किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 6 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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किस्मत से मिला रिश्ता भाग - 6

अभय का हैरान होना..!”

 

अब आगे

 

और अभय, तनवी के सिर पर हल्का से मारते हुए कहता है,

 

" बच्चा, हम तीनों का हां में सिर हिलाने से मतलब था कि तुम इस लॉन्ग ड्रेस में बहुत ज्यादा सुंदर लग रही हो न कि वो जो तुम सोच रही हो..!" 

 

अभय की बात सुन, तनवी अभय से पूछती है,

 

" क्या सच में, तो आप तीनो में से किसी ने मेरी तारीफ क्यों नही थी, बताओ मुझे..? " 

 

तनवी की बात सुन, अभय उससे कहता है,

 

" क्योंकि तुम इतनी खूबसूरत लग रही हो कि एक पल के लिए तो हम तीनो तुम्हे देखते ही रह गए और हमारे पास तुम्हारी इस खूबसूरती की तारीफ करने के लिए शब्द ही कम पड़ गए इसलिए हमने तुम्हे कुछ नही कहा..! "

 

अभय की बात सुन, तनवी अभय के गले लग जाती हैं और उस से कहती हैं,

 

" थैंक यू भैया सो मच..! "

 

जब ये सब आकाश और राज, देखते हैं तो दोनो के चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं और साथ मे अभय के चेहरे पर भी आज पहली बार बहुत खुशी नजर आ रही होती हैं..!

 

अभय, तनवी को अपने आपसे दूर करते हुए कहता है,

 

"अब तुम यहां बैठो मैं कुछ काम करके आता हूं, ठीक है..! "

 

अभय की बात सुन, तनवी अपना सिर हां में हिला देती हैं..!

 

अभय, आकाश को इशारा करता है और आकाश, अभय के पीछे पीछे आईसीयू के कमरे से बाहर निकल जाता हैं। और जब राज भी बाहर जाने को होता है तो तनवी, उसको पीछे से रोकते हुए बहुत प्यार से पूछती हैं,

 

" आप भी मुझे छोड़ के जा रहे हो..! "

 

तनवी की बात सुन, राज उससे कहता है,

 

" नही, बस मै तो आप की दवाइयां लेकर आ रहा हु, तब तक आप यहां रखी हुई कोई भी बुक पढ़ लो, ठीक है...! " 

 

राज की बात सुन, तनवी उससे कहती है,

 

" ठीक है राज भैया..! " 

 

और वहा रखी हुई बुक्स में से कुछ पढ़ने के लिए देखने लगती हैं। तनवी को देख राज भी उस आईसीयू के कमरे से बाहर निकल जाता हैं..!

 

बाहर निकल राज देखता है कि अभय और आकाश कुछ बाते कर रहे हैं तो वो भी उनकी बाते सुनने लगता हैं, तब अभय, राज और आकाश से कहता है,

 

" तुम दोनो कही से भी उस इंसान को ढूंढ के निकालो, जिस ने मेरी बहन तनवी के साथ ये सब किया है..! " 

 

आकाश और राज एक साथ कहते है,

 

" ओके बॉस, हम उस इंसान को कही से भी ढूंढ के निकल लायेंगे...! "

 

आकाश और राज के ऐसे कहते ही अभय गुस्से से कहता है,

 

" और फिर मै उस इंसान का वो हाल करूंगा जो वो जिन्दगी भर नही भूलेगा...! "

 

कुछ देर बाद,

 

राज, आईसीयू के स्पेशल वार्ड में तनवी की दवाइयां लेकर वापस आ जाता हैं तो देखता है कि..!

 

तनवी बड़े ध्यान से वहा रखी किसी बुक के पढ़ रही होती हैं और उसको पता ही नही चलता है कि राज बहुत देर से खड़ा उसी को देखे जा रहा है..!

 

फिर जब तनवी को प्यास लगती है तो वो पानी का गिलास लेने के लिए उठती है तो देखती हैं कि राज उसको ही देख रहा होता है तो उसको देख तनवी, राज से कहती हैं,

 

" राज भैया, आप कब आए और आप वहा खड़े क्यो हो, आओ मेरे पास आकर बैठ जाओ...! "

 

तनवी के इतनी प्यार से कहने से, राज पहले तो एक दम से जाने लगता है और फिर अचानक से उसको कुछ याद आता है और वो वही रुक जाता है क्योंकि उसकी वजह तनवी का याददाश जाने से पहले का व्यवहार ही होता है..!

 

पर अब उसकी याददाश नही है तो उसके नए व्यवहार से राज बहुत ज्यादा ही हैरान होता है..!

 

जब तनवी को लगता हैं कि राज ने उसकी बात नही सुनी है तो वो दुबारा राज के पास जाकर उससे कहती हैं,

 

" क्या हुआ राज भैया, आप बैठ क्यो नही रहे हो...बोलो ना कोई बात है क्या..!" 

 

तनवी की बात सुन, राज उससे कहता है,

 

" नही तो ऐसा तो कुछ भी नही है...! "

 

राज की बात सुन, तनवी उससे कहती हैं,

 

" तो फिर आओ मेरे पास बैठ जाओ...! "

 

तनवी की बात सुन, इस बार राज उसके पास जाके बैठ जाता हैं पर अभी भी उसको बार बार तनवी का याददाश जाने से पहले वाला व्यवहार याद आ रहा होता है जिससे वो, तनवी के करीब ना बैठ कर उस ही सोफे पर बहुत दूर जाकर बैठ जाता हैं..!

