वो खौफनाक बरसात की रात.. - उपन्यास
निशा शर्मा
द्वारा
हिंदी थ्रिलर
जुहू के हाइट्स अपार्टमेंट के नीचे मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है और चैनल सैवन ट्रुथ की रिपोर्टर मिस शिवानी सिक्का अपने कैमरा पर्सन के साथ तेज बारिश में भीगते हुए आज जिस न्यूज़ को कवर करने में लगी ...और पढ़ेहैं उस न्यूज़ पर उनके चैनल के तमाम प्रतिद्वंद्वियों के साथ ही साथ हमारे पूरे देश की नज़र भी टिकी हुई है। हर कोई अपने हिसाब से इस न्यूज़ पर नज़रें और अटकलें लगाए बैठा है। किसी के लिए ये महज़ एक खबर है तो किसी के लिए चटपटी खबर मगर किसी के मुताबिक तो ये उसकी पूरी दुनिया लुट जाने का सबब!
और जिस किसी के लिए ये सबब है,जो इसका दावा करता है वो और कोई नहीं बल्कि वो हैं इस देश के बड़े - बड़े उद्योगपतियों में शुमार मिस्टर सुजय खन्ना। दरअसल बीती रात उनकी पत्नी मिसेज़ रोमा खन्ना तथा बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री नें अपने हाथ की नस काटकर आत्महत्या कर ली।
जुहू के हाइट्स अपार्टमेंट के नीचे मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है और चैनल सैवन ट्रुथ की रिपोर्टर मिस शिवानी सिक्का अपने कैमरा पर्सन के साथ तेज बारिश में भीगते हुए आज जिस न्यूज़ को कवर करने में लगी ...और पढ़ेहैं उस न्यूज़ पर उनके चैनल के तमाम प्रतिद्वंद्वियों के साथ ही साथ हमारे पूरे देश की नज़र भी टिकी हुई है। हर कोई अपने हिसाब से इस न्यूज़ पर नज़रें और अटकलें लगाए बैठा है। किसी के लिए ये महज़ एक खबर है तो किसी के लिए चटपटी खबर मगर किसी के मुताबिक तो ये उसकी पूरी दुनिया लुट
"अच्छा अथर्व ! वो मैंने कल की मीडिया कवरेज 42 की रिपोर्ट काजल मैम को दे दी है और हाँ वो जो तेरा और शगुन का जोइंट आर्टिकल था वो मैंने अपने चम्पू द एडिटर की टेबल पर ...और पढ़ेदिया है बाकी आज मेरा कोई और कवरेज है नहीं तो बस अब मैं चली।कोई और बात हो तो मुझे कॉल करना...बाय!", अपनी डेस्क से अपनी गाड़ी की चाबी उठाकर चलते हुए शिवानी नें कहा। शिवानी अपनी स्कूटी पर सवार होकर हवा से बातें करते हुए जल्दी ही मुंबई के ट्रैफिक को चीरती हुई चर्चगेट पहुंच गई जहाँ उसनें अपनी स्कूटी
समर और शिवानी के घर से चले जाने के बाद संगीता जी पूरे दिन कभी तो अपने बिस्तर पर करवटें बदलती रहीं तो कभी कमरे में इधर - उधर टहलती रहीं और फिर आखिरकार उन्होंने अपनी बेचैनी के चलते ...और पढ़ेपति यानि कि शिवानी के पिता जी को दिल्ली में फोन मिला लिया मगर वो चाहते हुए भी उनसे अपनी बेचैनी और उलझन साझा नहीं कर पायीं। हालांकि शिवानी के पिताजी को संगीता जी की आवाज से कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा ज़रूर हुआ पर उनके दो बार पूछने पर भी संगीता जी ने उन्हें बस थकान का बहाना करके
हैलो! तुम कहाँ हो,समर? "हैलो! जान क्या हुआ?तुम्हारी आवाज में इतनी उदासी! आँटी से कुछ बात हुई क्या??",समर नें फोन पर शिवानी से पूछा। नहीं यार,बस मूड थोड़ा ऑफ है। हाँ तो हम बनायेंगे न अपनी जान का मूड। ...और पढ़ेबस अभी चर्च गेट पर मिलो मुझसे। नहीं समर! आज नहीं। अरे आज नहीं तो अभी नहीं और अभी नहीं तो डियर कभी नहीं। ओके मीट मी देयर एट शार्प फ़ाइव! ब्लैक कलर का टॉप और व्हाइट कलर की स्लिमफिट जीन्स पहनकर शिवानी बेमन से तैयार हुई। सुबह से उसका मूड ठीक न होने के कारण वो नहायी भी नहीं
