Lavanya book and story is written by Jagruti Joshi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Lavanya is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
लावण्या - उपन्यास
Jagruti Joshi
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
हेलो दोस्तों मैं एक नई कहानी आपके लिए पेश कर रही हूं। अभी उसका टाइटल क्या लिखूं वह मुझे समझ नहीं आया इसलिए लावण्या कर दिया है। स्टोरी के आगे के पार्ट रिड करके सोचकर आप मुझे सजेस्ट करना वह टाइटल अच्छा लगा तो मे रखुंगी। आपको यह नहीं स्टोरी कैसी लगी वह आप कमेंट में जरूर बताइएगा। और जैसे-जैसे स्टोरी आगे बढ़ती जाएगी सब कैरेक्टर का इंट्रोडक्शन होता जाएगा। चलो तो शुरुआत करते है। ~~~~~~~~~~~~~~~~~ दिलवालों की दिल्ली यहां के रहने वाले लोग वीकेंड मे
हेलो दोस्तों मैं एक नई कहानी आपके लिए पेश कर रही हूं। अभी उसका टाइटल क्या लिखूं वह मुझे समझ नहीं आया इसलिए लावण्या कर दिया है। स्टोरी के आगे के पार्ट रिड करके सोचकर आप मुझे सजेस्ट करना ...और पढ़ेवह टाइटल अच्छा लगा तो मे रखुंगी। आपको यह नहीं स्टोरी कैसी लगी वह आप कमेंट में जरूर बताइएगा। और जैसे-जैसे स्टोरी आगे बढ़ती जाएगी सब कैरेक्टर का इंट्रोडक्शन होता जाएगा। जैसे ही नियति को प्यार दिया है इस तरह इसे भी प्यार देना। चलो तो शुरुआत करते है। ~~~~~~~~~~~~~~~~~ दिलवालों की दिल्ली यहां के रहने वाले लोग वीकेंड में मौज
हमने पिछले पार्ट में देखा की लावण्या को लक्ष्य का झूठ बोला खटक रहा था और वह खुद से पूछ रही थी कि यह बार-बार इसके साथ में क्यो कर रहा है अब आगे.................. लावण्या की ...और पढ़ेरात को देर से सोने की वजह से देर से खुली थी उसने उठने के बाद पहले अपना फोन चेक किया............ ना कॉल ना मैसेज वो उदास हो गई। उसे लगा था कि लक्ष को घर जाकर पता चल ही गया होगा कि उस के पापा ने उसे कॉल किया था और मैंने रिसीव किया था ,,,फिर भी ना कोल ना मैसेज। वह
लक्ष लावण्या के पीछे पीछे भागा ,,,, लावण्या ने जैसे ही लक्ष को देखा उसने सिया को कहा जल्दी सिया स्कूटी स्टार्ट करो मुझे जाना है,,, लक्ष लावण्या के सामने घुटनों पर बैठ गया और उसने उसका हाथ पकड़ते ...और पढ़ेकहा___ मुझे माफ कर दो यार मैं तुझे खोना अफोर्ड नहीं कर सकता । एक झूठ छुपाने के चक्कर में दो और झूठ बोल देता हूं यार, और तुम हर बार इतनी सीरियस क्यों हो जाती हो तुम्हें पता है ना मैं तुम्हें प्यार करता हूं ,, खुद से भी ज्यादा और प्यार में थोड़ा बहुत झूठ चलता है,,,,,!! लावण्या_____ने
एंबुलेंस थोड़ी देर में सिटी हॉस्पिटल पहुंच गई थी। लक्ष पूरी तरह से बेहाल था उसे बहुत ज्यादा ही चोट आई हुई थी,,,,, सब लोग परेशान थे जो उसे लेकर आए थे । उसका फोन टूट चुका था ...और पढ़ेवह किस गाड़ी में आया था उन लोगो को पता नहीं था । उसके पास कोई भी आईडी प्रूफ ड्राइविंग लाइसेंस आधार कार्ड कुछ भी नहीं मिला था ,,सब लोग परेशान थे की घर वालों को कांटेक्ट कैसे करें ,,,, जब लक्ष को स्ट्रेचर पर लेटाया गया तब उसे थोड़ा होश आया उसने नर्स को इशारे करते हुए पेन और पेपर
लावण्या ने आज बेंगलुरु को फाइनली टाटा बाय बाय बोल दिया था । 11:00 बजे की फ्लाइट थी और वह ठीक 2:00 बजे दिल्ली पहुंच गए थी ,,,,पूरे तीन साल बाद लावण्या ने दिल्ली की धरती पर कदम रखे ...और पढ़े,,,वह जैसे ही एयरपोर्ट से बाहर आई उसने पहले तो खुलकर अपने दोनों हाथ फैलाकर दिल्ली की हवा अपनी सांसों में भरी,,फिर थोड़ी देर बाद सिया और सचिन को फोन कर दिया वह उसे एयरपोर्ट लेने के लिए आ गए थे,जैसे ही उन दोनों को उसने देखा उसने दोनों को साथ में कसकर गले लगा दिया और बोली मिस यू