 

राज के ऐसे व्यवहार से तनवी को बहुत अजीब लगता हैं तो वो, राज के थोड़े पास जाकर बैठ जाती है और राज से कहती हैं,

 

" क्या हुआ राज भैया आप मुझसे नाराज़ हो, जो इतनी दूर जाके बैठ गए हो...! "

 

तनवी ने ये बोला ही होता है कि अभय, आईसीयू में अन्दर आ गया होता है और तनवी, राज से पूछ रही होती हैं,

 

" बोलो ना राज भैया क्या हुआ है....? "

 

तनवी की बात सुन, अभय उस से पूछता है,

 

" क्या हुआ है बच्चा...? "

 

अभय की बात सुन, तनवी उसकी तरफ देखते हुए कहती हैं,

 

" देखो ना, राज भैया मुझसे दूर जाके बैठ गए और अब कुछ बोल भी नहीं रहे हैं...! "

 

तनवी की बात सुन, अभय जब राज को देखता है तो वो सिर नीचे कर के अपने पैर को बार बार हिला रहा होता है क्योंकि उसको तनवी से डर लग रहा होता है तो अभय समझ जाता हैं कि..!

 

राज को तनवी का उसकी याददाश जाने से पहले के व्यवहार से डर लग रहा है क्योंकि तनवी के याददाश जाने से पहले का व्यवहार, राज तो क्या आकाश के साथ भी कभी अच्छा नही रहा है इसलिए दोनो को तनवी से बहुत ज्यादा डर लगता हैं..!

 

तो अब अभय, तनवी को सच न बताकर उस से झूठ बोलते हुए उससे कहता है,

 

"वो राज थक गया है ना इसलिए ऐसा व्यवहार कर रहा है...!"

 

अभय की बात सुन, तनवी उससे कहती हैं,

 

" बस इतनी सी बात के लिए राज भैया मुझसे इतना दूर जाके बैठ गए...! "

 

और फिर राज का सिर अपनी गोदी मे रख लेती हैं और राज से कहती है,

 

" आप सो जाओ थोड़ी देर फिर आपको अच्छा लगेगा....! "

 

तनवी के व्यवहार से अभय भी हैरान रह जाता है और राज को विश्वास नही होता है तनवी उसके लिए इतना सोच रही है जबकि तनवी ने आजतक अभय की भी केयर नही करी है..!

 

राज, तनवी को देखे जा रहा होता है तो तनवी, राज की आंखे अपने हाथों से बंद कर देती है और उससे प्यार से कहती हैं,

 

" चलो अब आप आंखे बंद करो तभी तो आपको नींद आयेगी ना, और उससे ही आपकी सारी थकान खतम हो जायेगी....! "

 

आधा घण्टे बाद,

 

आकाश, तनवी की डिस्चार्ज पेपर की फॉर्मिलिटी पूरी करके, आईसीयू के कमरे मे अंदर आता है और राज को तनवी के गोद में सिर रखा हुआ देख उसको झटका लग जाता है..!

 

और आकाश एक टक तनवी और राज को देख रहा होता है क्योंकि राज का सिर सहलाते सहलाते तनवी खुद भी सो चुकी थी और राज, तनवी को ही देखे जा रहा होता है..!

 

अभी कुछ देर पहले अभय किसी काम से बाहर निकल गया था और जब वो आईसीयू में आता है तो देखता है कि राज अभी भी तनवी के गोद में सिर रखकर सो रहा है तो वो उसको देखते हुए उससे कहता है,

 

" तुम्हे पता है ना तनवी को चोट लगी हुई है तो अब उठकर बैठ जाओ और हां उसकी नीद नही टूटनी चाहिए...! "

 

अभय की बात सुनते ही, राज एक दम से ठीक होकर बैठ जाता है पर तनवी की नीद अभी तक टूटी नही होती है पर फिर भी अभय, राज को खा जाने वाली नजरो से घूर रहा होता है..!

 

जिसे देख राज, अभय से डरते हुए कहता है,

 

" सो..सॉरी बॉस...! "

 

फिर आकाश, अभय को तनवी के डिस्चार्ज पेपर की फॉर्मिलिटी पूरी करके उसकी फाइल को अभय को दे देता हैं और उससे कहता है,

 

" बॉस, आपके इस फाइल पर साइन चाहिए...! "

 

आकाश की बात सुन, अभय उसके हाथ से फाइल लेकर उस फाइल पर साइन करके वापस उसको आकाश को ही दे देता है..!

 

अब राज, अभय से कहता है, 

 

" बॉस, ये दवाइयां तनवी मैम को देनी है जिस से उनकी सिर पर लगी चोट को आराम मिल सकता है और उन्हे देहरादून से मुंबई तक ट्रैवल करने से कोई परेशानी नही होगी..!" 

 

राज की बात सुनकर, अब अभय राज की तरफ देखते हुए उससे कहता है, 

 

" तो मुझे क्या दिखा रहे हो, जाओ जाकर तनवी को दे दो..!"

 

अब अभय क्या करने वाला है वो उस इंसान के साथ जिसने उसकी बहन तनवी के साथ ये सब करा है और जिसकी वजह से ही तनवी की याददाश चली गई है...?

 

To be Continued...

 

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