Mayamrug book and story is written by Pranava Bharti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mayamrug is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मायामृग - उपन्यास Pranava Bharti द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 67 39.4k Downloads 90.6k Views 13 Likes Writen by Pranava Bharti पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें उपन्यास विवरण यूँ तो सब ज़िंदगी की असलियत से परिचित हैं, सब जानते हैं मनुष्य के जन्म के साथ ही उसके जाने का समय भी विधाता ने जन्म के साथ ही जाने का समय भी लिखकर भीतर कहीं पोटली में रख दिया गया है कैसी है न यह पोटली जो अंतिम क्षण तक खुलती ही तो नहीं कितनी मज़बूत गाँठें लगाई होंगी न रचनाकार ने और कितनी सारी भी जो ताउम्र उसे अपने भीतर समेटे एक नीम-बेहोश हालत में जीते हैं हम ! उसके साथ बहुत वर्षों से यह हो रहा है, एक अजीब सी गफ़लत उसे घेरे चलती रही है खूब-खूब प्रसन्न व आनंद में है किन्तु जब सड़क पर लोगों को चलते हुए देखती है यकायक शेक्सपियर याद आ जाते हैं More Interesting Options लघुकथा आध्यात्मिक कथा फिक्शन कहानी प्रेरक कथा क्लासिक कहानियां बाल कथाएँ हास्य कथाएं पत्रिका कविता यात्रा विशेष महिला विशेष नाटक प्रेम कथाएँ जासूसी कहानी सामाजिक कहानियां रोमांचक कहानियाँ मानवीय विज्ञान मनोविज्ञान स्वास्थ्य जीवनी पकाने की विधि पत्र डरावनी कहानी फिल्म समीक्षा पौराणिक कथा पुस्तक समीक्षाएं थ्रिलर कल्पित-विज्ञान व्यापार खेल जानवरों ज्योतिष शास्त्र विज्ञान कुछ भी क्राइम कहानी Load More Best Novels of 2025 Best Novels of 2025 Best Novels of January 2025 Best Novels of 2024 Best Novels of 2024 Best Novels of January 2024 Best Novels of February 2024 Best Novels of March 2024 Best Novels of April 2024 Best Novels of May 2024 Best Novels of June 2024 Best Novels of July 2024 Best Novels of August 2024 Best Novels of September 2024 Best Novels of October 2024 Best Novels of November 2024 Best Novels of December 2024 //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?> पूर्ण उपन्यास Episodes Novels मायामृग - 1 New यूँ तो सब ज़िंदगी की असलियत से परिचित हैं, सब जानते हैं मनुष्य के जन्म के साथ ही उसके जाने का समय भी विधाता ने जन्म के सा... Read Free Novels मायामृग - 2 New सुधरना इतना आसान होता तो बात ही क्या है ? ” यह फुसफुसाहट उसके मन की भीतरी दीवारों पर सदा से टकराती रही है और वह सोचती रह... Read Free Novels मायामृग - 3 New उदय के बड़े भाई साहब जब विदेश गए थे तब ऐसा हंगामा उठा मानो विदेश में कहीं राष्ट्रपति बनकर गए हों इतना दिखावा कि बस खीज... Read Free Novels मायामृग - 4 New बुखार भर से उनका इस प्रकार उठ जाना किसी के लिए भी पचा पाना कठिन था जीवन को बहुत नाप-तोलकर जीने वाले उदय की दूरदृष्टि ब... Read Free Novels मायामृग - 5 New गांधारी ने तो पति के कारण पट्टी बांधी थी यहाँ तो माँ ने अपनी आँखों पर बेटे के मोह में पट्टी बांधी थी और पिता की आँखों पर... Read Free Read all episodes on App //= $best_novels_links; ?> //= $best_novels_prev_links; ?> //= $best_novels_two_yr_ago_links; ?>