर से कसना चाहिए। किसी वाद्य यंत्र के तारों का एक बार ढीला हो जाना कलाकार की विफ़लता नहीं हो सकती। अलबत्ता ये एक नई चुनौती ज़रूर है। इसे इसी तरह स्वीकार करना चाहिए।मैं कभी- कभी नर्मदा नदी पर जाने लगा।एक- दो बार आरंभ में तो सहकर्मी और मित्र लोग मुझे शहर घुमाने के क्रम में एक पर्यटक की
( तीन )एक बात आपको और बतानी पड़ेगी।बड़े व भीड़ - भाड़ वाले शहरों में रहते हुए आपकी इन्द्रियां या तो आपके काबू में रहती हैं या फ़िर अनदेखी रह जाती हैं। लेकिन मध्यम या छोटे शहर में ये ...और पढ़ेअपनी - अपनी सत्ता चाहती हैं। मुंबई के बाद जब मैं जबलपुर आया तो कुछ समय बाद ही मुझे एक खालीपन घेरने लगा। हर समय ऐसा लगता था जैसे कोई ताप चढ़ा हुआ है।इस ताप के लिए मैंने कोई थर्मामीटर नहीं लगाया, बल्कि अपनी फ़ाइलों में उन रचनाओं को खंगालना शुरू किया, जो या तो अधूरी छूटी हुई थीं या फिर
( चार )जबलपुर में आकर मुझे ये भी पता चला कि हिंदी फ़िल्मों के मशहूर चरित्र अभिनेता प्रेमनाथ यहीं के हैं। उनकी पत्नी फ़िल्म तारिका बीना राय की एक फ़िल्म "ताजमहल" ने कभी मुझे बहुत प्रभावित किया था। ...और पढ़ेदोनों का पुश्तैनी मकान जिसे "प्रेम बीना" बंगला कहा जाता था, यहीं था।प्रेमनाथ ही कभी अपने बहनोई राजकपूर को फ़िल्म "जिस देश में गंगा बहती है" की शूटिंग के लिए यहां लाए थे और नर्मदा नदी के भेड़ाघाट की संगमरमरी चट्टानों पर ही मशहूर गीत "ओ बसंती पवन पागल" की शूटिंग हुई थी।ये जानकारी मिलने के बाद उस जगह पर घूमने का
( पांच )ये छः महीने का समय बहुत उथल - पुथल भरा बीता। मैंने अपने बैंक के केंद्रीय कार्यालय को एक वर्ष की अवैतनिक छुट्टी का आवेदन दिया, किन्तु ये आवेदन अस्वीकार हो गया। मुझे बताया गया कि अवैतनिक ...और पढ़ेकेवल कुछ निर्धारित कारणों के लिए ही दी जाती है, जिनमें ये कारण नहीं आता कि आपको कहीं और नौकरी करनी है। बैंक ऐसा अवकाश केवल तभी देता है जब आप उच्च अध्ययन करना चाहें, जिससे भविष्य में बैंक को भी आपकी योग्यता का कुछ लाभ हो। या फ़िर असाधारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं इस दायरे में आती हैं।लेकिन जीवन में मुश्किल