Allhad Ladki Geeta book and story is written by Shiv Shanker Gahlot in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Allhad Ladki Geeta is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अल्हड़ लड़की गीता - उपन्यास
Shiv Shanker Gahlot
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
आप अकेले नहीं जो किसी खूबसूरत लड़की से प्यार करना चाहते हैं । कोई बिरला ही होगा जिसे ये चाहत न हो । पर ये वास्तव मे आधा सच है । आप किसी भी खूबसूरत लड़की से प्यार करने को तैयार हो जायेंगे । आपको कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो नीता है, रीता है या माधुरी जब तक कि वो खूबसूरत है । पूरा सच ये है कि आप चाहते हैं कि कोई खूबसूरत लड़की आप से प्यार करे । कोई खूबसूरत लड़की आपसे प्यार करे ये टेढ़ी खीर है । हां अगर आप पैसे वाले हैं, सम्पन्न परिवार से हैं या आप बहुत अच्छी जॉब मे हैं तो बहुत सी लड़कियां आपके आगे पीछ
अल्हड़ लड़की गीता [ प्रस्तावना]आप अकेले नहीं जो किसी खूबसूरत लड़की से प्यार करना चाहते हैं । कोई बिरला ही होगा जिसे ये चाहत न हो । पर ये वास्तव मे आधा सच है । आप किसी भी खूबसूरत ...और पढ़ेसे प्यार करने को तैयार हो जायेंगे । आपको कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो नीता है, रीता है या माधुरी जब तक कि वो खूबसूरत है । पूरा सच ये है कि आप चाहते हैं कि कोई खूबसूरत लड़की आप से प्यार करे । कोई खूबसूरत लड़की आपसे प्यार करे ये टेढ़ी खीर है । हां अगर आप पैसे
अल्हड़ लड़की गीता भाग-2हरिद्वार नेशनल हाइवे नम्बर-58 पर स्थित है जो रुड़की ज्वालापुर की ओर से आकर हरिद्वार होते हुए ऋषिकेश की तरफ जाता है । हरिद्वार शहर इसी रोड के दोनों तरफ एक बड़े गलियारे नुमा डिजाइन मे ...और पढ़ेहै जिसके एक तरफ गंगा नदी और दूसरी तरफ पहाड़ी से सट कर जाने वाली रेलवे लाइन है । नेशनल हाइवे पर सबसे पहले हरिद्वार का रेलवे स्टेशन पड़ता है और आगे यही रोड हरिद्वार के बाजार और हर की पड़ी के किनारे से से होते हुए ऋषिकेश को जाती है । ब्रिगेडियर कॉलोनी इस गलियारे से थोड़ा हटकर बसी
अल्हड़ लड़की गीता [भाग-3]धरम नहीं जानता था कि गीता का घर कहां है । एक दिन वो ब्रिगेडियर कॉलोनी से निकल कर अपने चाचा जी के ऑफिस गंगा पार लालजीवाला डैम परिसर की तरफ जा रहा था । कॉलोनी ...और पढ़ेनिकल कर मेन रोड और मंडी के रास्ते गंगा के पुल तक जाना था । रास्ते मे शहर के बीचों-बीच सिविल लाइन्स का पॉश इलाका पड़ता था जहां बड़ी-बड़ी कोठियां थीं । ये साफ सुथरी कॉलोनी थी जहां सीमेंट कंक्रीट से बनी सड़कें चौड़ी थीं । धरम चला जा रहा था कि अचानक किसी ने पीछे से उसे पकड़ लिया
अल्हड़ लड़की गीता (भाग-4)गीता के घर जाने की खुशी मे धरम के पांव जमीन पर नहीं पड़ रहे थे । कब घर आ गया पता ही नहीं चला । पर अभी चार ही बजे थे । यहां से गीता ...और पढ़ेघर जाने मे पन्द्रह मिनट ही तो लगने थे । घर मे मन नहीं लग रहा था । कुछ पढ़ने की कोशिश की पर ध्यान नहीं लगा । खुशी ने दिल तो क्या शरीर मे भी बेचैनी भर दी थी । सोचता रहा कि क्या करूँ । दिल उछलने कूदने को कर रहा था । तभी उसे याद आया कि
(भाग-5) दसवीं क्लास के एगज़ाम यूपी बोर्ड, इलाहाबाद के तत्वावधान मे होते थे । पूरे उत्तर प्रदेश से दसवीं की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स की संख्या करीब चार साढ़े चार लाख होती थी जिसमें से सिर्फ 50% के लगभग ...और पढ़ेपास होते थे । दो तीन प्रतिशत पूरक परीक्षा के काबिल फेल्यर्स होते थे जो एक सब्जेक्ट मे फेल होने पर दो महीने बाद पूरक परीक्षा पास कर दसवीं पास कर लेते थे । फेल्यर्स फिर भी 40-45 % रह जाते थे । काफी स्टुडेंट्स फेल हो जाने पर पढ़ना छोड़ देते थे । कुल मिलाकर 20-25% स्टूडेंट्स दसवीं क्लास