Mohabbat ho gai hai tumhe book and story is written by Laiba Hasan in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mohabbat ho gai hai tumhe is also popular in फिक्शन कहानी in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मोहब्बत हो गयी है तुम्हें - उपन्यास
Laiba Hasan
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
बिस्तर पर चुपचाप लेटी हानिया को पता ही नहीं चला के कब उसकी आंख लगी बाहर होती जोरदार बारिश और बादल की गर्जन से उसकी आंख खुली और सीधे रूम की साईड वाली खिड़की पर नजर पड़ी जहां से बारिश की फुहारें अंदर आ रही थी हानिया उठीं और खिड़की भेड़ कर वापस बेड पर लेट कर आंखें बंद कर ली आंखें बंद करते ही पुरानी बातें किसी फिल्म की तरह उसकी आंखों के नीचे घुमने लगी. ये बारिश होने पर तुम मोर की तरह इतनी खुश क्यो हो जाती हो हानि.. उसने उसे छत पर जाते हुए देखा तो
बिस्तर पर चुपचाप लेटी हानिया को पता ही नहीं चला के कब उसकी आंख लगी बाहर होती जोरदार बारिश और बादल की गर्जन से उसकी आंख खुली और सीधे रूम की साईड वाली खिड़की पर नजर पड़ी जहां से ...और पढ़ेकी फुहारें अंदर आ रही थी हानिया उठीं और खिड़की भेड़ कर वापस बेड पर लेट कर आंखें बंद कर ली आंखें बंद करते ही पुरानी बातें किसी फिल्म की तरह उसकी आंखों के नीचे घुमने लगी. ये बारिश होने पर तुम मोर की तरह इतनी खुश क्यो हो जाती हो हानि.. उसने उसे छत पर जाते हुए देखा तो
( हानिया के बारे में पुरी तरह जानने के लिए आप मेरे उपन्यास मोहब्बत हो गयी है तुम्हें का पहला भाग जरूर पढ़ें ) सौरी आम्मी हानिया ने ट्रे को टेबल पर रखते हुए कहा, अरे कोई बात नहीं ...और पढ़ेमुस्कुराते हुए कहा तो हानिया भी मुस्कुरा दी, आब उसके मुस्कुराने की वाहिद वजह आम्मी ही तो रह गयीं थीं वो हमेशा उनके लिए मुस्कुराती थी लेकिन खुलकर हंसे हुए उसे खुद भी याद नहीं के कितना टाइम गुजर गया था, आमतौर पर दोनों मां बेटी सन्डे को ही साथ नाश्ता करती थीं क्योंकि बाकी दिन हानिया सुबह 7 बजे
( कहानी को अच्छी तरह से समझने के लिए मोहब्बत हो गयी है तुम्हें के पिछले दो भागों को पढ़ना ना भूलें तो फिर चलिए इस सफर पर ) अंधेरा हो चुका था..आम्मी की फ़िक्र हानिया को नहीं थी ...और पढ़ेकिरन उनके साथ थी वो उनका ख्याल काफी अच्छी तरह रखतीं थी लेकिन फ़िक्र की बात ये थी के उसने आने से पहले किसी को बताया नहीं था आम्मी यकीनन उसके लिए बहोत फिक्रमंद हो रही होंगी उसका जल्दी घर पहुंचना जरूरी था लेकिन वो बच्ची जिसका अभी तक हानिया को नाम भी नहीं पता था उसे उसके घर पहुंचाना
अगर आप ने इस कहानी के तीसरे दूसरे और पहले भाग को नहीं पढ़ा है तो सबसे पहले उन्हें पढ़ लें फिर आगे बढ़ें...( वैसे अगर आप ये भाग पढ़ रहें हैं तो जाहिर सी ...और पढ़ेहै पिछले भी पढ़ ही चुके होंगे )तो फिर शुरू करते हैं ये भाग और मिलते हैं कुछ नये किरदारों से...ऐना रेस्टोरेंट में बैठी पास्ता खा रही थी और सालार मोबाइल में जरूरी मेल्स चेक कर रहा था लेकिन उसके दिमाग में रह रह कर हिना की बात घुम रही थी.ऐना एक बात बताइए.जी पापा, ऐना ने सालार की तरफ देखते हुए पुछाऐना मैंने
इस भाग को शुरू करने से पहले इस कहानी के पहले चार भागों को जरूर पढ़ें ताकि आप इस सफर में किरदारों को समझते हुए मेरे साथ चल पाए मै हर भाग काफी छोटा डालती हुं ताकि अगर आप ...और पढ़ेभाग पढ़ना चाहे तो आपको परेशानी ना हो तो फिर शुरू करते हैं... ( पिछला भाग मैंने सालार पर खत्म किया था लेकिन ये भाग मै नये किरदारों के साथ शुरू कर रही हुं बताना इसलिए जरूरी था क्योंकि मेरे कुछ पाठकों को समझने में कठीनाई हो सकती है ) खट खट खट मोमल उठ गयी हो क्या उठ गयी