Sanskrutiyo ka Anokha Milan book and story is written by Akshika Aggarwal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sanskrutiyo ka Anokha Milan is also popular in प्रेम कथाएँ in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
संस्कृतियो का अनोखा मिलन - उपन्यास
Akshika Aggarwal
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
दोस्तों आज हम एक ऐसी प्रेम कहानी के साक्षी बन ने जा रहे है जो अपने आप मे अनोखा है। इस कहाँनी में दो विभिन संस्कृतियो का मिलन है। भारत देश के गुलाबी जयपुर में रौनक का जन्म 21 दिसंबर को 1988 में हुआ वह ऊँचे राजघराने का अकेला वारिस था 32 वर्षीय रौनक की मुम्बई में एक खुदकी मॉडलिंग कंपनी थी। जिसमें उभरते मॉडल्स को अपना कैरियर बनाने का मौका देता था । राज घराने से ताल्लुक रखने की वजह से उसका रहन सहन बहोत परिष्कृत था हर काम सेमय पर करना , पूजा पाठ करना उसकी दिन चर्या
दोस्तों आज हम एक ऐसी प्रेम कहानी के साक्षी बन ने जा रहे है जो अपने आप मे अनोखा है। इस कहाँनी में दो विभिन संस्कृतियो का मिलन है। भारत देश के गुलाबी जयपुर में रौनक ...और पढ़ेजन्म 21 दिसंबर को 1988 में हुआ वह ऊँचे राजघराने का अकेला वारिस था 32 वर्षीय रौनक की मुम्बई में एक खुदकी मॉडलिंग कंपनी थी। जिसमें उभरते मॉडल्स को अपना कैरियर बनाने का मौका देता था । राज घराने से ताल्लुक रखने की वजह से उसका रहन सहन बहोत परिष्कृत था हर काम सेमय पर करना , पूजा पाठ करना उसकी दिन चर्या
Chapter one यु तो माहेश्वरी मेंशन में रोज सुबह होती थी, पर आज की सुबह कुछ खास थी आज रोनक छुट्टियां मनाने के लिए एक अर्से के बाद अपने शहर अपने घर जयपुर आया था।उसके ...और पढ़ेकी तैयारियां हो रही थी गोरे रंग भूरी आंखों और गठीले कद वाला रोनक जब माहेश्वरी मैन्शन के सामने अपनी मर्सेडीज से उतरा तो ऐसा लगा जैसे कि कोइ सुंदर सी शाही सवारी से राजकुमार उतरा हो। उसकी मां के कानों में जब घर के पुराने वफादार नौकर रामू (नटवर) काका की आवाज़ पड़ी कि कुंवर साहब आ गए तो वह आरती की थाली लेकर
Chapter 2 उस वक्त तो रोनक यह सुनकर हल्का सा मुस्कुराते हुये अपना खाना खत्म कर रहा था परंतु अपने पिता की ये बात सुनकर उसका मन अन्दर ही अन्दर विचलित हो गया था। क्योंकी वह समझ चुका ...और पढ़ेकि वह ऐमिली से प्रेम करता है परन्तु उसके माता पिता कभी एमिली को नही अपनाएंगे। उसके कानो में पिता जी के वह शब्द गूंज रहे थे जो उन्होंने एमिली और पश्चिमी सभ्यता के बारे में कहे थे। उन शब्दों से स्पष्ट था कि वह एमिली को अपने घर की बहू नहीं बनाएंगे। उस दिन वह सारा समय इसी विषय में सोचता
रोनक और एमिली के रिश्ते को 6 महीने बीत गए थे। इस समय में एमिली ने अपने आप में बहुत से बदलाव किए थे। इनका कारण उसका रोनक के लिए प्रेम था। रोनक ने ऐमिली को आपने माता ...और पढ़ेसे मिलवाने का निर्णय लिया। उसे पूरा यकीन था कि उसके माता पिता को एमिली में आए बदलाव अच्छे लगेंगे। रोनक ऐमिली को अपने माता पिता से मिलवाने जयपुर ले जाने वाला था। जहां ऐमिली इस बात को लेकर बहुत उत्साहित थी वहीं रोनक के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती थी, क्योंकि वह पहले ही जानता था कि
रोनक और एमिली इस नई पैदा हुई समस्या से बेहद परेशान थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। एक दूसरे से मिलकर बात करने का मौका भी नहीं मिल पा रहा था। दोनों आँखों ही आंखो ...और पढ़ेएक दूसरे से बाते कर रहे थे। दोनों बड़ी मुश्किल से अपने आँसुओ को रोके हुए थे। ऐसा लग रहा था जैसे कि दोनो के दिल का दर्द दोनो की आंखों में उतर आया हो।दोनो उस रात सो नही पाए। बस यही सोचते रहे कि वह इस स्तिथि से बाहर कैसे निकले? क्या उनकी प्रेम कहानी अधूरी रह जाएगी? क्या