अगले दिन सुबह जब शिवानी ऑफिस पहुंची तो वहाँ का माहौल उसे बहुत ही अजीब सा लगा। हर तरफ़ बस एडिटर इन चीफ़ सत्यप्रकाश चौधरी के खराब मूड की ही बात हो रही थी और हो भी क्यों न ...और पढ़ेआज ये पाँचवा शख्स था उनके चैनल से जिसनें स्विच किया था और वो उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी चैनल मीडिया फ्रेश में चला गया था। इससे बड़ा सरप्राइज़ शिवानी के लिए अब ये होने वाला था कि वो पाँचवा व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि अथर्व था जिसनें कि उस चैनल की हेड परिमिता बोस की मुंहबोली भांजी जो कि उस
ऑफिस में चारों ओर अफरातफरी का माहौल था। हर किसी का चेहरा आज उतरा हुआ था। हर बार की तरह इस बार इस न्यूज को कवर करनें का न तो किसी में वो जोश था और न ही धैर्य! ...और पढ़ेमामला भी तो कुछ ऐसा ही था। मीडिया हाउस की सीईओ मिसेज़ मिताली आहलूवालिया की नौ साल की मासूम भतीजी को स्कूल वैन - ड्राइवर और उसके कुछ साथियों नें मिलकर गैंगरेप करके ज़िदा जलाने का जघन्य अपराध व घिनौनी कोशिश जो की थी। जहाँ हर तरफ़ इसकी कवरेज़ के लिए कई फीमेल रिपोर्टर्स आत्मविश्वास की कमी दिखा रही थीं
चारों ओर खुशी का माहौल था। लोनावला के एक फार्महाउस में चारों तरफ़ सफेद और पीले फूलों की सुगंध और सजावट के बीच सिल्वर कलर के खूबसूरत गाउन में बहुत ही हल्का मेकअप और हल्की ज्वैलरी पहनकर तैयार हुई ...और पढ़ेका रूप आज तो देखते ही बनता था। दूसरी तरफ़ डार्क ग्रीन जिसे कि काही कलर भी कहते हैं कि शेरवानी पहने हुए समर भी कुछ कम नहीं लग रहा था बल्कि आज वो दोनों ही मिलकर बिजलियाँ गिरा रहे थे। समर के परिवार में से बस उसका एक बड़ा भाई और भाभी इस प्रोग्राम में शामिल हुए थे और
हैलो ! क्या मैं आपको जानती हूँ? नहीं आप मुझे नहीं जानती हैं पर मैं आपको बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ और आप इस वक्त जिस धोखेबाज के झाँसे में आ रही हैं न उस घटिया समर को ...और पढ़ेमैं बहुत ही अच्छे से जानती हूँ। "ये आप क्या बकवास कर रही हैं!",गुस्से से तिलमिला कर शिवानी ने कहा। बकवास मैं नहीं बल्कि बकवास तो वो कमीना करता है हर एक पैसे वाली और जवान लड़की के साथ और मुझे पता है कि इस वक्त उसका शिकार आप हो शिवानी जी। "देखिए मुझे आपकी ये ऊलजलूल बातें नहीं सुननी
दो से तीन बार सोचने व दिमाग पर काफी जोर डालने के बाद आखिरकार शिवानी को प्रिया का बताया हुआ पासवर्ड याद आ ही गया। फोन में वाकई वो ही सबकुछ था जिसका जिक्र प्रिया की बातों में था ...और पढ़ेकि जैसे - जैसे शिवानी समर के इस हमेशा अंडरग्राउंड रहने वाले फोन की गैलरी,कॉन्टैक्ट्स और कॉल लॉग देखती जा रही थी वैसे - वैसे प्रिया के द्वारा शिवानी को बोली गई सभी बातों पर एक के बाद एक मोहर लगती जा रही थी। अब शिवानी ने उन नंबर्स में से एक - दो नंबर डायल करके भी अपनी तसल्ली
मुंबई में बीते पिछले तीन दिनों से लगातार बरसात हो रही है,कभी मूसलाधार तो कभी रिमझिम मगर मजाल है कि दो पल भी इसनें रुकने या रुककर सुस्ताने का नाम लिया हो!! और मौसम की इस मार से मुंबई ...और पढ़ेसड़कों से लेकर पत्ते,पेड़ टपरी,दुकानें यहाँ तक कि बड़ी - बड़ी, ऊँची - ऊँची इमारतें भी अब अछूती नहीं रही हैं। रात गहरा चुकी है और शायद रात के इस तीसरे पहर में अब आधी से ज्यादा मुंबई नींद के आगोश में भी जा चुकी है मगर अब बरसात कुछ थमने सी लगी है। बरसात के थमने के बाद इस
"तुम...तुम्हारे होठों से तो खून बह रहा है",लड़खड़ाती हुई जुबान से सुजय ने उस लड़की की ओर देखते हुए कहा। "अरे,आप मेरी चिंता बिल्कुल भी मत करिए सुजय साहब! आप बस ये न्यूज़ देखिए।",कहते हुए उस लड़की ने जो ...और पढ़ेलगाया उस चैनल का नाम था कर्मों का कच्चा चिट्ठा!! ये...ये कौन सा चैनल है??? सुजय की आवाज़ अब बुरी तरह से कॉंप रही थी और वो अपनी फटी हुई आँखों से कभी टीवी की ओर तो कभी अपने सामने सोफे पर बैठी हुई उस लड़की की ओर पागलों की तरह देखता जा रहा था। तभी टीवी पर न्यूज़ की