Jangal chalaa shahar hone book and story is written by Prabodh Kumar Govil in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jangal chalaa shahar hone is also popular in बाल कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
जंगल चला शहर होने - उपन्यास
Prabodh Kumar Govil
द्वारा
हिंदी बाल कथाएँ
नहीं नहीं!ऐसा नहीं था कि जंगल हमेशा चुपचाप रहता हो। बहुत आवाज़ें थीं वहां।सुबह होते ही जब सूरज निकलता तो पंछी चहचहाते। कोई कहता कि ये कलरव है, कोई कहता गुंजन है, कोई कहता कोलाहल है तो कोई कहता क्रंदन है।ठीक तो है। इसमें सभी कुछ था।कभी कोयल अंडे देती तो स्वागत गान बजता। कभी बादल छाते तो मोर नाचता। कभी कोई चील नीली चिड़िया के बच्चे को उठा ले जाती तो रूदन होता।एक ऊंचे पेड़ पर बैठे हुए अस्सी साल के पोपटराज बहुत बेचैन हो गए ।- क्या मुसीबत है? दुनिया कहां से कहां पहुंच गई और ये जंगल
नहीं नहीं!ऐसा नहीं था कि जंगल हमेशा चुपचाप रहता हो। बहुत आवाज़ें थीं वहां।सुबह होते ही जब सूरज निकलता तो पंछी चहचहाते। कोई कहता कि ये कलरव है, कोई कहता गुंजन है, कोई कहता कोलाहल है तो कोई कहता ...और पढ़ेहै।ठीक तो है। इसमें सभी कुछ था।कभी कोयल अंडे देती तो स्वागत गान बजता। कभी बादल छाते तो मोर नाचता। कभी कोई चील नीली चिड़िया के बच्चे को उठा ले जाती तो रूदन होता।एक ऊंचे पेड़ पर बैठे हुए अस्सी साल के पोपटराज बहुत बेचैन हो गए ।- क्या मुसीबत है? दुनिया कहां से कहां पहुंच गई और ये जंगल
पोपटराज को अपनी उम्र पर भरोसा था। शेर कितना भी खतरनाक या गुस्सैल हो पर कम से कम मिट्ठू पोपटराज की आयु का ख्याल ज़रूर करेगा। पोपटराज ने तो शेर की पिछली तीन पीढ़ियों को अपनी आंखों से देखा ...और पढ़ेउसका सम्मान तो सभी करते थे।आज ही शाम को जब घूम- फिर कर, खा- पीकर शेर अपनी मांद में वापस पहुंचा तो पोपट भी जा पहुंचा।शेर उसे देख कर खूब खुश हुआ। ख़ूब बातें हुईं।पोपट मानो आज शेर की क्लास ही लेने आया हो। बोला - ज़माना बदल चुका है सर! अब पुरानी बातें नहीं रहीं।शेर पहले तो चौंका किंतु
लोमड़ी और खरगोश दंग रह गए। मिट्ठू ने क्या चाल चली थी। आदमी का धन किसी नदी में बहते हुए कचरे की तरह जंगल में आने लगा।तमाम चूहों और कीट पतंगों को ख़ूब ईनाम दिया गया जिन्होंने आदमी का ...और पढ़ेधन कुतर काट कर उसे बैंक में जमा करने पर मजबूर कर दिया।उधर मिट्ठू ने बस्ती के किनारे एक लकड़बग्घे से बैंक खुलवा दिया। अब जो भी धन और माल बैंक में आता उसे सुरक्षित रखने के नाम पर नदी के रास्ते से राजा शेर के मांद - महल में भिजवा दिया जाता।राजा जी की बांछें खिल गईं। यद्यपि वो
सारे जंगल में खबर फ़ैल गई कि स्कूल में जल्दी ही टीचर भर्ती किए जायेंगे।हिप्पो जी ने साफ़ कह दिया कि बच्चे सर लोगों के बदले मैडम लोगों से ज़्यादा जल्दी सीखते हैं। इसलिए स्कूल में लेडी टीचर्स ज़्यादा ...और पढ़ेजाएंगी।सारा दिन चरागाह में चरने वाली गाय और तालाब के पानी में बैठी रहने वाली भैंस की तो ये सुनते ही बांछें खिल गईं। दोनों के मन में लड्डू फूटने लगे। स्कूल सरकारी था। हिप्पो जी ने बाकायदा राजा शेर से अनुमति लेकर स्कूल बनाया था। वेतन तो अच्छा मिलना ही था।गाय और भैंस दोनों ने हिप्पो जी से मिलने
चींटी केस हार गई। न्यायमूर्ति शार्क ने अपने फ़ैसले में कहा कि चींटी के हिप्पो पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। हिप्पो ने अध्यापकों की भर्ती में कोई धांधली नहीं की है बल्कि वास्तव में तो कहानी कुछ ...और पढ़ेहै।सबसे पहले जंगल में स्कूल खोलने का प्रयास कभी ख़ुद चींटी ने ही किया था। परंतु न तो उसने शासन से इसकी कोई अनुमति ली और न ही भवन का नक्शा पास कराया। गुपचुप तरीके से चुपचाप उसने अपने कुछ मित्रों की मदद से विद्यालय भवन बना भी लिया। परंतु जब भवन तैयार हुआ और उसमें विद्यार्थियों का प्रवेश शुरू