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किस्मत से मिला रिश्ता - उपन्यास
Saloni Agarwal
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
मुम्बई में,
एक शख्स अपने किसी खास आदमी पर गुस्सा करते हुए कहता है, "मुझे आज के आज मेरी बहन को ढूंढ के निकालो, मैं तुम से कब से कह रहा हु की मुझे मेरी बहन चाहिए तो चाहिए और वो भी सही सलामत समझ आया तुम्हे !"
आज एक बड़ी सी बिल्डिंग में एक शख्स अपनी किंग साइज कुर्सी पर बैठा होता है और सब पर अपना गुस्सा निकल रहा होता है क्योंकि उस की बहन पिछले चार दिनों से गायब होती है।
यह कहानी है रुद्र और तनवी की। एक तरफ है हमारे कहानी के हीरो रुद्र सिंघानिया, जो है सिंघानिया ग्रुप ऑफ कंपनी के सीईओ और साथ में है ये बहुत ही ज्यादा गुस्से वाले इंसान। यह है इंडिया के ...और पढ़ेनंबर वन बिज़नेसमेन। रूद्र जिस शिद्दात से मीरा को ढूंढ रहा हैं क्या वो कभी उस को मिलेगी ? क्या तनवी, रूद्र को कभी बता पाएगी की वो ही मीरा है ? तब क्या होगा जब रुद्र करेगा तनवी से जबरदस्ती की शादी ? तो कैसे निभा पाएगी तनवी यह शादी ? ऐसा भी क्या किया होगा रूद्र ने तनवी के साथ जिस कारण तनवी करती है रूद्र से नफरत ?
उधर उस कमरे में, अब अभय आईसीयू का दरवाज़ा खोलता है तो देखता है कि उस की बहन आईसीयू के एक बेड पर लेटी हुई होती है जिस से चारो तरफ से मशीनों द्वारा घेरा हुआ होता है साथ ...और पढ़ेउस ने हल्के नीले रंग की हॉस्पितलो में उपयोग होने वाले कपडे पहने होते हैं। उस की बहन के सिर पर चोट लगी हुई होती है साथ में उस के सिर पर पट्टी भी बंधी होती है और उस को खून की बोतले चढ़ रही होती है क्योंकि उस का बहुत ज्यादा खून बह चुका होता है। अभय गुस्से में
कुछ देर बाद,आकाश आईसीयू के कमरे में आता है और उस के साथ कुछ लड़के और लड़किया होते है जो अपने हाथो में बहुत ही सुंदर सुंदर लॉन्ग ड्रेस ले कर आए होते हैं।जिसे देख तनवी, आकाश को कहती ...और पढ़े"क्या भैया आप जब भी जाते हो इतने सारे कपड़े क्यो ले कर आते हो और अब की बार तो इतने सारे लोगो को भी साथ में ले आए हो और लग रहा है की पूरी दुकान ही ले आए हो !"आकाश, तनवी की बात सुन कहता है, "वो मुझे समझ मे नही आ रहा था कि आप पर कौन
कुछ देर बाद, राज, आईसीयू के स्पेशल वार्ड में तनवी की दवाइयां लेकर वापस आ जाता हैं तो देखता है कि तनवी बड़े ध्यान से वहा रखी किसी बुक के पढ़ रही होती हैं और उस को पता ही ...और पढ़ेचलता है कि राज बहुत देर से खड़ा उसी को देखे जा रहा है। फिर जब तनवी को प्यास लगती है तो वो पानी का गिलास लेने के लिए उठती है तो देखती हैं कि राज उस को ही देख रहा होता है तो तनवी, राज से कहती हैं, "भैया, आप कब आए और आप खड़े क्यो हो, आओ मेरे
अब तनवी बहुत ही ध्यान से जेट विमान को अंदर से देख रही होती हैं जेसे वो पहली बार इस जेट विमान में बैठ रही हो और उस जेट मे बैठे हुए अभय, आकाश, राज और रवि, तनवी की ...और पढ़ेहरकत को बड़े अच्छे से नोटिस कर रहे होते हैं। तनवी जेट विमान के दरवाजे की तरफ देख रही होती हैं जिसे देख अभय उस से पूछता है, "क्या हुआ, तुम जेट के दरवाजे की तरफ क्यू देख रही हो, बताओ मुझे....?" अभय की बात सुन, तनवी अभय से कहती हैं, "भैया इस एयरोप्लेन प्लेन में तो बहुत सारी सीट