जुहू के हाइट्स अपार्टमेंट के नीचे मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है और चैनल सैवन ट्रुथ की रिपोर्टर मिस शिवानी सिक्का अपने कैमरा पर्सन के साथ तेज बारिश में भीगते हुए आज जिस न्यूज़ को कवर करने में लगी हुई हैं उस न्यूज़ पर उनके चैनल के तमाम प्रतिद्वंद्वियों के साथ ही साथ हमारे पूरे देश की नज़र भी टिकी हुई है। हर कोई अपने हिसाब से इस न्यूज़ पर नज़रें और अटकलें लगाए बैठा है। किसी के लिए ये महज़ एक खबर है तो किसी के लिए चटपटी खबर मगर किसी के मुताबिक तो ये उसकी पूरी दुनिया लुट जाने का सबब!
और जिस किसी के लिए ये सबब है,जो इसका दावा करता है वो और कोई नहीं बल्कि वो हैं इस देश के बड़े - बड़े उद्योगपतियों में शुमार मिस्टर सुजय खन्ना। दरअसल बीती रात उनकी पत्नी मिसेज़ रोमा खन्ना तथा बॉलीवुड की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री नें अपने हाथ की नस काटकर आत्महत्या कर ली।
"सर....सर एक्सक्यूज़ मी सर! जैसा कि आप देख सकते हैं कि बॉलीवुड के बहुचर्चित अभिनेता परम सुमन जी बिल्कुल अभी - अभी यहाँ पर पहुंचे हैं और इनके अलावा भी लगभग पूरा बॉलीवुड ही आज पूरा दिन यहाँ पर छाया रहा है बाकी खबरों के लिए आप हमारे चैनल के साथ बने रहें...धन्यवाद", कहते हुए रिपोर्टर शिवानी सिक्का नें पैकअप किया और अब छब्बीस वर्षीय शिवानी रेनकोट और हैलमेट पहने हुए अपनी स्कूटी पर सवार अपने घर की ओर चल दी।
"ओह्ह! माँ आप! कब आये और आपनें मुझे अपने आने की कोई खबर देना भी ज़रूरी नहीं समझा!!और अगर मैंने कभी आपको यदि अपने फ्लैट की चाबी का ठिकाना न.बताया होता तो आप फिर कहाँ जाते,हम्म!",शिवानी नें अचानक अपने फ्लैट में मौजूद अपनी माँ को देखकर एक शिकायत भरे हुए लहज़े में कहा।जिसपर संगीता जी यानि कि शिवानी की माँ उसे घूरते हुए बोलीं कि अगर वो आज इस तरह से यहाँ उसके फ्लैट में अचानक न आतीं तो फिर भला वो उसकी मनमानियों को अपनी आँखों से कैसे देख पातीं! दरअसल उन्हें जहाँ शिवानी का यूं भरी बरसात में भीगते हुए आधी रात को घर लौटना पसंद नहीं आया वहीं शिवानी के फ्लैट में उसके बेतरतीब पड़े हुए सामानों के बीच किसी लड़के के कुछ सामानों का होना भी बहुत ही अखरा।
"ये समर कौन है बेटा?", खाना खाते हुए अचानक संगीता जी द्वारा किये गये इस सवाल पर शिवानी नें जवाब देने की बजाय उल्टा संगीता जी से ही एक सवाल कर दिया... आपको और क्या बताया उस तीन सौ दो वाली चुगलखोर आँटी ने ???
देखो शिवानी! मैंने तुमसे एक सीधा सा सवाल पूछा है जिसका तुम मुझे सीधा सा ही जवाब दो तो अच्छा होगा।
तो फिर सीधे - सीधे ही सुनिए कि समर एक लड़का है और उससे मैं बहुत ज्यादा प्यार करती हूँ। हम लोग जल्दी ही शादी भी करने वाले हैं।
अच्छा! तो बात इतनी बढ़ गई और तुमनें मुझे या अपने पापा को बताना कतई ज़रूरी नहीं समझा। संगीता जी इससे आगे कुछ कहतीं उससे पहले ही शिवानी का फोन बज उठा और वो अपने फोन के साथ खाने की मेज़ से उठकर अपने कमरे में चली गई।
अगले दिन सुबह जब शिवानी अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रही थी तभी संगीता जी भी अपने बैग के साथ उसके सामने आकर खड़ी हो गयीं और बोली कि वो अब दिल्ली वापिस जा रही हैं जिसपर शिवानी नें उन्हें मनाने वाले अंदाज़ में मुस्कुराते हुए उनके कंधों को पकड़कर उन्हें सामने ही पड़े हुए सोफे पर बिठाया।
माँ!प्लीज़ यार, अब अगर आप ही अपनी बेटी को नहीं समझेंगी तो फिर और कौन समझेगा मुझे?और फिर माँ आज मैं जो कुछ भी हूँ आपके ही दिये हुए मोटिवेशन और इन्स्पीरेशन के कारण ही तो हूँ।बाकी जहाँ तक बात रही आपको समर के बारे में बताने की तो वो मैं आपको अपने प्रमोशन के बाद बताना चाहती थी जो कि अगले या उसके अगले महीने तो पक्का होना ही है।
"हाँ ताकि हम चाहकर भी तुम्हें इंकार न कर सकें,क्यों ?", संगीता जी ने शिवानी की बात को सुनने के बाद गुस्सा होते हुए कहा।
नो माँ,नो! आप एक बार फिर से मुझे गलत समझ रही हैं। दरअसल समर चाहता है कि हम मेरे प्रमोशन के बाद ही शादी करें और बस इसीलिए मैंने सोचा कि मैं आपको ये दोनों न्यूज़ एक साथ ही दूं।
तुझे तो पता है न शिवू कि जब तू दिल्ली से नया - नया ये तेरा मीडिया का कोर्स करके बम्बई के लिए अपने कैम्पस सिलेक्शन के बाद निकली थी तब ही तेरे पापा नें तुझे समझाया था कि नौकरी तो बेशक तू अपनी मर्जी के शहर में ले ले पर शादी तेरी हमारी मर्जी के लड़के से ही होगी!
"अरे, माँ आप बस एक बार समर से मिल लो फिर उसके बाद भी अगर आपके और पापा के विचार नहीं बदले तो मैं आप दोनों की बात पक्का मानूँगी,पक्का!! अच्छा अब मैं चलती हूँ बाकी बातें मैं शाम को आपसे ऑफिस से लौटने पर करूंगी और हाँ आप इतनी जल्दी कहीं भी नहीं जा रहे हो",संगीता जी का बैग शिवानी नें ज़मीन से उठाकर वॉर्डरोब में रखते हुए कहा।
क्रमशः...
आपकी लेखिका...🌷निशा शर्मा🌷